➺ तीसरे या पाँचवें महीने में गर्भपात, स्त्री बहुत चिड़चिड़ी होती है, मूड में उतार-चढ़ाव, अकेलेपन का भय – SEPIA 200 एक खुराक, जब भी आवश्यकता हो तो एक खुराक ले सकती हैं।
➺ गर्भपात पर नियंत्रण के लिए – VIBURNUM OPULUS ओ. पी. क्यू. दिन में दो बार, , दो चम्मच पानी में दो से पाँच बूँद ।
➺ सिफलिस रोग के कारण बार-बार गर्भपात ऑरम म्युरिएटिकम नेट्रोनेटम-3X दिन में दो बार
➺ गर्भपात के बाद लगातार रक्तस्राव – PSORINUM 306 घंटे पर एक खुराक लें।
➺ गर्भपात के दुष्प्रभाव – KALIUM CARBONICUM 30 दो सप्ताह में एक बार।
➺ गर्भपात के दुष्प्रभाव के कारण रक्तस्राव, एल्ब्युमिनेरिया, मधुमेह आदि – HELONIAS DIOICA-Q दिन में तीन बार दो से पाँच बूँदें।
➺ बार बार गर्भपात : हिस्टीरिया ग्रस्त महिलाओं में गर्भाशय को सुरक्षित तथा दुरुस्त करने के लिए CAULOPHYLLUM 30 हर 6 घंटे पर । बार-बार गर्भपात, तीसरे माह में ACTAEA RACEMOSA- 3 X एक सप्ताह तक हर तीन घंटे पर ।
➺ यदि बार-बार गर्भपात हो – SYPHILINUM-200 दो सप्ताह में एक बार दें।
➺ यदि रोगिणी में पहले भी गर्भपात की प्रवृत्ति रही हो, खासकर एक माह के गर्भ की, तो रोगिणी को उस अवधि में पूरा आराम करना चाहिए और उसे SABINA 30 की खुराक देनी चाहिए ।
➺ आठवें माह में गर्भपात – CALCAREA FLUORICA-30 दिन में तीन बार । गर्भपात – PULSATILLA – 1 M एक खुराक, यदि फायदा न हो तो तीसरे दिन के बाद फिर लें। दो माह का गर्भ गिराया जा सकता है या GOSSYPIUM HERBACEUM-Q तीन दिनों तक दिन में तीन बार, दो चम्मच पानी में दस बूँदें।
➺ हिस्टीरिया या वात से ग्रस्त महिलाओं में लगातार तीसरे माह गर्भपात – ACTAEA RACEMOSA-30 दिन में तीन बार । तीसरे माह में गर्भपात के खतरे और गर्भपात के बाद के कुप्रभावों से निपटने के लिए-SECALE CORNUTUM-30 दिन में तीन बार
➺ तीसरे माह में गर्भपात के खतरे और गर्भपात के बाद के कुप्रभावों से निपटने के लिए-SECALE CORNUTUM-30 दिन में तीन बार ।
➺ पीठदर्द के कारण गर्भपात का खतरा, खड़े होने तथा चलने पर अधिक परेशानी, बैठने तथा दबाव देने से आराम-KALIUM CARBONICUM-200 सप्ताह में एक बार।
➺ गर्भपात की प्रवृत्ति को रोकने के लिए-CHINA OFFICINALIS-30 सप्ताह में दो बार एक खुराक ।
➺ छाती में दूध जमा होना- BRYONIA-30 या PHYTOLACCA-30 दिन में दो बार।
➺ प्रसव या गर्भपात के बाद कष्ट-ARNICA-30 दिन में तीन बार।
➺ बीमारी में सोने से राहत-MANGANUM ACETICUM एसिटिकम-30 दिन में तीन बार।
➺ दबाए गए स्त्रावों, जैसे- मासिक-धर्म, पसीना, प्रसवोत्तर स्राव, गनोरिया आदि के कारण उत्पन्न रोग, जो इन स्रावों के होने पर ठीक होते हैं-ZINCUM METALLICUM 1M सप्ताह में एक खुराक।
➺ दुर्गंधयुक्त स्राव-KALIUM PHOSPHORICUM्फॉरिकम-200 एक खुराक रोजाना। .
➺ मासिक धर्म के दौरान कष्ट-Actaea Racemosa-30 दिन में दो बार।
➺ स्तन का सख्त होना या निप्पलों का संकुचन, निप्पल छोटे और ढीले हो जाते हैं-SARSAPARILLA OFFICINALIS-6 दिन में तीन बार।
➺ क्रोध, उदरशूल, डायरिया, दमित प्रसवस्त्राव, वमन और रुके मासिक-धर्म से उत्पन्न बीमारियाँ-COLOCYNTHIS-30 दिन में तीन बार ।
➺ गर्भावस्था के आरंभिक काल में उच्च तापमान के साथ ज्वर, मूत्र में एल्बुमिन की अधिक मात्रा, मूत्रमार्ग में जलन, मूत्र कम मात्रा में आना MERCURIUS SOLUBILIS-200 एक खुराक प्रतिदिन ।
➺ भय के कारण ऋतुस्राव का न होना- ACONITUM NAPELLUS-30 दिन में तीन बार।
➺ कम आयु की लड़कियों में पेट और हाथ-पैरों की जलोदर जैसी अवस्था होना और मासिकस्राव का न होना- APOCYNUM CANNABINUM-Q दिन में दो बार पाँच से दस बूँदें।
➺ गर्भनिरोध- CYCLAMEN EUROPAEUM-Q पाँच बूँदें या जेंथोजाइलम-Q पाँच बूँदें, मासिक धर्म समाप्त होने के दिन से आरंभ करके सात से दस दिनों तक लगातार लेने पर गर्भधारण से बचाव हो सकता है।
➺ गर्भ निरोध-PULSATILLA-200 हर माह मासिक धर्म की संभावित तिथि से पहले के चार दिनों तक लगातार सेवन करने पर गर्भधारण से बचाव संभव है।
➺ गर्भ निरोध Testis Siccati-3X हर माह मासिक धर्म की समाप्ति के बाद सात दिनों तक 3 दाने दिन में दो बार।
➺ गर्भ निरोध NATRIUM MURIATICUM-200 X की तीन खुराक मासिक-धर्म की समाप्ति के बाद पहले, दूसरे तथा तीसरे दिन ली जाए और इसे हर माह दुहराया जाए, जब तक कि गर्भधारण की इच्छा न हो।
➺ रक्तस्राव, चटख लाल तथा प्रचुर रक्त- IPECACUANHA-6 हर दो या तीन घंटों पर ।
➺ रक्तस्राव, महिलाओं में निरंतर-KALIUM CARBONICUM-200 सप्ताह में एक खुराक ।
➺ गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव BELLADONNA-30 दिन में तीन बार।
➺ शरीर के किसी भी अंग से अत्यधिक रक्तस्राव ACETICUM ACIDUM -30 दिन में तीन बार ।
➺ गर्भाशय का अर्बुद – CONIUM MACULATUM-30 या PHYTOLACCA-30 या CHAMOMILLA 30 दिन में तीन बार, लक्षणों के अनुसार।
➺ गर्भाशय में पथरी-हाइड्रास्ट्रिस-Q पानी में दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार गर्भाशय से रक्तस्त्राव, सिरदर्द, पेट में जीवित बच्चे के चलने फिरने का एहसास-CROCUS SATIVUS-6 दिन में चार बारा
➺ बच्चे को दुग्धपान कराते समय गर्भाशय से रक्तस्त्राव SILICEA 200 केवल एक खुराक।
➺ चलने पर गर्भाशय से रक्तस्त्राव-USTILAGO MAYDIS-30 दिन में दो बार
➺ किसी भी प्रकार का रक्तस्राव-SABINA-30 दिन में तीन बार, स्थायी उपचार के लिए सुबह में SULPHUR या PSORINUM-1M की एक खुराक दी जा सकती है।
➺ मासिक धर्म के बीच में रक्तस्राव, जरा सी थकान या मल त्याग में जोर लगाने पर AMBRA GRISEA-30 एक खुराक ।
➺ स्तन तथा निप्पल को छूने पर दर्द, स्तन तथा निप्पल ठंडे रहते हैं, जबकि शेष शरीर गरम रहता है, खासकर मासिक धर्म के दौरान Medorrhinum-200 सप्ताह में एक खुराक ।
➺ स्तनों में सूजन, पीड़ायुक्त तथा संवेदनशील, निप्पल सिकुड़े होते हैं ARSENICUM IODATUM-30 दिन में दो बार।
➺ स्तनों का दूध सुखाने के लिए AGNUS CASTUS-30 सुबह-शाम या URTICA URENS-Q की दस बूँदें आधा कप पानी में मिलाकर, सुबह-शाम।
➺ स्तनों में अचानक सूख गया दूध बढ़ाने के लिए LAC VACCINUM DEFLORATUM-30 दिन में दो बार।
➺ दूध (गाढ़ा या पतला) के साथ रक्त आता हो-PHYTOLACCA-Q दो से चार बूँदें, दिन में दो बार ।
➺ स्तनों में गाँठ, अत्यंत सख्त CALCAREA FLUORICA-6 दिन में तीन बार।
➺ स्तनों में सूजन, ठंड के कारण, स्तनों में दर्द, जो पीठ तक फैलता है PHYTOLACCA-Q दो से चार बूँद दिन में दो बार।
➺ स्तनों में गाँठ की तरह ट्यूमर, इधर-उधर हिलनेवाला, अत्यंत संवेदनशील, बाँह हिलाने पर काफी दर्द तथा मासिक धर्म से पहले कष्ट अधिक CALCAREA IODATA-3X दिन में तीन बार।
➺ शरीर के अनुपात में स्तनों का अधिक बढ़ना-Chimaphila Umbellata-Q दिन में दो बार पानी में पाँच बूँदें मिलाकर लें।
➺ स्तन पत्थर की तरह सख्त, हलकी गतिविधि पर भी दर्द, चलते समय दर्द से राहत के लिए स्तनों को हाथ से पकड़ना पड़ता है- BRYONIA-30 दिन में दो बार।
➺ सख्त स्तन, पीड़ादायक ट्यूमर-PHYTOLACCA 200 दिन में तीन बार।
➺ स्तनों में जलन, दर्द, शरीर थोड़ा सा हिलने पर भी तेज दर्द, सीढ़ियाँ चढ़ते या उतरते समय उन्हें थामने की जरूरत पड़ती है-LAC CANINUM. 200 एक खुराक रोज।
➺ ज्वर के दौरान स्तनों में दर्द तथा लालिमा-BELLADONNA-30 दिन में दो बार ।
➺ छोटे स्तन, पूर्ण विकसित नहीं हो पाना-सेबल SABAL SERRULATA-Q दो से पाँच बूँदें दिन में दो बार ।
➺ स्तनों में सूजन, निप्पलों में दर्द, काफी कमजोरी-HELONIAS DIOICA-6 हर चार घंटे पर ।
➺ स्तनों में दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए Yohimbinum 3 या 6 दिन में दो बार।
➺ काफी सख्त स्तन, सूजे हुए, गरम, काफी दर्द, बच्चे को दुग्धपान कराने पर दर्द पूरी पीठ में फैल जाता है-PHYTOLACCA-सी. एम. महीने में एक खुराक चाँद घटने के दौरान।
➺ दुग्धपान करने के दौरान माँ को स्तनों तथा गर्भाशय में दर्द या रक्तस्त्राव SILICEA 200 सप्ताह में एक खुराक ।
➺ बच्चे द्वारा स्तनपान करने के दौरानमाँ को पेट के खाली होने का एहसास -CARBO ANIMALIS-30 दिन में तीन बार।
➺ मासिक धर्म के दौरान दर्दयुक्त, सख्त स्तन या चोट अथवा खरोंच के बाद स्तनों में सूजन-CONIUM MACULATUM मैक.-30 दिन में तीन बार ।
➺ गर्भाशय का नासूर, गर्भाशय में तीव्र पीड़ा, निरंतर रक्तस्राव, बाद में यह प्रचुर स्राव काला और अत्यंत दुर्गंधयुक्त हो जाता है, पूरे बीमार अंग में जलनयुक्त तीव्र पीड़ा होती है LAPIS ALBUS-30 सप्ताह में एक खुराक।
➺ रजोनिवृत्ति के दौरान अधिक अवसाद MUREX PURPUREA -30 एक खुराक (यदि) लक्षण बरकरार रहें तो खुराक दुहराई जा सकती है)।
➺ रजोनिवृत्ति, गरमी की कौंध, जो श्रोणीय अंगों में आरंभ होकर वहाँ से पूरे शरीर में फैलता है, साथ ही पसीना और चक्कर आते हैं- SEPIA 200 की कुछ खुराकें।
➺ रजोनिवृत्ति, हानिकारक निकास के कारण-SULPHUR-30 दिन में तीन बार ।
➺ रजोनिवृत्ति, बाएँ स्तन के नीचे दर्द-ACTAEA RACEMOSA-30 दिन में तीन बार।
➺ गर्भावस्था के दौरान खाँसी, दाँत दर्द, बेहोशी, मिचली, वमन, डायरिया आदि-NUX MOSCHATA-30 दिन में दो बार।
➺ गर्भावस्था के बाद कब्ज, बड़ा तथा सख्त मल-MEZEREUM-30 की एक खुराक ।
➺ गर्भावस्था में कब्ज के साथ डायरिया-PODOPHYLLINUM-200 सुबह शाम एक-एक खुराक । और
➺ महिलाओं को कब्ज, वृद्धों में बारी-बारी डायरिया के साथ-ANTIMONIUM CRUDUM-6 दिन में तीन बार ।
➺ कब्ज, हमेशा मासिक-धर्म से पहले और दौरान, मल अत्यंत जोर लगाने के बाद उतरता है, परंतु आंशिक रूप से निकलता है या फिर वापस चला जाता है – SILICEA-30 दिन में तीन बार।
➺ मासिक धर्म के समय कब्ज, हरापन लिये हुए पानीदार डायरिया के साथ- AETHUSA CYNAPIUM-30 हर छह घंटे पर।
➺ मासिक धर्म से पहले नाक बहना MAGNESIUM CARBONICUM-6 एक खुराक रोज।
➺ विलंबित प्रसव पीड़ा, ऐंठन, गर्भग्रीवा में सुई चुभने जैसा दर्द CAULOPHYLLUM-6 दिन में तीन बार ।
➺ प्रसव के बाद नसों की सूजन-ARNICA M एक माह में एक खुराक ।
➺ समय पूर्व प्रसव, जिसमें महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया हो-ACTAEA RACEMOSA-Q दो से पाँच बूँदें दिन में दो बार।
➺ आसान तथा सफल प्रसव के लिए-CAULOPHYLLUM-3 प्रसव की संभावित तिथि से कुछ दिन पहले से, दिन में चार बार।
➺ महिलाओं में अवसाद- IGNATIA AMARA-30 दिन में दो बार।
➺ स्त्री रोग संबंधी समस्याओं से संबद्ध अवसाद SEPIA-30 दो सप्ताह में एक बार।
➺ गर्भवती स्त्रियों में अवसाद-CIMICIFUGA RACEMOSA-30 दिन में दो बार।
➺ किसी भी कारण से अवसाद-CADMIUM SULPHURATUM-200 या उपर्युक्त, दिन में एक खुराक ।
➺ दुग्धपान के दौरान बेचैनी के कारण दूध का गायब होना-CAUSTICUM-30 दिन में दो बार ।
➺ गर्भावस्था के दौरान समस्या, तीसरे माह गर्भपात, वमन तथा पैरों की नसों की सूजन, एल्बुमिनेरिया, उच्च रक्तचाप, दिल का तेज धड़कना THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार ।
➺ कष्टप्रद मासिक धर्म, अधिक जल्दी मासिक-धर्म, ठंड तथा नमी महसूस होना, न्यूनतम मानसिक उत्तेजना भी प्रचुर मासिकस्राव को प्रेरित करती है CALCAREA CARBONICA 6 दिन में तीन बार।
➺ कष्टप्रद मासिक धर्म, दर्द सभी दिशाओं में फैलता है और नीचे जाँघों तक जाता है – Berberis Vulgaris Q की पाँच बूँदें दिन में तीन बार।
➺ कष्टप्रद मासिक धर्म, वमन तथा जल्दी-जल्दी मल-त्याग- VERATRUM ALBUM-30 हर छह घंटे पर।
➺ कष्टप्रद मासिक-धर्म, कभी-कभी तथा मरोड्युक्त दर्द, पीड़ा से छटपटाना -CAULOPHYLLUM-30 दिन में तीन बार ।
➺ कष्टप्रद मासिक धर्म, दर्द पीठ से शुरू होता है तथा कमर और गर्भाशय तक जाता है, फिर वहाँ मरोड़ होता है-VIBURNUM OPULUS पानी में पाँच बूँदें मिलाकर दिन में तीन बार ।
➺ कष्टप्रद मासिक धर्म, मासिक धर्म के दौरान दर्द MAGNESIUM PHOSPHORICUM-30 चार घंटे पर या गरम पानी में 6X की पाँच गोलियाँ, पंद्रह मिनट के अंतराल पर।
➺ कष्टप्रद मासिक धर्म, दर्द पीठ से आरंभ होकर नितंबों से होते हुए जाँघों तक- ACTAEA RACEMOSA-3 दिन में तीन बार।
➺ कष्टप्रद मासिक धर्म, मासिक धर्म से पहले स्थिति बदतर, ऋतुस्राव के बाद ठीक, नुकीला दर्द, दाई ओर दबाने तथा गरमी से बेहतर MAGNESIUM PHOSPHORICUM-200 एक खुराक रोज।
➺ बच्चे को स्तनपान कराते समय सीने में दर्द, जो पूरे शरीर में फैलता है या सीने में मरोड़-PHYTOLACCA-Q दो से पाँच बूँदें दिन में दो बार।
➺ मासिक धर्म से संबंधित स्त्री-रोग, तीसरे या पाँचवें माह में गर्भपात, गर्भावस्था विकार-SEPIA 200 सप्ताह में एक खुराक ।
➺ प्रसवजन्य ज्वर, शरीर में दर्द, अधिक बेचैनी, करवट बदलना जरूरी, बिस्तर का सख्त महसूस होना, उच्च तापमान, नाड़ी-गति तेज और कब्ज PYROGENIUM-6 दिन में तीन बार ।
➺ स्थूलकाय महिलाओं में यूटेराइन फाइब्रायड – THYROIDINUM-30 दिन में विलंबित प्रसव पीड़ा, ऐंठन संबंधी-CAULOPHYLLUM-6 चार घंटे के
➺ कमजोर प्रसव पीड़ा, तीव्र और आसान प्रसव के लिए काली PHOSPHORUS-6 हर छह घंटे पर। तीन बार।
➺ गर्भनाल का फिक्सेशन- CIMICIFUGA RACEMOSA-30 दिन में तीन बार।
➺ भ्रूण या गर्भनाल बने रहना, काला, अत्यंत दुर्गंधयुक्त स्त्राव – PYROGENIUM 200 दिन में दो बार
➺ महिलाओं के संवेदनशील गुप्तांग, इतने संवेदनशील कि वे नैपकिन का इस्तेमाल नहीं कर सकतीं-Staphysagria-30 दिन में तीन बार।
➺ सिर चकराना, गंभीर उदासी-COCCULUS INDICUS 30 की प्रतिदिन एकखुराक।
➺ दमित सूजाक, महिलाओं में-Aurum Muriaticum Natronatum-3X दिन में चार बार।
➺ लंबे समय तक अप्रभावी प्रसव पीड़ा Secale cornutum-6 हर चार घंटे अंतराल पर ।
➺ प्रसव पीड़ा बढ़ाने के लिए-SENEGA-30 हर छह घंटे पर।
➺ प्रसव पीड़ा, नीचे की ओर दबाव, गुदा और कभी-कभी मूत्राशय की ग्रीवा तक फैलती है, अपर्याप्त प्रसव पीड़ा, मल-त्याग या जल्दी-जल्दी मूत्र त्याग की इच्छा-NUX VOMICA-200 की एक खुराक लक्षणों के बरकरार रहने पर दुहराएँ।
➺ कमजोर प्रसव पीड़ा, दमित दर्द, कमजोर, लेकिन थुलथुल महिलाओं में -Secale cornutum-200 एक खुराक रोजाना।
➺ अधिक दूध आना, बच्चा माँ का दूध पसंद नहीं करता-CALCAREA CARBONICA-30 दिन में दो बार (दूध की गुणवत्ता और मात्रा को सुधारता है)।
➺ ल्यूकोरिया (श्वेत प्रदर) पतली दुर्बल महिलाओं में STANNUM METALLICUM-30 कुछ खुराकें ।
➺ खूनी ल्यूकोरिया- CINA-30 दिन में दो बार ।
➺ श्वेत प्रदर, मासिक धर्म से पाँच-छह दिन पहले बूँदें, दिन में तीन बार CEDRON-Q दो से पाँच
➺ श्वेत प्रदर, दिन-रात तिक्त स्राव, मासिक धर्म से पहले और बाद में जलन – GRAPHITES 30 दिन में दो बार ।
➺ श्वेत प्रदर, तिक्त जलन, दर्द के साथ खुजली, मूत्र के संपर्क से खुजली बदतर, लेकिन धोने से आराम – Mercurius Vivus 200 और MERCURIUS SOLUBILIS-200 दोनों एक-एक खुराक रोजाना।
➺ श्वेत प्रदर, तिक्त, दुर्गंधयुक्त, जलनकारी, मासिक धर्म के दौरान बदतर, स्टार्च की तरह सख्त, कपड़ों पर पीले दाग पड़ जाते हैं-KREOSOTUM-200 एक खुराक प्रतिदिन।
➺ श्वेत प्रदर, तिक्त, गर्भग्रीवा में नासूर के कारण जलनकारी-SANGUINARIA CANADENSIS-30 दिन में तीन बार।
➺ श्वेत प्रदर, हर बार मूत्र त्याग के बाद नाभि के पास दर्द से शुरू, अंडे की तरह सफेद या भूरा, पतला और दर्द रहित-Ammonium Muriaticum-6 दिन में दो बार।
➺ श्वेत प्रदर, मानसिक अवसाद से बढ़ता है, लेकिन ल्यूकोरिया बदतर स्थिति में होने पर अवसाद दूर हो जाता है-MUREX PURPUREA -6 हर छह घंटे पर।
➺ श्वेत प्रदर ALUMINA 200 सप्ताह में एक खुराक, तीन से चार सप्ताहों तक। यदि ल्यूकोरिया काफी प्रचुर मात्रा में है तो CARBO ANIMALIS-30 दिन में दो बार।
➺ श्वेत प्रदर, बाँझपन को उत्पन्न करता है-CAULOPHYLLUM-6 हर छह घंटे पर।
➺ श्वेत प्रदर, स्थायी, प्रचुर, विनाशक, क्योंकि कपड़ों में छिद्र कर देता है iodum-1M एक खुराक
➺ श्वेत प्रदर, संक्षारक, लेकिन अन्य स्त्राव असंक्षारक-PULSATILLA-30 दिन में दो बार।
➺ श्वेत प्रदर, हरा स्राव-SECALE CORNUTUM-30 दिन में तीन बार ।
➺ श्वेत प्रदर, पीला, गाढ़ा और गाँठदार स्राव, साथ ही इसी प्रकार का स्राव नाक और गले से-CALCAREA SULPHURICA-30 दिन में तीन बार ।
➺ युवतियों में श्वेत प्रदर, तिक्त स्राव, माथे पर धब्बे CAULOPHYLLUM-30 हर छह घंटे पर।
➺ श्वेत प्रदर, हरा या हरे-पीले रंग का स्राव-KALIUM IODATUM-30 हर छह घंटे पर।
➺ श्वेत प्रदर, बच्चों में कमजोरी-MILLEFOLIUM 30 हर छह घंटे पर।
➺ श्वेत प्रदर, दुबली महिलाओं में मासिक धर्म से पहले SEPIA 200 दो सप्ताह में एक बार और फिर GRAPHITES-200 की एक खुराक ।
➺ श्वेत प्रदर, जो अंडे की सफेदी की तरह सूखने के बाद कपड़ों पर पीले धब्बे छोड़ जाता है— AGNUS CASTUS-6 दिन में तीन बार।
➺ श्वेत प्रदर, दुर्गंधयुक्त, पैरों की चमड़ी पर प्रभाव डालता है- ARSENICUM ALBUM-30 हर छह घंटे पर।
➺ श्वेत प्रदर, प्रचुर मात्रा में बहकर एडियों तक आता है, लेकिन नैपकिन में आसानी से सोख लिया जाता है-SYPHILINUM-200 दो सप्ताह में एक बार।
➺ श्वेत प्रदर – SEPIA – 1M एक खुराक, एक सप्ताह से पहले न दुहराएँ, फिर CALCAREA CARBONICA-30 दिन में तीन बार, राहत मिलने तक या Ova tosta-3X या 6X दिन में तीन बार और सप्ताह में एक बार PULSATILLA 200 की एक खुराक
➺ श्वेत प्रदर, चिपचिपा, योनि से सफेद स्राव, जो दूधिया या दही जैसा हो सकता है, कभी-कभी पीला या नीला-लाल होता है, स्राव गरम, मासिक धर्म के दौरान अत्यंत दर्द, शरीर में चमक; लेकिन चेहरा शुष्क, भूख न लगना, कब्ज, पेट में भारीपन, योनि में निरंतर खुजली, नीचे की ओर जाने से डरना, कमजोरी और थकान- BORAX-6 दिन में तीन बार।
➺ श्वेत प्रदर, पानीदार, त्वचा को नुकसान पहुँचानेवाला, पीला, कभी-कभी अंडे की सफेदी की तरह–ALUMINA-30 हर छह घंटे पर।
➺ श्वेत प्रदर, सफेद या भूरा, पतला या गाढ़ा-KALIUM MURIATICUM-30 हर छह घंटे पर।
➺ श्वेत प्रदर, साथ में पीठदर्द भी, चलने से पैर थक जाते हैं-AESCULUS HIPPOCASTANUM-6 हर छह घंटे पर।
➺श्वेत प्रदर, अधिक खट्टी गंध के साथ-HEPAR SULPHUR-30 हर छह घंटे पर। .
➺ श्वेत प्रदर, पुरानी चीज के साथ, समुद्री मछली की गंध के साथ SANICULA AQUA-30 दिन में तीन बार ।
➺ श्वेत प्रदर, पीला, कमजोरी के साथ-HYDRASTIS-6 दिन में तीन बार ।
➺ श्वेत प्रदर, सफेद और गाढ़ा, खुजली, दुर्गंध-NATRIUM PHOSPHORICUM-30 दिन में दो बार।
➺ स्तनों में गाँठ, सख्त, सूजन और दर्द-CARBO ANIMALIS-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
➺ स्तनों में पीड़ा, हर मासिक धर्म के समय, ऐसा महसूस होना कि उनमें घाव है – Mercurius Vivus 200 और MERCURIUS SOLUBILIS- 200 दोनों एक-एक खुराक रोज।
➺ स्तन में नासूर या गाँठ, गाँठे पीड़ादायक और पत्थर की तरह सख्त, जिनसे पीब निकलता है, बैगनी रंग की गाँठे-PHYTOLACCA 200 दिन में दो बार ।
➺ दुग्धग्रंथियों का छीजना, मासिक धर्म के दौरान अधिक कमजोरी, तिक्त श्वेत प्रदर, मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्तस्त्राव और दर्द तथा गर्भग्रीवाकठोर–iodum-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
➺ मेनिया (उन्माद), सभी प्रकार के, यौनेच्छा काफी अधिकBARYTA MURIATICA-200 दिन में एक बार।
➺ मेनिया (प्रसूतिकाल-संबंधी), उदासी, खुद को चोट पहुँचाने की प्रवृत्ति ACTAEA RACEMOSA-3 दिन में तीन बार।
➺ उन्माद (कामुकता), अशालीन, कपड़े फेंक देना, नग्न होकर बिस्तर पर लेटना और अश्लील गाने गाना-SINAPIS NIGRA-30 की एक खुराक प्रतिदिन।
➺ रजोनिवृत्ति, गरम पसीना, सिर में जलन और दर्द-LACHESIS-200 की एक खुराक, यदि आवश्यकता हो तो दुहराएँ।
➺ स्तनशोथ, अधिक पीड़ा, बच्चे को दूध पिलाते समय निपल से उसी ओर के कंधे की हड्डी की ओर फैलता है CROTON TIGLIUM दिन में तीन बार ।
➺ अवसाद, किशोरावस्था, गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति के समय, उदासी और रोना, माथे के पिछले भाग में दर्द, ठंड लगना, बेचैनी, दिल तेजी से धड़कना और एनीमिया ग्रस्त स्त्रियों में कब्ज, मुँह में शुष्कता, जीभ पर मैल की परत जमना, अपने भविष्य के बारे में अवसादग्रस्त – NATRIUM MURIATICUM-30 दिन में तीन बार ।
➺ रजोनिवृत्ति, ठंडा शरीर, पीला चेहरा, प्रचुर पसीना, पंखा झले जाने और खुली हवा लेने की इच्छा-Carbo Vegetabilis-200 की एक खुराक रोजाना।
➺ रजोनिवृत्ति, अत्यधिक रक्तस्राव – VINCA MINOR-3 दिन में तीन बार।
➺ मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्त्राव, गर्भपात के बाद SULPHUR-3 दिन में तीन बार।
➺ मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव, गैस्ट्रिक समस्याओं के साथ, सुबह में अधिक–NUX VOMICA 30 सुबह-शाम ।
➺ प्रचुर मासिकस्राव, थकान, एक मासिक धर्म से निवृत्त होने के तुरंत बाद दूसरा आरंभ हो जाता है THLASPI BURSA PASTORIS-Q पाँच बूँदें पानी में मिलाकर दिन में दो बार।
➺ प्रचुर मासिकस्राव, चटख लाल रंग का हर दो सप्ताह में, विस्थापित गर्भाशय के कारण गहरे रंग के थक्के- TRILLIUM PENDULUM पेंडुलम-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में तीन बार।
➺ प्रचुर मासिकस्राव, गर्भाशय स्थायी रूप से कठोर हो जाता है, ग्रंथियों की सूजन-CARBO ANIMALIS-30 दिन में दो बार।
➺ प्रचुर मासिकस्त्राव, पीठ में तेज दर्द, जो कूल्हों से होकर जांघों तक जाता है—ACTAEA RACEMOSA-30 दिन में तीन बार।
➺ प्रचुर मासिकस्राव, तेज ऋतुस्राव, केवल रात में महिला बेचैन प्रवृत्ति की होती है – BOVISTA LYCOPERDON 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
➺ मासिक धर्म के बाद, गर्भवती न होने के बावजूद स्तनों में दूध CYCLAMEN EUROPAEUM-6 दिन में तीन बार ।
➺ विलंबित मासिकस्राव-PULSATILLA-200 हर सप्ताह दो खुराक और काली PHOSPHORUS-6X दो महीने तक रात में।
➺ मासिक धर्म के दौरान, हिस्टीरिया के लक्षण और दर्द, जितना अधिक रक्तस्राव उतना ही दर्द-CIMICIFUGA RACEMOSA-30 दिन में तीन बार
➺ मासिकस्राव के कारण थकान, बोल नहीं सकते, पैरों की कमजोरी के कारण खड़े होने में असमर्थ- COCCULUS INDICUS 30 हर छह घंटे पर।
➺ अनियमित मासिक धर्म, जल्दी और अल्प मात्रा में, केवल चलने-फिरने के दौरान मासिकस्राव, जो रात में बंद हो जाता है, मासिकस्राव से पहले कब्ज-LILIUM TIGRINUM 200 की सप्ताह में एक खुराक
➺ नगण्य, अनियमित या विलंबित मासिक-धर्म-LOBELIA INFLATA-30 हर छह घंटे पर।
➺ क्लोरोसिस के साथ न्यून मासिकस्राव – ACETICUM ACIDUM -6 दिन में दो बार।
➺ दमित मासिकस्राव, युवतियों में-PODOPHYLLINUM-30 दिन में तीन बार।
➺ दमित मासिकस्राव, पेट में दर्द-MILLEFOLIUM-30 हर छह घंटे पर।
➺ दमित मासिकस्राव, मूड में तेजी से बदलाव, मतिभ्रम, लाल चेहरा STRAMONIUM-6 दिन में तीन बार।
➺ दमित मासिकस्राव, चक्कर आना और सिरदर्द-CYCLAMEN EUROPAEUM यूरो-30 दिन में तीन बार।
➺ दमित मासिकस्राव, हाथों को ठंडे पानी में रखने से, एक गिलास दूध पीना -LAC VACCINUM DEFLORATUM-30 की एक खुराक रोजाना।
➺ मासिक धर्म के समय, कोई स्राव नहीं, स्तनों में दूध बनना- MERCURIUS SOLUBILIS-30 हर छह घंटे पर।
➺ जल्दी मासिक-धर्म होना, प्रचुर मात्रा में, लंबे समय तक रहना, उस समय अन्य सभी समस्याओं का बढ़ जाना-NUX VOMICA-200 रात में एक खुराक ।
➺ मासिक धर्म समाप्त होने के बाद पुनः आरंभ होना PULSATILLA 200 की एक खुराक रोजाना।
➺ समय पूर्व मासिक-धर्म, लंबे समय तक रहना-CARBO ANIMALIS-30
➺ मासिक चक्र में बदलाव- GLONOINUM 6 सुबह-शाम ।
➺ कमजोर महिलाओं में विलंबित मासिकस्राव-FERRUM METALLICUM-1M की दिन में दो बार।
➺ मासिक के दौरान काले रंग के रक्त का स्राव, बाएँ अंडाशय में दर्द LACHESIS 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।
➺ मासिक धर्म में चमकीला लाल स्राव, वमन भी- IPECACUANHA 30 दिन में दो बार ।
➺ मासिक का कम समय तक रहना, अधिक रक्तस्राव, काला रक्त, थक्के, लेकिन रक्त जमता नहीं है, इस स्राव से यौनांगों की त्वचा छिल जाती है Ammonium Carbonicum-30 हर छह घंटे पर। एक खुराक ।
➺ युवतियों में विलंबित मासिक, पीठदर्द की शिकायत के साथ SENECIO AUREUS-6 दिन में दो बार।
➺ दुर्बल एनीमियाग्रस्त महिलाओं में विलंबित मासिकस्राव, झुर्रीदार और समय से पहले बूढ़ी होनेवाली महिलाओं में, विलंबित तथा न्यून मात्रा में स्राव, पेट में तेज दर्द-SEPIA 200 की एक खुराक
➺ विलंबित मासिक, जिन महिलाओं को अधिक पसीना आता है, कमजोर महिलाओं में, अनियमित मासिक, गुप्तांगों के आस-पास दर्द-KALIUM CARBONICUM-200 दो खुराकें
➺ मासिकस्त्राव का केवल दिन में होना और लेटने पर बंद हो जाना . CAUSTICUM-30 दिन में दो बार।
➺ केवल दिन में मासिकस्त्राव होना-COFFEA CRUDA-30 दिन में दो बार सेवन करें।
➺ यदि अठारह से बीस वर्ष की आयु तक मासिक आरंभ न हो – MANGANUM ACETICUM-30 दिन में दो बार ।
➺ मासिक के दौरान और बाद में कमजोरी, बोल नहीं सकना, ठंडे पसीने के साथ पीला चेहरा, थकान से बदतर-Carbo Vegetabilis-200 की एक खुराक रोजाना।
➺ मासिकस्राव के दौरान चेहरे पर फोड़े-फुंसियाँ-PSORINUM 200 की सप्ताह में एक खुराक लें। खाएँ। CARBO VEGETABILISनिकम-30 दिन में दो बार।
➺ केवल लेटने पर मासिकस्राव, बैठने या चलने पर रुक जाता है— KREOSOTUM-30 दिन में तीन बार।
➺ मासिक धर्म के दौरान असहनीय पीड़ा-SULPHUR-200 सुबह में एक खुराक रोजाना या SEPIA 200 दो सप्ताह में एक खुराक।
➺ अधिक और पीड़ादायक मासिकस्राव BACILLINUM BURNETT-200 दिन में दो बार
➺ रात में लेटने पर मासिकस्स्राव, दिन में रुक जाता है— Ammonium Muriaticum-30 दिन में तीन बार या BOVISTA LYCOPERDON -6 हर चार घंटे के अंतराल पर या MAGNESIUM CARBONICUM-30 दिन में तीन बार
➺ केवल सुबह में मासिकस्राव, दोपहर में रुक जाता है और अगले दिन सुबह फिर आरंभ होता है-SEPIA 200 की एक खुराक ।
➺ मासिकस्त्राव केवल रात में या लेटने पर, दर्द रहित मैग्नीशिया
➺ रात में धीमा मासिकस्राव Ammonium Muriaticum-6 दिन में दो बार | यदि आराम न हो तो BOVISTA LYCOPERDON-Q दिन में तीन बार
➺ केवल चलते समय मासिकस्राव, रुकने पर रुक जाता है LILIUM TIGRINUM-30 दिन में तीन बार । लंबे समय तक मासिकस्राव-BELLADONNA-200 दिन में तीन बार।
➺ बहुत कम समय तक मासिकस्राव – GINSENG-Q की दो-तीन बूँदें, दिन में दो बार
➺ प्रचुर मासिकस्स्राव, थक्कों के साथ- -MUREX PURPUREA-30 की एक खुराक रोजाना।
➺ मासिक-धर्म रुकने पर शरीर के किसी अन्य अंग से रक्तस्त्राव आरंभ हो जाना-सीनेसियो SENECIO AUREUS-Q की दो से पाँच बूँदें दिन में दो बार ।
➺ युवतियों को अनियमित मासिकस्राव THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार।
➺ अनियमित मासिक-धर्म, समय पर न आना, हर पंद्रह दिनों में फिर आरंभ हो जाना-NUX VOMICA-30 दिन में दो बार ।
➺ अनियमित मासिक-धर्म, अंडाशय में दर्द – USTILAGO MAYDIS-Q दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार ।
➺ EUPHRASIA OFFICINALIS – 30 हर मासिकस्राव एक घंटे या एक दिन में समाप्त हो जाना— छह घंटे पर।
➺ विलंबित मासिक धर्म, कम मात्रा में स्राव-PULSATILLA-200 दिन में एक बार।
➺ पीड़ादायक मासिक-धर्म, तेज मरोड़ के साथ, कब्ज से पीड़ित में MAGNESIUM MURIATICUM-200 की एक खुराक रोजाना।
➺ पीड़ादायक मासिक धर्म, प्रवाह आरंभ होने पर दर्द समाप्त हो जाता है, दबाने और गरम सिंकाई करने पर राहत-MAGNESIUM PHOSPHORICUM 200 की एक खुराक रोजाना।
➺ प्रचुर मात्रा में मासिकस्त्राव PHOSPHORUS-200 की दो खुराकें, इसके बाद CAULOPHYLLUM-30 दिन में तीन बार, दो माह तक।
➺ प्रचुर और थक्केदार मासिकस्राव CINA MARITIMA-30 दिन में दो बार ।
➺ मानसिक कारण से प्रचुर स्राव – CHAMOMILLA-200 दिन में एक बार।
➺ मासिक धर्म में प्रचुर स्राव, पतला और चटख लाल रक्त MILLEFOLIUM-Q दस बूँदें पानी में मिलाकर दिन में दो या तीन बार ।
➺ प्रचुर मासिकस्त्राव, गहरे रंग का चमकीला रक्त, लंबे तारों के साथ थक्कों के रूप में निकलता है, थोड़ा भी हिलने-डुलने से स्राव अधिक हो जाता है— CROCUS SATIVUS-30 दिन में दो बार।
➺ प्रचुर मासिकस्राव, दर्द के साथ-FICUS RELIGIOSA-Q हर छह घंटे पर पाँच बूँदें।
➺ प्रचुर मासिकस्राव, चटख लाल रंग का, पीठ दर्द और कमजोरी, चलने फिरने पर स्थिति बदतर- TRILLIUM PENDULUM-30 दिन में तीन बार। इसे CINA MARITIMA-30 या MILLEFOLIUM-30 हर तीन घंटे पर बदल-बदल कर लें।
➺ प्रचुर मासिकस्राव, चटख रक्त, पीठ के निचले भाग से पेट के निचले भाग तक तेज दर्द, गर्भपात का शिकार हो चुकी महिलाओं के लिए लाभदायक -SABINA 200 दिन में दो बार।
➺ हर दो सप्ताह के बाद प्रचुर मासिकस्राव, थकान या लंबी यात्रा के कारण एक सप्ताह या अधिक समय तक रहना- – TRILLIUM PENDULUM पेंडुलम-6 दिन में तीन बार।
➺ प्रचुर मासिक-धर्म- HYDRASTIS-1X, HAMAMELIS VIRGINIANA-Q और CINA MARITIMA-Q एक के बाद एक लें।
➺ प्रचुर मासिक-धर्म-USTILAGO MAYDIS-Q या FICUS RELIGIOSA-Q की पाँच से दस बूँदें, दिन में एक बार।
➺ मासिकस्राव को नियमित करने के लिए-JOANESIA ASOCA-Q पाँच से दस बूँदें, कुनकुने पानी में प्रतिदिन लें।
➺ दो या तीन दिनों के बाद मासिकस्त्राव पुनः प्रारंभ-FERRUM METALLICUM 30 दिन में दो बार ।
➺ कम मात्रा में मासिकस्राव, मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में कम मात्रा में और विलंबित- GRAPHITES-30 दिन में दो बार।
➺ कम मात्रा में या दमित मासिक धर्म-PULSATILLA-30 दिन में दो बार।
➺ कम मात्रा में मासिक-धर्म, साथ में पीठदर्द और कमजोरी भी KALIUM CARBONICUM-200 दो खुराक।
➺ कम मात्रा में मासिक-धर्म, विलंबित और पीले रंग का, मासिक धर्म के बाद महिला थक जाती है ALUMINA 200 की एक खुराक
➺ कम मासिकस्राव, आघात तथा मानसिक अवसाद के कारण देर से आना -MAGNESIUM CARBONICUM-200 की दो या तीन खुराकें।
➺ कम मासिकस्राव – SULPHUR-200 सुबह के समय और KALIUM PHOSPHORICUM-6X सोते समय रोजाना। यदि इनसे लाभ न हो तो PULSATILLA-200 की दो खुराक और KALIUM PHOSPHORICUM-6X सोते समय, दो-तीन माह तक
➺ बुरी खबर सुनने के कारण मासिकस्राव जल्दी शुरू होना; अनिद्रा, मासिकस्त्राव का लंबे समय तक रहना-COCCULUS INDICUS-30 हर छह घंटे पर।
➺ मासिक धर्म के रुकने पर फेफड़ों से रक्तस्राव-MILLEFOLIUM-30 हर छह घंटे पर।
➺ स्तन के बड़े होने और दर्द के कारण मासिक धर्म का समाप्त हो जाना, रुकने पर हथेली और तलवे में जलन- SANGUINARIA CANADENSIS-30 दिन में दो बार
➺ दिन में लेटने पर मासिकस्राव का रुक जाना कैक्टस-6 दिन में चार बार या CAUSTICUM-200 की एक खुराक रोज या LILIUM TIGRINUM-30 दिन में दो बार।
➺ ठंडे स्नान से दमित मासिकस्राव-ANTIMONIUM CRUDUM-30 दिन में दो बार।
➺ मासिक धर्म के बाद बाल गिरना-SEPIA 200 दो सप्ताह में एक खुराक।
➺ मासिक धर्म का जल्दी आना, प्रचुर मात्रा में, थक्केदार, तेज उदरशूल के बाद, त्वचा को छीलनेवाला स्त्राव, जिसके कारण जाँघों में पीड़ा होती है— ANTIMONIUM TARTARICUM-6 दिन में दो बार ।
➺ अधिक जल्दी आने और देर तक रहनेवाला मासिक धर्म, अधिक कमजोरी रहती है, बोलने में परेशानी- CARBO ANIMALIS-30 दिन में तीन बार।
➺ अधिक जल्दी आनेवाला और प्रचुर मासिकस्राव, गहरे रंग का थक्का बनना, दुर्गंधयुक्त-HELONIAS DIOICA-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार।
➺ मासिक का जल्दी आना, प्रचुर मात्रा में, मासिक धर्म से पहले उदासी, मासिक के दौरान दाढ़ की हड्डी में दर्द-STANNUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार।
➺ मासिक का जल्दी आना, अधिक दिनों तक रहना, आरंभ में धीमा और तेज दर्द के साथ-TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक बार।
➺ मासिक का जल्दी आना, प्रचुर मात्रा में, अधिक समय तक रहना, लाल चेहरा, कानों में घंटियों की आवाज, प्रवाह पीला, पानीदार-FERRUM METALLICUM-30 दिन में दो बार ।
➺ अधिक तेज मासिकस्राव, प्रवाह जितना अधिक उतना ही अधिक कष्ट ACTAEA RACEMOSA- 200 की एक खुराक रोजाना । मासिकसंबंधी गड़बड़ी, केवल रात में या लेटने के दौरान मासिकस्राव, चलने पर रुक जाता है, पीब जैसा रक्त, आसानी से नहीं घुलता, मासिक से पहले गले में दर्द-MAGNESIUM CARBONICUM-30 की एक खुराक रोजाना। मासिक के समय योनि-द्वार की बजाय नाक से रक्तस्त्राव – BRYONIA-30 दिन में दो बार ।
➺ महीनों तक दमित मासिकस्राव-सबल SABAL SERRULATA-Q की पाँच से दस बूँदें, दिन में दो बार
➺ अविकसित मासिक-धर्म, बढ़े टॉन्सिलों, कमजोरी और थकान से संबंधित, कुछ भी करने पर साँस फूल जाना-TUBERCULINUM-1M की एक खुराक, आवश्यकता पड़ने पर दुहराएँ।
➺ मम्प्स का मेटास्टेटिस (स्थान परिवर्तन), स्तनों या अंडकोषों तक है-Carbo Vegetabilis-1M की एक खुराक दुहराएँ नहीं पहुँचता
➺ मम्प्स का अंडकोषों या दुग्ध-ग्रंथियों तक स्थान परिवर्तन- ABROTANUM-30 की दिन में तीन बार ।
➺ मम्प्स का स्थान परिवर्तन, स्तनों या अंडकोषों तक पहुँचता है PULSATILLA-1M की एक खुराक प्रतिदिन।
➺ प्रचुर मासिकस्राव, काला तथा थक्केदार रक्त, अधिक यौनेच्छा, सहवास के दौरान अचेत हो जाना-PLATINUM METALLICUM-200 की कुछ खुराक ।
➺ दूध कम बनना, स्तन की अति संवेदनशीलता के साथ-ASA FOETIDA-6, दिन में तीन बार ।
➺ दूध दब जाना, स्तनों का सिकुड़ता-Secale cornutum-30 दिन में तीन बार। अविवाहित लड़कियों और विधवाओं के स्तन से दूध निकलना PULSATILLA-30 दिन में तीन बार।
➺ दुग्धपान करानेवाली माताओं में दूध बढ़ाने के लिए-LAC VACCINUM DEFLORATUM-30 हर छह घंटे पर।
➺ महिला के चेहरे पर मूँछों का उगना या अवांछित बाल THUJA 200 सप्ताह में दो बार, पंद्रह दिनों तक, जैतून के तेल में बराबर मात्रा में नीबू का रस मिलाकर बालोंवाले भाग पर नियमित रूप से मलें या THYROIDINUM 200 की सप्ताह में एक खुराक और सप्ताह के बाकी दिनों में THUJA-30 रोजाना और एक माह के बाद THYROIDINUM के स्थान पर LYCOPODIUM-200 सप्ताह में एक बार और THUJA-30 को पहले की तरह दें।
➺ गर्भावस्था के दौरान मिचली और वमन- IPECACUANHA 30 दिन में दो बार।
➺ मिचली और वमन, मस्कुलर सिस्टम के ढीलेपन और मुँह में लार के . अत्यधिक संग्रह के साथ-LOBELIA INFLATA-6 हर वमन के बाद एक खुराक।
➺ मिचली, गर्भावस्था के दौरान निरंतर या दौरों में, खाना खाने के बाद स्थिति खराब, जीभ साफ-ASARUM EUROPAEUM-6 दिन में दो बार।
➺ निपल में दर्द और दरार, पूरे शरीर में दर्द फैल जाता है, दूध पिलाते समय अधिक PHYTOLACCA 200 की एक खुराक प्रतिदिन
➺ निपल में दर्द, कपड़ों के स्पर्श से भी दर्द-PETROLEUM-30 दिन में दो बार।
➺ गर्भाशय में दर्द, जख्म जैसा एहसास MUREX PURPUREA-6 की एक खुराक प्रतिदिन ।
➺ दाएँ स्तन पर एक बिंदु में दर्द- KALIUM BICHROMICUM-30 दिन में दो बार।
➺ गर्भाशय में दर्द, पीठ से पेट तक आता है, साँस लेने में कठिनाई, अंगों के उभार से बचने के लिए पैरों को मोड़ना SEPIA 200 की कुछ खुराकें। . प्रसव पीड़ा जैसा दर्द, ऐसा महसूस होना कि योनि से कुछ बाहर आ रहा है, इसलिए पैरों को मोड़कर बैठती है SEPIA-200 की कुछ खुराकें।
➺ दर्द, बच्चे को दूध पिलाते समय निप्पल से पीठ की ओर जाता है-CROTON TIGLIUM-30 दिन में दो बार।
➺ गर्भावस्था के दौरान मिथ्या पीड़ा-VIBURNUM OPULUS-Q की पानी में दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार।
➺ रजोनिवृत्ति-काल में स्तनों के नीचे दर्द-ACTAEA RACEMOSA-Q की दो से तीन बूँदें, दिन में दो बार ।
➺ गर्भनाल के स्थिरीकरण के लिए-CIMICIFUGA RACEMOSA-30 दिन में तीन बार या CAULOPHYLLUM-30 दिन में तीन बार।
➺ गर्भनाल के कारण संकुचन-Secale cornutum-30 दिन में दो बार ।
➺ गर्भावस्था की जटिलताएँ, तीव्र वमन, गर्भधारण के बाद एसिडिटी, जल्दी-जल्दी मूत्र-त्याग के साथ तंत्रिका-शूल, सिरदर्द, गुदा में दर्द, गॉल ब्लेडर में दर्द, पीलिया, यकृत का बड़ा होना और संवेदनशीलता-लैक LAC VACCINUM DEFLORATUM-200 की एक खुराक रोजाना।
➺ गर्भावस्था का वहम, स्त्री सोचती है कि वह गर्भवती है, लेकिन लक्षण परिवर्तनशील होते हैं, शाम में स्थिति बदतर-PULSATILLA-30 दो सप्ताह में एक बार।
➺ गर्भावस्था के दौरान मिचली तथा वमन-LOBELIA INFLATA-30 दिन में तीन बार।
➺ गर्भावस्था के दौरान पानी पीने में असमर्थ PHOSPHORUS-30 की खुराक प्रतिदिन ।
➺ गर्भावस्था के दौरान खाने के बाद खराब स्थिति, निरंतर बेहोशी-ASARUM EUROPAEUM-6 दिन में तीन बार एक जम्हाई और
➺ गर्भाशय या योनि का खिसक जाना, मल-त्याग करते समय, अत्यंत कमजोरी-STANNUM METALLICUM-200 सप्ताह में एक खुराक
➺ गर्भाशय या योनि का खिसक जाना, सँकरी पेडूवाली महिलाओं में ऐसा महसूस होना मानो पेडू से सबकुछ बाहर आ जाएगा, पैर को क्रॉस करना जरूरी-SEPIA-1M की माह में एक खुराक। बार।
➺ गर्भाशय का दबाव से खिसक जाना-RHUS TOXICODENDRON-30 दिन में तीन
➺ गर्भाशय का खिसक जाना, भारी सामान उठाने से या दबाव, कब्ज या प्रसव के बाद PODOPHYLLINUM-30 दिन में तीन बार।
➺ गुदा या गर्भाशय का खिसक जाना, एनीमिया से ग्रस्त कमजोर महिलाओं में MANGANUM ACETICUM-30 की एक खुराक रोजाना।
➺ स्थायी तौर पर गर्भाशय का खिसक जाना-LYSSINUM-30 की एक खुराक रोजाना।
➺ गर्भाशय का खिसक जाना, एनीमिया या एल्बुमिनेरिया से, पीठदर्द, श्वेत प्रदर, गर्भाशय में दर्द- HELONIAS DIOICA-6 दिन में दो बार ।
➺ गर्भाशय का खिसक जाना, श्वेत प्रदर, कष्टप्रद मासिक धर्म और गर्भाशय से रक्तस्राव – Aurum Muriaticum Natronatum-उएक्स दिन में दो बार ।
➺अधिक दिनों तक प्रसवोत्तर स्राव, लगातार कई दिनों तक टपकना . CAULOPHYLLUM-6 हर छह घंटे पर।
➺ रजोनिवृत्ति के दौरान योनि में खुजली-THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार।
➺ योनि में खुजली, रेशेदार श्वेत प्रदर, गाढ़ा पीला-HYDRASTIS CANADENSIS-30 सुबह-शाम
➺ योनि में खुजली, जो गर्भावस्था के दौरान हस्तमैथुन का कारण बनती है। और कीड़े उत्पन्न करती है, और जो छोटी लड़कियों की योनि में प्रवेश कर जाते हैं LEDUM PALUSTRE-30 दिन में तीन बार।
➺ गुप्तांगों में खुजली, गर्भावस्था के दौरान बवासीर, जिसके कारण लेटने में असमर्थ-COLLINSONIA CANADENSIS-3 हर छह घंटे पर।
➺ भग में खुजली-PLATINUM METALLICUM 200 दो सप्ताह में एक बार।
➺ प्रसूति संबंधी ऐंठन, प्रसव के बाद भी इसका जारी रहना या प्रसव पीड़ा के दौरान कुछ सेकंडों के लिए साँस रुक जाना, शरीर के ऊपरी भाग का अधिक प्रभावित होना-CICUTA VIROSA-30 हर छह घंटे पर।
➺ प्रसूति संबंधी मरोड़, चेतनता के साथ, सिर और चेहरे में संकुचन, हाथ पैर ठंडे, जोर से चीखना, लगातार बात करना, हमेशा प्रार्थना करना STRAMONIUM-6 दिन में तीन बार।
➺ प्रसूति ज्वर-ARNICA-6 या 30 हर चार घंटे पर।
➺ प्रसूति ज्वर, प्रसवोत्तर स्राव रुकने के बाद, कमजोरी के साथ, शरीर का दुखना-BAPTISIA TINCTORIA-12 दिन में तीन बार
➺ प्रसूति ज्वर, दुर्गंधयुक्त स्राव के साथ-CROTALUS HORRIDUS हॉरीडस-6 हर छह घंटे पर।
➺ प्रसूति ज्वर, अन्य रोगों से संबंधित PYROGENIUM-30 हर छह घंटे पर।
➺ गर्भवती महिलाओं में लार निकलना-KALIUM IODATUM-30 हर छह घंटे पर।
➺ बाँझपन (महिलाएँ)–क्लोव ऑयल (लौंग का तेल) चीनी में दस-पंद्रह बूँदें रोजाना गर्भधारण में मदद करता है या THLASPI BURSA PASTORIS-Q रोजाना देना भी उतना ही उपयोगी है।
➺ महिलाओं में बाँझपन, पुराने और अत्यधिक श्वेत प्रदर के कारण – PULSATILLA-200 एक खुराक रोजाना।
➺ बाँझपन, शुक्राणु का नहीं टिक पाना, योनि से अधिक स्त्राव, जो हलकी सी उत्तेजना पर भी स्त्रावित होने लगता है NATRIUM CARBONICUM-30 सुबह-शाम
➺ बाँझपन, किसी भी कारण से BORAX-6 दिन में तीन बार तथा Aurum Muriaticum Natronatum-3X दिन में तीन बार।
➺ बाँझपन, योनि से तिक्त स्राव के कारण PICRIC ACID 200 एक खुराक रोजाना।
➺ बाँझपन, फेलोपियन ट्यूब बंद होने के कारण-CALCAREA FLUORICA-12X दिन में दो बार, तीन माह तक बाँझपन, अत्यधिक यौन-संलिप्तता या उत्तेजना के कारण, सहवास समय बेहोश हो जाना-PLATINUM METALLICUM-200 दो सप्ताह में एक बार।
➺ दूध पिलानेवाली महिलाओं में मुँह की सूजन-HYDRASTIS-6 दिन में दो बार।
➺ स्तन में ट्यूमर, मोटी महिलाओं में THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार। अंडाशय का ट्यूमर, अक्खड़, उग्र और हिस्टेरिकल महिलाओं में, पीडायुक्त मासिकस्नाव-PULSATILLA-200 दो सप्ताह में एक बार।
➺ गर्भाशय संबंधी विकार, खिसक जाना, दर्द, हृदय की तेज धड़कन, सिरदर्द, मल त्याग और मूत्र-त्याग की लगातार इच्छा-LILIUM TIGRINUM-30 दिन में तीन बार ।
➺ गर्भाशय संबंधी फायब्रॉयड, साथ ही पेट के निचले हिस्से में, भी THUJA-200 की एक खुराक फायब्रॉयड का विकास रोकने में मदद करता है, दुहराने की आवश्यकता।
➺ गर्भाशय संबंधी फायब्रॉयड, रक्तस्राव कम मात्रा में लेकिन लंबे समय तक रहता है–PHOSPHORUS-30 दिन में तीन बार।
➺ गर्भाशय संबंधी फायब्रॉयड, बड़ा और सख्त-ऑरNATRIUM MURIATICUM-6 दिन में दो बार।
➺ गर्भाशय संबंधी फायब्रॉयड, अत्यधिक गर्भाशय रक्तस्त्राव, तीव्र पीड़ा THLASPI BURSA PASTORIS-6 दिन में दो बार गर्भाशय संबंधी फायब्रॉयड, दर्दयुक्त मासिकस्राव और पैरों में मरोड़ FRAXINUS AMERICANA-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार ।
➺ गर्भाशय से रक्तस्त्राव, प्रचुर प्रवाह, हर दो सप्ताह पर, पीला चेहरा, आसानी से मूर्च्छित हो जाना, हृदय का तेज स्पंदन, कानों में आवाजें सुनाई देना, पेट के गहर में दर्द का एहसास TRILLIUM PENDULUM पेंडुलम-Q दिन में तीन बार।
➺ गर्भाशय संबंधी समस्याएँ, गर्भाशय के क्षेत्र में दर्द, योनि से रक्तस्त्राव होने पर बेहतर महसूस होना, गर्भाशय के क्षेत्र में हलका सा स्पर्श और दबाव भी असहनीय LACHESIS 200 की एक खुराक, यदि लक्षण बरकरार रहें तो दुहरा सकते हैं।
➺ गर्भाशय का खिसक जाना-CALCAREA FLUORICA-12 X दिन में तीन बार।
➺ गर्भाशय का खिसक जाना, हलका दर्द जो चलने और दबाव से कम हो जाता है, कमजोर गर्भाशय-ABIES CANADENSIS 30 हर छह घंटे पर।
➺ गर्भाशय का खिसक जाना, अधिक यौन उत्तेजनावाली महिलाओं में, दबाए जाने का एहसास, जैसे अंगों को बाहर धकेला जा रहा हो, दबाव में राहत के लिए बैठना जरूरी-MUREX PURPUREA-30 दिन में दो बार
➺ गर्भाशय का खिसक जाना, ऐसा लगना मानो पेट के सभी पदार्थ योनि से बाहर आ जाएँगे, खड़े होने या सीधे बैठने पर स्थिति बेहतर, लेटने पर बदतर -BELLADONNA-30 दिन में तीन बार।
➺ गर्भाशय का अपने स्थान से खिसक जाना-ABIES NIGRA-30 हर छह घंटे पर।
➺ गर्भाशय का खिसक जाना या बढ़ जाना—FRAXINUS AMERICANA-Q की दस-पंद्रह बूँदें ।
➺ गर्भाशय की सक्रियता बढ़ाने के लिए-PYROGENIUM-200 दिन में दो बार ।
➺ अविकसित गर्भाशय, गर्भपात का कारण बनता है- PLUMBUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार ।
➺ योनि से प्रचुर स्राव – Mercurius Vivus-200 और MERCURIUS SOLUBILIS-200 दोनों की एक खुराक, सुबह के समय।
➺ शुष्क योनि, उससे गैस निकलना-LYCOPODIUM 200 सप्ताह में एक खुराक।
➺ योनिस्राव, रेशेदार और पीला-HYDRASTIS CANADENSIS-6 दिन में तीन . बार।
➺ योनि की सूजन, योनि से हरा स्राव – Mercurius Vivus 200 और MERCURIUS SOLUBILIS-200 दोनों की एक-एक खुराक
➺ वेसो-मोटोरियल विकार, चेहरे का लाल हो जाना, चक्कर आना, मूर्च्छा दौरे और निम्न रक्तचाप THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार। के
➺ गर्भावस्था के दौरान वमन, चक्कर, बिस्तर से उठते समय बेसुध-सा महसूस करना-COCCULUS INDICUS-30 हर छह घंटे पर।
➺ गर्भावस्था के दौरान वमन-SYMPHORICARPUS RACEMOSUS-200 हर तीन घंटे पर।
➺ सहवास के दौरान भग में दर्द, संवेदशील और सहवास को सहन न कर पाना-PLATINUM METALLICUM 30 की एक खुराक प्रतिदिन
➺ रजोनिवृत्ति के दौरान गरमी के दौरे SEPIA 200 की एक खुराक, जब भी आवश्यकता हो, दुहराएँ।.
➺ मोटी महिलाओं में हर मासिक धर्म के समय जोड़ों की सूजन THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार।
➺ महिलाओं में परिवर्तनशील मूड, यानी कभी अच्छे और तुरंत फिर खराब मूड में PLATINUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।