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माइरिस्टिका सेबीफेरा (Myristica sebifera)

परिचय-माइरिस्टिका सेबीफेरा औषधि का प्रयोग उन फोड़े-फुंसियों को ठीक करने के लिए किया जाता है जिनमें मवाद भरी होती है। यह विशिष्ट एण्टीसेप्टिक दवाई माना जा सकता है।माइरिस्टिका सेबीफेरा औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी है-शरीर के बाहरी अंगों से सम्बन्धित लक्षण :- जब शरीर के कई अंगों में …

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माइरिका सेमीफेरा Myrica Cemifera

परिचय-माइरिका सेमीफेरा औषधि की प्रभावी क्रिया पाचन संस्थान की श्लेष्म कलाओं पर होती है, लेकिन कभी-कभी इस औषधि के उपयोग से पीलिया रोग भी हो जाता है। यह पित्त के स्राव को भी रोकता है।माइरिका सेमीफेरा औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी है-मन से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी का …

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माइरिका सेरिफेरा (Myrica cerifera)

परिचय-माइरिका सेरिफेरा औषधि का प्रयोग होम्योपैथी चिकित्सा में दो से तीन बीमारियों को ठीक करने लिए किया जाता है, जैसे- पीलिया और उसके साथ ही सुबह के समय में सिर दर्द होना। सभी प्रकार के श्लेष्मा से सम्बन्धित रोग अर्थात रोगी को सर्दी हो गई हो और नाक से अधिक मात्रा में कफ जैसा पदार्थ …

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मास्कस (Moschus) कस्तूरी (Musk)-मास्क-Mosch

परिचय-मास्कस औषधि को हिन्दी में मृगानाभि कहते हैं। यह उन लड़कियों के लिए विशेष उपयोगी है जो अधिक जिद्दी, स्वार्थी और मनमानी करने वाली होती है या फिर हिस्टीरिया रोग से पीड़ित होती है। हिस्टीरिया रोग से ग्रस्त लड़कियों के लक्षणों को समझना बहुत कठिन है। हिस्टीरिया रोग से पीड़ित लड़कियों में ऐसे लक्षण होते …

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मॉर्फिनम (Morphinum)

परिचय-अफीम के साथ मॉर्फिनम औषधि का वैसा ही सम्बन्ध है जैसा कि बेलेडोना के साथ ऐट्रोपिन का सम्बन्ध है अर्थात मॉर्फिनम औषधि का प्रयोग स्नायुविक (नाड़ियों से सम्बन्धित) लक्षणों से सम्बन्धित रोग से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए किया जाता है।किसी भी तरह का दर्द या दर्द के कारण रोगी को …

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मोमोर्डिका बालसैमिना (Momordica balsamina)

परिचय-मोमोर्डिका बालसैमिना औषधि का प्रयोग कई प्रकार के रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता हैं जो इस प्रकार हैं- पेट में मरोड़ होना, पेट का दर्द, पीठ का दर्द, पाचन संस्थान में दर्द, स्त्रियों के मासिकधर्म के समय में अधिक मात्रा में स्राव होना, पेट में हवा भर जाना तथा जलोदर रोग।मोमोर्डिका बालसैमिना …

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मिचेला रिपेन्स (Mitchella Repens)

परिचय-मिचेला रिपेन्स औषधि की प्रभावी क्रिया स्त्रियों के जननेन्द्रियों पर और मूत्रयंत्र पर अधिक होती है।मिचेला रिपेन्स औषधि का प्रयोग कई प्रकार के रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता हैं जैसे – मासिकधर्म में अधिक रक्तस्राव होना, बहुत थोड़ा रक्तस्राव होना, मासिकधर्म देर से होना, गर्भाशय की ऊपरी (जरायु) झिल्ली का रोग ग्रस्त …

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मिलिफोलियम (Millefolium)

परिचय-शरीर के अंगों से खून बहने पर खून को बहने से रोकने के लिए मिलिफोलयम औषधि का उपयोग करना चाहिए। हार्निया रोग, चेचक का रोग तथा साथ ही पेट में दर्द हो रहा हो तो मिलिफोलयम औषधि का प्रयोग करना चाहिए जिसके फलस्वरूप रोग ठीक हो जाता है। पथरी रोग को ठीक करने के लिए …

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माइकोमेरिया (Micromeria)

परिचय-माइकोमेरिया कैलीफोर्निया का पुदीना जैसा एक पौधा है। इस औषधि का प्रभाव आमाशय तथा आंतों पर होता है। पेट के दर्द को ठीक करने तथा पेट फूलने पर इसे चाय की तरह पीने से रोग ठीक हो जाता है। माइकोमेरिया औषधि आनन्ददायक पेय पदार्थ है जो बुखार को खत्म करता है, खून को साफ करता …

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मेजीरियम (Mezereum)

परिचय-चर्म रोग के लक्षणों से पीड़ित रोगी, हडि्डयों से सम्बन्धित रोग से पीड़ित रोगी, स्नायुशूल (नाड़ियों में दर्द) से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए मेजीरियम औषधि का उपयोग करना चाहिए। दांत और चेहरे के आस-पास के रोग ग्रस्त भाग को ठीक करने में मेजीरियम औषधि उपयोगी है।रोगी की हडि्डयों में कुचलने …

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मेथिलिन ब्लू (Methylene blue)

मेथिलिन ब्लू औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी है-स्नायुशूल (नाड़ियों में दर्द होना) के रोग को ठीक करने के लिए मेथिलिन ब्लू औषधि का प्रयोग करना चाहिए।नाड़ियों में किसी प्रकार की कमजोरी महसूस होने पर मेथिलिन ब्लू औषधि से उपचार करना चाहिए जिससे रोगी को अधिक आराम मिलता है।मलेरिया …

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मर्क्यूरियस सल्फ्यूरिकस (Mercurius Sulphuricus)

परिचय-रोगी को पानी जैसा पतला मल आ रहा हो तथा इसके साथ ही मलद्वार में जलन हो रही हो, जीभ की नोक पर दर्द हो रहा हो, टांगों में सूजन आ गई हो, सूर्य की रोशनी में रहने से छींके आ रही हो, सुबह के समय में दस्त हो गया हो और मल पीले रंग …

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मर्क्यूरियस प्रोटियोडाइड Mercurius Protoiodatus

परिचय-जीभ का अगला भाग या नोक लाल या पीली हो गई हो तथा पिछले भाग पर गहरे पीले रंग की परत जम गई हो और जीभ पर दान्त के निशान पड़ गये हो तथा इसके साथ ही गले में सूजन आ गई हो और यह सूजन दाहिनी गले के तरफ हो और बाईं ओर भी …

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मर्क्यूरियस आयोडेटस रुबर (Mercurius iodatus rubber)

परिचय-डिफ्थीरिया रोग होना तथा शरीर के कई भागों में घाव होना और घावों पर तेज दर्द होना, शरीर के बाईं भाग में अधिक घाव होना तथा दर्द होना इसके साथ ही ग्रन्थियों में सूजन आ जाना, त्वचा के कई भागों पर गिल्टियां भी पड़ जाती है, सख्त फोड़ा तथा फुंसियां होना, गले के कई प्रकार …

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मर्क्यूरियस आयोडेटस फ्लैवस (Mercurius iodatus flavus)

परिचय-गले के रोगों के साथ ग्रन्थियों की अत्यधिक सूजन तथा जीभ पर मैल की परत जम जाती है, शरीर का दायां भाग रोग से अधिक प्रभावित होता है, शरीर पर घाव हो जाता है तथा शरीर की कठोरता लम्बे समय तक बनी रहती है, छाती पर सूजन हो जाती है और छाती कठोर हो जाती …

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मर्क्यूरियस डलसिस (Mercurius dulcis)

परिचय-कान से पीब आना तथा इसके साथ ही कान में जलन और दर्द होने पर मर्क्यूरियस डलसिस औषधि का उपयोग करने से रोगी को लाभ मिलता है।अतिसार होने के साथ में मलद्वार पर दर्द होना, पुर:स्थग्रन्थि में सूजन होना, रुक-रुककर बुखार आना, विवर्णता, पेट में वायु बनने के कारण पेट में सूजन आना आदि लक्षणों …

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माइगेल लैसियोडोरा (Mygale lasiodora)

परिचय-माइगेल लैसियोडोरा औषधि कई प्रकार के कीड़े-मकोड़े के जहर से बनाई जाती है। यह नर्तन रोग (ऐसा रोग जिसमें रोगी पागल होकर नाचने लगता है) को ठीक करने के लिए अधिक उपयोगी औषधि है। नर्तन रोग जब बहुत अधिक खतरनाक रूप धारण कर लेता है तो चेहरे की पेशियों में फड़कन होने के लक्षण दिखाई …

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म्यूरिएटिकम एसिडम (Muriaticum acidum)

परिचय-म्यूरिएटिकम एसिडम औषधि का प्रभाव खून पर अधिक होता है। ऐसे रोगी जिसे बहुत अधिक कमजोरी हो तथा बैठते ही उसकी आंखें बंद होने लगती हैं तथा रोगी का निचला जबड़ा ढीला पड़ा गया हो, रोगी जब बिस्तर पर सोता है तो वह इधर-उधर सरकता रहता है। ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को …

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म्यूरेक्स (म्यूरेक्स पप्र्ययूरिया) (Murex)

परिचय-म्यूरेक्स औषधि स्त्रियों के जननेन्द्रियों को अधिक प्रभावित करने वाली औषधि है। चिकित्सा के क्षेत्र में यह प्रमाणित हो चुका है कि यह स्नायविक, तत्पर व स्नेहवत्सल स्त्रियों के लिए विशेष उपयोगी है और रोगी के कमजोरी को दूर करके स्वस्थ्य करती है।म्यूरेक्स औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी …

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माइरिका (Myrica)

परिचय-माइरिका औषधि का उपयोग करने से यकृत की क्रिया में सुधार होता है, कामला रोग (जोण्डिस.पीलिया रोग) को ठीक करने के लिए माइरिका औषधि का उपयोग किया जा सकता है तथा इसके प्रयोग से श्लैष्मिक झिल्लियों की क्रिया में सुधार होता है।माइरिका औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी है-मन …

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