वेस्पा क्रैब्रो Vespa Crabro

परिचय-
वेस्पा क्रैब्रो औषधि वैसे तो बहुत से रोगों के लक्षणों में बहुत अच्छा असर करती है लेकिन होम्योपैथिक चिकित्सा में ये औषधि त्वचा और स्त्री की जननेन्द्रियों पर बहुत अच्छा असर डालती है। त्वचा का सुन्न हो जाना, बेहोशी, जी मिचलाने और उल्टी आने के बाद ठण्ड का पैरों से ऊपर की ओर चढ़ना, बगल की गांठों में सूजन आने के साथ ही बांहों में ऊपर की ओर दर्द होना आदि में भी ये औषधि बहुत अच्छा असर करती है।
विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर वेस्पा क्रैब्रो औषधि से होने वाले लाभ-
चेहरे से सम्बंधित लक्षण- रोगी के चेहरे पर सूजन के साथ दर्द होना। आंखों की पलकों पर जहरीले फोड़े-फुंसियां जैसी जलन होना। चेहरे पर जलन के साथ सूजन आना। चेहरे और गले की सूजन के साथ ही बहुत तेज दर्द होना आदि लक्षणों में रोगी को वेस्पा क्रैब्रो औषधि देने से लाभ मिलता है।
मूत्र (पेशाब) से सम्बंधित लक्षण- रोगी के पेशाब करते समय पेशाब की नली में खुजली और जलन सी होना जैसे लक्षणों के आधार पर रोगी को वेस्पा क्रैब्रो औषधि का सेवन कराना लाभदायक रहता है।
स्त्री रोगों से सम्बंधित लक्षण- स्त्री को मासिकस्राव आने से पहले बहुत तेजी से दर्द होना, पेशाब करते समय योनि में बहुत तेज जलन के साथ खुजली होना, स्त्री के गर्भाशय के मुंह पर चारों तरफ जख्म से होना, स्त्री के बाएं डिम्बाशय का रोगग्रस्त होना, रीढ़ की हड्डी के निचले भाग का दर्द पीठ में पहुंच जाता है। इस तरह के लक्षणों में रोगी को वेस्पा क्रैब्रो औषधि देना बहुत ही उपयोगी साबित होता है।
चर्म (त्वचा) से सम्बंधित लक्षण- रोगी की त्वचा पर बहुत जलन के साथ खुजली होना, रोगी की त्वचा पर दंशज पीड़ा और परेशानी होना, त्वचा पर अधिक मात्रा छोटे-छोटे लाल रंग के दाने होना जो सिर्काम्ल से धोने से कम हो जाती हैं। त्वचा पर बहुत तेजी से, लाल, जलन के साथ सूजन का आना। त्वचा पर दाग-धब्बे और सूजन का होना आदि लक्षणों में रोगी को वेस्पा क्रैब्रो औषधि देने से लाभ मिलता हैं।
प्रतिविष-
सेम्पर्वाईसवम टेक्टोरम औषधियों का उपयोग वेस्पा औषधि के हानिकारक प्रभावों को दूर करने के लिए किया जाता है।
वृद्धि-
रोगी के करवट लेकर लेटने से रोग बढ़ जाता है।
शमन-
पीठ के बल लेटने से रोगी का रोग कम हो जाता है।
तुलना-
वेस्पा क्रैब्रो औषधि की तुलना स्कौर्पिओ और एपिस के साथ की जा सकती है।
मात्रा-
रोगी को वेस्पा क्रैब्रो औषधि की 3 से 30 शक्ति तक देने से रोगी कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

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