विषजन्य रोग

➺ साँप के काटने पर THUJA -30 दिन में तीन बार

➺ तेज विष, जैसे- सिफलिस, मर्करी और स्क्रोफुला जनित रोग NITRICUM ACIDUM 30 दो सप्ताह में एक बार

➺ मधुमक्खी के दंश का विष दूर करने का इसका सामान्य लक्षण है पित्ती, नसों की सूजन-CARBOLICUM ACIDUM-6 दिन में तीन बार

➺ मॉरफीन का विष – मदर टिंचर में IPECACUANHA, पानी में दो से पाँच बूँदें।

➺ टिटनस, मांस में किरच घुस जाने से CICUTA VIROSA 200 की एक खुराक रोजाना ।

➺ टिटनस, विषहर – LEDUM PALUSTRE-200 दिन में दो बार या HYPERICUM PERFORATUM 30 दिन में दो बार विष का प्रभाव (यदि होम्योपैथिक दवाएँ बार बार की गई है) – SEPIA 1M की एक खुराक सभी विषों का प्रभाव दूर करती है।

➺ कुत्ते का काटना – LACHESIS 200 दो सप्ताह में एक बार

➺ पागल कुत्ते द्वारा काटना – BELLADONNA-1M एक सप्ताह तक दिया जाए और फिर BELLADONNA लाख पंद्रह दिनों पर ।

➺ चूहे के काटने पर – LEDUM PALUSTRE- 200 दो सप्ताह में एक बार ।

➺ साँप का काटना- GUAIACUM-30 दिन में दो बार

➺ मधुमक्खी का काटना – काटे गए स्थान पर ARNICA मलहम लगाएँ ।

➺ मधुमक्खी का काटना – CARBOLICUM ACIDUM 30 की एक खुराक तथा URTICA URENS बाहर से लगाएँ ।

➺ मधुमक्खी, मच्छर, ततैया (चूहा, बिल्ली आदि) द्वारा काटने पर – LEDUM PALUSTRE-30 दिन में दो बार

➺ कीटों द्वारा काटने से जलन तथा सूजन – CANTHARIS VESICATORIA 200 की एक खुराक रोजाना।

➺ कीड़ों द्वारा काटना, जिससे खुजली और तेज जलन होती है CALADIUM 6 दिन में तीन बार

➺ सीसा विषाक्तता – PLATINUM METALLICUM 200 दो सप्ताह में एक बार

➺ सीसा विषाक्तता, कब्ज, आँत के अवरोध या गुदा के पक्षाघात के कारण सख्त मल-PLUMBUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार ।

➺ कीड़ों के काटने, तंबाकू या मशरूम खाने का विषैला या खुजलीकारक प्रभाव – CAMPHORA 6 दिन में तीन बार

➺ रक्त विषाक्तता – PYROGENIUM 6 या 30 या Staphysagria 30 हर चार घंटे के अंतराल पर ।

➺ रक्त विषाक्तता – ECHINACEA-Q दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार।

➺ साँप का काटना – . – CEDRON-6, चार बार या पनामा 30 दिन में दो बार |

➺ साँप का काटना-GUACO 3X हर छह घंटे पर।

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