लैक डिफ्लोरेटम Lac Defloratum

परिचय-
लैक डिफ्लोरेटम औषधि उन व्यक्तियों के लिए अधिक लाभदायक है जिनको दूध नहीं पचता है और वे यह कहते हैं कि हम दूध पीने से ही बीमार हो जाते हैं। ऐसे बहुत से पुराने रोगी, जो दूध हजम नहीं कर सकते, वे बहुत ठण्डी प्रकृति वाले होते हैं, कितने ही गर्म कमरे में रहें या गर्म कपड़ें पहन लें ठण्ड नहीं जाती। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी ठण्ड बिलकुल भी नहीं पसन्द करते हैं, सिर का दर्द ठण्डक से कम रहता है लेकिन दूसरे स्थान पर रहने से दर्द बढ़ जाता है, गर्म मौसम में रहने से शरीर की सारी परेशानियां बढ़ने लगती है, जब रोगी स्थिर अवस्था में रहता है तो परेशानियां कम होती है और रोग ग्रस्त भाग को दबाने से दर्द से कुछ राहत मिलती है। लैक डिफ्लोरेटम औषधि उन रोगियों के लिए अधिक उपयोगी है जो दूध किसी रूप में हजम नहीं कर पाते। इन रोगियों में और भी कई प्रकार के लक्षण होते हैं जो इस प्रकार हैं- दस्त होना, जी मिचलाना, उल्टी होना, सिर में दर्द, डकारें आना, दूध पीने से बदहज़मी होना और अधिक मात्रा में पेशाब होना।
लैक डिफ्लोरेटम औषधि का प्रयोग अधिकतर उन रोगियों के रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता हैं जिनमें इस प्रकार के लक्षण होते हैं- अधिक निराश होना, जीवित रहने का मन न करना, मृत्यु का भय बिल्कुल न होना और यह सोचना की मृत्यु अब निश्चित ही होगी।
यह पोषण दोष के साथ उत्पन्न होने वाले रोगों को ठीक करने के लिए अत्यधिक उपयोगी औषधि है, उल्टी के साथ सिर दर्द होना और साथ ही अधिक मात्रा में पेशाब होना। इस प्रकार के लक्षणों को दूर करने में यह उपयोगी है।
विभिन्न लक्षणों में लैक डिफ्लोरेटम औषधि का उपयोग-
सिर से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को अधिक निराशा होती है तथा सुबह के समय में जागने पर सिर में दर्द होता है और दर्द का असर माथे से शुरू होता है और सिर के पिछले भाग तक फैल जाता है, उल्टियां होती है तथा जी मिचलाने के साथ ही आंखों की रोशनी कम हो जाती है, कब्ज की समस्या हो जाती है, शोरयुक्त माहौल, रोशनी, चलना-फिरना और मासिकधर्म के समय में रोग के लक्षणों में वृद्धि होती है, सिर पर दबाव देने तथा सिर को किसी पट्टी से बांधने से कुछ राहत मिलती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए लैक डिफ्लोरेटम औषधि का प्रयोग लाभदायक है।
मल से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को कब्ज की समस्या हो जाती है तथा इसके साथ ही मल कठोर, लम्बा होता है जिसे बाहर निकालने के लिए बहुत जोर लगाना पड़ता है और मलद्वार पर दर्द होता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए लैक डिफ्लोरेटम औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
मासिकधर्म से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी स्त्री का मासिकधर्म देर से आता है तथा ठण्डे पानी में हाथ रखने से मासिकस्राव आना बंद हो जाता है, एक गिलास दूध पीने से ही मासिकस्राव दूसरे मासिकस्राव के समय तक तुरन्त बंद हो जाता है। ऐसे लक्षणों से पीड़ित स्त्री रोगी के रोग को ठीक करने के लिए लैक डिफ्लोरेटम औषधि उपयोग लाभदायक है।
सूजन से सम्बन्धित लक्षण :- दिल में रोग होने के कारण या लीवर में किसी प्रकार का रोग होने के कारण या ऐलब्यूमिन्यूरिया के कारण या आन्त्र ज्वर के कारण शरीर फूल रहा हो तो रोग को ठीक करने के लिए लैक डिफ्लोरेटम औषधि का प्रयोग लाभकारी है।
उल्टी से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी जब उल्टी करता है तो उल्टी में अधपचा भोजन बाहर आ रहा हो जो अधिकतर क्षारीय होता है तथा बाद में कडुवाहट भरा पानी निकल रहा हो तो ऐसे लक्षणों को दूर करने के लिए लैक डिफ्लोरेटम औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
पेट से सम्बन्धित लक्षण :- ऐसा महसूस हो रहा हो कि पेट में वायु का गोला है तथा इसके साथ ही सांस लेने में परेशानी हो रही हो तथा हिस्टीरिया रोग के लक्षण भी दिखाई दे रहे हों तो ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए लैक डिफ्लोरेटम औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
गर्भावस्था से सम्बन्धित लक्षण :- यदि किसी स्त्री को गर्भावस्था के समय में उल्टियां हो रही हो तो उपचार करने के लिए लैक डिफ्लोरेटम औषधि का प्रयोग लाभदायक है जिसके फलस्वरूप रोगी स्त्री का यह लक्षण दूर हो जाता है और आराम मिलता है।
सम्बन्ध (रिलेशन) :-
छोटे बच्चे के अतिसार रोग, खट्टी डकारें आना तथा पेट में दर्द होना आदि लक्षणों को ठीक करने के लिए कोलोस्ट्रम तथा नेट्र-म्यूरि औषधियों का उपयोग किया जाता है लेकिन रोग के ऐसे ही लक्षणों को ठीक करने के लिए लैक डिफ्लोरेटम औषधि का भी उपयोग कर सकते हैं। अत: कोलोस्ट्रम तथा नेट्र-म्यूरि औषधि के कुछ गुणों की तुलना लैक डिफ्लोरेटम औषधि से कर सकते हैं।
मात्रा (डोज) :-
लैक डिफ्लोरेटम औषधि की छठी से तीसवीं शक्ति तक तथा उच्चतर शक्तियों का प्रयोग रोगों को ठीक करने के लिए करना चाहिए।

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