बच्चों के रोग

➺ बच्चों में गले की गिल्टी, नाक की जड़ सबसे अधिक पीड़ित होती है CALCAREA IODATA-30 दिन में तीन बार।

➺ गिल्टी के साथ नाक से गाढ़ा हरा पदार्थ निकलना-CALCAREA FLUORICA-30 दिन में दो बार ।

➺ बच्चों में दाँत निकलने के समय होनेवाली परेशानी-CHAMOMILLA-30 में तीन बार।

➺ शरीर के एक भाग में होनेवाली परेशानी, जैसे एक ओर का सिरदर्द, बुखार आदि- PULSATILLA-30 हर छह घंटे पर।

➺ बच्चों में संवेदनशून्यता, मुँह में सफेद छोटे घाव-MERCURIUS SOLUBILIS-30 (अत्यधिक लार टपकना), सुबह और शाम की खुराक या BORAX-6 (बिलकुल लार नहीं आता) दिन में दो बार या BRYONIA 30

➺ (मुँह की शुष्कता के कारण संवेदनशून्यता), सुबह तथा शाम की खुराक या ARUM TRIPHYLLUM-30 (नाक में पपड़ी जमना, हटाने पर रक्त निकलना) सुबह-शाम ।

➺ पेट के कीड़ों के कारण बच्चों द्वारा बिस्तर गीला करना CINA MARITIMA-30 की एक खुराक रोजाना।

➺ बिस्तर गीला करना, लड़कों में SULPHUR-1M सुबह के समय एक खुराक।

➺ पहली नींद के समय बच्चों द्वारा बिस्तर गीला करना-CAUSTICUM-30 दिन में दो बार।

➺ बिस्तर गीला करना, बच्चा पहली नींद में बिस्तर गीला करता है, जिसमें पेशाब अधिक मात्रा में और दुर्गंधयुक्त होता है-KREOSOTUM-200 की प्रतिदिन एक खुराक।

➺ बिस्तर गीला करना- LAC CANINUM-30 दिन में तीन बार। 

➺ सोते समय बिस्तर गीला करना- THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार या LYCOPODIUM-200 की रोज एक खुराक

➺ बड़े बच्चों द्वारा बिस्तर गीला करना मूत्र-त्याग के दौरान जलन, मानसिक कमजोरी, मूत्र गहरे पीले रंग का, मूत्राशय में खुजली-KALIUM PHOSPHORICUM-6X दिन में दो बार चार-चार टेबलेट।

➺ बिस्तर गीला करना, दिन में अधिक, परंतु रात में भी FERRUM METALLICUM-30 दिन में दो बार

➺ बढ़ते बच्चों द्वारा बिस्तर गीला करना, मूत्र दुर्गंधयुक्त होता है और मूत्र के धब्बे आसानी से नहीं धुलते-BENZOICUM ACIDUM-6 हर छह घंटे पर।

➺ बिस्तर गीला करना, मूत्र-त्याग करके सोने के बाद और सोने के ठीक पहले कोई पेय पदार्थ नहीं पीने के बावजूद बच्चा रात के अंतिम पहर में बिस्तर गीला करता है- CHLORALUM HYDRATUM 200 की एक खुराक रोज।

➺ बिस्तर गीला करना, ठंड या मानसिक उत्तेजना के कारण रात के पहले चरण में CAUSTICUM-30 दिन में दो बार।

➺ बिस्तर गीला करना, मूत्राशय की मांसपेशियों की कमजोरी के कारण – FERRUM PHOSPHORICUM-6X दिन में दो बार (बुजुर्ग लोगों के लिए भी कारगर)।

➺ बिस्तर गीला करना (रोग-निरोधी)-BELLADONNA-30 दिन में दो बार।

➺ बिस्तर गीला करना, पहले चरण में SEPIA 200 की सप्ताह में एक खुराक। इससे लाभ न होने पर KREOSOTUM-200 सप्ताह में एक बार। बच्चे की नाभि से रक्तस्राव – ABROTANUM-30 दिन में दो बार ।

➺ शिशुओं की नाभि से रक्तिम द्रव का निकलना- CALCAREA PHOSPHORICA-30 दिन में तीन बार।

➺ बच्चे का डरकर जगना, भय से चिल्लाना, जो भी पास हो उससे चिपक जाना, किसी को न पहचानना- STRAMONIUM-6 दिन में तीन बार ।

➺ बच्चे का हर समय रोना-CHAMOMILLA-30 हर चार घंटे पर।

➺ बच्चे का पूरे दिन रोना तथा पूरी रात सोना LYCOPODIUM-200 की एक खुराक रोजाना।

➺ शुरू से ही बच्चों का कुत्तों तथा जानवरों से डरना-BACILLINUM BURNETT 200 सप्ताह में एक बार।

➺ बच्चा चॉक, पत्थर तथा अन्य अखाद्य पदार्थ खाना चाहता है ALUMINA-30 दिन में तीन बार तब तक जब तक यह प्रवृत्ति पूरी तरह से छूट न जाए, उसके बाद बंद कर दें।

➺ बच्चे का बाधित मानसिक तथा शारीरिक विकास-BARYTA CARBONICA 200 पंद्रह दिनों में एक बार।

➺ बच्चे का हठ-SILICEA-200 की एक खुराक रोजाना।

➺ बच्चा दिन में खेलता है, परंतु पूरी रात रोता है- JALAPA-6 दिन में तीन बार या PSORINUM 200 की एक खुराक रोजाना।

➺ क्रोधित माँ द्वारा स्तनपान कराने पर बच्चा दही जैसी गाँठों की तरह वमन तथा मल त्याग करता है-  Valeriana-3X दिन में तीन बार ।

➺ अपरिचित व्यक्ति को देखकर बच्चा रोने लगता है – ANTIMONIUM CRUDUM-6 दिन में तीन बार ।

➺ बच्चा पेट के बल सोता है- Medorrhinum-200 की एक खुराक नित्य ।

➺ माँ का दूध बच्चे को नहीं पचता-MAGNESIUM CARBONICUM दिन में दो बार।

➺ बच्चा दिन में सामान्य रहता है, परंतु रात में चिल्लाता है और बेचैन है, चिल्लाने के दौरान उसका शरीर नीला पड़ जाता है और शरीर तथा बगल की ओर झुकता रहता है- JALAPA – 12 हर घंटे।

➺ अच्छी तरह बच्चे की सफाई करने के बावजूद उसके पूरे शरीर से खट्टी गंध आती है, खट्टे एसिड का वमन- SULPHURICUM ACIDUM 200 की कुछ खुराकें।

➺ बच्चों में दिमागी बीमारियाँ, रात लगभग ग्यारह बजे तेज भूख लगना, खाने की तीव्र इच्छा, परंतु तेज न खा पाना-ZINCUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।

➺ बच्चों में ब्रोंकियल निमोनिया LYCOPODIUM 30 हर चार घंटे पर। .

➺ बच्चों में कब्ज, सूखा, सख्त तथा बड़ा मल-BRYONIA-30 दिन में चार बार।

➺ बच्चों में कब्ज, दो या तीन बार शौचालय जाने के बावजूद संतुष्टि नहीं NUX VOMICA-200 दिन में दो बार।

➺ बच्चों में कब्ज, यदि दूध बोतल से पिलाया जाए-ALUMINA-30 दिन में तीन बार।

➺ बच्चों में कब्ज, मल थोड़ा सा निकलता है और अचानक रुक जाता है—SILICEA-30 दिन में चार बार।

➺ बच्चों में कब्ज, यकृत की समस्या के साथ, गोलाकार पिंडों के रूप में मल-त्याग करता है- CHELIDONIUM MAJUS-30 दिन में तीन बार।

➺ बच्चे का विकास रुकना-THYROIDINUM-200 दो सप्ताह में एक बार।

➺ बच्चा गंदा, मैला होता है और नहाने में अरुचि दिखाता है, पेट बड़ा और पैर कमजोर होते हैं, बहुत भूख लगने पर भी दुर्बल रहता है, पसीने की दुर्गंध रहती है, त्वचा रोगों के प्रति संवेदनशील होता है SULPHUR-30 दिन में तीन बार

➺ बच्चे का अत्यंत चिडचिडा होना, किसी चीज की इच्छा करने और न मिलने पर क्रोधित हो जाता है, इच्छा पूरी होने पर ही शांत होता है CHAMOMILLA 200 सुबह-शाम

➺ बच्चे का चिड़चिड़ापन- BARYTA CARBONICA 200 दो खुराक (सुबह शाम), इसके बाद STAPHYSAGRIA 200 दो खुराक (सुबह-शाम) और सोते समय KALIUM PHOSPHORICUM-6X छह सप्ताह तक ।

➺ बच्चे का चिड़चिड़ापन, बच्चा व्यस्त, हिंसक और उतावला होता है MERCURIUS SOLUBILIS-200 की एक खुराक रोज दो सप्ताह तक बच्चे का चिड़चिड़ापन, संवेदनशील स्वभाव, स्पर्श किया जाना भी पसंद नहीं करता, गलती निकालने पर रुष्ट हो जाता है-NUX VOMICA- 200 एक खुराक रोज रात में, कुछ सप्ताह तक।

➺ बच्चे का चिड़चिड़ापन, जो स्पर्श किया जाना या देखा जाना पसंद नहीं करता, अधिक ध्यान देने या ध्यान न देने पर क्रोधित हो जाता है ANTIMONIUM CRUDUM 200 की एक खुराक रोज।

➺ जन्मजात सिफलिस से पीड़ित बच्चा, सूखा रोग, बड़ा पेट और शुष्क ढीली त्वचा SARSAPARILLA OFFICINALIS-6 दिन में तीन बार।

➺ सूखा रोग से पीड़ित बच्चा, चेहरा वृद्धों की तरह और झुरींदार शुष्क ढीली त्वचा- SARSAPARILLA OFFICINALIS-6 दिन में तीन बार।

➺ मौसम परिवर्तन के समय बच्चे को तुरंत सर्दी-जुकाम हो जाना— SEPIA 30 सप्ताह में एक खुराक ।

➺ बच्चा अकेले रहना पसंद करता है, बीमार होने पर चाहता है कि कोई उसे छुए नहीं, मगर गोद में ही रहे-ANTIMONIUM TARTARICUM-30 दिन में तीन बार।

➺ चॉक या अखाद्य पदार्थ खाने की इच्छा बच्चों में होना-CICUTA VIROSA-200 की एक खुराक रोजाना।

➺ बच्चे को ज्यादा पसीना आना, माथे पर, बड़ा सिर तथा खुले रंध्र वाला CALCAREA CARBONICA 200 एक खुराक।

➺ बच्चा बदमिजाज होता है, चीजों के लिए रोता है और उन्हें पा लेने पर फेंक देता है, सुबह अधिक चिड़चिड़ा होता है-Staphysagria-30 दिन में दो बार।

➺ छोटी संरचना के बच्चे, सर्दी-जुकाम तथा दमा के प्रति संवेदनशील Medorrhinum-30 दिन में दो बार।

➺ बच्चा हड्डियों का ढाँचा, कुरूप, गोल पेटवाला, जो निरंतर उदरशूल से पीड़ित रहता है, दाँत काले और मसूड़े स्पंजी, संवेदनशील तथा दर्दनाक हो जाते हैं-Staphysagria-30 दिन में दो बार।

➺ शिशुओं में क्रोनिक डायरिया- CROTON TIGLIUM-6 दिन में तीन बार। .

➺ बच्चों में उदरशूल, गोद में उठाने पर राहत-CHAMOMILLA-30 एक-एक घंटे के अंतराल पर ।

➺ बच्चों में उदरशूल-COLOCYNTHIS-30 हर घंटे पर या MAGNESIUM PHOSPHORICUM-6X चार टेबलेट कुनकुने पानी में घोलकर हर पंद्रह मिनट पर दो चम्मच, जब तक राहत न मिले।

➺ शिशुओं में उदरशूल, सुबह लगभग पाँच बजे दर्द KALIUM BROMATUM-3 दिन में तीन बार।

➺ बच्चे का उदरशूल, पेट को माँ के कंधे पर रखकर उठाने से बच्चे को राहत मिलती है-STANNUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।

➺ बच्चों में आत्मविश्वास का अभाव-SILICEA 200 की दो खुराक और फिर काली PHOSPHORUS-6X पानी में पाँच गोलियाँ डालकर रात में लें, एक माह तक।

➺ बच्चों में आत्मविश्वास का अभाव, बाधित विकास, अजनबी से संकोच, सर्दी-जुकाम तथा ग्रंथियों में वृद्धि-BARYTA CARBONICA 200 की दो खुराकें।

➺ बच्चों में कब्ज, मल-त्याग के लिए जोर लगाना पड़ता है, मल थोड़ा सा निकलता है और फिर वापस चला जाता है- SILICEA 200 की कुछ खुराकें।

➺ शिशुओं में कब्ज, दाँत निकलते समय, बड़ा तथा सख्त मल, मल त्याग . में परेशानी, गुदाद्वार पर मल टूट जाता है MAGNESIUM MURIATICUM-30 की सप्ताह में एक खुराक ।

➺ बोतल से दूध पिलाने के कारण बच्चे को कब्ज या डायरिया PODOPHYLLINUM-30 दिन में दो बार।

➺ कब्ज, क्रोनिक या शैशव संबंधी-HYDRASTIS CANADENSIS-Q पानी में दो से पाँच बूँदें दिन में दो बार या 200 एक खुराक रोजाना।

➺ दाँत निकलते समय ऐंठन या क्रोधित माता द्वारा बच्चे को – CHAMOMILLA 200 की एक खुराक रोजाना।

➺ नींद के अभाव या उसके दुष्परिणामों से मरोड़-COCCULUS INDICUS-30 दिन में दो बार।

➺ बच्चों में दाँत निकलने के दौरान झटके, दौरे के समय पीला चेहरा, ज्वर नहीं, आँखें उलट जाती हैं, दाँत किटकिटाना ZINCUM METALLICUM-30 दिन में दो बार ।

➺ भय या चीख से बच्चों में ऐंठन, बाद में चैतन्य होते हैं, खाने के तुरंत बाद वमन (आँतों में कीड़े के कारण)-HYOSCYAMUS NIGER-30 दिन में दो बार।

➺ भयभीत माता द्वारा अपना दूध पिलाने के बाद बच्चे में ऐंठन OPIUM-30 दिन में तीन बार

➺ बच्चों में दाँत निकलने के दौरान ऐंठन, साथ में ज्वर- ACONITUM NAPELLUS-6 दिन में तीन बार।

➺ चेतनता में ऐठन, चलने-फिरने से बदतर स्थिति, क्रोध-NUX VOMICA-30 दिन में दो बार

➺ ऐंठन–CUPRUM METALLICUM 30 ऐंठन के लिए एक कारगर दवा। दाँत निकलने के दौरान ऐंठन-BELLADONNA-30 दिन में दो बार।

➺ ऐंठन, ठंडा शरीर, परंतु सिर तथा पश्च कपाल गरम- HELLEBORUS NIGER की एक खुराक । यदि लक्षण बरकरार रहें तो इसे दुहरा सकते हैं।

➺ ऐंठन, भय से, नींद के दौरान चीखना, ऐंठन से पहले तथा ऐंठन के दौरान चीखना, अचेत हो जाना, चेहरा लाल, पुतलियाँ संकुचित, सिर पीछे की ओर हो जाना, ओढ़ने की इच्छा नहीं, गरमी के कारण बदतर स्थिति, ठंडे स्थान की चाह-OPIUM-30 हर चार घंटे पर।

➺ बच्चों में दाँत निकलते समय कीड़ों के कारण ऐंठन, ऐंठन के दौरान अँगूठे का अंदर की ओर मुड़ जाता STANNUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार ।

➺ ऐंठन, कम समय के लिए, परंतु काफी बेचैनी–ARGENTUM NITRICUM 30 दिन में दो बार।

➺ ऐंठन, स्नायु संबंधी, स्पर्श तथा तेज रोशनी से हालत बदतर STRAMONIUM-6 दिन में तीन बार। 

➺ ऐंठन, नीला चेहरा तथा अँगूठों व हाथों की जकडन, हाथ-पैरों में मरोड़, पिंडलियों तथा तलवे में दर्द और पैरों में थकान-CUPRUM METALLICUM-6 दिन में दो बार।

➺ बच्चे का रोना, नींद के दौरान, सिर को इधर से उधर घुमाता है, चेहरा कभी पीला तथा कभी लाल पड़ जाता है ZINCUM METALLICUM 200 सप्ताह में एक खुराक ।

➺ दाँत निकलना, मसूड़ों को एक साथ दबाने की उत्कट इच्छा PODOPHYLLINUM पी.-6 दिन में दो बार।

➺ बच्चों में दाँत निकलने में परेशानी-CALCAREA PHOSPHORICA-6X की हर चार घंटे पर चार गोलियाँ |

➺ बच्चों के दाँत निकलने में परेशानी, रात में दाँत किटकिटाना तथा सिर को घुमाना, डायरिया-PODOPHYLLINUM-30 दिन में तीन बार ।

➺ बच्चों में दाँत निकलने में परेशानी, मसूड़े नीलाभ-लाल, स्पंजी, अत्यंत बेचैनी, रात में चिल्लाता है गोद में रहना चाहता है KREOSOTUM-30 हर चार घंटे पर।

➺ बच्चों के दाँत निकलने में परेशानी दुर्गंधयुक्त, पीड़ा रहित, प्रचुर तथा पानीदार मल-विसर्जन के साथ-PODOPHYLLINUM-30 हर चार घंटे पर।

➺ बच्चे को दस्त, दुर्गंधयुक्त मल तथा मूत्र का होना–BENZOICUM ACIDUM-30 दिन में तीन बार ।

➺ दस्त, दुःख, क्रोध या रोष के कारण COLOCYNTHIS-30 दिन में तीन बार।

➺ बच्चे को दस्त, दुर्गंधयुक्त, पतला मल, बलगम के साथ भी हो सकता है, मल-त्याग से पहले दर्द, धोने के बावजूद केवल मल नहीं बल्कि पूरा बदन दुर्गंधयुक्त हो सकता है RHEUM PALMATUM-6 दिन में दो बार।

➺ बच्चे को दस्त तथा मरोड़, दाँत निकलने के दौरान CALCAREA PHOSPHORICA-30 दिन में तीन बार।

➺ दस्त, अधिक वायु तथा आवाज के साथ मल निकलता है-CALCAREA PHOSPHORICA-30 दिन में तीन बार।

➺ अंडे खाने से दस्त, मछली भी पचाने में असमर्थ Chininum-Arsenicosum-3X दिन में तीन बार।

➺ टायफॉयड ज्वर में दस्त, रात में बदतर, दिन में बेहतर RHUS TOXICODENDRON-6 दिन में तीन बार।

➺ बच्चे को दस्त, दाँत निकलने या नैपकिन को गंदे पानी में धोकर इस्तेमाल में लाने के कारण, हरे रंग का पानीदार मल, पीले भोजन जैसे कण नीचे जमे रहते हैं- PODOPHYLLINUM-30 दिन में तीन बार।

➺ बच्चे को दस्त, डर, खासकर परीक्षा का-GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 दिन में तीन बार।

➺ बच्चे को दस्त, अधिक मीठा खाने से ARGENTUM NITRICUM-30 दिन में दो बार।

➺ बच्चे को दस्त, मल तेजी से निकलता है CROTON TIGLIUM-30 दिन में तीन बारा।

➺ थुलथुले बच्चों में दस्त, दुर्गंधयुक्त मल, नींद के दौरान माथे पर पसीना CALCAREA CARBONICA-30 की एक खुराक प्रतिदिन

➺ शिशु को दस्त, दर्द रहित, दुर्गंधयुक्त, दाँत निकलने के दौरान दस्त PODOPHYLLINUM-30 दिन में तीन बार।

➺ शिशु को दस्त, हरा, पानीदार, दुर्गंधयुक्त मल-CHAMOMILLA-12 दिन में दो बार।

➺ शिशु को दस्त, हरा पतला दुर्गंधयुक्त मल, गुदा को छीलनेवाला Mercurius Vivus-30 और MERCURIUS SOLUBILIS-30 दोनों को बदल-बदलकर दिन में तीन बार लें।

➺ बच्चों में दाँत निकलने के दौरान परेशानी, बच्चा पूरे दिन प्रसन्न रहता है, रात में रोता है-JALAPA-6 हर चार घंटे पर।

➺ बैठने की अवस्था से अचानक कोई हरकत करने पर परेशानी – AESCULUS HIPPOCASTANUM-30 दिन में तीन बार ।

➺ दूध को आसानी से पचा नहीं पाना-NUX VOMICA-200 रात में एक खुराक प्रतिदिन ।

➺ शिशु के कान में दर्द- CHAMOMILLA-12 दिन में दो बार ।

➺ कानदर्द, खासकर बच्चों को, जो दर्द से रो पड़ते हैं, रात में स्थिति बदतर . PULSATILLA-30 दिन में तीन बार। 

➺ स्वतः मूत्र त्याग, बच्चा पहली नींद के दौरान ही बिस्तर गीला कर देता है – SEPIA-1M की एक खुराक

➺ हाइड्रोसील, बच्चों में ABROTANUM-30 दिन में दो बार

➺ बच्चों में हाइड्रोसिफेलस, बहुत पानी पीने के बावजूद पसीना और मूत्र बहुत कम निकलना- APOCYNUM CANNABINUM-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में तीन बार।

➺ मूत्र-त्याग करते समय या उससे पहले शिशु द्वारा रोना, मूत्रमार्ग में सूजन के कारण-BORAX VENETA-6 दिन में दो बार।

➺ शिशुओं में यकृत की समस्या, बेचैनी के साथ-ARSENICUM ALBUM-6 दिन में दो बार।

➺ शिशुओं में अस्पष्ट समस्याएँ, जैसे आवाज का लोप, दोषयुक्त स्नायु-तंत्र का विकास, सूखा रोग-THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार ।

➺ बढ़ा हुआ यकृत और प्लीहा, शिशुओं और बच्चों में Calcarea Arsenica-6 दिन में दो बार।

➺ बढ़ा हुआ यकृत और प्लीहा, शिशुओं में पीलिया के साथ THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार।

➺ बच्चों में सूखा रोग-CALCAREA PHOSPHORICA-6X दिन में तीन बार, एक बार में चार गोलियाँ |

➺ शिशुओं में सूखा रोग, पेट बड़ा और सख्त, गंभीर कब्ज-PLUMBUM METALLICUM-3 दिन में तीन बार।

➺ बच्चों में सूखा रोग, खास निचले अंगों में, त्वचा ढीली होकर लटक जाती है- ABROTANUM-30 दिन में दो बार ।

➺ सूखा रोग, गरदन इस प्रकार पतली हो जाती है मानो त्वचा सूख गई हो, लगातार प्यास लगना, अच्छी तरह खाने के बावजूद बहुत भूख लगना, उदास रहना- NATRIUM MURIATICUM-200 दिन में दो बार। सूखा रोग, पतली गरदन, गरदन की त्वचा में झुर्रियाँ, भूख न लगना SARSAPARILLA OFFICINALIS 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।

➺ सूखा रोग, बच्चों के पूरे शरीर को प्रभावित करता है – iodum-30 दिन में तीन बार ।

➺ सूखा रोग, स्क्रॉफुला से ग्रस्त बच्चे, डायरिया के शिकार, सूजी ग्रंथियाँ, फैला पेट, बहुत दुबले हाथ-पैर, खराब पाचन और खून की कमी CALCAREA CARBONICA-6 की एक खुराक प्रतिदिन ।

➺ सूखा रोग, बच्चा हर समय अपनी ओर ध्यान खींचना चाहता है, ढीली त्वचा, पैरों और गरदन की त्वचा ढीली होकर लटक जाती है, पैरों में अधिक कमजोरी-SANICULA AQUA-30 दिन में दो बार।

➺ सूखा रोग, शरीर के ऊपरी अंगों से आरंभ होकर नीचे तक जाता है LYCOPODIUM 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।

➺ बच्चों में जन्मजात विकृति, माता-पिता में सूजाक के इतिहास के कारण, पीले, रेकाइटिस (बच्चों में विटामिन की कमी से होनेवाला रोग), ठिगनापन, कमजोर और मंदबुद्धि, शरीर से दुर्गंध Medorrhinum-1M की एक मासिक खुराक, सुबह-शाम।

➺ रिकेट्स, बच्चों में बड़ा सिर, सोने के दौरान सिर पर पसीना, जो तकिए को गीला कर देता है, बड़ा पेट, मुड़े पैर, पीला और ढीला चेहरा, देर से खड़ा होना और चलना सीखना, नरम हड्डियाँ, जो धीरे-धीरे विकसित होती हैं, दाँत निकलना कठिन और विलंबित, दूध और मांस के प्रति अरुचि, अपाच्य चीजों की इच्छा और रात में दाँत किटकिटाना- CALCAREA CARBONICA- 200 की एक खुराक रोजाना लें।

➺ रिकेट्स, शरीर की हड्डियों में दर्द मानो टूटी हुई हों THERIDION CURASSAVICUM 200 साप्ताहिक।

➺ गोल कृमि – BACILLINUM BURNETT-200 दो सप्ताह में एक बार। 

➺ गोल कृमि फंगस के कारण-KALIUM IODATUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।

➺ गोल कृमि – TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक बार जब BACILLINUM BURNETT-200 विफल हो जाए तब इसे आजमाएँ) ।

➺ गोल कृमि, काफी भूख और डायरिया के साथ- CALCAREA CARBONICA- 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।

➺ गोल कृमि, सोते समय मुँह से निकलता है- ACETICUM ACIDUM -30 दिन में दो बार।

➺ बच्चों में हकलाहट, धीरे-धीरे अटककर बोलना KALIUM BICHROMICUM – 6 हर छह घंटे पर।

➺ हकलाहट, कोई शब्द बोलने से पहले लंबे समय तक बहुत प्रयास करने की आवश्यकता, चेहरा विकृत हो जाना—STRAMONIUM-6, दिन में तीन बार।

➺ हकलाहट, पहले शब्द तीन या चार बार दुहराना, कीड़े या पेट की समस्या, बोलने में काफी प्रयास करना पड़ता है, चेहरा विकृत हो जाता है SPIGELIA ANTHELMIA-200 दो सप्ताह में एक बार।

➺ शिशुओं के मुँह की सूजन, मुँह में दर्द- MURIATICUM ACIDUM-30 दिन में तीन बार।

➺ बच्चों के मुँह की सूजन- BORAX-30 हर चार घंटे पर। .

➺ दमघोंटू नाभीय हर्निया, शिशुओं और बच्चों में-NUX VOMICA-1M की . सप्ताह में एक खुराक

➺ बच्चों के अंडकोषों का सूख जाना-AURUM METALLICUM 30 की दिन में तीन बार।

➺ ट्यूबरकुलर ग्रंथियों का बढ़ना, बच्चा कमजोर हो जाता है, पेट बड़ा हो जाता है-CALCAREA IODATA-3X दिन में तीन बार।

➺ बच्चों द्वारा दूध का वमन, दूध पीने के साथ ही वमन हो जाता है, बच्चा शिथिल और उनींदा महसूस करता है, यदि दूध पेट में अधिक देर तक रहता है तो वह खट्टा होकर बड़ी मात्रा में वमन के रूप में निकलता है, प्यास का पूर्ण अभाव एथूजा AETHUSA CYNAPIUM 30 की एक खुराक रोजाना।

➺ बच्चों द्वारा वमन, ठंडा पानी पीने की इच्छा, लेकिन उसके पेट में गरम होते ही वमन कर देना-PHOSPHORUS-30 की दिन में एक खुराक ।

➺ बच्चों द्वारा वमन, साफ जीभ, अत्यधिक मिचली के बाद वमन IPECACUANHA -30 दिन में तीन बार।

➺ शिशुओं में वमन . MERCURIUS DULCIS X दिन में तीन बार। 

➺ बच्चों द्वारा वमन, भोजन करने के तुरंत बाद वमन कर देना, अधिक खाने या गरमी के कारण, जीभ पर मोटी सफेद परत-ANTIMONIUM CRUDUM-30 दिन में तीन बार ।

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