परिचय :-
फार्मेलिन औषधि अत्यन्त शक्तिशाली, संक्रामक रोग को रोकने वाली तथा दुर्गन्ध को दूर करने वाली होती है। यह औषधि शरीर पर विष की तरह तेजी से क्रिया कर रोगों को दूर करती है। फार्मेलिन औषधि शरीर में रोग उत्पन्न करने वाले जीवाणुओं को उत्पन्न होने से रोकती तथा रोग पैदा करने वाले जीवाणुओं को नष्ट करती है। रोगों में इस औषधि के प्रयोग करने से यह औषधि फुंसियों के अन्दर होने वाली विनाषक प्रक्रिया को रोककर उसके आस-पास स्थित स्वस्थ ऊतक को अक्षुण (अनचर्डेड) तथा अपरिवर्तित ही छोड़ देती है।
त्वचा रोगों में फार्मेल्डिहाइड के 20 ग्राम घोल में रुई को भिगोकर कुछ घंटे रोग्रस्त स्थान वाले त्वचा पर रखने से परिगलित विशल्कन (नैक्रोटीक स्लोग) उत्पन्न होता है और त्वचा पर दुबारा रुई लगाने से पहले त्वचा पर बने पपड़ी को हटाना पड़ता है। ऐसा न करने पर त्वचा पर बनने वाली पपड़ी सूख कर सख्त हो सकती है।
फार्मेलिन औषधि को गर्म पानी में डालकर भाप लेने से खांसी, यक्ष्मा तथा जुकाम के रोगों में आराम मिलता है।
शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर फार्मेलिन औषधि का उपयोग :-
मन से संबन्धित लक्षण :- रोगी व्यक्ति को भूलने की आदत बन जाना या स्मरण शक्ति का कम होना। उदास रहना तथा बेहोशी उत्पन्न होना आदि लक्षणों में रोगी को फार्मेलिन औषधि देना लाभकारी है।