परिचय-
पौलीनिया सोर्बिलिस औषधि में कैफीन की बहुत अधिक मात्रा पाई जाती है, जो उल्टी और सिरदर्द को ठीक करने में बहुत ही उपयोगी होती है।
विभिन्न लक्षणों में पौलीनिया सोर्बिलिस औषधि का उपयोग-
सिर से सम्बन्धित लक्षण :- सिर में दर्द होने के साथ ही दिमाग में अधिक उत्तेजना होती है। अत्यधिक चाय व कॉफी पीने के कारण उल्टी तथा सिर दर्द होना। शराब का सेवन करने के बाद सिर में कंपन के होने के साथ ही दर्द होना। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए पौलीनिया सोर्बिलिस औषधि का उपयोग करना चाहिए।
आंतों से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी के मल में अधिक मात्रा में खून आता है तथा खून अधिक चमकीला, हरा और थक्का जमा हुआ होता है तथा उसमें से बदबू नहीं आती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए पौलीनिया सोर्बिलिस औषधि का प्रयोग करना फायदेमन्द होता है।
चर्म रोग से सम्बन्धित लक्षण :- कनपटियों व बाहों पर पीले तथा बादामी रंग के धब्बें पड़ जाते हैं। छपाकी रोग। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए पौलीनिया सोर्बिलिस औषधि का प्रयोग करना लाभदायक होता है।
नींद से सम्बन्धित लक्षण :- ठीक प्रकार से नींद न आना और इसके साथ ही सिर में भारीपन महसूस होना और खाना खाने के बाद चेहरा तमतमाया हुआ लगना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए पौलीनिया सोर्बिलिस औषधि का प्रयोग करना उचित होता है।
मात्रा (डोज) :-
पौलीनिया सोर्बिलिस औषधि की स्थूल मात्राएं रोगों को ठीक करने के लिए प्रयोग में लाना चाहिए। इसकी चूर्ण की पन्द्रह से लेकर साठ ग्रेन तक की मात्रा का उपयोग रोगों को ठीक करने के लिए करना चाहिए।