➺ थकान, मांसपेशियों और कंडराओं के तनाव से पीठदर्द बदन दर्द-CALCAREA SULPHURICA-30 दिन में तीन बार।
➺ पीठ के छोटे से बिंदु पर कमजोरीऔर पक्षाघात की तरह महसूस होना । . खड़े होने या चलने में परेशानी, पैरों के तलवे बेजान लगना, जाँघों में दर्द – COCCULUS INDICUS 30 हर छह घंटे पर।
➺ सख्त और संवेदनशून्य पीठ, बैठने या खड़े होने की स्थिति में दर्द – Berberis Vulgaris Q दिन में दो बार, दो से पाँच बूँदें।
➺ पीठदर्द (कमरदर्द), जीवनी द्रव की कमी के कारण, बैठने से अधिक दर्द तथा खड़े होने या चलने पर आराम – COBALTUM METALLICUM – 1M दो सप्ताह में एक बार ।
➺ पीठदर्द (कमरदर्द) के साथ सख्ती महसूस होना, गरमी बढ़ने तथा चलने से अधिक खराब अवस्था – GUAIACUM-6 दिन में दो बार ।
➺ पीठदर्द, लेटने से आराम – KALIUM MURIATICUM-30 दिन में दो बार
➺ पीठदर्द, रात में सोते समय, सुबह और बिस्तर से उठने से पहले अधिक दर्द-Staphysagria-30 दिन में दो बार
➺ पीठदर्द, लगातार हलका दर्द, चलने या झुकने पर अधिक दर्द – AESCULUS HIPPOCASTANUM एच. 6 दिन में तीन बार
➺ पीठदर्द, ठंड लगने के कारण – DULCAMARA 200 की एक खुराक।
➺ पीठदर्द, गुरदे तथा मूत्राशय की समस्या के कारण – TEREBINTHINA – 200 की साप्ताहिक खुराक ।.
➺ पीठदर्द, यौन उत्पीड़न या हस्तमैथुन के कारण-NUX VOMICA 1 M की सप्ताह में एक खुराक।
➺ पीठदर्द, भारीपन, आराम करने से दर्द में वृद्धि, काम में लगे रहने पर बेहतर, चलने-फिरने के पहले प्रयास पर दर्द तथा कठिनाई, परंतु चलने फिरने पर बेहतर; हलकी गरम सिंकाई करने या गरमियों के दौरान सूखी हवा लेने पर आराम, मांसपेशियों में अकड़न, नम वायु या गरमी से ठंड में आने पर दर्द में बढ़ोतरी, ठंड सहन करने में अक्षमता-RHUS TOXICODENDRON-30 दिन में दो बार।
➺ पीठदर्द, बैठने की अवस्था में AGARICUS MUSCARIUS-200 की रोज एक खुराक ।
➺ पीठदर्द, दर्द जाँघों और पैरों तक जाता है, लंबी दूरी तक चलने में असमर्थ, बैठने तथा दबाने से दर्द में आराम-KALIUM CARBONICUM-200 की एक खुराक नित्य लें।
➺ पीठदर्द, दर्द दोनों गुरदों से पैरों की ओर जाता है, पूरी पीठ में दर्द और सुन्नता रहती है – OXALICUM ACIDUM-30 दिन में दो बार )
➺ पीठदर्द, सख्त चीज पर लेटने से आराम NATRIUM MURIATICUM – 200 की एक खुराक रोजाना ।
➺ पीठदर्द में आराम के लिए RHUS TOXICODENDRON-200 या PULSATILLA 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
➺ पीठदर्द, बैठने, लंबी दूरी तक चलने तथा आराम के कारण, पीठ के बल लेटने पर आराम – RUTA GRAVEOLENS 200 की प्रतिदिन एक खुराक ।
➺ पीठदर्द, सुपरासेकरल भाग के पास असहनीय दर्द, जो दाईं साइटिका तंत्रिका तक फैलती है, आराम तथा पहली गति से अधिक बदतर, रीढ़ की हड्डी अत्यंत संवेदनशील, जिसे छूना या दबाना कष्टकारी हो सकता है – LAC CANINUM 200 एक खुराक, यदि लक्षण बरकरार तो खुराक दुहरा लें।
➺ पीठदर्द, गर्भाशय के रक्तस्राव के साथ-VARIOLINUM 200 की सप्ताह में एक खुराक दर्द रहने पर एक खुराक और ले लें।
➺ पीठदर्द, घुटनों के बल झुकने से अधिक दर्द- SEPIA 30 दिन में तीन बार ।
➺ पीठदर्द, चलने से बढ़ता है- ALOE SOCOTRINA 6 दिन में तीन बार . पीठदर्द, बैठने पर बढ़ता है तथा टहलने से आराम मिलता है Valeriana 3X दिन में तीन बार या ZINCUM METALLICUM 200 दो में सप्ताह एक बार।
➺ बदनदर्द- RHUS TOXICODENDRON 200 यात्रा से पहले दो दिनों तक दिन में चार बार।
➺ बदनदर्द- CALCAREA FLUORICA 6X दिन में दो बार, पाँच टेबलेट पानी में डालकर लें।
➺ पीठ के नीचे रीढ़ की हड्डी में ठंड महसूस होना-GELSEMIUM SEMPERVIRENS-30 दिन में दो बार ।
➺ पूरे शरीर में पीड़ा, खासकर रीढ़, घुटनों तथा जाँघों में पीड़ा, जोड़ों व . हड्डियों में मोच-सी महसूस होना- CINA 30 दिन में दो बार
➺ कमरदर्द, पीठ में सख्ती का एहसास, उठने में कठिनाई, उठने में हाथों का सहारा लेना, पीठदर्द से पूरे शरीर में फैलता है जो पैरों तक जाता है, मूत्र में लाल जमाव, अधिक कमजोरी-Berberis Vulgaris 30 दिन में तीन बार ।
➺ पीठ में दर्द, मानो रीढ़ की हड्डी में गरम लोहा घुसा दिया गया हो – ALUMINA 200 की एक खुराक ।
➺ रीढ़ की हड्डी में दर्द, मानसिक लक्षणों के साथ संबंधित, जैसे यदि रीढ़ की हड्डी में दर्द होता है तो कोई मानसिक लक्षण नहीं और जब दर्द नहीं होता है तो मानसिक लक्षण विकसित होते हैं- PLATINUM METALLICUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
➺ रीढ़ की हड्डी तथा पीठ में दर्द और जड़ता-GRAPHITES-30 दिन में दो बार।
➺ पीठदर्द, आराम करने पर स्थिति खराब, गरमी मिलने पर राहत – CALCAREA FLUORICA 6 दिन में तीन बार
➺ पीठ के निचले भाग में दर्द, वहाँ से पैरों, दोनों गुरदों तक जाता है, कंधों से उँगलियों तक जड़ता – OXALICUM ACIDUM 30 हर छह घंटे पर।
➺ दाएँ कंधे में दर्द, यकृत-विकार के कारण जीभ सफेद हो जाना— LYCOPODIUM 200 दो सप्ताह में एक बार ।
➺ रीढ़ की हड्डी और पीठ में दर्द, साँस लेने में कठिनाई-SPIGELIA ANTHELMIA 30 दिन में दो बार ।
➺ रीढ़ की हड्डी में दर्द, आराम करने और शारीरिक परिश्रम से बढ़ जाता है। – Valeriana-200 की एक खुराक ।
➺ पीठ के ठीक नीचे दर्द, खड़े होने, झुकने और चलने से बढ़ता है – AESCULUS HIPPOCASTANUM-30 दिन में दो बार
➺ पीठ के अंतिम वर्टीब्रा के ठीक नीचे दर्द, बैठने के दौरान दर्द, चलने फिरने से दर्द में राहत – AGARICUS MUSCARIUS-30 दिन में तीन बार ।
➺ पीठदर्द, खड़े होने या टहलने पर राहत, लेकिन अपने स्थान से उठते समय तेज दर्द – ARGENTUM NITRICUM-30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
➺ पीठदर्द, रोगी को पागल बना देता है; उसे असहनीय प्रतीत होता है – CHAMOMILLA 30 दिन में दो बार ।
➺ पीठदर्द, आवधिक और ऐंठन संबंधी, रोगी दर्द के कारण चिल्लाता है। – CAULOPHYLLUM-30 दिन में दो बार
➺ पीठदर्द, नितंबों से होकर जाँघों तक जाता है – ACTAEA RACEMOSA-30 हर छह घंटे पर दुहराएँ।
➺ रीढ़ संबंधी समस्याएँ, दुर्व्यसनों के कारण होनेवाले रोगों से- Acid Fluoric 30 दिन में दो बार |
➺ रीढ़ और पीठ में कमजोरी, रीढ़ में जलन और स्पाइनल कॉर्ड का नरम हो जाना—PICRIC ACID-6 की दिन में एक खुराक ।