नेट्रम कार्बोनिकम (Natrum Carbonicum)

परिचय-
जिन लोगों को काफी समय से बदहजमी का रोग होता है, वह कुछ भी खाते हैं उनको हजम नहीं होता। ऐसे लोगों को भोजन को पचाने के लिए सोडे आदि का सेवन करना पड़ता है, इन रोगियों को हर समय खट्टी डकारें आती है। ऐसे रोगियों को अगर नेट्रम कार्ब औषधि दी जाए तो ये उनके लिए काफी लाभदायक साबित होती है।
विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर नेट्रम कार्बोनिकम औषधि का उपयोग-
सिर से सम्बंधित लक्षण- रोगी को जरा सा भी दिमाग वाला काम कराने से उसके सिर में दर्द होने लगता है, धूप में जाते ही रोगी के सिर में दर्द चालू हो जाना और चक्कर आना, सिर का बहुत बड़ा सा लगना, कानों की सुनने की नाड़ियों का बहुत ज्यादा संवेदनशीलता, गर्मी का मौसम आते ही सिर में दर्द चालू हो जाना आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को नेट्रम कार्बोनिकम औषधि का सेवन कराना लाभदायक रहता है।
मन से सम्बंधित लक्षण- रोगी को जरा सा भी शोरगुल होते ही गुस्सा आने लगता है, रोगी हर समय किसी गहरी चिन्ता में डूबा रहता है, दिमाग का कमजोर होना, किसी भी बात को सही तरह से समझ न पाना, संगीत सुनते ही दिमाग मे तनाव बढ़ जाना, किसी भी काम को करने में अपने आप को कमजोर पाना आदि मानसिक रोगों के लक्षणों के आधार पर नेट्रम कार्बोनिकम औषधि का सेवन अच्छा रहता है।
आमाशय से सम्बंधित लक्षण- आमाशय में सूजन आने के साथ बहुत ही नाजुक हो जाना, मुंह में बहुत ज्यादा पानी भरना, सुबह के 5 बजे बहुत तेज भूख का लगना, भोजन में थोड़ी सी लापरवाही करने के कारण पाचनक्रिया का कमजोर हो जाना, दूध को देखते ही जी का खराब हो जाना, भोजन करने के बाद तबीयत खराब हो जाना, मुंह का स्वाद कड़वा हो जाना, पाचनशक्ति की खराबी के पुराने रोगी जिन्हें हर समय डकारें आती रहती हैं, पेट का खट्टा हो जाना तथा गठिया का रोग हो जाना आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को नेट्रम कार्बोनिकम औषधि देने से लाभ मिलता है।
आंतों से सम्बंधित लक्षण- रोगी को मलत्याग की आकिस्मक इच्छा होना, मल का बड़ी तेजी से और आवाज के साथ आना, मल के साथ मवाद का आना, दूध को पीते ही दस्त लग जाना आदि लक्षणों में रोगी को नेट्रम कार्बोनिकम औषधि का प्रयोग कराना काफी लाभकारी सिद्ध होता है।
स्त्री से सम्बंधित लक्षण- गर्भाशय की झिल्ली का आगे का भाग सख्त हो जाना, बच्चे को जन्म देने जैसा दर्द सा महसूस होना, मासिकस्राव का समय के बाद, कम मात्रा में आना, प्रदर स्राव (योनि में से बदबू आना) का बदबू के साथ, उत्तेजना बढ़ाने वाला, मासिकस्राव शुरू होने से पहले पेट में दर्द होना जैसे लक्षणों में अगर रोगी को नेट्रम कार्बोनिकम औषधि दी जाए तो काफी लाभ होता है।
सांस से सम्बंधित लक्षण- रोगी जब खुली हवा से अचानक गर्म कमरे के अन्दर जाता है तो उसे सूखी खांसी चालू हो जाती है, स्त्री के स्तन के बाईं ओर ठण्डक सी महसूस होना। इन लक्षणों में अगर रोगी को नेट्रम कार्बोनिकम औषधि दी जाए तो ये उसके लिए काफी लाभकारी सिद्ध होती है।
नाक से सम्बंधित लक्षण- नाक के सारे बाहरी रोग जो कुछ समय के बाद खतरनाक रोग में बदल जाते है, नाक में फुंसियां होना और नाक का फूलना, नाक से बदबूदार स्राव का आना, नाक के पीछे के छेदों से होने वाला नजला, रोगी के खंखारने पर गले से बहुत सारे बलगम का निकल जाना, अगर रोगी को जरा सी हवा भी छू ले तो उसे परेशानी होने लगती है, ऐसे लक्षणों में अगर रोगी को नियमित रूप से नेट्रम कार्बोनिकम औषधि दी जाए तो वो कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
चर्म (त्वचा) से सम्बंधित लक्षण- त्वचा का सूखना, फटना या खुरदरा होना, हाथों की उंगलियों की नोकों, जोड़ों तथा पैरों की उंगलियों पर फुंसिया होना, त्वचा पर निशानों के रूप में होने वाला छालेदार उद्भेद (वेसीकुलर एरोपशन) नसों का पूरी तरह भरना जैसे चर्मरोगों के लक्षणों में रोगी को नेट्रम कार्बोनिकम औषधि का सेवन कराना काफी लाभदायक रहता है।
चेहरे से सम्बंधित लक्षण- रोगी के चेहरे पर पीले रंग की फुंसियां सी निकलना, रोगी का ऊपर वाला होठ सूज जाना, आंखों के चारों ओर नीले से छल्ले पड़ना, पलकों का सूज जाना आदि लक्षणों में नेट्रम कार्बोनिकम औषधि बहुत लाभ देती है।
नींद से सम्बंधित लक्षण- रोगी को सुबह के समय अपने आप ही बहुत जल्दी नींद खुल जाती है, रोगी को संभोगक्रिया के सपने ज्यादा आते है, दिन के समय रोगी को नींद सी आती रहती है। इन सारे लक्षणों में अगर रोगी को नेट्रम कार्बोनिकम औषधि दी जाए तो उसको काफी लाभ होता है।
बाहरीय अंग से संबंधित लक्षण- सुबह के समय शरीर के अंगों में बहुत ज्यादा कमजोरी आना, पुरानी मोच, टखनों में अपने आप ही मोच आ जाती है, पैर खुद ही नीचे की ओर मुड़ जाते हैं, हाथ-पैरों की उंगलियों के बीच में तेज दर्द, एड़ियों और कण्डरा-पेशियों (टेन्डोएकिल्लेस) में किसी तरह का रोग होना, चलते-फिरते समय घुटने का खोखला वाले भाग में दर्द होना, घुटनों तक बर्फ जैसी ठण्डक लगना आदि लक्षणों में रोगी को नेट्रम कार्बोनिकम औषधि देने से लाभ होता है।
वृद्धि-
एक ही स्थान पर बैठे रहने से, संगीत सुनने से, गर्मी से, दिमागी मेहनत करने से, तूफानी मौसम में, जरा सी भी हवा लगने से, मौसम के बदलने से, धूप मे जाने से रोग बढ़ जाता है।
शमन-
हिलने-डुलने से, नाक और कान के अन्दर उंगली डालने से रोग कम हो जाता है।
प्रतिविष-
आर्से, कैम्फ औषधियों का उपयोग नेट्रम कार्बोनिकम औषधि के हानिकारक प्रभाव को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
पूरक-
कल्के-का, नक्सवोमिका, पल्स, सीपि और सल्फ।
तुलना-
नेट्रम कार्बोनिकम औषधि की तुलना कैल्केरिया, सिपिया और नेट्रम-सल्फ के साथ की जा सकती है।
मात्रा-
रोगी को नेट्रम कार्बोनिकम औषधि की 6X शक्ति देना काफी लाभकारी होती है।

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