परिचय :-
जिंकम वैलेरिएनम औषधि का प्रयोग अनेक प्रकार के रोग को समाप्त करने के लिए किया जाता है। यह औषधि स्नायुओं के दर्द, हिस्टीरिया, दिल में दर्द होना तथा अन्य विकारों से उत्पन्न लक्षण आदि को दूर करती है परन्तु यह औषधि डिम्बग्रन्थियों के रोगों में विशेष रूप से क्रिया करती है। अचानक उत्पन्न होने वाले मिर्गी, हिस्टीरिया के साथ उत्पन्न जिगर का दर्द। अपने-आप उत्पन्न होने वाले दर्द, बाईं कनपटी और निचले जबड़े में तेज दर्द होना आदि में इस औषधि का प्रयोग किया जाता है। यह औषधि बच्चों की अनिद्रा (नींद का न आना) तथा बार-बार उत्पन्न होने वाली हिचकी आदि को दूर करती है।
शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर जिंकम वैलेरिएनम औषधि का उपयोग :-
सिर दर्द से सम्बंधित लक्षण :- तेज सिर दर्द और स्नायुओं का दर्द तथा लगातार बना रहने वाला सिर दर्द। सिर में उत्पन्न ऐसा दर्द जिसमें रोगी को पागलपन के दौरे पड़ते रहते हैं तथा सिर में कोई नुकीली चीज चुभने जैसा दर्द होता है। सिर दर्द के कारण नींद का न आना और साथ ही विषाद की अवस्था का बना रहना आदि सिर से सम्बंधित लक्षणों में जिंकम वैलेरिएनम औषधि का प्रयोग किया जाता है।
स्त्री रोग से सम्बंधित लक्षण :- डिम्बाशय में उत्पन्न ऐसा दर्द जो डिम्बाशय से उत्पन्न होकर तेजी के साथ नीचे के अंगों तक फैल जाती है। ऐसे दर्द को दूर करने के लिए जिंकम वैलेरिएनम औषधि का प्रयोग किया जाता है।
शरीर के बाहरी अंगों से सम्बंधित लक्षण :- गर्दन और रीढ़ की हड्डी में तेज दर्द होना। रोगी में ऐसे लक्षण उत्पन्न होना जिसमें रोगी स्थिर नहीं रह पाता है और अपने पैरों को चलाता रहता है। गृध्रसी (साइटिका) रोग। इस तरह के लक्षणों में जिंकम वैलेरिएनम औषधि का प्रयोग किया जाता है।
मात्रा :-
जिंकम वैलेरिएनम औषधि के 1 से 2 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए। स्नायुओं में दर्द होने पर इस औषधि का प्रयोग कुछ दिनों तक करना चाहिए।