चियोनैन्थस वर्जिनिका Chionanthus Virginica

परिचय-

       चियोनैन्थस वर्जिनिका औषधि जिगर के रोगों के लिए बहुत ही ज्यादा प्रभावशाली मानी जाती है। जिगर और जिगर की शिराओं पर इसकी मुख्य क्रिया होती है। किसी व्यक्ति को जिगर बढ़ने का रोग होने पर उसके लक्षणों के रूप में उसे कब्ज, गंदा, गर्म, पीले रंग का मल, पेशाब ज्यादा पीला आना, गर्मी के दिनों में प्लीहा रोग हो जाना आदि में ये औषधि बहुत लाभकारी होती है। इसके अलावा जिगर में दर्द, खाने-पीने की चीजों से अरुचि हो जाना, पित्त की थैली में पथरी हो जाना में भी ये असरदार होती है।

विभिन्न रोगों के लक्षणों में चियोनैन्थस वर्जिनिका औषधि का इस्तेमाल-

पेट से सम्बंधित लक्षण – पेट में ऐसा लगना जैसे की कोई चीज उथल-पुथल कर रही है, आमाशय सख्त और कसी हुई सी लगना, बार-बार दस्त होना, जी मिचलाना, उबकाई आना आदि पेट के रोगों के लक्षणों में रोगी को चियोनैन्थस वर्जिनिका औषधि देने से आराम आता है।

पेशाब से सम्बंधित लक्षण – पेशाब का रंग गाढ़ा सा और लाल होना, बार-बार ऐसा महसूस होना कि पेशाब आ रहा है, पेशाब के साथ चीनी आना आदि पेशाब के रोगों के लक्षणों में रोगी को नियमित रूप से चियोनैन्थस वर्जिनिका औषधि देने से लाभ होता है।

तुलना-

          सिनकोना, सियानौथ, चेलिडो, कार्डुअ, पोडो, लेप्टैण्ड्रा से चियोनैन्थस वर्जिनिका की तुलना की जा सकती है।

मात्रा-

       चियोनैन्थस वर्जिनिका की और 2x शक्ति तक रोगी को नियमित रूप से देने से रोगी कुछ ही दिनों में बिल्कुल स्वस्थ हो जाता है।

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