परिचय-
कोनियम पुराने जमाने की एक बहुत ही प्रसिद्ध औषधि है, जिसकी एक दार्शनिक ने बहुत ही खूबसूरत व्याख्या की है। टांगों का कांपना, चलने-फिरने में परेशानी होना, कुछ दूर चलते ही शरीर का जवाब दे देना, कमजोरी, खून की कमी आदि लक्षण जो ज्यादा बुढ़ापे के लक्षण होते हैं इस समय कोनियम औषधि बहुत ही असरदार काम करती है। इसके अलावा मूत्ररोग, याददाश्त का कमजोर हो जाना, जनेन्द्रियों का कमजोर पड़ जाना, मासिकधर्म बंद होने की अवधि में बहुत परेशानी होना, स्त्री और पुरुषों को शादी से पहले होने वाली परेशानियां, सुबह-सुबह बिस्तर छोड़ने का मन न करना, शरीर का टूटा-टूटा सा लगना, नींद न आना आदि लक्षणों में भी ये औषधि अच्छा काम करती है।
विभिन्न प्रकार के लक्षणों के आधार पर कोनियम औषधि का उपयोग-
मन से सम्बंधित लक्षण – किसी भी चीज को रखकर कुछ ही समय में भूल जाना की कहां रखी है, किसी काम में मन न लगना, किसी से बात करने का मन न करना, दिमाग पर जरा सा जोर पड़ते ही सिरदर्द होना आदि लक्षणों में कोनियम औषधि बहुत अच्छा लाभ करती है और याददाश्त को भी तेज करती है।
सिर से सम्बंधित लक्षण – सिर का अचानक ऐसा लगना कि वह घूम रहा हो, जरा सा भी शोर होते ही सिर में दर्द होना, चक्कर के साथ एकदम बेहोश हो जाना, उल्टी आना, धूप में निकलते ही सिर का ऐसा लगना कि वह जल रहा हो, सिर पर कोई भारी सा वजन रखा हुआ महसूस होना आदि सिर के रोगों के लक्षण नज़र आने पर कोनियम औषधि के सेवन से लाभ होता है।
आंखों से सम्बंधित लक्षण – आंखों की पलकों पर छोटी-छोटी सी फुंसियां निकलना, आंखों की रोशनी का कम होना, आंखों से आंसुओं का बहना, आंख की पेशियों में लकवा मार जाना, मोतियाबिंद हो जाना आदि आंखों के रोगों के लक्षणों में नियमित रूप से कोनियम औषधि का सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
कान से सम्बंधित लक्षण – कानों से सुनाई न देना, कानों में से खून जैसा स्राव होना आदि कान के रोगों के लक्षणों में कोनियम औषधि का सेवन करने से कान के सारे रोग ठीक हो जाते हैं।
नाक से सम्बंधित लक्षण – अचानक नाक से नकसीर (नाक से खून आना) आ जाना, नाक में दर्द होना आदि नाक के रोग के लक्षणों में कोनियम औषधि बहुत लाभ करती है।
उदर (पेट) से सम्बंधित लक्षण – जिगर में और उसके आसपास के हिस्से में बहुत तेज दर्द होना, पुराना पीलिया रोग, दाएं अवजठर में दर्द होना, सूजन आना, किसी चीज के पेट में घुसा देने जैसा दर्दनाक दर्द होना आदि पेट के रोगों के लक्षणों में कोनियम औषधि का नियमित सेवन बहुत अच्छा असर करता है।
आमाशय से सम्बंधित लक्षण – जीभ की जड़ में दर्द होना, दर्द के साथ उल्टी आना, कलेजे में जलन होना, लगातार डकारें आना, रात को सोते समय पेट में जलन होना, आमाशय में अम्लपित्त और कलेजे में जलन आदि आमाशय के रोगों के लक्षण प्रकट होने पर कोमानिया औषधि का सेवन करने से लाभ होता है।
मल से सम्बंधित लक्षण – हर थोड़ी-थोड़ी देर बाद मलत्याग के लिए जाने की इच्छा होना, मलत्याग के समय मलातन्त्र में जलन और परेशानी होना, मलत्याग के बाद हर बार शरीर के कांपने के साथ कमजोरी आना आदि लक्षणों के नज़र आने पर तुरन्त ही कोनियम औषधि देने से लाभ होता है।
मूत्र (पेशाब) से सम्बंधित लक्षण – पेशाब करते समय परेशानी होना, पेशाब का रुक-रुककर आना, पेशाब का अपने आप ही बूंदों के रूप में हर समय टपकते रहना आदि मूत्ररोग के लक्षणों में कोनियम औषधि का नियमित रूप से सेवन करने से लाभ होता है।
पुरुष से सम्बंधित लक्षण – पुरुष के अंदर संभोग की इच्छा तेज होने पर भी संभोग क्रिया में सफल न हो पाना, लिंग का कमजोर पड़ जाना, अण्डकोश का सख्त और बढ़ जाना आदि पुरुष रोगों के लक्षणों मे कोनियम औषधि का सेवन करने से लाभ होता है।
स्त्री से सम्बंधित लक्षण – मासिकधर्म का दर्द के साथ आना, स्तनों का ढीला पड़ना और सिकुड़ना, स्तनों के निप्पलों में सुई चुभने जैसा दर्द होना, उत्तेजना का बढ़ना, मासिकस्राव समय के बाद में आना और कम मात्रा में आना, योनि के बाहर के हिस्से में खुजली हो जाना, गर्भ का अपने आप ठहर जाना, पेशाब करने के बाद सफेद पानी आना आदि स्त्री रोगों के लक्षणों में स्त्री को नियमित रूप से कोनियम औषधि का सेवन कराने से कुछ समय में उसके सारे रोग दूर हो जाते हैं।
खांसी से सम्बंधित लक्षण – रात को सोते समय बहुत तेज-तेज सूखी खांसी होना, गले में एक जगह पर खराश बढ़ने पर अचानक खांसी हो जाना आदि खांसी के लक्षणों में कोनियम एक बहुत ही लाभकारी औषधि साबित होती है।
पीठ से सम्बंधित लक्षण- दोनों कंधों के बीच पीठ में दर्द होना, रीढ़ की हड्डी में दर्द होना, कमर और कमर के नीचे के हिस्से में दर्द होना आदि लक्षणों के नज़र आने पर रोगी को तुरन्त ही कोनियम औषधि का सेवन कराने से पीठ का हर तरह का दर्द कुछ ही समय में चला जाता है।
शरीर के बाहरी अंगों से सम्बंधित लक्षण – हाथ-पैरों की उंगलियों का सुन्न हो जाना, शरीर का कांपना, जनेन्द्रियों का कमजोर पड़ जाना, हाथों में पसीना आना आदि लक्षणों के प्रकट होते ही रोगी को कोनियम औषधि का सेवन कराने से लाभ होता है।
सांस से सम्बंधित लक्षण – अचानक बहुत तेज सूखी खांसी उठना, खांसते समय गले में दर्द होना, रात को सोते समय बहुत तेज खांसी का चलना, सांस अटक-अटककर आना, छाती में दर्द होना, थोड़ा सा चलते ही सांस तेजी से चलने लगना आदि लक्षणों में कोनियम औषधि रोगी को देने से कुछ ही समय में लाभ हो जाता है।
चर्म (त्वचा) से सम्बंधित लक्षण – बगल की ग्रंथियों में दर्द के साथ पूरे बाजू का सुन्न हो जाना, त्वचा और नाखूनों का पीला पड़ जाना, ग्रंथियों में सुई के चुभने जैसा दर्द होना, रात को सोते समय पसीना ज्यादा आना आदि चर्मरोगों के लक्षणों में कोनियम औषधि बहुत ही लाभकारी साबित होती है।
वृद्धि-
सोने से, सोते समय करवट बदलने से, ब्रह्मचर्य का पालन करने से, मासिकधर्म आने के दिनों या उससे पहले, ठण्ड लग जाने से, शारीरिक या मानसिक परिश्रम करने से रोग बढ़ जाता है।
शमन-
भूखा रहने पर, अंधेरे में, अंगों को नीचे की ओर लटकाने से, हिलने-डुलने से, दबाव देने से रोग कम हो जाता है।
तुलना-
कोनियम औषधि की तुलना किसी तरह की चोट लगने पर आर्निका और रस-टाक्स के साथ, कैंसर के रोग मे आर्स के तथा ऐस्टेर के साथ और गिल्टियों में सूजन आने पर कैल्क और सोरि के साथ की जाती है।
मात्रा-
रोगी को कोनियम औषधि की छठी से तीसवीं शक्ति तक देने से लाभ मिलता है।
जानकारी-
ग्रंथियों के बढ़ जाने की हालत में और आंशिक लकवा मार जाने की हालत में रोगी को कोनियम औषधि ज्यादा मात्रा में भी दे सकते हैं।