कान संबंधी रोग

➺ कान में केंद्रित विकार, जैसे कानों तक जानेवाला दाँतदर्द या आँखदर्द – MANGANUM ACETICUM-30 दिन में दो बार

➺ बेसिलर मेनिनजाइटिस, रुके हुए कान के स्राव के कारण – STRAMONIUM 6 दिन में तीन बार

➺ बुढ़ापे में बहरापन – MERCURIUS DULCIS 6 X दिन में तीन बार

➺ वृद्धों में बहरापन-Baryta phosphorica -30 दिन में दो बार Baryta phosphorica 200 सप्ताह में एक खुराक ।

➺ बहरापन (तंत्रिका संबंधी), जुकाम के साथ-ASARUM EUROPAEUM 30 दिन में तीन बार ।

➺ बहरापन, , केवल शोर सुनाई देता है – NITRICUM ACIDUM 200 की एक खुराक रोज।

➺ बहरापन, यूस्टेचियन ट्यूबों की अधिक वृद्धि के कारण-ARSENICUM IODATUM – 6 दिन में तीन बार

➺ बहरापन, ठीक प्रकार से सुनने में असमर्थ – ELAPS CORALLINUS 6 दिन में तीन बार

➺ बहरापन, यूस्टेचियन ट्यूब में जलन होने तथा उसके बंद हो जाने के कारण – KALIUM MURIATICUM दिन में तीन बार लें।

➺ बहरापन, शोरगुल में, किसी वाहन या कार से चलते समय तथा गरज की आवाज में बेहतर सुन सकते हैं- GRAPHITES 200 की सप्ताह में एक खुराक ।

➺ कानों से दुर्गंधित स्त्राव – Acid Fluoric-30 दिन में तीन बार

➺ कान में नजला की अवस्था, पीलापन लिये हुए बलगम का स्राव या हरे रंग का स्त्राव, गरम कमरे में, शाम के समय स्थिति अधिक बदतर, खुली हवा में बेहतर KALIUM SULPHURICUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।

➺ कान स्स्राव, उस ओर करवट करके नहीं लेट सकते, ठंड के प्रति संवेदनशील – HEPAR SULPHUR-30 दिन में तीन बार ।

➺ कान से स्राव, कान अवरुद्ध, हलका बहरापन भी KALIUM MURIATICUM 30 तथा MERCURIUS SOLUBILIS-30 दोनों को बारी बारी से हर चार घंटे पर दें।

➺ कान से स्राव, गाढ़ा हरा तथा ठंड के प्रति संवेदनशील- PULSATILLA 30 दिन में तीन बार ।

➺ कान से स्राव, गाढ़ा, पानीदार, ठंड तथा ठंडी हवा के प्रति संवेदनशील – SILICEA 30 हर दिन चार बार ।

➺ कान में दर्द – मुलेन तेल कान में एक बूँद ।

➺ कान में दर्द या सफेद पस – KALIUM MURIATICUM 30 हर छह घंटे पर।

➺ कान में नजला, बढ़ता बहरापन, दाँत या गले का दर्द कानों तक फैलता है, ठंडे तथा नम मौसम में कानदर्द, खाँसी के दौरों से श्रव्यनली छिल जाती है, यूस्टेचियन ट्यूब का स्राव, कंठ में चुभनेवाला दर्द, जो कान तक फैलता है- MANGANUM ACETICU-30 दिन में तीन बार

➺ कान में दहाड़ की-सी आवाज-KALIUM IODATUM-30 दिन में दो बार ।

➺ कान में कोई आवाज देर तक गूँजती रहती है- LYCOPODIUM 200 दो सप्ताह में एक बार ।

➺ कानदर्द के साथ नजले के लक्षण – BELLADONNA-30 तथा MERCURIUS SOLUBILIS-30 दोनों को बारी-बारी से हर दो घंटे पर लें ।

➺ कानदर्द, सूखी ठंड में निकलने से – VALERIANA OFFICINALIS 3 X दिन में तीन बार।

➺ कानदर्द, बाईं ओर, स्पर्श तथा दबाव से अधिक बदतर – MERCURIUS IODATUS र्यूबर-30 हर छह घंटे पर।

➺ कानदर्द, रात में तथा गरमी से बदतर, खासकर बच्चों में Chimaphila Umbellata 30 दिन में तीन बार

➺ कानदर्द, रात में स्थिति बदतर PULSATILLA-6 दिन में चार बार |

➺ कान की स्थायी सूजन, लाल बुखार के बाद दबा हुआ, बढ़ा हुआ सख्त सब मैक्सीलरी ग्लैंड -BARYTA MURIATICA – 3 दिन में दो बार

➺ कान की सूजन, रेशेदार स्राव – KALIUM BICHROMICUM 200 की एक खुराक रोज।

➺ कान की गंभीर सूजन – FERRUM PHOSPHORICUM 30 हर छह घंटे पर।

➺ कान की सूजन, गाढ़ा पीला स्राव, रात में और गरमी के कारण स्थिति बदतर – Mercurius Vivus 200 और MERCURIUS SOLUBILIS 200 दोनों एक खुराक रोजाना। क्षयकारी स्राव के साथ कान की सूजन – ARSENICUM IODATUM – 30 दिन में दो बार ।

➺ कान से मवाद निकलना – ELAPS CORALLINUS 6 या TELLURIUM METALLICUM 6 दिन में तीन बार

➺ मवाद का बनना रोकने के लिए-CALCAREA SULPHURICA-200 दिन में एक बार या HEPAR SULPHUR-1000 एक खुराक ।

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