काण्डियुरैंगो Condurango

परिचय-

       काण्डियुरैंगो औषधि का सेवन करने से भोजन पचाने की क्रिया तेज होती है तथा आमाशय की जिन ग्रंथियों से पाचक रस निकलकर मांस, दाल इत्यादि प्रोटिड-खाद्यों को पचाता है उन सभी ग्लैण्डों पर इस औषधि का सबसे ज्यादा असर पड़ता है। ये औषधि आमाशय के कैंसर के कारण पैदा हुए पेट के दर्द को भी समाप्त करती है। रीढ़ की हड्डी में टी.बी. होने के कारण व्यक्ति के चलने-फिरने की समाप्त हुई शक्ति को भी ये औषधि दुबारा लौटा देती है।

विभिन्न प्रकार के लक्षणों के आधार पर काण्डियुरैंगो औषधि का उपयोग-

आमाशय से सम्बंधित लक्षण – आमाशय की श्लैष्मिका झिल्ली में पुरानी जलन होना, आमाशय के अंदर जख्म के कारण जलन और दर्द होना, भोजन की नली के सिकुड़ जाने के कारण दर्द होना, भोजन करते ही उल्टी हो जाना आदि आमाशय के रोगों के लक्षणों में काण्डियुरैंगो औषधि का सेवन करने से बहुत जल्दी लाभ होता है।

चर्म (त्वचा) से सम्बंधित लक्षण – मलद्वार  की त्वचा का फट जाना, मलद्वार या होठों का कैंसर आदि लक्षणों में काण्डियुरैंगो औषधि का सेवन करने से लाभ होता है।

तुलना-

       काण्डियुरैंगो औषधि की तुलना आस्टेरियस, कोनियम, हाइड्रे, आर्से आदि से की जाती है।

मात्रा-

       काण्डियुरैंगो की मूलार्क या छाल, भोजन करने से पहले 0.32 ग्राम की मात्रा में पानी के साथ, अर्बुदों में तीसवीं शक्ति।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *