आक्जैलिकम एसिडम Oxalicum Acidum

परिचय-
आक्जैलिकम एसिडम औषधि का उपयोग खासतौर से रीढ़ की हड्डी के रोगों में किया जाता है जैसे रीढ़ की हड्डी का टेढ़ा हो जाना, पीठ, कमर और नितंबों का कमजोर पड़ जाना, रीढ़ की हड्डी में जलन होने के कारण पीठ मे दर्द होना आदि में।
विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर आक्जैलिकम एसिडम औषधि का उपयोग-
आमाशय से सम्बंधित लक्षण- रोगी के पाचनसंस्थान में बहुत तेजी से दर्द का होना जो गुदाद्वार से हवा निकलने पर कम होती है, मुंह में बहुत ज्यादा पानी का भर जाना, पाचनसंस्थान के नीचे बहुत ज्यादा ठण्डक महसूस होना, आमाशय में जलन होने के साथ होने वाला दर्द जो ऊपर की ओर बढ़ जाता है, रात के समय रोगी को खट्टी और कड़वी सी डकारें, आमाशय पर जरा सा स्पर्श होते ही दर्द शुरू हो जाना। इस तरह के आमाशय रोग के लक्षणों में आक्जैलिकम एसिडम बहुत उपयोगी होती है।
पेट से सम्बंधित लक्षण- पेट में बहुत तेज दर्द का होना, पेट के छोटे-छोटे भागों में जलन सी होना, रोगी को कॉफी पीने से दस्त का आना, भोजन करने के दो घंटे के बाद पेट के ऊपर के भाग और नाभि-प्रदेश में बहुत तेजी से होने वाला दर्द, जिगर में किसी चीज के चुभने जैसा दर्द का होना आदि पेट के रोगों के लक्षणों में रोगी को आक्जैलिकम एसिडम औषधि का प्रयोग कराना लाभकारी रहता है।
पुरुष रोग से सम्बंधित लक्षण- रोगी के अण्डकोषों के भाग में स्नायु-शूल के जैसा दर्द होना, ऐसा लगना जैसे कि किसी ने अण्डकोषों को कुचल दिया हो, अण्डकोषों का बहुत ज्यादा भारी सा लगना, शुक्रधार-प्रदाह (सिमीनल वेसीक्युलिटिसद्ध जैसे पुरुष रोगों के लक्षणों के आधार पर रोगी को आक्जैलिकम एसिडम औषधि का सेवन कराना काफी लाभकारी साबित होता है।
पेशाब से सम्बंधित लक्षण- पेशाब के रोगों के लक्षणों में रोगी को पेशाब बार-बार और काफी मात्रा में आता है, रोगी जब पेशाब करता है तो उस समय उसके पेशाब करने के रास्ते में और लिंग के मुंह पर दर्द सा होता है, रोगी अगर पेशाब के बारे में सोचता है तो उसे पेशाब जरूर ही करना होता है, रोगी के पेशाब में ऑक्जैलेट पदार्थ ज्यादा आते हैं। इस तरह के लक्षणों के किसी व्यक्ति में नज़र आने पर उसे आक्जैलिकम एसिडम औषधि देना बहुत ही उपयोगी साबित होता है।
सिर से सम्बंधित लक्षण- रोगी के सिर में बहुत जलन सी महसूस होना, रोगी को अजीब-अजीब सी चीजे नज़र आती है और उसका सिर भी घूमने लगता है, रोगी को मलत्याग से पहले सिर में दर्द होने लगता है। इन लक्षणों में अगर रोगी को आक्जैलिकम एसिडम औषधि दी जाए तो काफी लाभ होता है।
सांस से सम्बंधित लक्षण- स्नायविक आवाज की खराबी होने के कारण हृदय-यंत्र की विश्रृंखलताएं, गले के अन्दर तक जलन सी महसूस होना, सांस लेने की क्रिया आक्षेपिक, आवाज की नली और छाती का सिकुड़ जाना, गले में खराश होना, बाएं तरफ के फेफड़ों में दर्द होना जो पाचनसंस्थान तक फैल जाता है, सांस लेने में परेशानी होना आदि लक्षणों में रोगी को आक्जैलिकम एसिडम औषधि प्रयोग कराने से लाभ मिलता है।
दिल से सम्बंधित लक्षण- दिल के सारे भागों में धड़कन का अनियमित गति से चलना, सांस लेने में परेशानी होना, नाड़ी का कमजोर पड़ना, बाएं फेफड़े किसी चीज के द्वारा काटने जैसा दर्द होना, पुरोहद् दर्द जो बाएं कंधे तक दौड़ता है, महाधमनी की अकर्मण्यता जैसे लक्षणों के आधार पर रोगी को आक्जैलिकम एसिडम औषधि देने से लाभ होता है।
शरीर के बाहरी अंगों से सम्बंधित लक्षण- रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर शरीर के बाहरी अंगों में दर्द का फैल जाना, खिंचावदार और विदीर्णकारी दर्द जो बहुत तेजी से जनेन्द्रियों तक फैल जाता है, पीठ में दर्द के साथ पीठ का सुन्न होना और कमजोर पड़ जाना, पेशियों का सुन्न हो जाना, कलाई में दर्द होना, जननेन्द्रयों का नीला, ठण्डा और सुन्न हो जाना, अंगों का सुन्न हो जाना जैसा महसूस होना, शरीर के अलग-अलग भागों में बहुत तेजी से होने वाला दर्द, झटकों के साथ होने वाला दर्द आदि लक्षणों में आक्जैलिकम एसिडम औषधि का सेवन करने से लाभ मिलता है।
चर्म (त्वचा) से सम्बंधित लक्षण- त्वचा के ऊपर अपने आप ही पसीना सा निकलना, शरीर की त्वचा के ऊपर संगमरमर जैसे चकते पड़ना, चेहरे पर बहुत तेजी से जलन होना जो दाढ़ी बनवाने से ज्यादा हो जाती है आदि लक्षणों में रोगी को आक्जैलिकम एसिडम औषधि देने से लाभ मिलता है।
वृद्धि-
बाएं भाग में, हल्का सा छूने से, रोशनी से, दाढ़ी बनवाने से रोग बढ़ जाता है।
शमन-
खुली हवा में रहने से रोग कम हो जाता है।
प्रतिविष-
चूने का पानी का प्रयोग आक्जेलिकम एसिडम औषधि का उपयोग करना चाहिए।
तुलना-
आक्जैलिकम एसिडम औषधि की तुलना आर्से, काल्चिक, आजेन्ट, पिक्रिक-ए, साइमर एरिएटिनम और सिजिप्रम से की जा सकती है।
मात्रा-
रोगी को उसके रोग के लक्षणों के हिसाब से आक्जैलिकम एसिडम औषधि की 6 से 30 शक्ति तक देने से लाभ मिलता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *