T – Medicines

थैलियम THALLIUM

परिचय :-थैलियम औषधि को होमियोपैथि चिकित्सा शास्त्रों की विधि से थैलियम धातु से बनाई जाती है। यह औषधि शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों में तेजी से क्रिया करके उससे सम्बंधित रोग को समाप्त करती हैं। यह औषधि अन्त:स्त्रावी ग्रंथियों में विशेष रूप से अवटु (थाइरोईड) और अधिवृक्क ग्रिन्थ पर प्रभाव डालती है जिसके …

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टियूक्रियम मैरम TEUCRIUM MARUM

परिचय :-टियूक्रियम मैरम औषधि अनेक प्रकार के रोग को दूर करती है परन्तु इस औषधि की क्रिया विशेष रूप से नाक और मलाशय से सम्बंधित लक्षणों में होती है। बच्चों की बीमारियों में टियूक्रियम मैरम औषधि का सेवन दूसरी औषधि के सेवन के बाद करने से अधिक लाभ होता है। रोगी के रोगग्रस्त स्थान के …

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टर्मिनैलिसर अर्जुना TERMINALIA ARJUNA

परिचय :-टर्मिनैलिया अर्जुना औषधि अनेक प्रकार के रोगों को समाप्त करती है। हृदय रोग, हृच्छूल (एंजिना पेक्टोरीस), घुटन महसूस होना व चक्कर आना, शारीरिक व मानसिक रोगों तथा चोट लगने या ऊपर से गिरने के कारण हड्डी टूट जाना आदि रोगों में टर्मिनैलिया अर्जुना औषधि का प्रयोग किया जाता है। गिर जाने के कारण पूरे …

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टेरीबिन्थिना TEREBINTHINA

परिचय :-टेरीबिन्थिना औषधि खून को प्रवाहित करने वाली श्लैष्मिक झिल्लियों पर तेजी से क्रिया करती है जिससे श्लैष्मिक झिल्लियों में उत्पन्न होने वाले सभी रोग समाप्त होते हैं। यह औषधि शरीर के किसी भी अंग से होने वाले रक्तस्राव को रोकती है विशेषकर मूत्र से होने वाले रक्तस्राव को। इस औषधि के प्रयोग से पेट …

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टार्टैरिकम एसिडम TARTARICUM ACIDUM

परिचय :-टार्टैरिकम एसिडम औषधि के कुछ अंश अंगूर, अनन्नास, खट्ठे साग (सोर्रल) तथा अन्य फलों में पायी जाती है। टार्टैरिकम एसिडम औषधि ठण्ड को समाप्त करती है और खून को साफ करती है। यह औषधि नाक से होने वाले श्लैष्मिक स्रावों को रोकती है व लालास्राव को उत्तेजित करती है। काम करने की इच्छा न …

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टैक्सस बैकाटा TAXUS BACCATA

परिचय :-टैक्सस बैकाटा औषधि का प्रयोग विभिन्न प्रकार के लक्षणों को समाप्त करने के लिए किया जाता है। त्वचा के सड़ने तथा उससे पीब निकलने के साथ रात के समय त्वचा से अधिक पसीना आना आदि लक्षणों में रोगी को यह औषधि देने से रोग ठीक होता है। इस औषधि का प्रयोग गठिया (जोड़ों का …

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टिस्सलैगो पेटासिटीज TUSSILAGO PETASITES

परिचय :-टिस्सलैगो पेटासिटीज औषधि मुख्य रूप से मूत्राशय से सम्बंधित लक्षणों पर क्रिया करती है जिसके फलस्वरूप सूजाक व अन्य मूत्र रोग समाप्त होते हैं। यह औषधि जठरनिर्गम (पीलोरस) से सम्बंधित लक्षण को दूर करती है।शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर टिस्सलैगो पेटासिटीज औषधि का उपयोग :-मूत्र से सम्बंधित लक्षण :- …

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ट्रौम्बीडियम TROMBIDIUM

परिचय :-ट्रौम्बीडियम औषधि की विशेष क्रिया दस्त से सम्बंधित लक्षणों में होती है। इस औषधि का प्रयोग ऐसे लक्षणो में होता है जिसमें खाने-पीने से रोग बढ़ता है।शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर ट्रौम्बीडियम औषधि का उपयोग :-मलाशय से सम्बंधित लक्षण:- पेट में मरोड़ पड़ना। पेट में उत्पन्न ऐसा दर्द जो …

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ट्रिटिकम-ऐग्रोपाइरन रेपेन्स TRITICUM-AGROPYRON REPENA

परिचय :-ट्रिटिकम ऐग्रोपाइरन रेपेन्स औषधि का प्रयोग अनेक प्रकार के शारीरिक लक्षणों को दूर करने के लिए किया जाता है परन्तु इस औषधि की विशेष क्रिया मूत्राशय पर होती है। यह औषधि मूत्राशय की जलन, पेशाब करने में कठिनाई होना (मूत्रकृच्छ), मूत्राशय की सूजन तथा सुजाक आदि मूत्राशय से सम्बंधित लक्षणों को ठीक करने के …

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ट्रिओस्टियम पर्फोलिएटम TRIOSTEUM PERFOLIATUM

परिचय :-ट्रिओस्टियम पर्फोलिएटम औषधि का प्रयोग विभिन्न प्रकार के लक्षणों को समाप्त करने के लिए किया जाता है। यह औषधि अतिसार (दस्त रोग) के ऐसे लक्षणों में विशेष रूप से क्रियाशील होती है जिसमें दस्त के साथ दर्द, मिचली तथा दस्त के बाद नीचे के अंग सुन्न पड़ जाता है और पेशाब अधिक मात्रा में …

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ट्रिनाइट्रोटोलिन TRINITROTOLUENE

परिचय :-ट्रिनाइट्रोटोलिन औषधि मुख्य रूप से रक्त के लालकणों पर क्रिया करती है जिसके परिणामस्वरूप शरीर में खून की कमी तथा पीलिया रोग के ऐसे लक्षण भी उत्पन्न होते हैं जो लक्षण आमतौर पर आसानी से रोगी में उत्पन्न नहीं होते। इस औषधि के प्रयोग से खून की कमी और पीलिया के छोटे-छोटे लक्षण भी …

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टारेण्टुला क्यूबेन्सिस TARENTULA VIBENSIS

परिचय :-टारेण्टुला क्यूबेन्सिस औषधि शरीर में दूषित खून को साफ करती है। इस औषधि का प्रयोग खून की खराबी से होने वाले रोग को समाप्त करने में विशेष रूप से किया जाता है। डिफ्थीरिया रोग, तेज जलन, दर्द, तीव्र और स्थायी अवसन्नता जैसी अवस्थाओं में टारेण्टुला क्यूबेन्सिस औषधि का प्रयोग किया जाता है। रोगग्रस्त स्थान …

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टारेण्टुला हिस्पानिया TARENTULA HISPANIA

परिचय :-सभी होमियोपैथिक औषधियां किसी न किसी पेड़-पौधे या जीवों से बनाई जाती हैं। टारेण्टुला हिस्पानिया औषधि भी मकड़े के विश से तैयार की जाती है। इस औषधि को होमियोपैथिक चिकित्सकों ने विभिन्न प्रकार के शारीरिक लक्षणों में प्रयोग करने के बाद ही इसका प्रयोग करने को कहा है। यह औषधि विशेष रूप से स्त्री …

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टेलूरियम TELLURIUM

परिचय :-टेलूरियम औषधि को टेलूरियम नामक धातु से बनाई जाती है। यह औषधि रोगी में उत्पन्न विभिन्न प्रकार के लक्षणों को ठीक करती है। यह औषधि त्वचा रोग के विभिन्न लक्षणों, रीढ़ की हड्डी तथा आंख-कान सम्बंधी रोगों में विशेष रूप से क्रिया करती है और उससे सम्बंधित रोगों को समाप्त करती है। इस औषधि …

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टारैक्सैकम TARAXACUM

परिचय :-टारैक्सैकम औषधि का प्रयोग पाकाशयिक सिर दर्द, आनुवंशिक रोग जिनके साथ नक्शानुमा जीभ और पीलिया रोग के कारण त्वचा का पीला पड़ जाता है। मूत्राशय का कर्कट। पेट का फूलना। हिस्टीरिया रोग के साथ पेट के फूल जाना आदि लक्षणों में किया जाता है।शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर टारैक्सैकम …

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टैनिक एसिड TANNIC ACID

परिचय:-श्लैष्मिक झिल्लियों से अत्यधिक स्राव होने पर टैनिक एसिड औषधि का प्रयोग किया जाता है। यह औषधि अधिक रक्तस्राव (खून के बहाव) को रोकने तथा ऊतकों में सिकुड़न को रोकने में अत्यधिक लाभकारी होती है।बदबूदार पसीना आना, पुरानी खांसी, खून की खराबी, पुराना कब्ज, पेट का दर्द तथा दबाव को बिल्कुल सहन न कर पाना …

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टैनैसेटम वल्गैरी TANACETUM VULGARE

परिचय :-टैनैसेटम वल्गैरी औषधि का प्रयोग रोगी में अधिक आलस्य के लक्षण उत्पन्न होने पर की जाती है। टैनैसेटम वल्गैरी औषधि का प्रयोग शरीर में उत्पन्न ऐसे लक्षण में किया जाता है जिसमें रोगी को अपना पूरा शरीर अर्द्धजीवित महसूस होता है अर्थात रोगी को ऐसा लगता है कि उसके शरीर का आधा भाग काम …

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टाबैकम TABACUM

परिचय :-टाबैकम औषधि के प्रयोग से रोगों से संबन्धित अनेक प्रकार के ऐसे लक्षण उत्पन्न होते हैं जो आमतौर पर रोग के समय रोगी में उत्पन्न नहीं होते हैं। यह औषधि पहले रोग से सम्बंधित सभी छोटे-छोटे लक्षणों को उत्पन्न करती है और फिर उसे समाप्त करती है। यह औषधि मुख्य रूप से मितली, चक्कर …

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ट्यूक्रियम मेरम वेरम TEUCRIUM MARUM VERUM

परिचय :-ट्यूक्रियम मेरम वेरम औषधि का प्रयोग विभिन्न अंगों में होने वाले मांसार्बुद (पोलीपस) को ठीक करने के लिए लाभकारी माना गया है। इस औषधि को नाक तथा स्त्रियों के गुप्तांग के अंदर मांसार्बुद (मांस बढ़ कर मस्से की तरह हो जाना) आदि होने पर प्रयोग करने से लाभ होता है। भूख कम लगने पर …

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टर्मिनैलिया चेंबुला TERMINALIA CHEMBULA

परिचय :-टर्मिनैलिया चेंबुला औषधि को हरीतकी नामक पौधे से तैयार की जाती है। टर्मिनैलिया चेबुंला औषधि का प्रयोग अनेक प्रकार के रोग सम्बंधी लक्षणों को ठीक करने के लिए किया जाता है। खूनी बवासीर, दस्त रोग, जीर्ण पेचिश (दस्त के साथ खून आना), दस्त का बंद हो जाना, पेट दर्द, सिर दर्द, चक्कर आना, पेट …

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