P – Medicines

प्रौपिलैमिन-ट्राइमेथिलैमिनम (Propylamin-Trimethylaminum)

परिचय-जोड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए प्रौपिलैमिन-ट्राइमेथिलैमिनम औषधि का प्रयोग किया जाता है। ज्वर आने के साथ ही अधिक शरीर में दर्द होना और अधिक परेशानी होने पर इस औषधि से उपचार करने पर रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है तथा यह दर्द को एक-दो दिन में घटा देती है।विभिन्न लक्षणों में …

प्रौपिलैमिन-ट्राइमेथिलैमिनम (Propylamin-Trimethylaminum) Read More »

प्राइमुला वेरिस (Primula Veris)

परिचय-मस्तिष्क में रक्त का जमाव होने के कारण मस्तिष्क के नाड़ियों में दर्द होना तथा आधे सिर में दर्द होना, जोड़ों का दर्द और गठिया दर्द को ठीक करने के लिए प्राइमुला वेरिस औषधि का उपयोग किया जाता है।विभिन्न लक्षणों में प्राइमुला वेरिस औषधि का उपयोग-सिर से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को सिर के चारों …

प्राइमुला वेरिस (Primula Veris) Read More »

प्राइमुला आब्कोनिया (Primula Obconica)

परिचय-प्राइमरोज एक प्रकार का पौधा होता है। प्राइमरोज-विष इसके ग्रन्थिल केशों में उत्पन्न होता है, जो अनायास टूट जाते हैं और उनसे उपदाहजनक रसक्षरण होता है जो त्वचा के अंदर चला जाता है।विभिन्न लक्षणों में प्राइमुला आब्कोनिका औषधि का उपयोग-चेहरे से सम्बन्धित लक्षण :- तर अकौता रोग। ठोड़ी पर पिटकीय घाव होना। रात के समय …

प्राइमुला आब्कोनिया (Primula Obconica) Read More »

पीयूषिका ग्रन्थि (Pituitary Gland)

परिचय-जननांगों के परिवर्द्धन और विकास पर इस ग्रन्थि का सर्वाधिक नियन्त्रण रहता है, पीयूषिका ग्रन्थि औषधि मांसपेशियों की सक्रियता को उत्तेजित करती है और गर्भाशय की निष्क्रियता को दूर करती है। यह औषधि रक्तस्राव को रोकती है और रक्त के थक्कों का अवशोषण करने में मदद करती है।पीयूषिका ग्रन्थि औषधि का प्रयोग कई प्रकार के …

पीयूषिका ग्रन्थि (Pituitary Gland) Read More »

पाइपर नाइग्रम (Piper Nigrum)

परिचय-शरीर में जलन और दबाव महसूस होने पर पाइपर नाइग्रम औषधि का प्रयोग करने से लाभ मिलता है।विभिन्न लक्षणों में पाइपर नाइग्रम औषधि का उपयोग-मन से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी का मन दु:खी रहता है और शरीर में ऐसा लगता है कि शक्ति नहीं है। रोगी किसी एक चीज पर अपने मन को एकाग्र नहीं …

पाइपर नाइग्रम (Piper Nigrum) Read More »

पाइपर मेथिस्टिकम (Piper methysticum)

विभिन्न लक्षणों में पाइपर मेथिस्टिकम औषधि का उपयोग-मन से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी अत्यन्त संवेदनशील होता है, उसका मन उदास होता है और अधिक दु:ख महसूस करता है और मन को जब दूसरी ओर लगाता है तो दु:ख कुछ समय के लिए कम हो जाता है, रोगी को स्थिति परिवर्तन करने की बेचैन इच्छा होती …

पाइपर मेथिस्टिकम (Piper methysticum) Read More »

पाइनस सिल्वेस्ट्रिय (Pinus Sylvestris)

परिचय-पाइनस सिल्वेस्ट्रिय औषधि का उपयोग पीलिया रोग से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए किया जाता है। रिक्केटग्रस्त बच्चों में अधिक कमजोरी आने टखनों में अधिक कमजोरी महसूस होना तथा इसके साथ ही देरी से चलने की शिकायत को दूर करने के लिए इस औषधि का उपयोग किया जाता है।कमर से नीचे …

पाइनस सिल्वेस्ट्रिय (Pinus Sylvestris) Read More »

पिलोकार्पस माइक्रोफीलस (Pilocarpus Microphyllus)

परिचय-पिलोकार्पस माइक्रोफीलस औषधि ग्रन्थियों के कार्य को उत्तेजित करने वाली एक शक्तिशाली और पसीना लाने वाली सर्वश्रेष्ठ औषधि है। क्षय रोग से पीड़ित रोगियों को रात के समय में पसीना निकलने पर इस औषधि के उपयोग करने से रोग ठीक हो जाता है। यह औषधि अधिक पसीना लाने वाली, पेशी संकीर्णन, लालास्राव तथा मिचली चौंध। …

पिलोकार्पस माइक्रोफीलस (Pilocarpus Microphyllus) Read More »

पिक्रिकम एसिडम (Picricum Acidum)

परिचय-पिक्रिकम एसिडम औषधि का प्रयोग दिमाग की कमजोरी को दूर करने के लिए लाभकारी रहता है। अगर किसी व्यक्ति के अंदर इच्छा शक्ति समाप्त हो जाना, दिमागी काम करने से ज्यादा कमजोरी महसूस होना, किसी प्रकार की गहरी चिंता के कारण कमजोरी पैदा होना जैसे लक्षण उभरते हैं तो उसे यह औषधि देने से आराम …

पिक्रिकम एसिडम (Picricum Acidum) Read More »

फाइटोलेक्का (Phytolacca)

परिचय-रोगी के पूरे शरीर में हल्का-हल्का दर्द हो तथा इसके साथ ही बेचैनी हो तो ऐसे लक्षणों को दूर करने के लिए फाइटोलेक्का औषधि का प्रयोग लाभदायक होता है जिसके फलस्वरूप इस प्रकार के लक्षण ठीक हो जाते हैं। इस औषधि का प्रभाव अधिकतर ग्रन्थियों पर पड़ता है। ग्रन्थियों में सूजन होने तथा इसके साथ …

फाइटोलेक्का (Phytolacca) Read More »

फाइसस्टिग्मा (Physostigma)

परिचय-फाइसस्टिग्मा औषधि का सक्रिय तत्व ईजरीन होता है। यह औषधि हृदय-तन्त्र को उत्तेजित करती है, रक्तचाप और आंतों की पुर:सरण क्रिया को बढ़ाती है। यह नेत्रपटलों तथा रोमक पेशियों को संकुचित करती है तथा निकट-दृष्टि जैसी अवस्था को उत्पन्न करती है।विभिन्न लक्षणों में फाइसस्टिग्मा औषधि का उपयोग-मन से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी का मन बेचैन …

फाइसस्टिग्मा (Physostigma) Read More »

फाइसैलिस-सोलेनम वेसिकेरियम (Physalis-Solanum vesicarium)

परिचय-फाइसैलिस-सोलेनम वेसिकेरियम औषधि मूत्राशय से सम्बन्धित रोग तथा पथरी रोग से सम्बन्धित रोगों को ठीक करने के लिए उपयोग में लाई जाती है। इन रोगों के अलावा भी इसका उपयोग अन्य रोगों को ठीक करने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है और इसका लाभ भी बहुत अधिक होता है।विभिन्न लक्षणों में फाइसैलिस-सोलेनम वेसिकेरियम …

फाइसैलिस-सोलेनम वेसिकेरियम (Physalis-Solanum vesicarium) Read More »

फास्फोरस (Phosphorus)

परिचय-फास्फोरस औषधि श्लैष्मिक झिल्लियों को उत्तेजित करती है, जलन लाती है व उनका अपजनन करती हैं, सीरमी झिल्लियों को भी इसी तरह उत्तेजित करती है, मेरुमज्जु व स्नायु (नाड़ी) में जलन उत्पन्न करती है, जिसके कारण लकवा रोग के लक्षण पैदा होता हैं। यह हडि्डयों विशेषकर निचले जबड़े और पैर की लम्बी हड्डी को नष्ट …

फास्फोरस (Phosphorus) Read More »

फास्फोरिकम एसिडम (Phosphoricum Acidum)

परिचय-फास्फोरिकम एसिडम औषधि स्नायविक तनाव, पेशियों की कमजोरी, शारीरिक कमजोरी, वायु के कारण आंतों में परेशानी होना और हडि्डयों से सम्बन्धित रोगों को ठीक करने के लिए उपयोगी है।यह औषधि ऐसे रोगियों के रोगों को ठीक करने के लिए उपयोगी है जो पहले बहुत तन्दुरुस्त (स्वास्थ्य) हो लेकिन बाद में स्वप्नदोष, हस्तमैथुन, स्त्री प्रसंग, अनुचित …

फास्फोरिकम एसिडम (Phosphoricum Acidum) Read More »

फेलाण्ड्रीयम (Phellandrium)

परिचय-श्वास से सम्बन्धित रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए फेलाण्ड्रीयम औषधि का उपयोग किया जाता है। टी.बी. रोग होने के साथ ही बदबूदार बलगम आना और सांस लेने में रुकावट महसूस होना। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए फेलाण्ड्रीयम औषधि का प्रयोग करना चाहिए। यह टी.बी. (क्षयरोग) को ठीक करता …

फेलाण्ड्रीयम (Phellandrium) Read More »

पाइरोजीनियम (Pyrogenium)

परिचय-पाइरोजीनियम औषधि सांड के सड़े हुए चर्बीहीन मांस से बनाई जाती है। यह औषधि बनाने के लिए इस मांस को दो सप्ताहों तक धूप में रखकर शक्तिकृत किया जाता है। इस औषधि को सड़े हुए पीब को शक्तिकृत करके भी बनाया जा सकता है।चिकित्सा के क्षेत्र में इस औषधि का उपयोग विशेषकर उस रोग को …

पाइरोजीनियम (Pyrogenium) Read More »

सोरिनम (Psorinum)

परिचय-सोरिनम औषधि खाज या खुजली के रस से बनाई जाती है। यह एक गम्भीर क्रिया करने वाली उत्तम एन्टि-सोरिक औषधि है। सोरिनम औषधि सल्फर औषधि से कुछ मिलती-जुलती है।जब किसी पुराना रोग किसी सुनिश्चित औषधि से ठीक नहीं होता है या सल्फर के उपयोग करने पर भी रोग ठीक नहीं होता है तो सोरिनम औषधि …

सोरिनम (Psorinum) Read More »

प्रूनस स्पाइनोसा (Prunus spinosa)

परिचय-प्रूनस स्पाइनोसा औषधि की क्रिया सिर तथा मूत्रांगों पर अधिक होती है। नाड़ियों में तेज दर्द होता है, शरीर के सभी अंगों का जलोदर और विशेषकर पैर में सूजन हो जाता है। टखनें और पैरों पर मोच आ जाती है। पलकों की नाड़ियों में दर्द होता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के …

प्रूनस स्पाइनोसा (Prunus spinosa) Read More »

फेसियोलस (Phaseolus)

परिचय-फेसियोलस औषधि हृदय की बीमारियों को ठीक करने के लिए अधिक लाभकारी औषधि है, इसके अलावा यह मूत्राशय तथा वक्षस्थल से सम्बन्धित बीमारियों को भी ठीक करता है।विभिन्न लक्षणों में फेसियोलस औषधि हृदय का उपयोग-हृदय से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी का हृदय बहुत जोर-जोर से धड़कता है तथा हृदय रोगी की अन्तिम अवस्था में नाड़ी …

फेसियोलस (Phaseolus) Read More »

पेट्रोसेलीनम (Petroselinum)

परिचय-पेट्रोसेलिनम औषधि का प्रभाव विशेष रूप से मूत्र-यन्त्र पर होता है। यह मूत्रयन्त्र से सम्बन्धित कई प्रकार के लक्षणों को दूर करने में उपयोगी है। बवासीर के रोग होने के साथ ही मलद्वार पर अधिक खुजली होना। इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए पेट्रोसेलिनम औषधि का उपयोग किया जाता है।विभिन्न लक्षणों में …

पेट्रोसेलीनम (Petroselinum) Read More »