A – Medicines

आर्सेनिकम ब्रोमैटम   Arsenicum Bromatum

Arsenicum Bromatum Mineral Kingdom की होम्योपैथिक दवाई है। Arsenicum Bromatum त्वचा सम्बन्धी रोगों के लिए इस्तेमाल की जाती है। यह चर्म रोग के समस्याओं को ठीक करने में काम आती है। जो चर्म रोग लम्बे समय तक चलते हैं ये दवाई उनमे भी काम आती है। यह दवाई खून को साफ करने में मदद करती …

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अमोनियम कार्बोनिकम (AMMONIUM CARBONCUM)

परिचय-        अमोनियम कार्बोनिकम औषधि का प्रयोग ऐसी स्त्री रोग की अवस्था में किया जाता है, जिसमें स्त्रियां तो स्वस्थ्य जरूर रहती है, लेकिन वे हमेशा थकी हुई और ठण्ड महसूस करती रहती है तथा जो हैजा रोग से पीड़ित हो जाती है, शारीरिक परिश्रम नहीं करती है, कार्य करने के प्रति आलसी स्वभाव की …

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आर्जेमोन मैक्सिकाना (Argemone mexicana)

परिचय-      तंत्रिकाओं तथा पेशियों की दर्दनाक अवस्थायें जिनके कारण से नीन्द नहीं आती है, आंतों में दर्द तथा ऐंठन और बेहोशी की अवस्था उत्पन्न हो जाती है, आमवाती रोग (जोड़ों का दर्द) जिनका सम्बन्ध गुर्दे की सूजन से जुड़ा रहता है। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए आर्जेमोन मैक्सिकाना औषधि का …

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अरेनिया डायडेमा (Arania diadema)

परिचय-        मकड़ी के जहर को खत्म करने के लिए अरेनिया डायडेमा औषधि का उपयोग लाभदायक है और यह स्नायु-प्रणाली को प्रभावित करती है।           मलेरिया रोग को ठीक करने के लिए अरेनिया डायडेमा औषधि का प्रयोग करना चाहिए। रोगी भीगा हो या नम स्थान पर रहता हो और बीमार हो गया हो तो ऐसे रोगी …

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अरेका (Areca)

परिचय-        अरेका औषधि पेट के कीड़ें तथा अन्य कीड़ों को नष्ट करने के लिए प्रयोग की जाती है। अरेका औषधि का क्षार एरियोलिन हाइड्रोब्रोम औषधि की तरह ही नेत्र पटलों पर क्रिया करती है। इसकी क्रिया इसेरिना औषधि से कुछ कम होती है।           पेट का फूलना पर इस औषधि का प्रयोग बहुत अधिक लाभकारी …

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एथूजा सिनापियाम (AETHUSA CYNAPIUM)

परिचय-        एथूजा सिनापियाम औषधि कई प्रकार के रोगों जो बच्चे के दांत निकल रहे हों, उस समय यदि बच्चा अधिक रो रहा हो या चिल्ला रहा हो, निराशा तथा असंतोष हो तो बच्चे के इस रोग को ठीक करने के लिए एथूजा सिनापियाम औषधि का उपयोग करना चाहिए।        गर्मी के समय में बच्चों …

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आर्सेनिक आयोडाइड (ARSENIC IODIED)

परिचय-           गले के रोगों को ठीक करने के लिए आर्सेनिक आयोडाइड औषधि का उपयोग करना लाभदायक है। लसिका ग्रंथियों की बढ़ी हुई अवस्था तथा उसमें जलन को यह औषधि ठीक कर देता है।           सर्दी, हे-फीवर (दूषित ज्वर), आंख आना, नाक, गले और कानों में जलन होने पर इस औषधि का प्रयोग लाभदायक है। कान बन्द …

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आरेगैल्लस लैम्बर्टाइ (Aragallus lamberti)

परिचय-      आरेगैल्लस लैम्बर्टाइ औषधि का प्रभाव स्नायु प्रणाली की क्रिया पर होता है जिसके फलस्वरूप व्याकुलता और भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है।         लकवा रोग के लक्षण होना तथा इसके साथ ही रोगी असमंजस (किसी चीज का फैसला न कर पाना) में पड़ जाता है तो उसके इस प्रकार के लक्षण को ठीक …

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इस्क्यूलस हिपोकैस्टेनम (AESCULUS HIPPOCASTANUM)

परिचय-        इस्क्यूलस हिपोकैस्टेन औषधि का उपयोग बवासीर रोग को ठीक करने के लिए किया जाता है। रोगी यदि यह कहे कि उसे बवासीर हो गया है, लेकिन बवासीर से खून तो नहीं आ रहा है परन्तु मलद्वार खुश्क और गर्म महसूस हो रहा है। रोगी को कभी ऐसा लगता है कि मलद्वार में किसी …

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ऐग्ले-मार्मेलस एवं ऐग्ले-फोलिया (AEGLE-MARMELOS AND AEGLE-FOLIA)

परिचय-          ऐग्ले-मार्मेलस एवं ऐग्ले-फोलिया औषधि का उपयोग कई प्रकार के रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता हैं। जो इस प्रकार हैं- पेचिश, बुखार के साथ जलोदर होना, नपुंसकता, खूनी बवासीर तथा दस्त। ऐग्ले-मार्मेलस एवं ऐग्ले-फोलिया औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी है- मन से सम्बन्धित लक्षण …

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एड्रिनैलिन (ADRENALIN)

परिचय-        एड्रिनैलिन औषधि का प्रभाव अधिवृक्क ग्रन्थिमज्जा के कार्य पर अधिक होता है। शरीर के संवेदी तन्त्रिका पर इस औषधि का सक्रिय प्रभाव पड़ता है। एड्रिनैलिन औषधि की शरीर के समस्त अंगों पर उसी प्रकार क्रिया होती है जिस प्रकार वह संवेदीतंत्रिकान्तों (साइसपेथेटिक नर्व एन्टीगस) का उद्दीपन करती है।        श्लैष्मिक झिल्लियों पर इसका …

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एडोनिस वर्नेलिस (ADONIS VERNALIS)

परिचय-        हृदय के लिए एडोनिस वर्नेलिस औषधि बहुत अधिक लाभदायक है। यह औषधि विशेषकर आमवात या इनफ्लुएंजा रोग या गुर्दे में सूजन के बाद, जब हृदय की पेशियों में चर्बी (फेट्टी डेजनिरेशन) हो जाती है तो एडोनिस वर्नेलिस औषधि बहुत लाभकारी है जिसके उपयोग से कई प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं।         यह …

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ऐकोनाइटम नैपेल्लस (ACONTUM NAPELLUS)

परिचय-        ऐकोनाइटम नैपेल्लस औषधि तीव्र रोगों को ठीक करने के लिए बहुत उपयोगी है। इस औषधि का पुराने रोगों से कोई सम्बन्ध नहीं है। रोगों को ठीक करने के लिए सबसे पहले यह समझ लेना चाहिए कि नए और पुराने रोग क्या होते हैं। नए रोग कहने पर कुछ लोग सोचते हैं कि रोग …

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ऐक्टिया स्पाइकेटा (ACTAEA SPICATA) बेनबेरी (Banebarry)-ऐक्टि-स्पाइ

परिचय-       छोटे-छोटे जोड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए ऐक्टिया स्पाइकेटा औषधि का उपयोग लाभकारी होता है। कलाई के दर्द, अंगुलियों के जोड़ों में सूजन, दर्द, स्पर्श करने में असहनीय दर्द होना, सुरसुराहट होने के साथ दर्द होना और रात के समय में इस दर्द में और तेजी होना। इस प्रकार के लक्षणों …

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एक्टिया रेसेमोसा-सीमीसिफ्यूगा  (actaea racemosa-cimicifuga) शतवारी (Black Snak Root)– सिमि-रेसध्एक्टि-रेस Cim. Rac./Actea. Rac)

परिचय-       स्नायु की धड़कन अनियमित होना, ऐंठन होना, अकड़न होना, बेहोशी होना, स्नायु में दर्द होना, बिना कंपकंपी के साथ ठण्ड लगना और स्त्रियों के मासिकधर्म के समय में ये सभी लक्षण अधिक दिखाई पड़ते हैं। इन लक्षणों से पीड़ित रोगी को ठीक करने के लिए एक्टिया रेसेमोसा औषधि का उपयोग करना चाहिए।      …

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अचिरैंथेस आस्पेरा (ACHYRANTHES ASPERA) अपामार्ग-अचिरैं-आसपे

 अचिरैंथेस आस्पेरा औषधि का उपयोग कई प्रकार के लक्षणों जैसे- मूत्रल (पेशाब अधिक होना), दस्त, संकोचक (अस्ट्रीजेंट), पेचिश, कष्ट के साथ माहवारी आना तथा कुत्ते और सांप के काटने पर उसके जहर का प्रभाव कम करने के लिए इसका उपयोग लाभकारी है। अचिरैंथेस आस्पेरा औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में …

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ऐसेटिक ऐसिड (ACETIC ACID) ग्लैशियल असेटिक एसिड (Glacial Acetic Acid)- असेटिक एसिड (Acet-ac-)

परिचय-       ऐसेटिक ऐसिड औषधि शरीर में अधिक खून की कमी होने (रक्ताल्पता) पर बहुत उपयोगी है। अधिक कमजोरी होना, बार-बार बेहोशी होना, सांस लेने में कमजोरी महसूस होना, अधिक पेशाब आना, पसीना अधिक निकलना, शरीर के किसी भाग से रक्त का स्राव होना और शरीर का रंग पीला पड़ जाना, शरीर में अधिक कमजोरी …

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असेटैनिलियडम- ऐन्टीफेब्रीनम (ACETANILIDUM- ANTEFEBRINUM) ऐन्टीफेब्रीनम (Antefebrinum)-( असेटै Acet.)

परिचय-      असेटैनिलियडम औषधि हृदय और श्वास क्रिया को तथा रक्तदाब को बढ़ने से रोकती है और तापमान को नीचे गिरा देती है। नील रोग और निपात रोग (कोलेप्स) रोग को ठीक करने में इस औषधि का उपयोग लाभकारी है। ठण्ड के प्रति बढ़ी हुई सुग्राह्मता (ससपेटीबिलीटी) को यह ठीक कर सकता है। आंखों के …

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एब्सिन्थियम- कॉमन वार्मवुड (ABSINTHIUM-COMMON WORMWOOD) (कॉमन वार्मवुड (Common Wormwood) एब्सि-Absin.)

परिचय-         एब्सिन्थियम औषधि का असर मिर्गी के रोगी पर बहुत अधिक होता है तथा मिर्गी के रोगी के लिए यह औषधि लाभदायक है। जब रोगी को दौरा पड़ता है और स्नायुविक कंपन्न (नाड़ियों में कंपन्न) होती है। अचानक तेज चक्कर आना तथा रोगी के मन में भ्रम पैदा हो जाना तथा बेहोशी की स्थिति …

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 ऐकैलिफा इन्डिका (Acalypha indica) इण्डियन नेटल (Indian nettel)- ऐकैलि इन Acaly-in

परिचय-      ऐकैलिफा इन्डिका औषधि का उपयोग फेफड़ों के रोगों को ठीक करने के लिए लाभकारी है। सुबह के समय में अचानक सूखी खांसी के साथ खून आना और शाम के समय में स्याही की तरह जमा हुआ खून आए तथा इन सब लक्षणों के होते हुए भी बुखार न हो, सुबह के समय में …

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