A – Medicines

एनागोलिस (ANAGALLIS)

परिचय-      एनागोलिस औषधि एक तरह के वृक्ष के टिंचर से बनाया जाता है। जब रोगी के सारे शरीर में बहुत तेज खुजली होती है और गुदगुदाहट होती है तो इस औषधि का प्रयोग करने से रोग ठीक हो जाता है।         चर्म रोगों को ठीक करने में एनागोलिस औषधि का उपयोग बहुत लाभदायक है। जब …

एनागोलिस (ANAGALLIS) Read More »

ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल (Anacardium oriental)

परिचय-        मानसिक कारणों की वजह से होने वाली मस्तिष्क की कमजोर स्मरण शक्ति को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि का उपयोग लाभकारी है।        जिन रोगियों की स्मरण शक्ति अधिक कमजोर हो जाती है, मामूली हाल की घटनायें भी याद नहीं रहतीं, जल्दी से कुछ भी समझ में नहीं आता है, रोगी …

ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल (Anacardium oriental) Read More »

ऐमिल नाइट्रोसम (Amyl nitrosum)

परिचय-           दिल से सम्बन्धित कई प्रकार के रोगों को ठीक करने में ऐमिल नाइट्रोसम औषधि बहुत उपयोगी है विशेष करके तब जब वैजो मोटर (वह शक्ति जो नसों में खून को बहाती है)  की शक्ति शिथिल (ठण्डी) हो जाती है और चेहरा गर्म और सुर्ख हो जाता है, रोगी के चेहरे और सिर पर खून …

ऐमिल नाइट्रोसम (Amyl nitrosum) Read More »

एमिल नाइट्रिक (Amyl nitric)

परिचय-           मिर्गी के दौरे पड़ने के बाद बेहोशी की अवस्था तथा बेहोशी करने वाली दवाओं के कुप्रभावों से पैदा होने वाली बेहोशी को दूर करने की एक बहुत ही अच्छी और लाभदायक औषधि है। किसी भी प्रकार की बेहोशी की अवस्था को दूर करने के लिए एमिल नाइट्रिक औषधि का प्रयोग करना चाहिए। विभिन्न लक्षणों …

एमिल नाइट्रिक (Amyl nitric) Read More »

एमिग्डेलस पर्सिका (AMYGDALUS PERSICA)

परिचय-           उल्टी आने की विभिन्न अवस्थाओं में एमिग्डेलस पर्सिका औषधि का प्रयोग किया जाता है जिसके फलस्वरूप उल्टी से सम्बन्धित कई प्रकार के लक्षण ठीक हो जाते हैं। ऐसे रोगी को सुबह के समय उल्टी होती है तथा उसके आंखों में चुभन, मल का रुक जाना तथा रक्तमेह हो जाता है।        यदि किसी रोगी …

एमिग्डेलस पर्सिका (AMYGDALUS PERSICA) Read More »

एम्पीलोप्सिस (AMPELOPSIS)

परिचय-        एम्पीलोप्सिस औषधि का प्रयोग गुर्दे में पानी भरने का रोग (रेनल ड्रोपसीस), जलवृषण (हाड्रोसिल.अण्डकोष में पानी भरना) तथा गले का रोगों को ठीक करने में किया जाता है।           हैजे के रोग से पीड़ित रोगी के रोग में यदि शाम के छ: बजे के बाद लक्षणों में वृद्धि हो रही हो तथा साथ में …

एम्पीलोप्सिस (AMPELOPSIS) Read More »

अमोनियम वैलेरियनिकम (AMMONIUM VALERIANICUM)

परिचय-           स्नायुशूल (नाड़ियों में दर्द), सिर में दर्द तथा अनिद्रा रोग (इनसोनिया) से पीड़ित रोगी तथा स्नायु से संबन्धित रोग (नर्वस) और पेट में गैस बनने के कारण दिमागी पागलपन होना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए अमोनियम वैलेरियनिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।        हमेशा भारी …

अमोनियम वैलेरियनिकम (AMMONIUM VALERIANICUM) Read More »

अमोनियम फास्फोरिकम (AMMONIUM PHOSPHORICUM)

परिचय-        पुराने गठिया तथा यूरिक अम्ल से सम्बन्धित लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए अमोनियम फास्फोरिकम औषधि प्रयोग करना चाहिए।         श्वासनली का रोग (ब्रोकाइटिस) तथा हाथ की उंगलियों के जोड़ों पर तथा हाथ के पिछले भाग में होने वाले गांठें तथा चेहरे पर लकवा रोग का प्रभाव, कंधे के …

अमोनियम फास्फोरिकम (AMMONIUM PHOSPHORICUM) Read More »

अमोनियम म्यूरियेटिकम (Ammounium muriaticum)

परिचय-           खांसी होने के साथ ही यदि छाती से सम्बन्धित कोई बीमारी हो गई हो तो उस रोग को ठीक करने के लिए अमोनियम म्यूरियेटिकम औषधि का उपयोग करना लाभदायक है।           कब्ज को ठीक करने के लिए अमोनियम म्यूरियेटिकम औषधि का प्रयोग लाभदायक है जिसके फलस्वरूप कब्ज ठीक हो जाता है। इस औषधि के प्रभाव …

अमोनियम म्यूरियेटिकम (Ammounium muriaticum) Read More »

अमोनियम पिकरेटस (AMMONIUM PICRATUM)

परिचय-           मलेरिया बुखार तथा स्नायुशूल (नाड़ियों में दर्द-न्युरेलगिया), सिर के पिछले भाग तथा कान के भाग में दर्द, काली खांसी तथा सिर में दर्द (बाइलीओस हैडक)। इस प्रकार के रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए अमोनियम पिकरेटस औषधि का प्रयोग करना चाहिए।        सिर के दाईं भाग की ओर नियमित समय पर होने …

अमोनियम पिकरेटस (AMMONIUM PICRATUM) Read More »

अमोनियम आयोडेटम (AMMONIUM IODATUM)

परिचय-        अमोनियम आयोडेटम औषधि का प्रयोग तब किया जाता है, जब सांस लेने वाली नली में सूजन (ब्रोकाइटिस) हो जाती है तथा स्वरयन्त्र में सूजन (लेरींगिटिस) हो जाती है और प्रतिश्यायी फुफ्फुसपाक (कैटरल न्युमोनिया), फेफड़ों की सूजन (ओइडेमा ऑफ लंग्स) में किया जाता है जिसके कारण यह रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है …

अमोनियम आयोडेटम (AMMONIUM IODATUM) Read More »

अमोनियम कास्टिकम (AMMONIUM CAUSTICUM)

परिचय-        अमोनियम कास्टिकम औषधि हृदय की गति को बढ़ाने वाली औषधि है। रोगी को बेहोशी की अवस्था (थ्रोम्बोसिस) होने पर, रक्तस्राव (हैर्मोरेज.खून बहना) होने पर, सांप के काटने (स्नेक बाइटस) के बाद शरीर में जहर फैलने पर तथा क्लोरोफार्म के उपयोग के कारण बेहोशी होने पर रोगी को यदि यह औषधि सुंघाई जाए तो …

अमोनियम कास्टिकम (AMMONIUM CAUSTICUM) Read More »

अमोनियम कार्बोनिकम (AMMONIUM CARBONCUM)

परिचय-        अमोनियम कार्बोनिकम औषधि का प्रयोग ऐसी स्त्री रोग की अवस्था में किया जाता है, जिसमें स्त्रियां तो स्वस्थ्य जरूर रहती है, लेकिन वे हमेशा थकी हुई और ठण्ड महसूस करती रहती है तथा जो हैजा रोग से पीड़ित हो जाती है, शारीरिक परिश्रम नहीं करती है, कार्य करने के प्रति आलसी स्वभाव की …

अमोनियम कार्बोनिकम (AMMONIUM CARBONCUM) Read More »

अमोनियम ब्रोमेटम (AMMONIUM BROMATUM)

परिचय-      अमोनियम ब्रोमेटम औषधि का प्रयोग स्वरयन्त्र (कण्ठ) तथा ग्रासनी (भोजननली) से सम्बन्धित रोग, स्नायुविक (सिर की नाड़ियों में दर्द) सिर दर्द और मोटापे रोग को ठीक करने के लिए किया जाता है।      टांगों, सिर, छाती आदि अंगों में सिकुड़न होने के साथ दर्द होना, हाथ की उंगलियों में नाखुनों के नीचे उत्तेजना …

अमोनियम ब्रोमेटम (AMMONIUM BROMATUM) Read More »

अमोनियम बेंजोइकम (AMMONIUM BENZONICUM)

परिचय-        अमोनियम बेंजोइकम औषधि का प्रयोग अन्नसारमेह (पेशाब के साथ सफेद पदार्थ जाना) की अवस्था (एल्बुमीनिरिया) तथा विशेष रूप से पीड़ित रोगियों के रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। गठिया रोग के साथ जोड़ों में खून का जमाव होने तथा बूढ़े व्यक्तियों में असंयतमूत्रता (इंकोंटीनेस. अपने आप पेशाब का निकल जाना) …

अमोनियम बेंजोइकम (AMMONIUM BENZONICUM) Read More »

अमोनिकम डोरेमा/गम-अमोनिक (AMMONIACUM DOREMA/GUM AMMONIAC))

परिचय-        अमोनिकम डोरेमा औषधि कमजोर व्यक्तियों तथा बूढ़े व्यक्तियों के लिये लाभदायक है। जब रोगी को अधिक ठण्ड महसूस होती है तथा उसके दिमाग की स्थिति गड़बड़ा गई हो, गर्दन तथा ग्रासनली (भोजननली) में जलन और खुरचन सी महसूस होती है तो ऐसे रोगी के रोग को ठीक करने के लिए अमोनिकम डोरेमा औषधि …

अमोनिकम डोरेमा/गम-अमोनिक (AMMONIACUM DOREMA/GUM AMMONIAC)) Read More »

ऐस्क्लेपियस सिरियाका Asclepias syriaca

परिचय-            स्नायु प्रणाली तथा मूत्र से सम्बन्धित अंगों पर ऐस्क्लेपियस सिरियाका औषधि का विशेष प्रभाव पड़ता है, यकृत, वृक्क या हृदय तथा खून से संबन्धित रोगों को ठीक करने के लिए इस औषधि का उपयोग किया जाता है।         यह शरीर में पसीने की मात्रा को बढ़ा देती है तथा पेशाब की मात्रा को भी …

ऐस्क्लेपियस सिरियाका Asclepias syriaca Read More »

एसिमिना ट्रिलोबा (ASIMINA TRILOBA)

परिचय :-        एसिमिना ट्रिलोबा औषधि के प्रयोग करने से कई प्रकार के लक्षण पैदा हो जाते हैं जो इस प्रकार हैं- गले में जलन, बुखार हो जाना, शरीर पर लाल रंग का दाना निकलना, उल्टी आना, गलतुण्डिका और अवहनु ग्रन्थियां (submaxillary) बढ़ जाना तथा इसके साथ ही पतले दस्त होना, मुंह का अन्दरूनी भाग …

एसिमिना ट्रिलोबा (ASIMINA TRILOBA) Read More »

ऐस्क्लोपियस (ASCLEPIAS)

परिचय-        ऐस्क्लोपियस औषधि ऐस्क्लोपियस नामक वृक्ष की ताजी जड़ के सार से  तैयार की जाती है, यह दो प्रकार का होता है। ऐस्क्लिपियस कंर्न्युटी और एस्किलपियस टयुबरोसाइन दो प्रकार के एस्क्लिपियसो का हम अधिक प्रयोग करते हैं।        ऐस्किलपियस कॉर्न्युटी या साइरिका औषधि यह औषधि विशेष रूप से हृदय के पिण्ड व पेशाब सम्बन्धी …

ऐस्क्लोपियस (ASCLEPIAS) Read More »

ऐस्क्लोपियस (ASCLEPIAS)

परिचय-        ऐस्क्लोपियस औषधि ऐस्क्लोपियस नामक वृक्ष की ताजी जड़ के सार से  तैयार की जाती है, यह दो प्रकार का होता है। ऐस्क्लिपियस कंर्न्युटी और एस्किलपियस टयुबरोसाइन दो प्रकार के एस्क्लिपियसो का हम अधिक प्रयोग करते हैं।        ऐस्किलपियस कॉर्न्युटी या साइरिका औषधि यह औषधि विशेष रूप से हृदय के पिण्ड व पेशाब सम्बन्धी …

ऐस्क्लोपियस (ASCLEPIAS) Read More »