Jkhealthworld

लेम्ना माइनर (Lemna Minor)

परिचय-लेम्ना माइनर औषधि नाक की हड्डी, नाक और नाक की श्लैष्मिका झिल्लियों पर विशेष क्रिया करती है जिसके फलस्वरूप नाक से संबन्धित कई प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं।लेम्ना माइनर औषधि का प्रयोग कई प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए करते हैं, ये लक्षण इस प्रकार हैं- …

लेम्ना माइनर (Lemna Minor) Read More »

लिडम पैलस्टर (Ledum paluster)

परिचय-जोड़ों के दर्द से पीड़ित रोगी और गठिया रोग से पीड़ित रोगी तथा पुराने शराबियों के लिए भी यह औषधि लाभदायक है।कील, सूआ आदि चुभने से घाव होने पर लिडम पैलस्टर औषधि का उपयोग करना लाभदायक होता है। कीडे़, मकोड़ें, बरैया के डंक, चूहे के काटने से उत्पन्न घाव, विशेष करके मच्छर से काटे हुए …

लिडम पैलस्टर (Ledum paluster) Read More »

लीडम (Ledum)

परिचय-लीडम औषधि जोड़ों के दर्द के रोगियों के रोगों को ठीक करने के लिए उपयोगी औषधि है।यह उन रोगियों के लिए विशेष उपयोगी है जिन रोगियों के पैर के जोड़ों में दर्द होता है और दर्द का असर ऊपर की ओर बढ़ता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने …

लीडम (Ledum) Read More »

लेसीथिन (lecithin)

परिचय-लेसीथिन औषधि जैवीप्रक्रियाओं के लिए अधिक महत्वपूर्ण औषधि है, रोगी को स्वस्थ्यवर्धक बनाने के लिए इस औषधि का उपयोग किया जाता है, खून पर इस औषधि का लाभदायक प्रभाव पड़ता है। यह शरीर में खून की कमी को दूर करता है, शारीरिक कमजोरी तथा स्नायु कमजोरी को दूर करने के लिए यह महत्वपूर्ण लाभदायक औषधि …

लेसीथिन (lecithin) Read More »

लैट्रोडेक्टास मैक्टान्स (Latrodectus mactans)

परिचय-मकड़ी के काटने से धनुर्वाती उपसर्ग उत्पन्न होते हैं जो कई दिनों तक बने रहते हैं। लैट्रोडेक्टास मैक्टान्स औषधि की क्रिया से हृच्छूल का एक चित्र उपस्थित होता है। पुरोहृद प्रदेश आक्रमण का केन्द्रस्थल प्रतीत होता है। वक्षपेशियों की सिकुड़न, जो कंधों और पीठ तक फैल जाती है, रक्त जमने की क्रिया कम हो जाती …

लैट्रोडेक्टास मैक्टान्स (Latrodectus mactans) Read More »

लैथाइरस(लैथाइरस सैटाइवस) (Lathyrus)

परिचय-लैथाइरस औषधि का प्रयोग उन रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है जिनमें रोगी का शरीर कांपने लगता है तथा उसके शरीर में लकवा रोग के लक्षण दिखाई देते हैं।बेरी-बेरी रोग, छोटे बच्चे के शरीर का कोई अंग कमजोर होना, इंफ्लुएंजा तथा अन्य रोग जिसके कारण शरीर में बहुत अधिक कमजोरी आ जाती …

लैथाइरस(लैथाइरस सैटाइवस) (Lathyrus) Read More »

लायकोपेडियम-क्लेवेन्टम क्लब मॉस (Club Moss)-लाइको –(Lyco)

परिचय-लायकोपेडियम-क्लेवेन्टम औषधि का प्रयोग उन रोगियों के रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है जिनका रोग बढ़कर अधिक गंभीर हो जाता है।यह ऐसे रोगियों के लिए बहुत उपयोगी है जो मानसिक रूप से कमजोर तथा शारीरिक दृष्टि से भी कमजोर होते हैं और शरीर में बहुत अधिक कमजोरी होती है।शरीर के दाहिने अंगों …

लायकोपेडियम-क्लेवेन्टम क्लब मॉस (Club Moss)-लाइको –(Lyco) Read More »

लैप्पा-आर्कटियम (Lappa-Arctium)

परिचय-चर्म रोगों को ठीक करने के लिए लैप्पा-आर्कटियम औषधि का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि इसके प्रभाव से चर्म रोग जल्दी ही ठीक हो जाते हैं।सिर, चेहरे और गर्दन पर घाव होना, फुंसियां और मुंहासे हो गये हो तो उसे ठीक करने के लिए लैप्पा-आर्कटियम औषधि का उपयोग करना चाहिए जिसके फलस्वरूप कई प्रकार के रोग …

लैप्पा-आर्कटियम (Lappa-Arctium) Read More »

लौरोसेरासस Laurocerasus

परिचय-तेज गुदगुदाहट युक्त खांसी होना तथा जिसके साथ ही हृदय में भी दर्द होता है, ऐसी खांसी को ठीक करने के लिए लौरोसेरासस औषधि का प्रयोग करना चाहिए जिसके फलस्वरूप रोग ठीक हो जाता है। इस औषधि का प्रयोग अधिक वक्ष (छाती) तथा हृदय से सम्बन्धित रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। …

लौरोसेरासस Laurocerasus Read More »

लैपिस ऐल्बा (Lapis alba)

परिचय-ग्रन्थियों में किसी प्रकार का घाव होना, गलगण्ड होना, कैंसर में घाव बनने से पूर्व की अवस्था को ठीक करने के लिए लैपिस ऐल्बा औषधि का प्रयोग करना चाहिए।स्तन, आमाशय तथा गर्भाशय की ऊपरी झिल्ली पर जलन होना तथा डंक मारने जैसा दर्द होना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक …

लैपिस ऐल्बा (Lapis alba) Read More »

लैमियम (Lamium)

परिचय-स्त्रियों के जननयंत्र तथा मूत्रयंत्र पर लैमियम औषधि का विशेष प्रभाव होता है।लैमियम औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी है-सिर से सम्बन्धित लक्षण :- सिर में दर्द होने के साथ ही ऐसा महसूस हो रहा हो कि सिर के सामने और पीछे की ओर अधिक तेज दर्द हो रहा …

लैमियम (Lamium) Read More »

लैक्टुका विरोसा (Lactuca virosa)

परिचय-लैक्टुका विरोसा औषधि की प्रमुख क्रिया संचार प्रणाली तथा मस्तिष्क पर होती है, जिसके फलस्वरूप संचार प्रणाली और मस्तिष्क से सम्बन्धित रोग ठीक हो जाते हैं।लैक्टुका विरोसा औषधि स्तन में दूध को बढ़ाने वाली औषधि है। यह शरीर के कई अंगों को मजबूती प्रदान करती है।नपुंसकता रोग, जलोदर रोग, शरीर के कई अंग रोग ग्रस्त …

लैक्टुका विरोसा (Lactuca virosa) Read More »

लैक्टुका एसिडम Lactuca Acidium

परिचय-लैक्टुका एसिडम औषधि स्त्रियों तथा पुरुष के कष्टदायक प्रमेह रोग होने के साथ ही कई प्रकार के लक्षण होने पर रोग को ठीक करने के उपयोग करना चाहिए। ये लक्षण इस प्रकार हैं जैसे- बैठे रहने पर ऐसा महसूस होता है कि मूत्रनली से बूंद-बूंद करके पेशाब टपक रहा है, स्त्रियों के ओवेरिय टियुमन में …

लैक्टुका एसिडम Lactuca Acidium Read More »

लैकनैंथिस Lachnanthes

परिचय-लेटने के कारण उत्पन्न कोई रोग की अवस्था या किसी कारण से गर्दन टेढ़ी पड़ जाने पर लैकनैंथिस औषधि का प्रयोग करने से रोग ठीक हो जाता है तथा रोगी को आराम मिल जाता है।यदि रोगी को ऐसा महसूस हो रहा हो कि गर्दन की हड्डी या जोड़ उखड़ गई है, गर्दन कड़ी पड़ गई …

लैकनैंथिस Lachnanthes Read More »

लैकेसिस (Lachesis)

परिचय-लैकेसिस औषधि का प्रयोग उन रोगियों के लक्षणों को ठीक करने के लिए किया जाता है जो बहुत ही उदास और निराश रहते हैं, विशेष रूप से सोकर उठने के बाद या फिर जब मानसिक परेशानियां अधिक होती है तब।लैकेसिस औषधि सांप के जहरों के समान ही रक्त-विघटन करती है और उसे अधिक तरल कर …

लैकेसिस (Lachesis) Read More »

लैक डिफ्लोरेटम Lac Defloratum

परिचय-लैक डिफ्लोरेटम औषधि उन व्यक्तियों के लिए अधिक लाभदायक है जिनको दूध नहीं पचता है और वे यह कहते हैं कि हम दूध पीने से ही बीमार हो जाते हैं। ऐसे बहुत से पुराने रोगी, जो दूध हजम नहीं कर सकते, वे बहुत ठण्डी प्रकृति वाले होते हैं, कितने ही गर्म कमरे में रहें या …

लैक डिफ्लोरेटम Lac Defloratum Read More »

लैबर्नम Laburnum

परिचय-लैबर्नम औषधि एक प्रकार की झाड़ी होती है। इस झाड़ी के सभी भाग जहरीले होते हैं। इसलिए यह औषधि आमाशय तथा आन्तों में जलन पैदा करती है, जिसके साथ ही उल्टियों की समस्या भी हो जाती है, अतिसार (दस्त), सिर में दर्द, चेहरे का पीलापन और त्वचा में ठण्ड लगना आदि विकार इसके प्रयोग से …

लैबर्नम Laburnum Read More »

कोसो-ब्राएरा Kousso-Brayera

परिचय-कोसो-ब्राएरा औषधि शरीर में मौजूद कीड़ों को समाप्त करने में बहुत ही असरकारक मानी जाती है। इसके अलावा जी मिचलाना, उल्टी होना, चक्कर आना, नाड़ी का सामान्य तरीके से न चलना आदि रोगों को भी ये औषधि दूर करती है।तुलना-कोसो-ब्राएरा औषधि की तुलना मैल्लोटस से की जा सकती है।मात्रा-कोसो-ब्राएरा औषधि का 1 औंस का तीसरा …

कोसो-ब्राएरा Kousso-Brayera Read More »

काओलिन Kaolin

परिचय-काली खांसी और सांस की नली में सूजन आने पर काओलिन औषधि का प्रयोग काफी असरदार रहता है।विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर काओलिन औषधि से होने वाले लाभ-नाक से सम्बंधित लक्षण- नाक में जलन और बहुत तेज खुजली सी महसूस होना, नाक से पीले रंग का स्राव निकलना, नाक का बन्द होना, नाक …

काओलिन Kaolin Read More »

काल्मिया लैटीफोलिया Kalmia Latifolia

परिचय-काल्मिया लैटीफोलिया औषधि जोड़ों के दर्द में बहुत ही प्रभावशाली असर करती है। इसके साथ ही यह रोजाना जी मिचलाना, नाड़ी का अनियमित गति से चलना आदि रोगों में भी अच्छा असर करती है। दिल के रोगों में भी काल्मिया लैटीफोलिया औषधि बहुत उपयोगी साबित होती है।विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर काल्मिया लैटीफोलिया …

काल्मिया लैटीफोलिया Kalmia Latifolia Read More »