परिचय-
सैबल सेरूलैटा औषधि को जननेन्द्रियों की और मूत्रांगों की उत्तेजना को समाप्त करने वाली औषधि माना जाता है। ये औषधि सिर के रोगों, आमाशय के रोगों और डिम्बाशय के रोगों को दूर करती है।
विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर सैबल सेरूलैटा औषधि का उपयोग-
मूत्र (पेशाब) से सम्बंधित लक्षण-रोगी को रात के समय सोते समय कई बार पेशाब करने के लिए जाना पड़ता है। रोगी बिस्तर पर पेशाब कर देता है। पेशाब करते समय पेशाब की नली में दर्द सा होना। रोगी का पुराना सुजाक रोग। रोगी की पेशाब की नली में जलन होने के साथ-साथ पुर:स्थग्रंथि का बढ़ जाना आदि लक्षणों में रोगी को सैबल सेरूलैटा औषधि देने से लाभ मिलता है।
आमाशय से सम्बंधित लक्षण- रोगी को बहुत ज्यादा डकारें आना। रोगी के पेट में गैस बनना। रोगी का मन करता है कि वह बार-बार दूध पीता रहे। इस तरह के लक्षणों में रोगी को सैबल सेरूलैटा औषधि का सेवन कराने से लाभ मिलता है।
सिर से सम्बंधित लक्षण- रोगी को बहुत तेज सिर में दर्द होना। रोगी का सिर घूमने के कारण चक्कर आना। कमजोर रोगियों में स्नायु का दर्द जो नाक से ऊपर की ओर होता हुआ माथे में पहुंच जाता है। रोगी को अपना सिर भारी सा लगता है। रोगी को सिर में दर्द होने पर अगर कोई बात भी करता है तो रोगी को गुस्सा आ जाता है। इन सब लक्षणों में रोगी को सैबल सेरूलैटा औषधि का सेवन कराना उचित रहता है।
पुरुष से सम्बंधित लक्षण-रोगी को पुर:स्थग्रंथि के रोग, विवर्द्धन, पुर:स्थद्रव्य का स्राव, अण्डकोषों का क्षय (टी.बी), संभोगक्रिया में सफल न हो पाना, रोगी का वीर्य समय से पहले नष्ट हो जाने के कारण रोगी को रात मे संभोगक्रिया के समय परेशानी होती है, रोगी को यौनजनित स्नायुविकार, रोगी को अपनी जननेन्द्रियां ठण्डी सी महसूस होती है। इस तरह के लक्षणों मे रोगी को सैबल सेरूलैटा औषधि देने से लाभ मिलता है।
स्त्री से सम्बंधित लक्षण- डिम्बग्रंथियों को छूते ही दर्द होना। स्त्री के स्तनों का सिकुड़ जाना। स्नायु रोग से पीड़ित लड़कियां जिनकी यौन उत्तेजना समाप्त हो जाती है। इस तरह के लक्षणों में रोगी को सैबल सेरूलैटा औषधि का सेवन कराना उपयोगी साबित होता है।
सांस से सम्बंधित लक्षण-रोगी को ठण्ड लग जाने के कारण नाक से स्राव का आना। रोगी को बहुत ज्यादा बलगम आना, रोगी को होने वाली सांस की नली की सूजन आदि लक्षणों में रोगी को सैबल सेरूलैटा औषधि का प्रयोग कराना उचित रहता है।
तुलना-
सैबल सेरूलैटा औषधि की तुलना फास्फो-ए, स्टिग्मैटा मेडिस, सन्ताल, एपिस, फेर-पिक्रि, थूजा, पिक्रिक-ए, पापूलस ट्रिम्यूल के साथ की जा सकती है।
मात्रा-
रोगी को सैबल सेरूलैटा औषधि का मूलार्क या 3 शक्ति देने से रोगी ठीक हो जाता है।