चर्म रोग

➺ फोड़ा (आरंभिक चरण में) -HEPAR SULPHUR-30 दिन में दो बार। यदि फोड़ा पूरी तरह बढ़ चुका है तो HEPAR SULPHUR-200 प्रतिदिन एक खुराक। फोड़े को थोड़े ही समय में ठीक कर देगा।

➺ जूतों के दबाव के कारण पैरों की त्वचा सख्त होना-ANTIMONIUM CRUDUM-30 दिन में तीन बार ।

➺ सर्दियों में ठंडे पानी से धोने के कारण उँगलियों का फटना तथा खून निकलना–CISTUS CANADENSIS-200 सप्ताह में एक खुराक ।

➺ उँगलियों की त्वचा का फटना-GRAPHITES-200 या PETROLEUM 200 की एक खुराक रोज (जब रोग सर्दियों में आरंभ हो और बढ़े) ।

➺ नथनों तथा मुँह के कोनों का फटना-ANTIMONIUM CRUDUM-6 दिन में तीन बार।

➺ उँगलियों के किनारों तथा हाथ के पृष्ठभाग में दरारें-PETROLEUM 200 की दो सप्ताह में एक बार।

➺ गैंगरीन, जलन के साथ-CANTHARIS VESICATORIA-6 दिन में तीन बार।

➺ गैंगरीन, जख्म, दुर्गंधयुक्त स्राववाले फोड़े-KREOSOTUM-30 दिन में दो बार।

➺ गैंगरीन, काले रंग का EUPHORBIA LATHYRISम-6 दिन में तीन बार।

➺ घाव का अल्सर बनना शुरू होना- Ammonium Carbonicum-30 दिन में दो बार।

➺ गर्भाशय के द्वार पर जख्म-ALUMINA 200 की एक खुराक रोजाना।

➺ नील पड़े हुए जख्म-CALENDULA OFFICINALIS-Q, लगाने के लिए (एक औंस पानी में दस बूँदे) और CALENDULA OFFICINALIS-30 हर तीन घंटे पर खाएँ भी।

➺ छिद्रवाले घाव-LEDUM PALUSTRE-30 हर दो घंटे पर।

➺ पैरों में घाव, जो रक्त-विषाक्तता और स्राव के कारण नहीं भर पाते-GUNPOWDER-3X दिन में तीन बार।

➺ दर्द रहित फोड़ें, बगलों मेंCALCAREA SULPHURICA-30 दिन में तीन बार।

➺ फोड़े से पीब निकालने के लिए-GUAIACUM-6 दिन में चार बार।

➺ दुर्घटना से लगी चोट, ऑपरेशन के बाद दर्द या हड्डी में चोट ARNICA-30 दिन में दो बार।

➺ लड़कों के चेहरे पर मुहाँसे-Calcarea Picrica-200 की दिन में एक खुराक ।

➺ लड़कियों के मुहाँसे-CALCAREA PHOSPHORICA-200 की दिन में एक खुराक ।

➺ मासिकस्राव के दौरान चेहरे पर मुहाँसे-PSORINUM 200 की सप्ताह में एक खुराका

➺ बार बार मुहाँसे का उभरना – Silica pure 200 दो सप्ताह में एक बार या ACTAEA RACEMOSA (खुराक X रोजाना दो माह तक)।

➺ मुहाँसे, नीलाभ लाल फफोले, युवाओं में निशान छोड़ जाते Kali Bichromicum-30 दिन में तीन बार।

➺ सौंदर्य प्रसाधनों के कारण होनेवाले मुहाँसे BOVISTA LYCOPERDON-200 की रोजाना एक खुराक ।

➺ रक्ताल्पता (एनीमिया) से ग्रस्त लड़कियों में मुहाँसे-CALCAREA PHOSPHORICA 200 की एक खुराक रोजाना।

➺ गुलाबी मुहाँसे Arsenicum Bromatum-Q की दो बूँदें दिन में दो बार ।

➺ शुष्क चेहरे पर मुहाँसे THUJA-200 दिन में केवल दो बार।

➺ खुजली के साथ मुहाँसे-JUGLANS REGIA-30 दिन में केवल

➺ तैलीय चेहरे पर मुहाँसे NATRIUM MURIATICUM-200 सप्ताह Calcarea Picrica-30 रोजाना एक खुराक।

➺ मवादयुक्त मुहाँसे हेपर SULPHURिस 200 सप्ताह में एक बार तथा Calcarea Picrica-30 दिन में तीन बार।

➺ गरमियों में अधिक होनेवाले मुहाँसे-ANTIMONIUM CRUDUM-30 दिन में तीन बार

➺ बाल कटवाने के बाद परेशानी- ACONITUM NAPELLUS-30 दिन में तीन बार।

➺ दबाई हुई खुजली, SULPHUR मलहम का इस्तेमाल-SELENIUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार।

➺ खुजली, स्रावों को रोकने से उत्पन्न रोग-PSORINUM-200 दो सप्ताह में 

➺ कपड़े धोने से त्वचा संबंधी रोग-SEPIA 200 दो सप्ताह में एक एक बार।

➺ फोड़ा, गैंगरीन, विषैले अल्सर आदि, जिनमें प्रभावित भाग नीला पड़ जाता है, उसमें जलन होती है और जो रोगी को रात भर जागने के लिए मजबूर कर देता है- TARENTULA CUBENSIS-30 दिन में तीन बार।

➺ बाई बाँह पर खुजली, हृदय रोग तथा सुन्नता के साथ – RHUS TOXICODENDRON 30 दिन में तीन बार ।

➺ स्नान के बाद त्वचा पर लाल दाने-Ammonium Carbonicum-30 दिन में दो बार।

➺ जलने से फफोले-KALIUM MURIATICUM-6 दिन में दो बार ।

➺ शरीर पर खुजलीयुक्त काले धब्बे या नीलाभ लाल धब्बे-SULPHURICUM ACIDUM-30 दिन में तीन बार।

➺ त्वचा का नीलापन (सायनोसिस) पलकों, होंठों, जीभ का, फूली नसें, कान तथा जीभ, साँस लेने में कठिनाई, अनियमित नाड़ी-DIGITALIS PURPUREA 30 दिन में तीन बार ।

➺ शरीर पर पसयुक्त फोड़े-फुंसी-Natrum sulph-30 दिन में दो बार।

➺ दुर्गंधयुक्त फोड़े तथा घाव-KALIUM PHOSPHORICUM-200 की रोज एक खुराक । बालों के बीच (सिर पर) फोड़े-ARNICA-30 हर तीन घंटे पर या ECHINACEA ANGUSTIFOLIA-Q की पानी में मिलाकर पाँच बूँदें हर दो घंटे पर।

➺ जोड़ों पर फोड़े, शहद जैसा स्राव-GRAPHITES-30 दिन में दो बार।

➺ कानों या नाक में फोड़े-Calcarea Picrata-6 हर तीन घंटे पर।

➺ हरे पस के साथ फोड़ा-Secale cornutum-30 दिन में दो बार।

➺ फोड़ों का फिर से उभरना-GUNPOWDER-2X दिन में तीन बार या PHYTOLACCA-30 दिन में दो बार।

➺  बालों के बीच पसयुक्त छोटे फोड़े, काफी दर्द, बाद में नाक पर उभरते हैं -TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक बार।

➺ तीव्र दर्दवाले फोड़े-HEPAR SULPHUR-30 हर तीन घंटे पर।

➺ फोड़े, घाव, आस-पास की त्वचा बदरंग, नसों की सूजन तथा जलन CROTALUS HORRIDUS एच. 6 दिन में दो बार

➺ फोड़े, खुजली के बाद त्वचा शुष्क तथा फटी-फटी हो जाती है ALUMINA 200 की एक खुराक रोज।

➺ हर सर्दी में उभरनेवाले फोड़े, जो गरमियों में ठीक हो जाते हैं PSORINUM 200 की सप्ताह में एक खुराक ।

➺ सर्दियों के दौरान कान के आस-पास उत्पन्न फोड़े, जो गरमियों में सूख जाते हैं- PETROLEUM-200 की एक खुराक रोज।

➺ सेप्टिक जख्मों या घावों के रूप में फोड़े-ACTAEA SPICATA.-3X हर चार घंटे पर।

➺ मासिक धर्म के दौरान उत्पन्न फोड़े-DULCAMARA-6 दिन में दो बार। 

➺ गरमियों के दौरान उभरनेवाले फोड़े-ARNICA -200 की एक खुराक रोज

➺ सख्त तथा सूजे हुए फोडे, काफी जलन और पीड़ा, जो अचानक होती है BELLADONNA-3 हर चार घंटे पर।

➺ सख्त फोड़े, आसानी से नहीं फूटते, रात में असहनीय पीडा उत्पन्न MERCURIUS SOLUBILIS-3 दिन में तीन बार (यह फोड़ों और पस को सुखा देता है, यदि पस पहले ही हो गया हो तो फोड़े फूट जाएँगे)।

➺ जलनयुक्त फोडे, उनसे स्राव भी होता है-SULPHUR-30 दिन में दो बार।

➺ बालों के बीच फोड़े, पीडादायक, एक के बाद एक उत्पन्न होते हैं ARNICA-1M एक खुराक ।

➺ जोड़ों पर फोड़े-HEPAR SULPHUR-200 की एक खुराक। 

➺ बार-बार उत्पन्न होनेवाले फोड़े-SYPHILINUM-1M की एक खुराक फोड़ों के आस-पास सूजन SILICEA-30 दिन में तीन बार।

➺ कान तथा गले के पृष्ठभाग पर छोटे फोड़े-PICRIC ACID-30 दिन में तीन बार।

➺ फोड़े निकलते समय लाल रंग के, उनमें जलन तथा दर्द और बुखार ACONITUM NAPELLUS-30 एक घंटे के अंतराल पर (कभी-कभी फोड़े फूट जाते है)।

➺ अधिक पस तथा तापमानवाले फोड़े-ECHINACEA ANGUSTIFOLIA-Q हर दो घंटे पर, पानी में पाँच बूँदें।

➺ पस की संभावनावाले फोड़े-HEPAR SULPHUR – 200 दिन में तीन बार।

➺ पसयुक्त फोड़े, जो ठीक होने में समय लेते हैं-SILICEA-200 दिन में दो बार।

➺ पसवाले फोड़े, जो जख्मों में बदल जाते हैं-MERCURIUS SOLUBILIS-30 दिन में दो बार।

➺ सूजन तथा बुखारवाले फोड़े, परंतु उनमें पस नहीं होता BELLADONNA-6 दिन में तीन बार ।

➺ पूरे शरीर पर खुजलीवाले पानीदार फोडे, खुजाने पर राहत मिलती है, परंतु बाद में उनमें जलन होती है CARBOLICUM ACIDUM-30 दिन में दो बार।

➺ फोड़े, फफोलों का घाव बन जाना—CARBOLICUM ACIDUM-30 सुबह-शाम फोड़े-HEPAR SULPHUR. 30 दिन में तीन बार, यदि फोड़ों के किनारे काले हैं तो LACHESIS- 200 को चौथे दिन दें, LACHESIS देने के दौरान नमक का सेवन कम करें।

➺ चेचक- PULSATILLA-6 या 30 दिन में दो बार। 

➺ तलवों मेंतंग जूते पहनने के कारण त्वचा सख्त हो जाती है-SULPHUR 30 रोज सुबह, एक खुराक

➺ तलवों पर कॉर्न, पैर ठंडा रहता है-ANTIMONIUM CRUDUM 1M की एक खुराक, आवश्यकता हो तो दुहराएँ।

➺ हाथ-पैरों में ठंड तथा शुष्कता के कारण दरारें, रक्त निकलता है, त्वचा काफी सूखी, ठंड तथा बिस्तर की गरमी से रोग बढ़ता है ALUMINA 200 की एक खुराक रोज (इन लक्षणों के साथ रजोनिवृत्ति में भी यह दवा उपयोगी है)।

➺ त्वचा का फटना-GRAPHITES-200 चौथे दिन पर एक खुराक हथेलियों में दरारें तथा सख्त त्वचा-CALCAREA FLUORICA-6 दिन में तीन बार।

➺ सिर पर पपड़ीदार त्वचा, जिसके नीचे गाढ़ा सफेद मवाद एकत्रित होता है, बाल चिपकते हैं, एक समय के बाद मवाद बदबूदार तथा नुकसानदेह हो जाता है- MEZEREUM-200 दो सप्ताह में एक बार।

➺ एक्जीमा तथा टायफॉयड-PSORINUM-1M, दो सप्ताह में एक खुराक ।

➺ एक्जीमा, माथे पर पीला खुरंड-CICUTA VIROSA- 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।

➺ त्वचा की परतों में एक्जीमा, लालिमा, पीड़ा-TUBERCULINUM-200 एक सप्ताह में एक बार।

➺ बालों में एक्जीमा, नम तथा पीड़ादायक-TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक बार।

➺ नम एक्जीमा-GRAPHITES-1M, अगले दिन से SULPHUR-30 छह दिनों तक दिन में तीन बार, फिर GRAPHITES-1M दुहराएँ (सप्ताह में एक खुराक) तथा SULPHUR-30 दिन में तीन बार, राहत मिलने तक।

➺ पलकों का एक्जीमा-GRAPHITES 200 दो सप्ताह में एक 

➺ चेहरे का एक्जीमा CICUTA VIROSA-30 दिन में तीन बार ।

➺ जननांग में एक्जीमा- PETROLEUM 200 दो सप्ताह में एक बार। छालों जैसा एक्जीमा, तेज खुजली के साथ, परंतु त्वचा इतनी नाजुक होती है कि खुजलाना असंभव होता है, हलकी रगड़ से राहत-CROTON TIGLIUM 30 हर छह घंटे पर।

➺  खुजलीयुक्त स्राव के साथ एक्जीमा, टीका लगने के बाद, असहनीय खुजली, स्पर्श तथा खुजली करने और बिस्तर की गरमी के कारण स्थिति बदतर, दुर्गंधयुक्त स्त्राव – MEZEREUM 200 की सप्ताह में एक खुराक ।

➺ बिना खुजली के एक्जीमा, स्राव से नीबू के रंग जैसी सख्त पपड़ी बनती है -CICUTA VIROSA- 200 की सप्ताह में एक खुराक ।

➺ एक्जीमा, बढ़ी ग्रंथियोंवाले लोगों के कानों के पास या चेहरे पर CISTUS CANADENSIS 200 की सप्ताह में एक खुराक ।

➺ एक्जीमा, ठंड से स्थिति बेहतर PSORINUM 200 की सप्ताह में एक खुराक।

➺ एक्जीमा, टीके के बाद विकसित-VARIOLINUM-200 की सप्ताह में एक खुराक।

➺ एक्जीमा, शुष्क, खुजलीदार, स्त्राव, सर्दियों और ठंडे नम मौसम में बदतर, रात में सोते समय असहनीय खुजली-RHUS TOXICODENDRON-200 दिन में दो बार लें।

➺ एक्जीमा, खोपड़ी पर स्राव, कान के पीछे, अंडकोष, गुदाद्वार, हाथों और . पैरों का फटना तथा खून निकलना, सर्दियों में बदतर, गरमियों में राहत – PETROLEUM 200, एक खुराक रोजाना, यदि पूर्ण राहत न हो तभी दुहराएँ।

➺ एक्जीमा, हाथों तथा उँगलियों में दरारें, कब्ज-SANICULA AQUA-200 दो सप्ताह में एक बार।

➺ एक्जीमा, जिससे पानीदार पारदर्शी चिपकनेवाला शहद जैसा द्रव रिसता है— GRAPHITES 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।

➺ एक्जीमा, काफी खुजली, कपड़े उतारते समय, रात में तथा गरमी के कारण अधिक बुरी स्थिति, शुष्क त्वचा। धारीदार स्राव, जो खुजलाने पर नम हो जाते हैं—KALIUM ARSENICOSUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन (जल्दी जल्दी न दुहराएँ ।

➺ एक्जीमा, सामान्यतः कान के पास, सिर के किनारों पर, शुष्क तथा नम . स्राव, फोड़ों से स्राव होता है, स्राव के संपर्क से नए छाले बनते हैं, तीव्र खुजली, एक स्थान पर खुजलाने से खुजली में राहत मिलती है, परंतु तत्काल वह दूसरी जगह उभर जाता है-STAPHYSAGRIA 200 की एक खुराक रोजाना।

➺ एक्जीमा, कान के पीछे से स्राव-TUBERCULINUM – 200 सप्ताह में एक . बार।

➺ एक्जीमा, चिपकनेवाला पदार्थ निकलता है-GRAPHITES-200 की सप्ताह में एक खुराक या PETROLEUM 200 सप्ताह में एक खुराक (यदि एक्जीमा सर्दियों में बढ़ जाए) ।

➺ एक्जीमा, लाल रंग का, दर्द व जलनयुक्त, खासकर बालों के किनारों में, अधिक नमक खाने, समुद्र तट पर या समुद्री यात्रा में बदतर NATRIUM MURIATICUM-200 दो सप्ताह में एक बार।

➺ एक्जीमा, हथेली पर पानीदार छोटे फोड़े-Ranunculus Bulbosus 200 दिन में दो बार।

➺ एक्जीमा, पूरे शरीर पर दरारें, अत्यंत खुजली, रात में कपड़े उतारने या नहाने पर स्थिति और भी खराब TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक बार।

➺ एक्जीमा, त्वचा से स्राव, गाढ़ा तथा चिपकनेवाला स्त्राव- GRAPHITES-6 . दिन में तीन बार ।

➺ एक्जीमा, रात में अत्यंत खुजली, धोने से स्त्राव अधिक होता है, रूखी तथा ढीली त्वचा SULPHUR-6 दिन में दो बार।

➺ एक्जीमा, पतला तथा पानीदार रिसाव-PETROLEUM 200 दो सप्ताह में एक बार।

➺ एक्जीमा, तेज खुजलीदार स्राव, मोटी पपड़ी, गाढ़ा पीला स्राव एकत्र होता है MEZEREUM-30 दिन में तीन बार।

➺ दाढ़ी में एक्जीमा-ARSENICUM IODATUM-6 दिन में दो बार।

➺ एक्जीमा, सर्दियों में उभरता है और गरमियों में बेहतर होता है— PETROLEUM 200 की एक खुराक रोजाना।

➺ वसायुक्त भोजन का दुष्प्रभाव-Carbo Vegetabilis-6 दिन में तीन बार।

➺ त्वचा पर फोड़े-फुंसी, शुष्क या नम, त्वचा धारीदार तथा शुष्क, गंदी, दुर्गंधयुक्त, फुंसियाँ हर सर्दी में उभर आती हैं और गरमियों में गायब हो जाती हैं PSORINUM 200 की एक खुराक

➺ फोड़े-फुंसी, तेज खुजली-KALIUM ARSENICOSUM-6 हर छह घंटे पर।

➺ फोड़े-फुंसी, शहद जैसा द्रव निकलता है— GRAPHITES-200 की सप्ताह में एक खुराका

➺ फोड़े-फुंसी, मासिक धर्म के दौरान माथे पर खुजली-SARSAPARILLA OFFICINALIS-6 दिन में तीन बार।

➺ फोड़े-फुंसी, त्वचा पर ताँबे के रंग की CARBO ANIMALIS-30 दिन में दो बार।

➺ फोड़े-फुंसी, पूरे शरीर पर छालों की तरह, तेज खुजली, रगड़ने से राहत, परंतु बाद में जलन भरा दर्द- CARBOLICUM ACIDUM 30 जब तक लक्षण रहें, दुहरा सकते हैं।

➺ त्वचा का लाल होना, धूप में जाने पर CANTHARIS VESICATORIA-6 दिन में तीन बार । पालादंश तथा बिवाई, गरमी के कारण खुजली में वृद्धि AGARICUS MUSCARIUS मसकेरियस-200 की एक खुराक रोजाना।

➺ स्त्री के चेहरे पर मूँछें या अवांछित स्थानों पर बाल उगना – THUJA 200 सप्ताह में दो बार पंद्रह दिनों तक, बराबर मात्रा में जैतून के तेल और नीबू के रस का मिश्रण बालवाले स्थान पर मलें या THYROIDINUM-200 सप्ताह में एक बार और सप्ताह के बाकी दिन THUJA-30 की एक खुराक एक माह के पश्चात् THYROIDINUM के स्थान पर LYCOPODIUM-200 सप्ताह में एक बार और THUJA-30 पहले की तरह देते रहें ।

➺ खुजली और छोटे फोड़ों का उभरना या प्रभावित भाग का लाल हो जाना -SULPHUR 200 सप्ताह में एक बार। 

➺ आँख के आस-पास और अंदर खुजली-AGNUS CASTUS-6 दिन में दो बार।

➺ गुदा में खुजली-Aesculus Hippocastanum-30 दिन में तीन बार।

➺ योनि में खुजली, गुप्तांगों में जलन और दुर्गंध-SULPHUR 30 की एक खुराक सुबह और एक खुराक शाम के समय या LACHESIS 200 की दो सप्ताह में एक खुराक ।

➺ तेज खुजली, रात में सोते समय रोगी कपडे फेंक देता है, लेकिन ठंड महसूस करता है और शरीर को ढकना पड़ता है, जिसके बाद खुजली फिर शुरू हो जाती है PSORINUM-30 दिन में तीन बार।

➺ वृद्धों को खुजली-BARYTA CARBONICA-30 दिन में दो बार लें।

➺ गुप्तांगों में खुजली-ARSENICUM ALBUM 6 सुबह सात बजे और दोपहर तीन बजे रोजाना।

➺ अंडकोषों में खुजली-CROTON TIGLIUM-30 दिन में तीन बार।

➺ तेज खुजली, बिस्तर की गरमी से या खुजलाने के कारण स्थिति और बदतर, जिससे नींद बाधित होती है PSORINUM 200 दो सप्ताह में एक बार।

➺ त्वचा पर कुछ उभरे बिना खुजली, सर्दियों में हालत बदतर ALUMINA-30 दिन में दो बार।

➺ फुंसियाँ होने के बाद खुजली-HEPAR SULPHUR-200, एक खुराक रोजाना ।

➺ खुजली रात में सोने के दौरान बढ़ जाती है- MERCURIUS SOLUBILIS-30 दिन में तीन बार ।

➺ खुजली, सोने के लिए बिस्तर पर जाते ही-SULPHUR-30 दिन में दो बार।

➺ खुजली, गुदा में पिन वार्म से-CALCAREA FLUORICA-6 दिन में तीन बार ।

➺ खुजली, उँगलियों के बीच या जोड़ों में-PHOSPHORICUM ACIDUM-6 दिन में तीन बार।

➺ खुजली, यौनांगों और योनि में KREOSOTUM-30 हर छह घंटे पर।

➺ खुजली, शुष्क या नम-ECHINACEA ANGUSTIFOLIA-Q की दस बूँदें, दिन में चार बार।

➺ खुजली, जननांगों में AMBRA GRISEA 30 दिन में तीन बार।

➺ तेज खुजली, ठंडे स्नान से बेहतर, गरमी और खुजलाने से बढ़ती है Fagopyrum-6 दिन में तीन बार ।

➺ खुजली, सोते समय या गरम कमरे में तेज खुजली, खुजली एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाती है, त्वचा लाल और मुलायम हो जाती है MEZEREUM-200 हर छह घंटे पर।

➺ खुजली, नाक तथा गुदा में कीड़ों के कारण-EUPHORBIA LATHYRISम-6 दिन में तीन बार।

➺ खुजली, भग में जलन के साथ खुजली, रात में बढ़ जाती है, जो नींद में बाधा पहुँचाती है, खुजली के साथ शरीर के अंदर पिन चुभने जैसा एहसास, जल्दी जल्दी मूत्र त्याग की इच्छा डोलीचोस-6 दिन में तीन बार CALENDULA OFFICINALIS-Q का बाहरी इस्तेमाल, पर्याप्त पानी में दस बूँदें डालकर सुबह-शाम धोएँ) ।

➺ खुजली, पूरे शरीर पर, कोई फोड़ा-फुंसी नहीं-Dolichos-200 की एक खुराक प्रतिदिन।

➺ खुजली, बार-बार लौटती है Sulphur Iodatum-3 X दिन में तीन बार।

➺ खुजली, अत्यंत तेज, खुजली के दौरान जब एक स्थान पर खुजलाने से राहत मिलती है तो दूसरे स्थान पर खुजली होने लगती है STAPHYSAGRIA 200 की एक खुराक रोजाना।

➺ खुजली, गुदा में तेज खुजली-KALIUM SULPHURICUM-200 की एक खुराक रोजाना।

➺ खुजली, पीलिया में THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार 

➺ खुजली, ठंड के कारण और कपड़े उतारने पर अधिक, गरमी से बेहतर– RUMEX CRISPUS-30 दिन में दो बार लें।

➺ खुजली, कपडे बदलते समय-ARSENICUM ALBUM 200 की एक खुराक रोजाना। ल्यूकोडर्मा (सफेद दाग) आर्सेनिकम सल्पाऊ फ्लेवम उएक्स दिन में तीन बार और पंद्रह दिनों में एक बार NATRIUM MURIATICUM M (जब धब्बों पर लाल आभा हो) या SYPHILINUM-1M (जब धब्बों पर सफेद रंगत हो); जब एक माह के बाद कोई सुधार न दिखे तो आर्सेनिकम सल्फ फ्लेवम की पोटेंसी बढ़ाकर 30 कर दें (एक खुराक रोजाना) और अन्य दवाएँ उपर्युक्त क्रम में ही दें।

➺ सफेद दाग- Psoralea corylifolia-Q सुबह के समय दस बूँदें। Hydrocotyle-Q शाम के समय दस बूँदें।

➺ मुहाँसे और फुंसियाँ, चेहरे परCALCAREA SULPHURICA-6 X दिन में तीन बार।

➺ माथे और गालों पर लाल मुहाँसे, छूने पर दर्द होता है – LEDUM PALUSTRE-200 की एक खुराक रोजाना।

➺ हाथों की खारिश या हथेलियों की त्वचा का सख्त हो जाना GRAPHITES-200 की एक खुराक रोजाना।

➺ हाथ और पैरों पर खारिश, इसके बाद पूरे शरीर पर फैलता है, तेज खुजली, रात में गरमी और कपड़े उतारने पर अधिक बुरी स्थिति-KALIUM ARSENICOSUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।

➺ साइकोटिक रोग, जैसे नाखून विकृत होना, बाल झड़ना आदि-Acid Fluoric-30 दिन में दो बार ।

➺ शरीर पर दरोरे, मधुमक्खी के काटने जैसा दर्द, ठंडी सिंकाई से बेहतर, प्यास न लगना- APIS MELLIFICA-30 दिन में तीन बार।

➺ त्वचा रोग (एक्जीमा आदि), फुंसियाँ, चेहरे, सिर और शरीर के अन्य अंगों पर गाढ़ा पीला निशान छोड़ती हैं-CICUTA VIROSA- 200 की सप्ताह में एक खुराक ।

➺ त्वचा रोग, त्वचा पर भूरा धब्बा, खुजली के साथ – SEPIA 200 सप्ताह में एक बार।

➺ त्वचा संबंधी बीमारियाँ (फोड़ा, पित्ती, खाज, सोराइसिस आदि) खुजली से हालत खराब-NATRIUM ARSENICOSUM-6 हर चार घंटे पर।

➺ त्वचा रोग, हर वसंत में प्रकट होते हैं-Natrum sulph-200 की एक खुराक प्रतिदिन खाएँ।

➺ त्वचा पर फुंसियाँ, ग्रंथियों की सूजन के साथ-BARYTA CARBONICA-6 दिन में दो बार लें।

➺ त्वचा संबंधी समस्या – CALOTROPIS GIGANTEA-Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार।

➺ अंगों की त्वचा की समस्या, निप्पलों का फटना, होंठों, जीभ, गुदा तथा गर्भग्रीवा का फटना – HYDRASTIS CANADENSIS 200 की एक खुराक रोजाना।

➺ त्वचा का सख्त होना-GRAPHITES 200 की एक खुराक प्रतिदिन लें। 

➺ त्वचा का ठंडा होना, फिर भी उसे ढकने की इच्छा नहीं- Secale cornutum-30 दिन में तीन बार।

➺ फोड़ों के कारण त्वचा का रंग नीला-LACHESIS 30 की एक खुराक रोजाना।

➺ त्वचा का फटना, हाथ, तलवों, नथनों, छाती, उँगलियों के बीच आदि का और दरारों से शहद जैसा स्राव-GRAPHITES-30 दिन में दो बार।

➺ लाल त्वचा, खुजली और जलन-AGARICUS MUSCARIUS-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।

➺ त्वचा पर बड़े आकार के बहुत से गोलाकार धब्बे-SEPIA 1 M की सप्ताह में एक खुराक

➺ पित्ती, नहाने के बाद, असहनीय खुजली, ठंडी हवा से बदतर, गठिया संबंधी शिकायतों से जुड़ा, ज्वर–RHUS TOXICODENDRON-30 दिन में तीन बार ।

➺ पित्ती, मांस खाने से RUTA GRAVEOLENS-200 की एक खुराक रोजाना। बार। में तीन बार।

➺ हृदय का तेजी से धड़कना, दस्त, नहाने पर स्थिति बदतर- BOVISTA LYCOPERDON 200 की

➺ पित्ती, समृद्ध भोजन के बाद, विलंबित मासिकस्राव, कपड़े उतारने से बदतर, दस्त से संबंधित-PULSATILLA-200 की एक खुराक रोजाना।

➺ पित्ती, गहरे लाल दरीरे, अधिक जलन, मधुमक्खी के दंश की तरह दर्द, ठंड से बेहतर, प्यास न लगना- APIS MELLIFICA-30 दिन में तीन बार।

➺ पित्ती, जलन, खुजली और प्रभावित भागों में सूजन, लालिमा एवं उनका गरम हो जाना—AGARICUS MUSCARIUS-30 दिन में तीन बार।

➺ पित्ती, खासकर रात में स्थिति बदतर-APIS MELLIFICA-3X हर दो घंटे पर।

➺ पित्ती, समुद्र तट के पास रहने पर-ARSENICUM ALBUM-30 दिन में तीन

➺ पित्ती, अधिक व्यायाम के बाद, पूरे शरीर पर-NATRIUM MURIATICUM-6 दिन

➺ पित्ती, आकस्मिक आक्रमण, तेज खुजली और अधिक लालिमा BELLADONNA-30 हर तीन घंटे पर।

➺ पित्ती, अक्सर, शरीर में गरमी महसूस होना-KALIUM IODATUM-30 दिन में दो बार ।

➺ पित्ती, ज्वर के साथ, ठंडी सिंकाई से बेहतर-Hygrophila spinosa-6 हर तीन घंटे पर।

➺ छालों का उभरना, चेहरे पर, अत्यंत जलन के साथ Ranunculus Bulbosus 200 की एक खुराक रोजाना ।

➺ पूरे शरीर पर छाले, दर्द और स्रावयुक्त- CANTHARIS VESICATORIA-30 दिन में तीन बार।

➺ आसानी से परेशान हो जाना, महिलाएँ तुरंत आँसू बहाने लगती हैं PLATINUM METALLICUM-30 की एक खुराक प्रतिदिन ।

➺ लंबे समय तक पानी में रहकर कपड़े धोने के कारण त्वचासंबंधी समस्याएँ SEPIA 200 की सप्ताह में एक खुराक ।

➺ पैर की उंगलियों और नाखून में गलका-SILICEA 200 हर चार घंटे पर

➺ गलका- – BELLADONNA 30, इसे MERCURIUS SOLUBILIS-30 के साथ बदलकर लें, हर दो घंटे पर।

➺ गलका- माइरिस्टिका 30 या Natrum sulph-6 दिन में तीन बार।

➺ गलका, अधिक जलनयुक्त दर्द, काले या नीले रंग का, दुर्गंधित स्राव – ANTHRACINUM-30 दिन में दो बार ।

➺ गलका, तीव्र पीड़ा के साथ-Acid Fluoric-30 दिन में दो बार। 

➺ गलका, फोडे, फुंसियाँ – SILICEA 200 दो सप्ताह में एक खुराक ।

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