बुखार / ज्वर

➺ रात को नौ बजे बुखार बढ़ना- BRYONIA-30 दिन में दो बार और यदि नौ बजे सुबह बुखार तेज हो तो CHAMOMILLA-30 दिन में दो बार । यदि बुखार दोपहर में हो तो BELLADONNA 30 दिन में दो बार । यदि बुखार ग्यारह बजे सुबह में हो तो NATRIUM MURIATICUM-30 दिन में दो बार ।

➺ टायफाइड ज्वर के बाद भूख में कमी-PSORINUM 200 दो सप्ताह में एक बार।

➺ लगातार तेज ज्वर–MILLEFOLIUM-30 दिन में तीन बार।

➺ ज्वर (टायफाइड), नाक तथा होंठों का लगातार फटना और उनसे खून निकलना – ARUM TRIPHYLLUM-30 दिन में दो बार |

➺ पुराना ज्वर– GLONOINUM 6 दिन में तीन बार

➺ तेज ज्वर, बेहोशी के साथ, खाली-खाली आँखों से देखना, सिर तकिए में घुसा लेना, लगातार करवटें बदलना, एक हाथ तथा पैर अपने आप हिलते हैं, उँगली से नाक दबाना-HELLEBORUS NIGER 3 दिन में तीन बार

➺ आवधिक ज्वर, ज्वर के दौरान अधिक बोलना, त्वचा का पीलापन, ठंड लगना, हिंसक होना, इसके बाद तेज ज्वर-PODOPHYLLINUM पी.-30 दिन में दो बार ।

➺ आवधिक ज्वर, ठंड लगने के दौरान उँगलियों और नाखूनों का नीला पड़ जाना, दौरे से पहले माथे पर ठंडा पसीना-VERATRUM ALBUM-30 दिन में तीन बार |

➺ आवधिक ज्वर, चेहरा लाल होना तथा प्यास लगना, गरमी के दौरान प्यास न लगना, ढकने से अधिक प्रकोप घंटे पर । IGNATIA AMARA अमेरा-6 हर चार

➺ आवधिक ज्वर, कुछ दिनों तक ठीक रहने के बाद फिर ज्वर आ जाना— TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक बार।

➺ आवधिक ज्वर, उन्माद तथा ठंड के साथ, हाथ-पैर का ठंडा रहना, लेकिन चेहरा गरम, रोज किसी खास समय ठंड लगना-SABADILLA- 30 दिन में दो बार ।

➺ सेप्टिक ज्वर, तापमान तथा नाड़ी असामान्य रूप से तेज, चलने तथा गरमी से बेहतर, अधिक बेचैनी-PYROGENIUM-6 दिन में तीन बार

➺ टायफाइड ज्वर, शुरू से ही ज्वर रहना, हड्डियों में दर्द, बेचैनी, कब्ज, बिस्तर सख्त महसूस होना-PYROGENIUM-6 दिन में तीन बार।

➺ तेज ठंड के साथ ज्वर, ज्वर के दौरान कुछ ओढ़ाए जाने की इच्छा जताना, , चलने पर अधिक ठंड-NUX VOMICA-30 दिन में तीन बार ।

➺ ज्वर, शाम चार बजे से आठ बजे तक LYCOPODIUM 30 दिन में तीन बार ।

➺ ज्वर में झटके तथा दौरों की प्रवृत्ति- VERATRUM VIRIDE 6 दिन में दो बार ।

➺ ज्वर, शाम तीन-चार बजे से छह बजे तक, प्यास न लगना, ठंड से बेहतर – APIS MELLIFICA-30 दिन में तीन बार

➺ ज्वर, किसी प्रकार का – TRIOSTEUM PERFOLIATUM 6 दिन में तीन बार

➺ ज्वर, सुबह सात बजे ठंड तथा गरमी के साथ पसीना, चलने के दौरान सोना-PODOPHYLLINUM-30 दिन में तीन बार लें।

➺ ज्वर, पसीना चलने से राहत – NATRIUM MURIATICUM-30 दिन में तीन बार

➺ ज्वर, दो दिनों के अंतराल पर आना-CIMEX LECTULARIUS – 30 दिन में तीन बार । ज्वर, भीड़-भाड़ की गरमी या आकस्मिक चोट के कारण FERRUM PHOSPHORICUM-30 हर चार घंटे पर।

➺ ज्वर, यदि शरीर गरम हो तो हाथ-पाँव का ठंडा रहना – RHUS TOXICODENDRON 6 दिन में दो बार ।

➺ ज्वर, सूर्य की गरमी से या गरमी के मौसम के दौरान, थकान, चक्कर आना, सिरदर्द, पलकें अधिक भारी प्रतीत होना, उन्हें खुला रखने में दिक्कत – GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 हर छह घंटे पर ।

➺ तेज ज्वर, माथे पर पसीने के साथ, प्यास लगना, एक गाल गरम और लाल तथा दूसरा गाल पीला और ठंडा-CHAMOMILLA 30 दिन में दो बार लें।

➺ ज्वर, बीच-बीच में ठंड लगने के दौरान प्यास लगना, बाहरी गरमी से ठंड में राहत मिलना, ढकने से बुखार और तेज होना, ठंड लगने के दौरान लाल चेहरा – IGNATIA AMARA 30 दिन में तीन बार ।

➺ ज्वर, सुबह कम तथा रात में तेज ज्वर – VERATRUM VIRIDE -30 दिन में दो बार ।

➺ ज्वर, सुबह ग्यारह बजे तथा रात में ग्यारह बजे दौरा पड़ना – कैक्ट ग्रैंडिफ्लोरा-3 दिन में तीन बार ज्वर, जगने के बाद पूरे शरीर में प्रचुर पसीना आना, प्यास न लगना, शरीर ढके जाने की इच्छा प्रकट करना- – LYSSINUMSAMBUCUS NIGRA 6 दिन में तीन बार।

➺ ज्वर, अचानक तेज ज्वर, चेहरे का लाल हो जाना, होंठों के किनारे पीलापन, आँखों के आस-पास गहरा नीला घेरा – CINA 200 की एक खुराक, अधिक बार दुहराने की आवश्यकता नहीं ।

➺ ज्वर, अधिक मात्रा में ठंडा पानी पीने की इच्छा, बेचैनी और शरीर का गरम रहना ACONITUM NAPELLUS 6 दिन में तीन बार .गालों पर लालिमा के साथ- – SANGUINARIA CANADENSIS- 200 एक खुराक ज्वर, रोजाना।

➺ ज्वर, ठंडे रसीले पेय पदार्थ पीने और आइसक्रीम खाने की तीव्र इच्छा, जो पेट की जलन में राहत देते हैं – PHOSPHORUS-30 की रोजाना एक खुराक ।

➺ ज्वर, नम मुँह के बावजूद तेज प्यास, अधिक पसीना, रात में, गरम कमरे और बिस्तर पर अधिक बुरी स्थिति – Mercurius Vivus और MERCURIUS SOLUBILIS-30 हर छह घंटे पर।

➺ ज्वर, अंदरूनी गरमी और बाहरी ठंड के साथ, पसीना नहीं और ओढ़े रहने की इच्छा–ARSENICUM IODATUM-6 दिन में तीन बार ।

➺ आवधिक, इन्फ्लुएंजा तथा टायफाइड ज्वर, शाम में तथा गरम कमरे रोगी की स्थिति और बिगड़ना – KALIUM SULPHURICUM- 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।

➺ टायफाइड, टाइफस, मलेरिया ज्वर, मतिभ्रम, जीभ का काँपना और बाहर निकलना, ठंडा पसीना बहना और पीले निशान पड़ना LACHESIS 30 की एक खुराक रोजाना।

➺ फाइलेरिया, विभिन्न अंगों में ठंड का एहसास – सिस्टस 30 सुबह में एक खुराक । फाइलेरिया, गरमी महसूस करना, ओढ़ने की इच्छा नहीं, प्यास न लगना, प्रभावित अंग में सूजन, गरमी तथा स्पर्श को सहन न कर पाना, में दोपहर में अधिक बुरी स्थिति – APIS MELLIFICA-30 दिन में तीन बार

➺ फाइलेरिया, ठंड तथा अत्यधिक प्यास के साथ ज्वर के दौरे, पैरों का प्रभावित होना, दबाव और आराम करने से बेहतर, प्रभावित अंग के बल लेटने की इच्छा-BRYONIA-30 दिन में तीन बार |

➺ फ्लू, ज्वर तथा आलस्य के साथ साधारण सर्दी-जुकाम GELSEMIUM SEMPERVIRENS 200 दिन में तीन बार

➺ हे ज्वर, वार्षिक आक्रमण, शहद जैसा स्राव, बेचैनी तथा थकान, मध्य रात्रि में सबसे बुरी स्थिति – ARSENICUM IODATUM-6 दिन में तीन बार

➺ हे ज्वर, नाक तथा गले में जलन, नाक तथा गले के सूखे बलगम का टूटना सा महसूस होना, आवाज फटना, फूलों की गंध से संवेदनशील – SANGUINARIA CANADENSIS – 30 की रोजाना तीन खुराक ।

➺ हे ज्वर, गरमी, धूप या ग्रीष्मकाल की तेज गरमी के कारण – NATRIUM MURIATICUM 30 दिन में तीन बार ।

➺ हे ज्वर धूल या पुरानी पुस्तकों से- BROMIUM 30 दिन में तीन बार

➺ हे ज्वर, में लगातार छींक के बावजूद नाक पूरी तरह बंद – STICTA PULMONARIA दिन में तीन बार

➺ हे ज्वर, नाक बहना, रह-रहकर छींक आना, नाक से दुर्गंधयुक्त पानीदार स्राव, नाक में खुजली और चुनचुनाहट, नाक का लाल पड़ना, आँखों की जलन और आँसू आना, माथे में तेज दर्द, गले की शुष्कता तथा रूखापन – SABADILLA- 30 दिन में तीन बार ।

➺ हे ज्वर, नाक के बहने से शुरू होना, इसके बाद छींक आना, जो साँस लेना सुविधाजनक बनाती है, लेकिन बाद में फेफड़ों की शुष्कता के कारण फिर साँस लेने में कठिनाई, लेटने पर परेशानी और बैठने पर राहत महसूस होना – NAJA TRIPUDIANS-6 दिन में तीन बार

➺ हे ज्वर, नाक का भरा होना, आँखों तथा पलकों में जलन, शाम के समय लक्षणों का बढ़ जाना—–Ranunculus Bulbosus-30 दिन में तीन बार हे ज्वर, आँखों तथा नाक से पानीदार स्त्राव, छींक- ARSENICUM ALBUM – 30 दिन में तीन बार या PSORINUM 200 दो सप्ताह में एक बार या KALIUM PHOSPHORICUM 6 दिन में चार बार खाँसी के साथ तेज ज्वर, हरा और मवादयुक्त कफ – CALCAREA IODATA 6X दिन में तीन बार लें। तेज ज्वर, मवाद बनने से उत्पन्न -CALCAREA SULPHURICA-30 दिन में तीन बार।

➺ ज्वर, त्वचा सूखी और लाल तथा गरम, बाएँ गाल पर धब्बा, रात में पसीना आना- ACETICUM ACIDUM -6 दिन में तीन बार

➺ इन्फ्लुएंजा (रोग-रोधक) — इन्फ्लुएंजेन 200 और ARSENICUM ALBUM 200 की एक खुराक रोजाना ।

➺ इन्फ्लुएंजा, ज्वर और शरीर में पीड़ा – RHUS TOXICODENDRON-6 या GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 दिन में दो या तीन बार |

➺ इन्फ्लुएंजा, आँख, कान, नाक और गले में सूजन तथा पानी बहना– ARSENICUM IODATUM 6 दिन में तीन बार लें।

➺ इन्फ्लुएंजा, वसंत के मौसम के दौरान VARIOLINUM 200 सप्ताह में एक खुराक, जब तक आवश्यकता न हो, न दुहराएँ ।

➺ इन्फ्लुएंजा, अत्यंत दर्द और थकान — EUPATORIUM PERFOLIATUM – 6 हर चार घंटे पर ।

➺ सामान्य इन्फ्लुएंजा – Natrum sulph-30 दिन में तीन बार लें ।

➺ इन्फ्लुएंजा, तेज कमजोरी, शरीर में दर्द-BAPTISIA TINCTORIA 30 दिन में दो बार ।

➺ इन्फ्लुएंजा, पीठदर्द और शरीर दर्द के साथ – VARIOLINUM 200 की एक खुराक, हर दूसरे दिन ।

➺ मलेरिया के आक्रमण से आवधिक ज्वर, हर हमले के दो-तीन घंटे के अंदर, हर सातवें या चौदहवें दिन लौटता है, कभी भी रात में नहीं उभरता, ज्वर के दौरान काफी कमजोरी, कानों में घंटियों की सी आवाज और सोने के दौरान या ढकने से पूरे शरीर से पसीना आना पर। CINA MARITIMA-30 हर छह घंटे

➺ आवधिक ज्वर, कुछ ठंड के साथ तेज कँपकँपी, ठंड पीठ से शुरू होती है और वहाँ से ऊपर तथा नीचे की ओर फैलती है Eupatorium-Purpureum 30 दिन में दो बार

➺ टायफाइड ज्वर आँत से रक्तस्राव, रक्त गहरे लाल रंग का – PHOSPHORICUM ACIDUM-6 दिन में तीन बार

➺ कालाजार, मिचली और वमन के साथ, बेचैनी, थकान, लेकिन रोगी चुपचाप रहना चाहता है और ध्यान आकृष्ट नहीं करना चाहता – CADMIUM SULPHURATUM-30 दिन में तीन बार

➺ मलेरिया ज्वर, पसीना नहीं निकलना  TARENTULA HISPANICA 30 दिन में दो बार

➺ मलेरिया में प्लीहा का प्रभावित होना – CEANOTHUS AMERICANUS-Q पाँच से दस बूँदें दिन में दो बार ।

➺ मलेरिया ज्वर, उदरशूल, हरे पित्त का वमन – Natrum sulph-30 दिन में तीन बार ।

➺ मलेरिया ज्वर, होंठ और नाखून नीले, गैस्ट्रिक के लक्षण, ठंड लगने से पहले सिरदर्द और प्यास, पित्त का वमन और पीठदर्द-EUPATORIUM PERFOLIATUM-6 दिन में तीन बार

➺ मलेरिया ज्वर, पूर्वाह्न दस या ग्यारह बजे ठंड लगना आरंभ, कुनैन द्वारा उपचारित मलेरिया ज्वर का इतिहास – NATRIUM MURIATICUM-30 दिन में तीन बार । ज्वर के दौरान न दें। मलेरिया ज्वर, ठंड जाँघों से आरंभ होती है, सिर को छोड़कर शरीर के केवल खुले अंगों पर पसीना, गुप्तांग के पसीने की गंध शहद की तरह THUJA 30 दिन में तीन बार

➺ मलेरिया ज्वर, ठंड और ज्वर के दौरान अधिक उदासी, अधिक कमजोरी के साथ आवधिक हमले, यकृत और प्लीहा का बढ़ जाना— CHININUM ARSENICOSUM-3X हर छह घंटे पर।

➺ मलेरिया ज्वर, निरंतर मिचली और वमन के साथ, कुनैन से दबाए गए आवधिक हमले – IPECACUANHA 200 दिन में तीन बार ।

➺ मलेरिया ज्वर, ज्वर के सभी चरणों में प्यास का अभाव, एक ओर पसीना चलना PULSATILLA-30 दिन में तीन बार । मलेरिया ज्वर, . ठंड और गरमी के बीच खट्टा वमन, हृदय में जलन, पानी पीने के लिए उतावली – LYCOPODIUM-30 दिन में दो बार

➺ सेप्टिक ज्वर, गहरे रंग के रक्त का स्राव-CROTALUS HORRIDUS-3 या 6 हर छह घंटे पर।

➺ मानसिक और शारीरिक कमजोरी के दौरान टायफाइड – PHOSPHORICUM ACIDUM-30 हर छह घंटे पर।

➺ टायफाइड ज्वर, अंतिम चरण, कम ज्वर, अत्यधिक कमजोरी, बुदबुदाना, उन्माद, दाँत में दर्द, दुर्गंधित साँस, जीभ का पक्षाघात, मूत्र त्यागते समय स्वतः मल-त्याग हो जाना, निचला जबड़ा लटक जाता है, अचेतनता – MURIATICUM ACIDUM 6 दिन में तीन बार ।

➺ टायफाइड ज्वर, पेट का अफरा, तेज नाड़ीगति, नाक, मूत्र या गुदा से रक्तस्त्राव, पेट स्पर्श के प्रति अत्यंत संवेदनशील, पानीदार दस्त, प्रचुर और दुर्गंधित या रक्तिम, गुदा में जलन TEREBINTHINA 200 सप्ताह में एक खुराक लें।

➺ टायफाइड ज्वर, सिरदर्द के साथ शुरू होता है, शुष्क मुँह, जीभ पर परत, अधिक मात्रा में पानी पीने की चाह, चुपचाप लेटे रहना, उन्माद, कब्ज, दुखना, , ठंडी खुली हवा का अच्छा लगना, गरम और बंद कमरे में स्थिति बदतर – BRYONIA ALBA-30 दिन में दो बार

➺ टायफाइड ज्वर, उनींदापन, उदासीनता, आस-पास चल रही सभी गतिविधियों से बेखबर, लेकिन सही स्थिति में पूरी तरह सचेत – PHOSPHORICUM ACIDUM-6 दिन में दो बार खाएँ ।

➺ टायफाइड ज्वर, उच्च ज्वर, बुदबुदाना, उन्माद, गीत गाना, गरम सिर, लाल चेहरा, हाथ-पैर ठंडे, आँखें विस्फारित, भयभीत, रोशनी और संग साथ की चाह – STRAMONIUM-6 दिन में तीन बार लें।

➺ टायफाइड ज्वर, पहला चरण, अत्यंत बेचैनी, ठंड लगना, पूरे शरीर में तेज दर्द, खासकर सिर, पीठ और हाथ-पैरों में, शरीर का खरोंच जैसा दुखना, द्वितीय चरण की कमजोरी, उनींदापन, भ्रमित, किसी प्रश्न का उत्तर देने से पहले या उत्तर देते हुए ही रोगी सो जाता है, टूटा-फूटा सा महसूस करता है, सभी स्राव अत्यंत दुर्गंधित-BAPTISIA TINCTORIA 30 दिन में दो बार ।

➺ टायफाइड ज्वर, दुर्गंधित गहरे रंग का मल, अधिक कमजोरी – TARENTULA CUBENSIS – 30 दिन में तीन बार 

➺ टायफाइड ज्वर, अधिक कमजोरी, त्वचा की शुष्कता, हाथ-पैरों का ठंडा होना, गहरे रंग का काला पानीदार मल, रक्तयुक्त बलगम मिला हुआ- LEPTANDRA VIRGINICA–Q पानी में दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार।

➺ टायफाइड ज्वर, मल से रक्तस्त्राव, गहरे थक्केदार रक्त के साथ मल, बड़ी मात्रा में ALUMINA 200 की एक खुराक

➺ टायफाइड ज्वर, तेज ज्वर और उन्माद, स्वतः मल त्याग और मूत्र त्याग, नग्न होने का प्रयास करता है – SINAPIS NIGRA 6 दिन में तीन बार |

➺ टायफाइड ज्वर, शरीर में दर्द और पीड़ा, सख्ती और बेचैनी, राहत पाने के लिए करवट बदलता रहता है, शुष्क जीभ, टिप पर लाल, रात में अत्यंत बेचैनी, तेज प्यास, खाँसी, धीमे स्वर में बुदबुदाना, उन्माद, ठंडे और नम मौसम में जाने से बदतर, गरमी और शरीर को ढकने से बेहतर RHUS TOXICODENDRON-30 दिन में तीन बार

➺ टायफाइड ज्वर, अत्यंत थकान, कई दिनों तक मल त्याग की कोई इच्छा, उन्माद, विस्फारित आँखों से लगातार बातें करना, अचेतनता, दस्त, स्वतः दुर्गंधित मल, अत्यधिक कमजोरी और निपात – OPIUM 30 दिन में दो बार ।

➺ टायफाइड ज्वर, पेट में खुजली – CADMIUM SULPHURATUM-30 दिन में तीन बार।

➺ टायफाइड, इसके दौरान उन्माद, बुदबुदाना और आस-पास घट रही घटनाओं से बेखबर, चेतन स्थिति में जागरूक होता है, प्रश्नों के उत्तर धीरे-धीरे और सही देता है, लेकिन फिर से बेहोशी में चला जाता है – PHOSPHORICUM ACIDUM-6 दिन में चार बार

➺ टायफाइड, शुष्क तथा नम अवस्था से, कभी ज्वर और कभी रक्तस्राव – VARIOLINUM 200 दो सप्ताह में एक बार । टायफाइड, ज्वर 104 डिग्री सेंटिग्रेड तक हो जाता है PYROGENIUM 200 की एक खुराक चौबीस घंटों के अंदर ज्वर को कम कर देता है ।

➺ पीत ज्वर, काला वमन, थकान, चलने-फिरने से बदतर, सिरदर्द – CADMIUM SULPHURATUM-6 दिन में तीन बार ।

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