Month: June 2023

रूटा (ROOTA)

परिचय-रूटा औषधि की सबसे अधिक क्रिया अस्थि-वेष्ट पर होती है, विशेष रूप से उस समय जब चोट लगने से अस्थि-वेस्ट में कष्ट या दर्द पैदा हो जाता है। इस औषधि का प्रयोग उन रोगियों पर भी करते है जिनके रोग को ठीक करने के लिए आर्निका औषधि का प्रयोग किया जाता है, इन रोगियों के …

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रस ग्लाब्रा (Rhus Glabra)

परिचय-रस ग्लाब्रा औषधि के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इसके सेवन से आंते इतनी शुद्ध हो जाती है कि मलद्वार से गंदी वायु निकलना बंद हो जाती है और मल से बदबू भी नहीं आती है। जख्म को ठीक करने के लिए यह एक बहुत ही लाभकारी औषधि है।इसके सेवन से और भी …

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रैम्नस कैलीफोर्निका (Rhamnus californica)

परिचय-आमवात और पेशियों में दर्द होने की स्थिति में रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि का प्रयोग करने से इस प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं। इस औषधि का प्रयोग और भी कई प्रकार के रोगों के लक्षणों को ठीक करने के लिए किया जाता है जो इस प्रकार हैं- पेशी में दर्द होने के साथ मासिकधर्म …

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रौवोल्फिया सर्पेटिना (Rauwolfia Serpentina)

परिचय-उच्च रक्तदाब, केन्द्रीय स्नायु जाल की उत्तेजित अवस्था, पागलपन की गम्भीर अवस्था आदि प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए रौवोल्फिया सर्पेटिना औषधि का उपयोग होता है।बच्चे को जन्म देने वाली माता को बुखार होना। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए रौवोल्फिया सर्पेटिना औषधि उपयोग करना …

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रटानिया (Ratanhia)

परिचय-मलान्त्र से सम्बन्धित कई प्रकार के रोगों के लक्षणों को ठीक करने के लिए रटानिया औषधि का उपयोग करना लाभकारी होता है। यह प्रस्तारी-अर्म (प्टेरीगीयम) को आरोग्य कर चुकी है। तेज हिचकी आने पर इस औषधि से उपचार करने से लाभ मिलता है। कटे-फटे स्तन के घावों को ठीक करने के लिए इसका उपयोग लाभदायक …

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रैफानस (Ranphanus)

परिचय-प्लीहा और यकृत में दर्द होना तथा दर्द ऐसा लगता है जैसे इस भाग में सुई चुभोई जा रही हो। यह पित्त और लालस्राव को बढ़ाती है। मूली पर नमक लगाकर खाने से कई प्रकार के लक्षण प्रकट नहीं होते हैं। पेट का अधिक फूलना और पेट में वायु का गोला बनना। मेदग्रंथियों से अधिक …

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रैननकुलस स्क्लेरैटस (Ranunculus scleratus)

परिचय-चर्म रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए रैननकुलस स्क्लेरैटस औषधि अपने जैसे ही अन्य औषधियों से अधिक उत्तेजनशील है। दांतों में चबाए जाने जैसा तथा बरमें द्वारा छेद किए जाने जैसा दर्द होना, बिम्बिका (पेमफिगस), एक नियमित समय पर होने वाले रोग, आमाशय में तेज दर्द होने के साथ ही बेहोशी महसूस होना। …

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रैननकुलस बल्बोसस (Ranunculus Bulbosus)

परिचय-रैननकुलस बल्बोसस औषधि त्वचा तथा पेशीतन्तु पर विशेष क्रिया करती है और इस औषधि के प्रमुख चारित्रिक प्रभाव वक्षप्राचीरों पर अधिक देखने को मिलता है। यह नाड़ियों से सम्बन्धित रोग, वात और गठिया रोग (न्युरेल्जिक,अर्थिरिटिक एण्ड र्हयुमेटिक अफेकशन) को ठीक करने में बहुत उपयोगी है।शराब पीने के कारण उत्पन्न लक्षण जैसे- दिन के समय में …

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रेडियम ब्रोमाइड (Radium Bromide)

परिचय-होम्योपैथिक चिकित्सा में रेडियम का महत्वपूर्ण संयोजन है, 18,00,000 शक्ति की रेडियम किरणें शुगर ऑफ मिल्क पर डालकर इसका विचूर्ण तैयार किया जाता है। आमावात (जोड़ों का दर्द) व गठिया, गुलाबी, मुहांसे, तिलों, चर्म रोग, निम्न रक्तचाप, हर वक्त शरीर में दर्द होना तथा ऐंठन होना आदि लक्षणों में इसका प्रयोग होता है।रेडियम ब्रोमाइड औषधि …

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क्विलाया सैपोनैरिया (Quillaya Saponaria)

परिचय-सर्दी तथा जुकाम के रोग की प्रारिम्भक अवस्था में क्विलाया सैपोनैरिया औषधि का उपयोग लाभदायक है क्योंकि की शुरुआती अवस्था में इसका उपयोग करने से यह रोग को बढ़ने नहीं देती है।तेज सर्दी होना, छींके आना और गले में जलन होने वाले रोगों को ठीक करने के लिए क्विलाया सैपोनैरिया औषधि का प्रयोग करना चाहिए।यदि …

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क्वैर्कस ग्लैंडियम स्पिरिटस (Quercus Glandium spiritus)

परिचय-क्वैर्सक ग्लैंडियम स्पिरिटस औषधि का प्रयोग प्लीहा में उत्पन्न सूजन को दूर करने के लिए किया जाता जाता है। शराब एवं नशीली चीजों के सेवन के कारण उत्पन्न रोग को ठीक करने के लिए भी इसका उपयोग लाभदायक है।यदि किसी रोगी को चक्कर आ रहा हो तथा उदासीपन महसूस हो रहा हो और इसके साथ …

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क्वाशिया-पिकीना एक्सेल्सा (Quassia-Picraena Excelsa)

परिचय-क्वाशिया-पिकीना एक्सेला औषधि की लाभदायक क्रिया जठरांगों (गस्ट्रिक-ओरगेंस.पाचनतन्त्र के अंग) पर होती है, आंखों पर भी इसका लाभदायक प्रभाव होता है जिसके फलस्वरूप आंखों से सम्बन्धित कई प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं जैसे- मोतियाबिन्द, दृष्टिदोष।क्वाशिया-पिकीना एक्सेला औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी हैं-यकृत से सम्बन्धित लक्षण :- …

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पल्सटिल्ला (Pulsatilla)

परिचय-यह स्त्रियों के रोगों को ठीक करने के लिए बहुत ही उपयोगी औषधि है तथा इसका प्रभाव बहुत अधिक लाभदायक होता है। इसका उपयोग होम्योपैथिक चिकित्सा में बहुत अधिक होता है।स्त्रियों के रोगों के लक्षणों को दूर करने के लिए यह उपयोगी है, स्त्री रोगी की आंखें नीली होती हैं, स्वभाव में वह मृदुल होती …

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पुलेक्स इर्रिटैन्स (Pulex Irritans)

परिचय-पुलेक्स इर्रिटैन्स औषधि का उपयोग मूत्रयंत्र तथा स्त्री जननांगों से सम्बन्धित लक्षणों को दूर करने के लिए किया जाता है।विभिन्न लक्षणों में पुलेक्स इर्रिटैन्स औषधि का उपयोग-सिर से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी अधिक जिद्दी और चिड़चिड़ा हो जाता है और उसे बेचैनी होती है। माथे पर दर्द रहता है और आंखों में कोई चीज बढ़ …

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प्राट्यूज Produce

परिचय-प्राट्यूज औषधि का उपयोग उन व्यक्तियों के रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है जो सहनशील स्वभाव के होते हैं, बाल भूरे रंग के होते हैं, शरीर की त्वचा पीली पड़ गई हो तथा अधिक दुबला-पतला होता है। सोरा ग्रस्त रोगी के रोग को यह औषधि ठीक कर देता है।विभिन्न लक्षणों में प्राट्यूज …

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पोथस फीटीडस (Pothos Foetidus)

परिचय-दमा जैसे रोगों को ठीक करने के लिए पोथस फीटीडस औषधि का उपयोग किया जाता है।दमा रोग होना तथा सांस लेने पर धूल कण श्वासनलियों से अन्दर जाने पर रोग के लक्षणों में वृद्धि होना, हिस्टीरिया रोग, किसी चीज के बारे में सोचने में असमर्थ होने के साथ ही बेहोशी आना। इस प्रकार के लक्षणों …

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पापूलस ट्रेम्युलॉयडेस (Populus Tremuloides)

परिचय-पापूलस ट्रेम्युलॉयडेस औषधि वृद्ध व्यक्तियों के मूत्र तथा मल से सम्बन्धित रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए अधिक उपयोग में लायी जाती है।यह मूत्राशय से सम्बन्धित रोगों और मूत्र से सम्बन्धित रोगों को ठीक करने के लिए लाभदायक औषधि है। गर्भावस्था के समय में होने वाली परेशानियों के दूर करने के लिए भी …

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पापूलस कैंडिकैन्स (Populus Candicans)

परिचय-सर्दी-जुकाम होने की तेज अवस्था में पापूलस कैंडिकैन्स औषधि का उपयोग किया जाता है जिसके फलस्वरूप सर्दी-जुकाम ठीक हो जाता है। रोगी को सर्दी-जुकाम होने के साथ ही आवाज भारी हो जाती है तथा गले में खराश भी हो जाता है और यहा तक की गला बैठ जाता है।रोगी की त्वचा विशेषकर पीठ और पेट …

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पोलीपोरस पाइनीकोला (Polyporus pinicola)

परिचय-स्वल्पविराम, सविराम और पैत्तिक ज्वरों को ठीक करने के लिए पोलीपोरस पाइनीकोला औषधि का उपयोग लाभदायक होता है इन ज्वरों के साथ ही रोगी के सिर में दर्द होता है, जीभ पीली पड़ जाती है, लगातार जी मिचलाता रहता है, रोगी की अवस्था बेहोशी सी हो जाती है, कब्ज की समस्या भी हो जाती है। …

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पोलीगोनम पंकटैटम (Polygonum punctatum)

परिचय-पोलीगोनम पंकटैटम औषधि का उपयोग कई प्रकार के रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है जो इस प्रकार हैं- रक्तप्रदर, स्त्रियों को मासिकधर्म से सम्बन्धित रोग, शिराओं का बढ़ जाना, खूनी बवासीर, मलाशय में थैलियां बनना, आमाशय में जलन होना तथा इसके बाद पेट के आन्तरिक भाग में ठण्डक महसूस होना।विभिन्न लक्षणों में …

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