Month: June 2023

इन्सुलिन INSULUN

परिचय :-इन्सुलिन औषधि का प्रयोग शरीर में उत्पन्न होने वाले लक्षणों के आधार पर करके रोग को दूर किया जाता है। मधुमेह रोग में इन्सुलिन औषधि का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है। इन्सुलिन औषधि शरीर में कार्बोहाइड्रेट के मन्द ऑक्सीकरण में सुधार लाती है और जिगर के अन्दर फिर से ग्लाइकोजिन का भण्डारण …

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इन्सुलिन INSULUN

परिचय :-इन्सुलिन औषधि का प्रयोग शरीर में उत्पन्न होने वाले लक्षणों के आधार पर करके रोग को दूर किया जाता है। मधुमेह रोग में इन्सुलिन औषधि का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है। इन्सुलिन औषधि शरीर में कार्बोहाइड्रेट के मन्द ऑक्सीकरण में सुधार लाती है और जिगर के अन्दर फिर से ग्लाइकोजिन का भण्डारण …

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इन्सुलिन INSULUN

परिचय :-इन्सुलिन औषधि का प्रयोग शरीर में उत्पन्न होने वाले लक्षणों के आधार पर करके रोग को दूर किया जाता है। मधुमेह रोग में इन्सुलिन औषधि का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है। इन्सुलिन औषधि शरीर में कार्बोहाइड्रेट के मन्द ऑक्सीकरण में सुधार लाती है और जिगर के अन्दर फिर से ग्लाइकोजिन का भण्डारण …

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इण्डोल नील से प्राप्त एक काचाभ मिश्रण

परिचय :-इण्डोल औषधि का प्रयोग शरीर से दूषित द्रव्य को निकालने में अधिक लाभकारी होता है। यह औषधि स्व-विषाक्तता (युटो-इन्टोक्सीकेशन) में भी लाभकारी है। इण्डोल औषधि का प्रयोग नींद का अधिक आना तथा मानसिक स्थिति खराब होने से उत्पन्न लक्षणों आदि में प्रयोग करके रोगी को ठीक किया जाता है।शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न …

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इण्डियम (इण्डियम धातु) INDIUM (The metal Indium)

परिचय :-इण्डियम औषधि का प्रयोग मुख्य रूप से सिर दर्द, आध कपाली तथा कमर दर्द आदि में किया जाता है तथा यह शुक्रमेह आदि को ठीक करता है।शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर इण्डियम औषधि का उपयोग :-सिर से संबन्धित लक्षण :- मल त्याग करते समय सिर फाड़ने जैसा तेज दर्द …

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इण्डिगो INDIGO (Indigo-Dye-stuff)

परिचय :-इण्डिगो औषधि का प्रयोग रोगी के अन्दर उत्पन्न होने वाले लक्षणों के आधार पर रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है। यह औषधि कई प्रकार के रोगों के लक्षणों को दूर कर रोग को ठीक करता है परन्तु इस औषधि की मुख्य क्रिया स्नायु प्रणाली पर विशेष रूप से होती है। अत: …

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इल्लिसियम (सौंफ) ILLICIUM (Anise)

परिचय :-इल्लिसियम औषधि का प्रयोग मासिकधर्म के समय पेट का दर्द विशेष रूप से ऐसे दर्द जो नियमित समय या नियमित घंटों तक ही रहता है। इस औषधि का प्रयोग पेट में अधिक गड़गड़ाहट होने पर करने से रोग ठीक होता है।यदि किसी रोगी के उरोस्थ से लगभग 1 या 2 इंच की दूरी पर …

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इलेक्स एक्विफोलियम ILEX AQUIFOLIUM (American Holly)

परिचय :-इलेक्स एक्विफोलियम औषधि का प्रयोग सविराम ज्वर, , प्लीहा के दर्द, आंखों का रोग आदि में किया जाता है।शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर इलेक्स एक्विफोलियम औषधि का उपयोग :-आंखों से संबन्धित लक्षण :- यदि किसी रोगी का कनीनिका का अन्त:स्यन्दन (इंफीलट्रेशन ऑफ कोरनिया) हो गया हो तो रोगी को …

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इस्क्युलस हिपोकैस्टेनम ISQYALS HIPOKAISVEUM

परिचय :-इस्क्यूलस हिपोकैस्टेनम औषधि रक्तवाहिनी नाड़ियों पर विशेष रूप से क्रिया करती है और उससे संबन्धित लक्षणों को समाप्त करती है। यह औषधि शरीर के विभिन्न अंगों और शिराओं से संबन्धित लक्षणों को दूर करने में अधिक लाभकारी होती है। त्रिक-प्रदेश (रीढ़ की हडडी के नीचे का भाग) के अन्दर हल्की-हल्की पीड़ा होने पर इस …

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इलाटेरियम Elaterium

परिचय :-इलाटेरियम औषधि का प्रयोग अनेक प्रकार के रोगों को दूर करने में किया जाता है परन्तु इलाटेरियम औषधि मुख्य रूप से श्लेष्मिक परतों पर क्रिया करती है जिसके परिणाम स्वरूप श्लेष्मकला से अधिक मात्रा में तरल और लिसलिसा कफ निकलता है। वास्तव में इलाटेरियम औषधि पहली बार श्लेष्मकला, गला, नाक, आमाशय और आंखों से …

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इग्नेशिया IGNATIA

परिचय :-इग्नेशिया औषधि बच्चों के रोग तथा स्त्रियों में उत्पन्न होने वाले हिस्टीरिया रोग में अत्यन्त लाभकारी होती है। यह औषधि विशेष रूप से उन स्त्रियों के हिस्टीरिया रोग में अधिक लाभकारी होती है जो सुशील, अधिक कार्य करने वाली तथा नाजुक होती हैं। हिस्टीरिया रोग स्त्री में उत्पन्न होने वाले ऐसे रोग हैं जिसे …

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इक्थियोलम Ichthyolum

परिचय :-इक्थियोलम औषधि का प्रयोग कई प्रकार के रोगों को दूर करने में किया जाता है परन्तु इस औषधि का प्रयोग कीटाणुओं को नष्ट करने में अत्यन्त लाभकारी है। यह औषधि त्वचा, श्लेष्मा कलाओं तथा गुर्दे पर तेजी से क्रिया करती है और इनसे संबन्धित रोगों को दूर करती है। इिक्थयोलम औषधि कीड़े नष्ट करने …

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आइबेरिस (बिटर कैण्डीटफ्ट) IBERIS (Bitter Candytuft)

परिचय :-आइबेरिस औषधि स्नायविक उत्तेजना को शान्त करती है, परन्तु यह औषधि हृदय पर विशेष रूप से क्रिया करके हृदय रोगों को ठीक करने में अधिक लाभकारी होती है। जिस रोगी का हृदय फूल गया हो तथा हृदय की परतें मोटी हो गई हो जिसके कारण रोगी के रक्तवाहिनियों में उत्तेजना पैदा होती हो तो …

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आयोडम IODUM

परिचय :-आयोडम औषधि का प्रयोग कई प्रकार के रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। इस औषधि का उपयोग रोगी व्यक्ति में तीव्र चयापचय (रैपीड मीटैबोलिज्म) अर्थात भोजन को पचाने की क्रिया को ठीक करने, भोजन करने के बाद भी शरीर में अन्न का न लगना और कमजोरी व दुर्बलता उत्पन्न होना आदि …

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इग्नेशिया अमारा IGNESHIYA AMARA

परिचय :-इग्नेशिया अमारा औषधि का प्रयोग अनेक प्रकार के रोगों को दूर करने में किया जाता है। इस औषधि का प्रयोग उन स्त्रियों के लिए अधिक लाभकारी है जो छोटी-छोटी बातों पर उत्तेजित या गुस्सा हो जाती हैं।शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर इग्नेशिया अमारा औषधि का उपयोग :-मन से संबन्धित …

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बुढ़ापे में होमियोपैथी चिकित्सा 

होमियोपैथिक चिकित्सा चिकित्सा प्रकरण- (रोगों का वर्गीकरण, कारण, लक्षण एवं उपचार सम्बन्धी विवरण)  1. बुढ़ापे में होमियोपैथी चिकित्सा 2. पेट सम्बन्धी रोग तथा उपचार 3. मुख, गले, नाक, कान, दाँत, आँखों तथा सिर के रोग बुढ़ापे में वरदान होमियोपैथिक चिकित्सा होमियोपैथिक चिकित्सा वृद्धवस्था में तो वरदान के समान है। बुढ़ापे में तमाम प्रकार की समस्यायें …

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पेट के रोग

➺ गरिष्ठ भोजन के बाद पेट फूलना -NUX VOMICA-30 तीन दिनों तक दिन में तीन बार और चौथे दिन PULSATILLA-200 एक खुराक प्रतिदिन लें। ➺ पेटदर्द, पेट से वायु निकालने के लिए CALCAREA PHOSPHORICA-6 दिन में तीन बार। ➺ अप्राकृतिक चीजें, जैसे चॉक, मिट्टी, कोयला इत्यादि खाने की CALCAREA PHOSPHORICA-12X रोजाना तीन बार।’ ➺ भूख …

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मानसिक रोग

➺ कोमा या उनींदेपन के साथ तकलीफ-ANTIMONIUM TARTARICUM-30 दिन में दो बार।  ➺ प्रेम में निराशा से होनेवाली मानसिक परेशानी HYOSCYAMUS NIGER 200 साप्ताहिक खुराक । ➺ प्रेम में विफलता से उत्पन्न मानसिक कष्ट LACHESIS-30 दिन में तीन बार। ➺ भय, क्रोध, शर्म, प्रसन्नता आदि भावनाओं से उत्पन्न उद्विग्नता OPIUM 200 रोजाना एक खुराक। ➺ …

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मुँह और दांतों के रोग

➺ नथनों और मुँह के कोनों में दर्द, उनका फटना और पपड़ीदार होना ANTIMONIUM CRUDUM.-30 दिन में दो बार लें। ➺ मसूड़ों के किनारे स्पष्ट नीली रेखाएँ PLUMBUM METALLICUM-30 दिन में दो बार। CARBO VEGETABILIS-200 की हर तीन घंटे पर एक खुराक ➺ जरूरी द्रवों की कमी के कारण उत्पन्न रोग-PHOSPHORUS-30 दिन में तीन बार …

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कमजोरी के कारण उत्पन्न विकार

➺ अंग-संचालन में अक्षमता (चलने में), बंद आँखों के साथ या अँधेरे में चलने में असमर्थता, आँखें बंद करने पर गिर जाना – ALUMINA 30 दिन में दो बार । ➺ अंग-संचालन में अक्षमता, अनिश्चितता के साथ चलना, रास्ते में कुछ भी आने पर लड़खड़ाना-AGARICUS MUSCARIUS 30 दिन में दो बार । ➺ शक्तिहीनता, मल …

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