Month: May 2023

ऐक्टिया स्पाइकेटा (ACTAEA SPICATA) बेनबेरी (Banebarry)-ऐक्टि-स्पाइ

परिचय-       छोटे-छोटे जोड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए ऐक्टिया स्पाइकेटा औषधि का उपयोग लाभकारी होता है। कलाई के दर्द, अंगुलियों के जोड़ों में सूजन, दर्द, स्पर्श करने में असहनीय दर्द होना, सुरसुराहट होने के साथ दर्द होना और रात के समय में इस दर्द में और तेजी होना। इस प्रकार के लक्षणों …

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एक्टिया रेसेमोसा-सीमीसिफ्यूगा  (actaea racemosa-cimicifuga) शतवारी (Black Snak Root)– सिमि-रेसध्एक्टि-रेस Cim. Rac./Actea. Rac)

परिचय-       स्नायु की धड़कन अनियमित होना, ऐंठन होना, अकड़न होना, बेहोशी होना, स्नायु में दर्द होना, बिना कंपकंपी के साथ ठण्ड लगना और स्त्रियों के मासिकधर्म के समय में ये सभी लक्षण अधिक दिखाई पड़ते हैं। इन लक्षणों से पीड़ित रोगी को ठीक करने के लिए एक्टिया रेसेमोसा औषधि का उपयोग करना चाहिए।      …

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अचिरैंथेस आस्पेरा (ACHYRANTHES ASPERA) अपामार्ग-अचिरैं-आसपे

 अचिरैंथेस आस्पेरा औषधि का उपयोग कई प्रकार के लक्षणों जैसे- मूत्रल (पेशाब अधिक होना), दस्त, संकोचक (अस्ट्रीजेंट), पेचिश, कष्ट के साथ माहवारी आना तथा कुत्ते और सांप के काटने पर उसके जहर का प्रभाव कम करने के लिए इसका उपयोग लाभकारी है। अचिरैंथेस आस्पेरा औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में …

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ऐसेटिक ऐसिड (ACETIC ACID) ग्लैशियल असेटिक एसिड (Glacial Acetic Acid)- असेटिक एसिड (Acet-ac-)

परिचय-       ऐसेटिक ऐसिड औषधि शरीर में अधिक खून की कमी होने (रक्ताल्पता) पर बहुत उपयोगी है। अधिक कमजोरी होना, बार-बार बेहोशी होना, सांस लेने में कमजोरी महसूस होना, अधिक पेशाब आना, पसीना अधिक निकलना, शरीर के किसी भाग से रक्त का स्राव होना और शरीर का रंग पीला पड़ जाना, शरीर में अधिक कमजोरी …

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असेटैनिलियडम- ऐन्टीफेब्रीनम (ACETANILIDUM- ANTEFEBRINUM) ऐन्टीफेब्रीनम (Antefebrinum)-( असेटै Acet.)

परिचय-      असेटैनिलियडम औषधि हृदय और श्वास क्रिया को तथा रक्तदाब को बढ़ने से रोकती है और तापमान को नीचे गिरा देती है। नील रोग और निपात रोग (कोलेप्स) रोग को ठीक करने में इस औषधि का उपयोग लाभकारी है। ठण्ड के प्रति बढ़ी हुई सुग्राह्मता (ससपेटीबिलीटी) को यह ठीक कर सकता है। आंखों के …

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एब्सिन्थियम- कॉमन वार्मवुड (ABSINTHIUM-COMMON WORMWOOD) (कॉमन वार्मवुड (Common Wormwood) एब्सि-Absin.)

परिचय-         एब्सिन्थियम औषधि का असर मिर्गी के रोगी पर बहुत अधिक होता है तथा मिर्गी के रोगी के लिए यह औषधि लाभदायक है। जब रोगी को दौरा पड़ता है और स्नायुविक कंपन्न (नाड़ियों में कंपन्न) होती है। अचानक तेज चक्कर आना तथा रोगी के मन में भ्रम पैदा हो जाना तथा बेहोशी की स्थिति …

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 ऐकैलिफा इन्डिका (Acalypha indica) इण्डियन नेटल (Indian nettel)- ऐकैलि इन Acaly-in

परिचय-      ऐकैलिफा इन्डिका औषधि का उपयोग फेफड़ों के रोगों को ठीक करने के लिए लाभकारी है। सुबह के समय में अचानक सूखी खांसी के साथ खून आना और शाम के समय में स्याही की तरह जमा हुआ खून आए तथा इन सब लक्षणों के होते हुए भी बुखार न हो, सुबह के समय में …

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एस्कुलस-हिप्पोकैस्टेनम (AESCULUS- HIPPOCASTANUM)

परिचय-        एस्कुलस हिप्पोकैस्टेनम औषधि का प्रभाव (क्रिया) निचली आंत पर होता है। बवासीर के रोग में शिराओं में रक्तसंचित (खून जमा होना) होता रहता है और वे फूल जाती हैं, साथ ही कमर में दर्द भी होता है, लेकिन वास्तविक रूप से कब्ज नहीं होता है लेकिन अधिक दर्द हो रहा हो तथा इसके …

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एब्रोटेनम-सदर्नवुड (ABROTANUM-SOUTHERNWOOD)-एब्रोटे

रिचय-       सुखण्डी रोग (इस रोग के कारण रोगी का शरीर सूखने लगता है) को ठीक करने के लिए एब्रोटेनम औषधि बहुत उपयोगी है। विशेषकर तब जब शरीर के अंग बहुत अधिक सूखे रोग से प्रभावित हो। किसी अन्य रोग के दब जाने के कारण कोई दूसरा रोग होने पर जैसे कि दस्त के रुक …

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एब्रोमा रैडिक्स ABROMA RADIX

परिचय-        स्त्री के रोग को ठीक करने के लिए एब्रोमा रैडिक्स औषधि का उपयोग बहुत लाभदायक होता है।        स्त्रियों को मानसिक परेशानी की समस्या, अनियमित मासिकधर्म होना, मासिकधर्म में अधिक कष्ट होना, मासिक धर्म में स्राव अधिक होना तथा कम होना तथा प्रदर रोग को ठीक करने में एब्रोमा रैडिक्स औषधि उपयोग बहुत …

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एक्विलेजिया (Aquilegia)

परिचय-        एक्विलेजिया औषधि का प्रयोग वात रोग (पेट में वायु बनना) को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है।       बच्चेदानी में वायु का गोला बनना, वायु के कारण पसलियों में दर्द होना आदि लक्षणों को ठीक करने के लिए इस औषधि का प्रयोग करना चाहिए। स्त्रियों को मासिकधर्म के समय में होने …

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आर्जेण्टम मेटालिकम (ARGENTUM METALLICUM)

परिचय-      शरीर में शक्ति की बहुत अधिक कमी हो जाना तथा धीरे-धीरे शरीर का सूखते चले जाना, ताजी हवा की इच्छा होना, सांस लेने में रुकावट होना, शरीर में अधिक फैलाव महसूस होना तथा बाईं ओर दर्द होना आदि लक्षणों को ठीक करने के लिए आर्जेण्टम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।      आर्जेण्टम …

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एबिस नाइग्रा (Abies Nigra) (Black Spruce)-एबि नाइ

परिचय-          कई प्रकार के रोग जिनमें आमाशय से सम्बन्धित लक्षण अधिक देखने को मिलते हैं, उन रोगों को ठीक करने में एबिस नाइग्रा औषधि बहुत लाभदायक है। इसकी क्रिया का प्रभाव आमाशय के श्लैष्मिक किनारों पर होती है और इसका प्रभाव शरीर पर भी पड़ता है।  जिन रोगों में पाचन दोष अधिक देखने को …

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एबिस कैनाडैंसिस (ABIES CANADENSIS-PINUS CANADENSIS)

परिचय :-       एबिस कैनाडैंसिस औषधि श्लैष्मिक झिल्लियों को प्रभावित करती है और आमाशय के रोग से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने में लाभदायक होती है। यह आंतों के रोगों को ठीक करने में बहुत ही सहायक औषधि है। कुपोषण तथा कमजोरी को दूर करने में यह बहुत उपयोगी है।        जिन रोगियों …

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आर्जेन्टम नाइट्रिकम, सिलवर नाइट्रेट (AREGENTUM NITRICUM)

परिचय-      आर्जेन्टम नाइट्रिकम औषधि का प्रयोग उन रोगियों के लिए किया जाता है जिन रोगियों के दिमागी लक्षण बड़े ही आश्चर्य जनक होते हैं  जैसे- रोगी के मन में तरह-तरह की बेकार की बातें आती हैं, रोगी बड़ा ही डरपोक होता है, कोई भी काम करने से पहले ही वह घबराने लगता है और …

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अल्स्टोनिया स्कोलैरिस (ALSTONIA SCHOLARIS)

परिचय-        अल्स्टोनिया स्कोलैरिस औषधि का प्रयोग कई प्रकार के रोगों को ठीक करने के काम आता है जो इस प्रकार हैं-मलेरिया सम्बन्धी रोगों के साथ पेचिश (डाइसेंटेरी), प्रवाहिका रोग, रक्ताल्पता (ऐनिमिया.शरीर में खून की कमी), पाचन शक्ति कम होना (फीबल डिजिनेशन) आदि। इस प्रकार के लक्षण रोगी के अन्दर हो तो इसका उपयोग लाभकारी …

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