सेलेनियम  Selenium 

परिचय-
सेलेनियम औषधि उन रोगियों के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती है जो व्यक्ति जवानी के जोश में आकर अपने वीर्य को समय से पहले ही समाप्त कर चुके होते हैं और संभोगक्रिया के समय पूरी तरह सफल नहीं हो पाते। इसके अलावा शारीरिक और दिमागी थकान, बुढ़ापे में, टी.बी रोग के बाद कमजोरी आने में भी ये औषधि लाभकारी मानी जाती है।
विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर सेलेनियम औषधि से होने वाले लाभ-
सिर से सम्बंधित लक्षण- रोगी को सिर में इस तरह का चक्कर आता है जैसे कि व्यक्ति ने बहुत ज्यादा शराब पी रखी हो और वह नशे में हो। पुराने शराब पीने वाले लोगों के सिर में दर्द, रोगी जब कंघी करता है तो उसके सिर के बाल झड़ने लगते हैं, इसी के साथ ही गलमुच्छे और जननेन्द्रिय के ऊपर के बाल भी झड़ने लगते हैं। इस तरह के लक्षणों में रोगी को सेलेनियम औषधि का सेवन कराना लाभदायक रहता है।
गले से सम्बंधित लक्षण- रोगी को टी.बी के रोग हो जाने के कारण पैदा हुई आवाज की नली की शुरुआती जलन, रोगी के रोजाना सुबह खंखारने पर पारदर्शी बलगम के ढेले निकलते रहते हैं, रोगी के गले में खराश सी होना, सुबह के समय खांसी के साथ खून वाला बलगम आना, गाना गाने वाले लोगों की गले की खराबी जैसे लक्षणों में रोगी को सेलेनियम औषधि देना बहुत ही उपयोगी साबित होता है।
कान से सम्बंधित लक्षण- रोगी के कान के अंदर मैल जम जाने के कारण रोगी को सुनाई न देने जैसे लक्षणों में सेलेनियम औषधि का सेवन बहुत ही उपयोगी साबित होता है।
पेट से सम्बंधित लक्षण- जिगर के रोग होने के कारण जिगर में दर्द होना और इसी के साथ ही जिगर पर छोटे-छोटे से दाने निकलना, पुराना कब्ज होना, मल सख्त और मलान्त्र के अंदर जमा हो जाता है। इन लक्षणों में रोगी को सेलेनियम औषधि देना बहुत ही लाभकारी रहता है।
नाक से सम्बंधित लक्षण- रोगी की नाक के अंदर इतनी तेज खुजली होती है कि रोगी को न चाहते हुए भी बार-बार अपनी उंगली को नाक में डालना पड़ता है, रोगी को जुकाम होने के बाद बहुत पतले दस्त आते हैं। इस तरह के लक्षणों में रोगी को सेलेनियम औषधि का सेवन कराना काफी लाभदायक साबित होता है।
मल से सम्बंधित लक्षण- मल का बड़ी ही मुश्किल से आना और मलत्याग के बाद रोगी के मलद्वार से खून का आना, रोगी को मल इतना सख्त आता है कि रोगी को मलत्याग के दौरान उंगली डालकर मल को बाहर निकलना पड़ता है, रोगी को टाइफाइड का बुखार होने के बाद अक्सर इस तरह की परेशानी पैदा हो जाती है। इस तरह के लक्षणों में रोगी को सेलेनियम औषधि देना लाभकारी रहता है।
आमाशय से सम्बंधित लक्षण- रोगी का मन ऐसा करता है कि वह बहुत तेज शराब का सेवन करें। शक्कर, नमकीन खाना, चाय और कोल्ड ड्रिंक पीने से आमाशय का रोग बढ़ जाता है। रोगी को रात के समय बहुत तेज भूख लगती है आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को सेलेनियम औषधि का सेवन कराना लाभकारी रहता है।
मूत्र (पेशाब) से सम्बंधित लक्षण- रोगी के पेशाब करने के बाद या मलत्याग के बाद, चलते समय पेशाब बूंद-बूंद करके टपकता रहता है, इसी तरह बैठे रहने पर भी पेशाब बूंद-बूंद टपकता रहता है, रोगी को पेशाब के साथ लाल तलछट जम जाता है, रोगी को शाम के समय पेशाब कम मात्रा में और गाढ़ा आता है। इन लक्षणों में रोगी को सेलेनियम औषधि देना बहुत ही लाभकारी रहता है।
पुरुष से सम्बंधित लक्षण- अपनी जवानी में ज्यादा यौन क्रियाओं में लिप्त रहने के कारण रोगी को नपुसंकता का रोग हो जाना। स्त्री के साथ संभोगक्रिया करने के बाद रोगी का चिड़चिड़ा हो जाना। सोते समय रोगी का वीर्य अपने आप ही निकल जाना। मन में संभोग करने की इच्छा तेज होना लेकिन संभोग करते समय लिंग का उत्तेजित न होना, वीर्य का पतला हो जाना, अंडकोषों में पानी भर जाना तथा संभोगक्रिया सम्बंधी स्नायुदौर्बल्य आदि लक्षणों में रोगी को सेलेनियम औषधि देने से बहुत लाभ मिलता है।
चर्म (त्वचा) से सम्बंधित लक्षण- रोगी की हथेली में सूखे, पपड़ीदार फुंसियों के उत्पन्न होने के साथ ही खुजली होना। रोगी के टखनों और चमड़ी की परत के आस-पास तथा उंगलियों के बीच में खुजली सी होना। रोगी की पलकों के, दाढ़ी के और जननेन्द्रियों के बाल झड़ने लगते हैं। उंगलियों के जोड़ों के आसपास, उंगलियों के बीच में और हथेलियों में खुजली होना। उंगलियों के बीच में फफोले से पड़ना। चेहरे पर मुहांसे निकलना। त्वचा पर काले निशान पड़ने के साथ तेल सा जम जाना आदि लक्षणों में रोगी को सेलेनियम औषधि देने से लाभ मिलता है।
शरीर के बाहरी अंगों से सम्बंधित लक्षण- रोगी को सुबह उठने पर पीठ के नीचे वाले भाग में लकवा मार जाने जैसा दर्द होना, रात के समय रोगी के हाथों में बहुत तेजी से होने वाला दर्द जैसे लक्षणों में रोगी को सेलेनियम औषधि का सेवन कराना बहुत ही उपयोगी साबित होता है।
नींद से सम्बंधित लक्षण- रोगी के पूरे शरीर की खून की नलियों में कंपन होने के कारण पूरी रात सो न पाना। पेट में बहुत जलन होती है। आधी रात तक रोगी जितनी भी कोशिश कर ले सो नहीं पाता है लेकिन सुबह के समय अंधेरे में ही रोगी की आंख रोजाना एक ही समय पर खुल जाती है। इस तरह के लक्षणों में रोगी को सेलेनियम औषधि देना बहुत ही लाभकारी रहता है।
मन से सम्बंधित लक्षण- रोगी के मन में यौन सम्बंधी विचार आने के साथ ही रोगी का वीर्य निकल जाना। रोगी जरा सा भी दिमाग का काम कर ले उसे थकान सी हो जाती है। रोगी हर समय उदास सा ही बैठा रहता है। रोगी के मन में कभी न मिटने वाली निराशा पैदा हो जाना आदि लक्षणों में रोगी को सेलेनियम औषधि देना बहुत ही उपयोगी साबित होता है।
प्रतिविष-
इग्ने, पल्सा आदि औषधियों का उपयोग सेलेनियम औषधि के हानिकारक प्रभाव को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
प्रतिकूल-
चायना, मदिरा।
वृद्धि-
हवा के झोंके से, धूप में, गर्म दिनों में, कोल्ड ड्रिंक, चाय या शराब, नींद के बाद रोग बढ़ जाता है।
शमन-
ठण्डी हवा या ठण्डा पानी मुंह में लेने से रोग कम हो जाता है।
तुलना-
सेलेनियम औषधि की तुलना ऐग्नस, कैलैडि, सल्फ, टेलूरि, फास्फो-ए से की जा सकती है।
मात्रा-
रोगी को सेलेनियम औषधि की 6 शक्ति से लेकर 30 शक्ति तक देने से कुछ ही समय में रोगी ठीक हो जाता है।

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