परिचय-
गुर्दे से सम्बन्धित रोग, मूत्रांगों से सम्बन्धित रोग विशेषकर अधिक मात्रा में पेशाब का आना, इस प्रकार के रोग को ठीक करने के लिए रस ऐरोमैटिका औषधि का प्रयोग किया जाता है।
मूत्राशय की शिथिलता के कारण बिस्तर पर पेशाब का अपने आप हो जाना, बूढ़े व्यक्तियों में पेशाब की रोकने की शक्ति न रहना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए रस ऐरोमैटिका औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
पेशाब फीका रंग का होता है तथा इसमें अन्न के समान का पदार्थ आना। पेशाब को रोकने में असमर्थता। पेशाब करने से पहले तथा पेशाब करते समय तेज दर्द होना, इस प्रकार के लक्षण बच्चों को अत्यधिक बेचैन कर देती है। पेशाब का लगातार टपना। अधिक मात्रा में पेशाब का आना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए रस ऐरोमैटिका औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
मात्रा (डोज) :-
रस ऐरोमैटिका औषधि की मूलार्क का प्रयोग रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए करना चाहिए, स्थूल मात्राओं में अधिक उपयोगी है।