➺ मूत्र में बिल्ली के जैसी गंध – VIOLA ODORATA-6 हर छह घंटे पर ।
➺ गरमी से मूर्च्छा – PSORINUM 200 सुबह-शाम ।
➺ मूर्च्छा की स्थिति, चेतनता, परंतु चलने या बोलने की शक्ति नहीं – GRAPHITES-30 दिन में दो बार
➺ बेहोशी, चेहरा लाल हो जाए CANTHARIS VESICATORIA-6 दिन में तीन बार लें ।
➺ सांत्वना पाने की इच्छा, अकेले रहने में असमर्थ – PHOSPHORUS-30 या SEPIA 200 की एक खुराक नित्य लें।
➺ सांत्वना न चाहना, अकेले रहना पसंद-NATRIUM MURIATICUM-200 दिन में दो बार ।
➺ शराबियों में मिर्गी, भय से जबड़े खिंच जाते हैं, पुतलियाँ विस्तृत या संकुचित हो जाती हैं, चेहरा चित्तीदार हो जाता है, गरम पसीना, दाईं ओर पक्षाघात – OPIUM 30 दिन में तीन बार
➺ मिर्गी, चेहरा खिंचना तथा लाल व बैंगनी हो जाना, मस्तिष्क तथा पूरे शरीर में सिहरन महसूस होना- CACTUS GRANDIFLORUS Q की दो से पाँच बूँदें दिन में दो बार
➺ उन्माद (उग्र ), काटने, थूकने, मारने तथा चीजों को तोड़ने की प्रवृत्ति; हँसी के दौरे, दाँत पीसना, अटेंडेंटों को मारने तथा काटने की प्रवृत्ति, रोगी भाग जाना चाहता है— BELLADONNA-30 दिन में तीन बार ।
➺उन्माद, रात में बड़बड़ाना, उनींदा, लाल चेहरा, धीरे तथा कठिनाई से में बोलना, सिर को अचानक तकिये पर से झटक देना- LACHESIS – 200 की एक खुराक ।
➺ उन्माद (चित्त-भ्रांति), वृद्ध कमजोर व्यक्ति में, सूजा चेहरा, आँखों जलन, जोर के खर्राटे-OPIUM 30 हर चार घंटे पर।
➺ उन्माद (चित्त-भ्रांति), उत्तेजना तथा अनिद्रा के कारण-COFFEA CRUDA-30 दो सप्ताह में एक खुराक
➺ उन्माद, उदरशूल के साथ-PLUMBUM METALLICUM 30 दिन में दो बार ।
➺ उन्माद, गंभीर संक्रमणों के कारण, निरंतर ज्वर, रोगी अपने व्यवसाय के बारे में बात करता है, बायाँ पैर और बाँह लगातार हिलाता रहता है BRYONIA-30 दिन में दो बार
➺ उन्माद, तेज ज्वर, बेचैनी, बिस्तर से कूदकर भागने का प्रयास, अप्रासंगिक उत्तर देता है, सोचता है कि वह गलत स्थान पर है, काल्पनिक चीजों के बारे में बात करता है, कोई इच्छा या शिकायत नहीं SINAPIS NIGRA।
➺ उन्माद, अवसाद, बेचैनी, मौत का भय, अकेले पड़ने का डर तथा सशक्त आत्मघाती प्रवृत्ति – ARSENICUM ALBUM 200 की रोज एक खुराक ।
➺ मिर्गी, दौरे के समय सिर तथा गरदन पीछे की ओर मुड़ जाते हैं और दाँत जुड़ जाते हैं – CICUTA VIROSA-3X की पानी में दस बूँदें मिलाकर, पंद्रह मिनट के अंतराल पर दें।
➺ मिर्गी, लाल चेहरा, बेहोशी, विस्फारित पुतलियाँ, निगलने में परेशानी, मूत्र स्वतः निकल जाता है, दौरा- BELLADONNA-6 पंद्रह-पंद्रह मिनट के अंतराल पर।
➺ मिर्गी, अचेतनता की अवस्था घंटों या दिनों तक रह सकती है और . आवाज देने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है— CHLORALUM HYDRATUM – 30 दिन में तीन बार ।
➺ हिंसक मिर्गी, दौरे से पहले गरम कमरे में रहने पर हालत खराब, अचेतनता, पीला चेहरा, जो चटख लाल वर्ण में बदल जाता है; हृदय की धड़कन का स्पंदन पूरे शरीर, खासकर सिर पर महसूस होता है – GLONOINUM 30 हर तीन घंटे या दौरों के बाद, जब तक रोगी सामान्य महसूस न करने लगे ।
➺ बंद जबड़े के साथ मिर्गी, चेतनता खोना, रात के दौरों के दौरान हाथ पैरों की विकृति, पहले कम और फिर लंबे अंतराल तक, लाल या नीला चेहरा, पेट में कमजोरी का एहसास, इसके बाद हिचकी या भारी थकान – CICUTA VIROSA 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
➺ मिर्गी, नवचंद्र के समय, , दौरे के बाद सिरदर्द – KALIUM BROMATUM – 30 दिन में दो बार ।
➺ मिर्गी, किशोरावस्था के आरंभ में या दमित स्राव के कारण – CAUSTICUM-6 हर चार घंटे पर ।
➺ मिर्गी, नींद में दौरा, जीवनी द्रव की कमी से, जलन से LACHESIS – 30 की एक खुराक प्रतिदिन ।
➺ मिर्गी, दौरे में अचानक निकटवर्ती व्यक्ति को पीटना शुरू कर देना – ARGENTUM METALLICUM 30 की एक खुराक प्रतिदिन
➺ मिर्गी, रात में नींद के दौरान वृद्धि, नियमित अंतरालों पर, हर मासिक धर्म के साथ – CUPRUM METALLICUM 30 हर छह घंटे पर।
➺ मिर्गी, मानसिक विकृति के कारण दौरे, परंतु रोगी अपने काम करने में सक्षम होता है -BARYTA MURIATICA-30 दिन में तीन बार सेवन कराएँ ।
➺ मिर्गी, प्रेम में निराशा या बुरे समाचार के कारण – IGNATIA AMARA 200 की एक खुराक रोज ।
➺ मिर्गी, भय (जो नींद के दौरान भी होता है) के कारण अनुभूति का अभाव, प्रतिक्रिया का अभाव – OPIUM-30 दिन में तीन बार
➺ मिर्गी, घंटों या दिनों तक, दौरे से पहले पुतलियाँ फैल जाती हैं- ARGENTUM NITRICUM-30 की एक खुराक प्रतिदिन
➺ मिर्गी, टीकाकरण से – THUJA-30 दिन में दो बार ।
➺ मिर्गी, हृदय रोगों से, सिर की ओर रक्त का प्रवाह, उड़ने की अनुभूति, पसीना आना तथा दिल धड़कना-CALCAREA ARSENICOSA-6 दिन में तीन बार।
➺ मिर्गी, अपूर्ण सहवास से – PLATINUM METALLICUM 30 की एक खुराक रोजाना ।
➺ मिर्गी, दमित एग्जीमा के कारण – KALIUM MURIATICUM-30 दिन में दो बार
➺ मिर्गी, दमित स्रावों के कारण-AGARICUS MUSCARIUS-200 एक खुराक रोजाना।
➺ मिर्गी, दौरे के समय असामान्य स्वेदन- PILOCARPUS 30 दिन में दो बार ।
➺ मिर्गी, दमित स्रावों के कारण – TUBERCULINUM 30 पूरी तरह ठीक होने तक दिन में दो बार ।
➺ मिर्गी, रस्सीदार लार के साथ-KALIUM BICHROMICUM – 30 हर छह घंटे पर।
➺ मिर्गी, मस्तिष्क में तरंगों जैसा एहसास-ACTAEA RACEMOSA-30 दिन में दो बार
➺ मिर्गी के दौरे, सिर पर चोट लगने से- Natrum sulph-30 दिन में तीन बार ।
➺ बेहोशी, गंध से, खाने के बाद, हर प्रसव पीड़ा के बाद, सुबह के समय – NUX VOMICA- 30 दिन में दो बार (हर छह घंटे पर)।
➺ बेहोशी के दौरे, रक्ताल्पताग्रस्त लोगों में-ACETICUM ACIDUM -6 दिन में दो बार
➺ बेहोशी, रक्ताल्प तथा दुर्बल लोगों में जरा सी मेहनत के बाद Carbo Vegetabilis-30 दिन में तीन बार
➺ नीचे उतरते समय बेहोशी, ऊपर चढ़ने में कोई परेशानी नहीं, अधिक कमजोरी–STANNUM METALLICUM 30 की कुछ खुराकें ।
➺ सुबह उठने के तुरंत बाद ठंडी हवा से बेचैनी महसूस करना – PULSATILLA-30 छह घंटे के अंतराल पर तीन खुराक ।
➺ पैरों की बेचैनी, मानसिक तनाव या बेचैनी के कारण लगातार पैर हिलाते रहना – Medorrhinum-200 की दो सप्ताह में एक खुराक ।
➺ हाथों की बेचैनी, बिस्तर पर उँगलियाँ फिराने या अपनी घड़ी की चेन के साथ खेलने में अच्छा महसूस करना- KALIUM BROMATUM-3 दिन में दो बार
➺ भय, चक्कर, मूर्च्छा, काँपना, गर्भपात या मासिक धर्म को जन्म देता है। – ACONITUM NAPELLUS 30 दिन में दो बार
➺ दाँत पीसना, चेहरे का विकृत होना-CICUTA VIROSA 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
➺ नींद में दाँत पीसना- CANNABIS INDICA -30 दिन में तीन बार लें।
➺ हाथ और पैरों का सुन्न हो जाना, सूजा हुआ लगना-COCCULUS INDICUS-30 हर छह घंटे पर ।
➺ हाइड्रोफोबिया, बहते जल को देखने और उसकी आवाज सुनने से स्थिति और खराब – HYDROPHOBINUM 30 सप्ताह में दो बार
➺ हाइपोकॉण्ड्रिएसिस, ऊँचे भवनों को देखने से चक्कर आता है और लड़खड़ाहट होती है; ऐसा महसूस होता है कि दोनों ओर के घर एक साथ आकर उसे कुचल देंगे, सड़क से गुजरने में डरता है – ARGENTUM METALLICUM 200 की एक खुराक रोज ।
➺ हिस्टीरिया – Valeriana –Q दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार दें |
➺ हिस्टीरिया रोगी, जल्दी क्रोधित होता हो, तुरंत उत्तेजित हो जाता हो, उसकी बदलती रहती हो, कटु स्राव – काली PHOSPHORUS 30 हर छह घंटे पर।
➺ हिस्टीरिया, बदलता मूड, कभी प्रसन्नता, कभी अवसाद, आवाज खोना, मूत्र जमा होता है या प्रचुर मात्रा में निकलता है, लेटने पर अत्यधिक खाँसी, चेहरे की मांसपेशियों में ऐंठन और झटके – SINAPIS NIGRA-30 की एक खुराक रोज।
➺ हिस्टीरिया, पूर्ण अचेतनता, दमित मूत्र, प्यास नहीं लगना, शुष्क मुँह, बेहोशी के दौरे, प्रतिक्रियाहीन, दमित मासिक-धर्म, हमेशा नींद आना NUX MOSCHATA 30 की एक खुराक रोजाना ।
➺ हिस्टीरिया, उँगलियाँ अलग-अलग हो जाती हैं और अंदर की ओर मुड़ जाती हैं – CUPRUM METALLICUM 30 दिन में दो बार
➺ हिस्टीरिया, रोगी की उँगलियाँ अलग-अलग होकर पीछे की ओर मुड़ जाती हैं – Secale cornutum-30 दिन में दो बार
➺ हिस्टीरिया, ऐसा लगता है मानो पीठ पर साँप हों, हवा में चलने का एहसास, स्पर्श के प्रति अत्यंत संवेदनशील, मासिक धर्म से पहले और दौरान स्तनों में दर्द, योनि से गैस निकलती है, निरंतर मूत्र त्याग की इच्छा, अनियमित पीड़ा-LAC CANINUM-200 की दो सप्ताह में एक खुराक ।
➺ हिस्टीरिया – IGNATIA AMARA -30 दिन में तीन बार, यदि यह विफल रहे तो जिंकम PHOSPHORUS-30 दिन में तीन बार दें।
➺ हिस्टीरिया – IGNATIA AMARA-30 हर दौरे के बाद एक खुराक और इसके बाद सुबह के समय एक खुराक ।
➺ हिस्टीरिया, युवतियों में मासिक धर्म के दबे होने के कारण – ZINCUM METALLICUM 30 दिन में दो बार
➺ हिस्टीरिया, मोटी महिलाओं में, मासिक धर्म की गड़बड़ी से संबंधित, गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति के दौरान – THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार ।
➺ हिस्टीरिया, ऐसा लगना मानो काई चीज गले में लटक रही है, जिसे निगलना जरूरी है, गले में शुष्कता और रूखापन, यह भ्रम कि वह बीमार है और शरीर के अंग सिकुड़ गए हैं, कि वह गर्भवती है, कि उसे कोई गले की घातक समस्या है – SABADILLA-30 दिन में तीन बार दें।
➺ हिस्टीरिया, जिस करवट सो रहे हों उस ओर की मांसपेशी का काँपना, अनिद्रा, सुन्नपन, बेचैनी – ACTAEA RACEMOSA-30 दिन में दो बार
➺ हिस्टीरिया, कभी रोना, कभी हँसना, विलंबित और दर्दयुक्त मासिक धर्म, प्रचुर मात्रा में हरे रंग का तिक्त ल्यूकोरिया, हृदय का धक-धक करना, हृदय का धड़कना पूरे शरीर को हिलाता है, सपने में चोरों को देखना, जीभ पर बाल महसूस होना- NATRIUM MURIATICUM 200 की दो सप्ताह में एक खुराक ।
➺ हिस्टीरिया संबंधी मिर्गी के दौरे, हँसना, ईर्ष्यालु होना, डरना और हिंसक होना – SINAPIS NIGRA-30 की एक खुराक रोजाना।
➺ हिस्टीरिया की अवस्था, रोगी कभी प्रसन्न, कभी अवसादग्रस्त होता है; प्रसन्नता के समय गाता, नाचता, कूदता, हँसता और सीटी बजाता है; सभी को चूमना चाहता है और अवसादग्रस्त स्थिति में रोता है, क्रोधित होता है, मित्रों को गाली देता है और फिर पछताता है – CROCUS SATIVUS-30 दिन में दो बार
➺ नींद में चलना-KALIUM BROMATUM-30 दिन में दो बार लें। . बेचैनी, लेकिन रात में आँख बंद करने के बावजूद सो नहीं पाना MAGNESIUM MURIATICUM-200 दिन में एक बार ।
➺ ऐंठन संबंधी रोग, किशोरावस्था के दौरान विकसित मिर्गी और हिस्टीरिया से या मासिक क्रियाएँ शुरू होने से-CAULOPHYLLUM-30 हर छह घंटे पर।
➺ बच्चों में दाँत निकलते समय मांसपेशियों की ऐंठन, हाथ-पैरों और पूरे शरीर का विकृत होना, दौरा ऊपर से नीचे की ओर फैलता है, दौरे से पहले दर्द से चीखता है, पुतलियाँ विस्फारित होती हैं, बेहोशी, कमजोरी – CICUTA VIROSA 30 की एक खुराक रोजाना दें।
➺ दौरा, हाथ या उँगलियों की जकड़न के साथ, पैर की उँगलियाँ फैली हुईं या पीछे की ओर मुड़ी हुईं- Secale cornutum-30 दिन में तीन बार ।
➺ दौरा या ऐंठन, शरीर की सभी मांसपेशियों की ऐंठन-HYOSCYAMUS NIGER-30 दिन में दो बार ।
➺ ऐंठन, स्कलेरोसिस या ट्यूमर के कारण- PLUMBUM METALLICUM 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
➺ ऐंठन, भय, क्रोध या भावुक कारणों से, खाँसने तथा प्रसव के दौरान KALIUM BICHROMICUM 30 हर छह घंटे पर दोहराएँ।
➺ अचेतनता, बोलते, पढ़ते या लिखते समय बेहोश हो जाना, स्मरण शक्ति चले जाना, परिवर्तनशील मूड, उत्तर देने से पहले याद करने की जरूरत-NUX MOSCHATA-200 की एक खुराक प्रतिदिन
➺ मूर्च्छा, गहरा लाल चेहरा और जोर लगाकर साँस लेना, आँखें विस्फारित, चेहरा लाल और सूजा हुआ, आसानी से भयभीत होनेवाला और बेचैन – OPIUM 30 दिन में दो बार
➺ झटका लगना, मांसपेशियों के एक समूह में, खासकर पलकों की मांसपेशियों में, हिस्टेरिकल लोगों में सामान्य CROCUS SATIVUS 30 दिन में दो बार ।
➺ झटका लगना, चेहरे, पलकों और हाथ-पैरों में, नींद के दौरान बंद हो जाता है – AGARICUS MUSCARIUS-30 दिन में दो बार ।
➺ अर्ध- अचेतनता-ARNICA -30 दिन में तीन बार लें।
➺ अचेतनता, मूत्र के प्रवाह, जो दिन-रात टपकता रहता है, को नियंत्रित करने में असमर्थता- TEREBINTHINA 200 दो सप्ताह में एक बार लें ।
➺ पेट के कीड़ों के कारण चक्कर आना-GRANATUM या COCCULUS-30 दिन में दो बार।
➺ वृद्ध लोगों में चक्कर आना, सुबह, सोने के बाद और खाने के बाद स्थिति बदतर – AMBRA GRISEA 30 दिन में दो बार
➺ मिचली के साथ चक्कर आना, सोने के बाद उठने पर बढ़ जाता है— BRYONIA 30 सुबह-शाम एक-एक खुराक ।
➺ बिस्तर से उठने के बाद चक्कर आना, वृद्धों को बेहोशी PHOSPHORUS – 30 सुबह-शाम दें ।
➺ सोने के बाद चक्कर आना- LACHESIS 30 की एक खुराक रोजाना।
➺ चक्कर आना, ऐसा लगना मानो शरीर बेसुध और दिमाग भ्रमित हो, बिस्तर से उठने पर तेज चक्कर, जो फिर से लेट जाने के लिए विवश करता है – COCCULUS INDICUS-30 हर छह घंटे पर।
➺ चक्कर आना, वमन और दस्त, माथे पर ठंडा पसीना-VERATRUM ALBUM 200 की सुबह-शाम एक-एक खुराक ।
➺ चक्कर आना, वेसो-मोटर गड़बड़ी के कारण, स्नायविक समस्याएँ, रजोनिवृत्ति के दौरान – THYROIDINUM-30 दिन में तीन बार
➺ चक्कर आना, सिर में रक्त के जमाव के कारण-CACTUS GRANDIFLORUS-6 दिन में दो बार खाएँ ।
➺ चक्कर आना, मानसिक परिश्रम और लंबे समय तक खड़े रहने के कारण- PICRIC ACID 30 दिन में दो बार ।
➺ चक्कर आना, सिर में रक्त के तेज प्रवाह के कारण-Calcarea Arsenica-6 दिन में दो बार
➺ चक्कर आना, वृद्ध व्यक्तियों में बिस्तर पर लेटने के दौरान सिर को घुमाने और उठने से, सुन्नता – CONIUM MACULATUM 30 हर छह घंटे पर।
➺ चक्कर आना, सुबह उठने के तुरंत बाद-CALCAREA OSTREARUM 200 की एक खुराक लें।
➺ चक्कर आना, गरदन के पीछे दर्द से आरंभ होता है GELSEMIUM SEMPERVIRENS 200 दिन में दो बार ।
➺ चक्कर आना, पूरी नींद न ले सकने के कारण – COCCULUS-200 की एक खुराक रोजाना ।
➺ चक्कर आना, कोई भी गति करने पर – BRYONIA-30 हर छह घंटे पर।
➺ चक्कर आना, सिर को झुकाने पर KALIUM BROMATUM -30 दिन में तीन बार।
➺ चक्कर आना, आँखों को बंद करने पर या हलके से शोर से भी – THERIDION CURASSAVICUM 200 साप्ताहिक खुराक लें।
➺ चक्कर आना, ऊपर की ओर देखने या ऊपर चढ़ने पर KALIUM SULPHURICUM-200 की एक खुराक रोजाना ।
➺ चक्कर आना, नीचे देखने पर और आँखों को घुमाने पर या आगे झुकने पर, पर लेटने पर राहत – SPIGELIA ANTHELMIA-30 दिन में तीन बार
➺ चक्कर आना, नीचे की ओर देखने पर PHOSPHORUS – 30 की एक खुराक रोजाना या SPIGELIA ANTHELMIA 30 दिन में दो बार
➺ चक्कर आना, ऊपर की ओर देखने पर – PULSATILLA-30 दिन में तीन बार या SILICEA 200 दो सप्ताह में एक बार।
➺ चक्कर आना, आगे की ओर झुकने पर और मासिक धर्म के समय – CYCLAMEN EUROPAEUM -30 छह घंटे के अंतराल पर ।
➺ चक्कर आना, सिर में दर्द, चेहरे का लाल हो जाना, बेसुधी का एहसास, सिर को हिलाने से मूर्च्छित हो जाना, आगे की ओर झुकने से बढ़ता है GLONOINUM 30 हर छह घंटे पर
➺ चक्कर आना, अत्यधिक पीलापन, चेतनता खो जाना, खुली हवा में और वमन करने पर बेहतर महसूस करना, उठने या ऊपर की ओर देखने और आँखों को खोलने पर पुनः चक्कर- TABACUM 6 दिन में तीन बार
➺ चक्कर आना, ऑक्सीपुट से फैलता है, किसी वस्तु के दो प्रतिबिंब दिखना, क्षीण दृष्टि या दृष्टिलोप, चलने-फिरने में विषाक्तता महसूस करना – GELSEMIUM SEMPERVIRENS 30 हर छह घंटे पर दोहराएँ।
➺ चक्कर आना, गंभीर – SYPHILINUM 200 की सप्ताह में एक खुराक ।
➺ चक्कर आना, किसी भी प्रकार की अवस्था में SABADILLA-30 दिन में तीन बार ।
➺ चक्कर आना, आँखों को बंद करते समय THUJA – 200 दिन में तीन बार ।
➺ चक्कर आना, ठंडी हवा में जाने पर Ranunculus Bulbosus – 30 दिन में तीन बार
➺ चक्कर आना, ऊपर की ओर सीढ़ियाँ चढ़ने पर CALCAREA CARBONICA 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
➺ चक्कर आना, सीढ़ियाँ उतरते समय BORAX 6 हर छह घंटे पर लें।
➺ चक्कर आना, कानों में भनभनाहट की आवाज, सामान्य कमजोरी और कंपन, बंद आँखों के साथ नहीं चल सकते, ऊँची इमारतों को देखने से चक्कर आता है- ARGENTUM NITRICUM-30 दिन में दो बार
➺ चक्कर आना, सिरदर्द से, गले से शुरू होता है, आगे की ओर गिरने का एहसास, ऊपर की ओर देखने पर बदतर – SILICEA 200 आवश्यकता के अनुसार एक खुराक या कुछ खुराकें।
➺ चक्कर आना, दृष्टि लोप के कारण- TEREBINTHINA – 200 साप्ताहिक खुराक ।
➺ चक्कर आना, मिचली के साथ, खासकर आँख बंद करने पर – THERIDION CURASSAVICUM 200 सप्ताह में एक बार।
➺ चक्कर आना, मिचली और रक्तचाप के साथ -CALCAREA SULPHURICA-30 दिन में तीन बार ।
➺ चक्कर आना, मिचली के साथ – VERATRUM VIRIDE-6 दिन में चार बार ।
➺ चक्कर आना, दाहिनी करवट सोने पर बदतर-MURIATICUM ACIDUM-30 हर छह घंटे पर।