➺ बवासीर (खूनी या बादी) दुःसाध्य प्रकार के कब्ज तथा मलद्वार में चुभने के एहसास के साथ पाँच बूँदें। COLLINSONIA CANADENSIS-Q दिन में तीन बार,
➺ खूनी बवासीर CARDUUS MARIANUS-30 हर छह घंटे पर या CIMEX LECTULARIUS 6 दिन में तीन बार
➺ बवासीर में ज्यादा रक्तस्त्राव होना बार। ACETICUM ACIDUM -30 दिन में दो
➺ मस्से के जख्मों से रक्त निकलना-PHOSPHORUS-30 दिन में दो बार
➺ मलद्वार तथा गुदा की दरार, गुदा के खिसकने तथा सिफलिस से संबंधित SYPHILINUM 200 साप्ताहिक ।
➺ फिशर, मल-त्याग के बाद घंटों तक दर्द तथा जलन-NITRICUM ACIDUM-200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
➺ फिशर – NUX VOMICA 200 की एक खुराक, उसके बाद की सुबह SULPHUR 200; फिर NITRICUM ACIDUM-200 दिन में दो बार, पंद्रह दिनों तक ।
➺ गुदा का भगंदर, बवासीर के लक्षणों के साथ, खुजली – Berberis Vulgaris-Q की पाँच बूँदें दिन में दो बार लें |
➺ गुदा का भगंदर, गरमी, गरम भोजन तथा पेय से, गुदा की नसों में सूजन . -Acid Fluoric-30 दिन में तीन बार
➺ दमित बवासीर, स्थायी रोगों को जन्म देता है- SULPHUR-30 दिन में तीन बार।
➺ बवासीर या गुदा की समस्या, गुदा का भरा हुआ महसूस होना, अकसर बवासीर से लगातार रक्तस्त्राव, अधिक कब्ज और उसके कारण उदरशूल – COLLINSONIA CANADENSIS-Q की पानी में दो से पाँच बूँदें, दिन में तीन बार लें।
➺ बवासीर, नीला, दर्द भरा तथा संवेदनशील, गरम सिंकाई से राहत – . MURIATICUM ACIDUM-3 दिन में तीन बार।
➺ बवासीर, पीड़ादायक, चलने से बढ़ जाता है, कब्ज, जल्दी-जल्दी मल त्याग की इच्छा, मल त्याग खड़े रहने पर ही अच्छी तरह होता है; खुजली, नमी, जलन – CAUSTICUM – 30 दिन में दो बार ।
➺ बवासीर, प्रत्येक मासिक धर्म के बाद – COCCINELLA-3 हर चार घंटे पर ।
➺ बवासीर, प्रचुर रक्तस्राव, जलन, पीड़ा, भारीपन, पीठदर्द, मल त्याग . की इच्छा, नीले रंग के बवासीर, गुदा में दर्द HAMAMELIS VIRGINIANA वर्जीनिया-Q की दो से पाँच बूँदें, हर चार घंटे पर लें।
➺ बवासीर, सख्त, रक्तस्त्राव तथा पीडायुक्त-CALCAREA FLUORICA – 6 दिन में तीन बार
➺ बवासीर, बड़ा, नीलाभ, चलने से दर्द, मल त्याग के बाद दर्द, कब्ज के साथ, गुदा में जलन तथा खुजली-AESCULUS HIPPOCASTANUM 6 दिन में तीन बार।
➺ बवासीर, हर मल त्याग के बाद गुदा का खिसक जाना, मल-त्याग के बाद घंटों तक तीव्र पीड़ा – IGNATIA AMARA अमेरा-6 हर चार घंटे पर दोहराएँ । .
➺ बवासीर, मूत्र त्याग के समय फैल जाता है – BARYTA CARBONICA – 30 दिन में दो बार ।
➺ बवासीर, अंगूरों के गुच्छे की तरह फैलता है, नीला रंग, , अधिक खुजली, ठंडे पानी के प्रयोग से राहत – – ALOE SOCOTRINA-6 दिन में तीन बार
➺ बवासीर, फैलता है, फटा हुआ, रक्तस्राव, चटख लाल रक्त, मल त्याग के बाद अत्यंत पीड़ा – NITRICUM ACIDUM-30 की कुछ खुराकें ।
➺ बवासीर, दर्द और जलन के साथ टीस, मल-त्याग के बाद गुदा घंटों तक दर्द, खासकर दमित ल्यूकोरिया के साथ – Ammonium Muriaticum 30 दिन में तीन बार
➺ बवासीर का उभरना, दर्द के साथ-CALCAREA PHOSPHORICA-30 दिन में तीन बार लें।
➺ बवासीर में सूजन के साथ दर्द- CARBONEUM SULPHURATUM-30 दिन में तीन बार लें।
➺ अंगूर के गुच्छों की तरह बवासीर, ठंडे पानी के इस्तेमाल से राहत – ALOE SOCOTRINA30 दिन में तीन बार, कब्ज को दूर करने के लिए NUX VOMICA 200 चौथे दिन रात में, मिर्च खाने से परहेज करें ।
➺ बवासीर से खून निकलना, गरम सिंकाई से आराम, खुजली, जलन, टीस – ARSENICUM ALBUM 30 दिन में दो बार लें।
➺ रक्तिम या अरक्तिम बवासीर, स्थायी कब्ज, अंगूरों की तरह उभरता है, तेज दर्द, कभी-कभी मूत्र त्याग करते या गैस निकलते समय मल-त्याग हो जाना, गुदा में भारीपन, गुदा धोते समय ठंडे पानी से आराम, भोजन करने के बाद तुरंत मल त्याग की इच्छा, मल-त्याग के बाद राहत महसूस करना – ALOE SOCOTRINA-30 दिन में तीन बार लें ।
➺ खूनी बवासीर, काले रंग का खून, थक्का पड़ना, गंभीर पीठदर्द, बैंगनी रंग का बवासीर – HAMAMELIS VIRGINIANAक्यू की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार
➺ बवासीर, गुदा में दरार, कब्ज के साथ GRAPHITES-200 हर चार घंटे बाद ।
➺ बवासीर, ऐसा महसूस होना कि गुदा में दरार है; रक्तस्त्राव, लाल रक्त, गंभीर कब्ज तीन बार । COLLINSONIA CANADENSIS-Q की दो से पाँच बूँदें पानी में, दिन में बवासीर,
➺ रक्तस्राव रुकने पर हृदय की समस्या उभरना COLLINSONIA CANADENSIS-30 दिन में तीन बार ।
➺ बवासीर, महिलाओं में, गर्भावस्था के दौरान या बाद में विकसित होना – COLLINSONIA CANADENSIS –Q या 3 की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार
➺ बवासीर, गुदा से बलगम निकलना, निरंतर बलगम टपकना, जाँघिए पर पीला दाग लगना-ANTIMONIUM CRUDUM 3 दिन में तीन बार ।
➺ बवासीर, मल-त्याग के दौरान दर्द, साथ ही बैठते उठते और चलते समय दर्द – ARSENICUM ALBUM-30 हर छह घंटे पर लें। .
➺ बवासीर, तेज दर्द, महिलाओं में न्यून मात्रा में मासिकस्त्राव – LACHESIS 30 हर छह घंटे पर।