प्रूनस स्पाइनोसा (Prunus spinosa)

परिचय-
प्रूनस स्पाइनोसा औषधि की क्रिया सिर तथा मूत्रांगों पर अधिक होती है। नाड़ियों में तेज दर्द होता है, शरीर के सभी अंगों का जलोदर और विशेषकर पैर में सूजन हो जाता है। टखनें और पैरों पर मोच आ जाती है। पलकों की नाड़ियों में दर्द होता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए प्रूनस स्पाइनोसा औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
विभिन्न लक्षणों में प्रूनस स्पाइनोसा औषधि का उपयोग-
सिर से सम्बन्धित लक्षण :- करोटि को नीचे दबाकर टुकड़े कर दिऐ जाने जैसा दर्द होता है, माथे की हड्डी में मस्तिष्क से लेकर सिर के पीछे के भाग तक गोली लगने जैसा तेज दर्द होता है, दाहिने अक्षिगोलक में दर्द होता है और ऐसा महसूस होता है कि वह फट जायेगा। दांत में तेज चुभता हुआ दर्द होता है तथा मानों दांत उखाड़ें जा रहे हो, मुंह में कोई गरम चीज लेने पर रोग के लक्षणों में वृद्धि होती है। इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए प्रूनस स्पाइनोसा औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
आंखों से सम्बन्धित लक्षण :- पलकों की नाड़ियों में सूजन आ जाती है, दाहिने अक्षिगोलक में फट पड़ने जैसा दर्द होता है जो बिजली की तरह मस्तिष्क में होता हुआ सिर के पीछे के भाग तक तेजी से दौड़ता है। बाई आंखों में अचानक दर्द होता है और ऐसा महसूस होता है जैसे वह फट पडे़ंगीं, आंखों से आंसू निकलता रहता है। पटल में सूजन आ जाती है। ऐसा महसूस होता है जैसे आंखें फट पड़ेगीं। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए प्रूनस स्पाइनोसा औषधि का प्रयोग करना फायदेमन्द होता है।
पेट से सम्बन्धित लक्षण :- पेट में जल जमा होने के कारण जलोदर रोग हो जाता है। मूत्राशय में ऐंठन होने के साथ ही दर्द होता है और चलने से रोग के लक्षणों में वृद्धि होती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए प्रूनस स्पाइनोसा औषधि का प्रयोग करना लाभदायक होता है।
मलांत्र से सम्बन्धित लक्षण :- मलद्वार में दर्द होने के साथ ही कठोर और गांठदार मल होता है। लसीले मल का दस्त होता है तथा इसके बाद मलद्वार में जलन होती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए प्रूनस स्पाइनोसा औषधि का प्रयोग करना उचित होता है।
दांत से सम्बन्धित लक्षण :- दांतों में तेज चुभता हुआ दर्द होता है, ऐसा लगता है जैसे उन्हें कोई उखाड़ रहा हो, गरम चीज मुंह में लेते ही परेशानियां बढ़ने लगती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए प्रूनस स्पाइनोसा औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
मूत्र से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को मूत्रत्याग करने की अधिक इच्छा होती है लेकिन मूत्रत्याग नहीं हो पाता और इसके साथ ही मूत्राशय में ऐंठन होती है। मूत्रत्याग करने से पहले बहुत देर तक जोर लगाना पड़ता है और मूत्रनली में दर्द होता है। पेशाब की हाजत होते ही पेशाब जाना, लेकिन पेशाब के लिए बैठते ही ऐसा महसूस होता है कि पेशाब मूत्रनली में मुंह तक आकर फिर पीछे वापस चला गया है। इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए प्रूनस स्पाइनोसा औषधि का प्रयोग करना फायदेमन्द होता है।
मात्रा (डोज) :-
प्रूनस स्पाइनोसा औषधि की 3 से 6 शक्ति का प्रयोग रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए करना चाहिए।

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