पोलीपोरस पाइनीकोला (Polyporus pinicola)

परिचय-
स्वल्पविराम, सविराम और पैत्तिक ज्वरों को ठीक करने के लिए पोलीपोरस पाइनीकोला औषधि का उपयोग लाभदायक होता है इन ज्वरों के साथ ही रोगी के सिर में दर्द होता है, जीभ पीली पड़ जाती है, लगातार जी मिचलाता रहता है, रोगी की अवस्था बेहोशी सी हो जाती है, कब्ज की समस्या भी हो जाती है। वनस्पति पोलापो-ऑफीसिनैलिस के समान ही पोलीपोरस पाइनीकोला औषधि के गुण होते हैं। पैर के अन्दरूनी भाग में हल्का-हल्का दर्द होना जिसके कारण रोगी को नींद नहीं आती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए पोलीपोरस पाइनीकोला औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
विभिन्न लक्षणों में पोलीपोरस पाइनीकोला औषधि का उपयोग-
ज्वर से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को अधिक आलस्य आता है, सिर में रक्त जमा होने लगता है तथा इसके साथ ही चक्कर आता है, चेहरा तमतमाया व गर्म हो जाता है तथा सारे शरीर पर चुभन होती है, कलाइयों व घुटनों में दर्द होने के कारण रात को बेचैनी होती है तथा जोड़ों में दर्द होता है, शरीर से अधिक पसीना आता है। सुबह दस बजे के लगभग सिर में दर्द होता है तथा इसके साथ ही पीठ पर दर्द होता है, टखनों और टांगों में दर्द होता है जो दोपहर तीन बजे तक बढ़ता है और फिर धीरे-धीरे कम हो जाता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए पोलीपोरस पाइनीकोला औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

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