ट्रिनाइट्रोटोलिन TRINITROTOLUENE

परिचय :-
ट्रिनाइट्रोटोलिन औषधि मुख्य रूप से रक्त के लालकणों पर क्रिया करती है जिसके परिणामस्वरूप शरीर में खून की कमी तथा पीलिया रोग के ऐसे लक्षण भी उत्पन्न होते हैं जो लक्षण आमतौर पर आसानी से रोगी में उत्पन्न नहीं होते। इस औषधि के प्रयोग से खून की कमी और पीलिया के छोटे-छोटे लक्षण भी उत्पन्न होकर समाप्त हो जाते हैं। अधिक कार्बन डाइऑक्साइड वाले स्थान पर काम करने से होने वाले शारीरिक हानि पर खून में मौजूद लालरक्तकणों रंजक पदार्थ बदल जाता है और प्राणवायु का संचार पूरे शरीर में ठीक से नहीं हो पाता जिसके कारण अनेक प्रकार के लक्षण उत्पन्न होते हैं, जैसे- दम फूलना, सिर चकराना, सिर दर्द होना, बेहोशी आना, हृदय में कंपन होना तथा बिना किसी कारण थकान महसूस होना, पेशियों में ऐंठन सा दर्द होना, शरीर का नीला पड़ जाना और साथ ही नींद का अधिक आना, निराशा व अनिद्रा आदि। इस तरह के लक्षणों से पीड़ित रोगी को ट्रिनाइट्रोटोलिन औषधि का सेवन कराना चाहिए।
टी.एन.टी विशाक्तता के कारण उत्पन्न होने वाले मुख्य रोग है- खून दूषित होने से उत्पन्न पीलिया के लक्षण और शरीर में खून की कमी से उत्पन्न होने वाले विभिन्न लक्षण। खून में कोशिकायें नष्ट होने के कारण पीलिया रोग उत्पन्न होता है।
शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर ट्रिनाइट्रोटोलिन औषधि का उपयोग :-
सिर से सम्बंधित लक्षण :- रोगी में हर समय एक प्रकार की हताशा व निराशा बनी रहती है और उसके ललाट पर दर्द रहता है। रोगी को गाना सुनने का मन नहीं करता, अकेला रहना पसन्द करता है तथा बिना किसी कारण के ही रोने लगता है। सिर चकराने के साथ बेहोशी जैसी स्थिति उत्पन्न होना, मस्तिष्क का ठीक से काम न करना, रोने की प्रवृति तथा चेहरा काला पड़ जाना आदि लक्षणों में ट्रिनाइट्रोटोलिन औषधि का प्रयोग करना लाभकारी होता है।
सांस संस्थान से सम्बंधित लक्षण :- नाक सूख जाने के कारण रोगी को ऐसा महसूस होता है कि नाक बंद हो गया है। छींके अधिक आना, नाक से बलगम निकलना, गले में जलन होना तथा छाती में घुटन महसूस होने के साथ अधिक दबाव महसूस होना। सूखी खांसी होने के ऐसे लक्षण जिसमें खांसते-खांसते बेहोशी जैसे लक्षण उत्पन्न हो जाती है तथा खंखारने पर बलगम थक्के के रूप में एक साथ बाहर निकलता है। ऐसे सांस से सम्बंधित लक्षणों में ट्रिनाइट्रोटोलिन औषधि का सेवन करना चाहिए।
हृदय से सम्बंधित लक्षण :- हृदय में कंपन होना, हृदयक्षिप्रता, हृदय की गति कम हो जाना तथा नाड़ी का रुक-रुककर चलना आदि लक्षणों में ट्रिनाइट्रोटोलिन औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
मूत्र से सम्बंधित लक्षण :- मूत्र से सम्बंधित ऐसे लक्षण जिसमें मैले रंग का पेशाब आता है, पेशाब करते समय मूत्रनली में जलन होती है, अचानक पेशाब लग जाता है, कभी-कभी अपने आप पेशाब आ जाता है तथा पेशाब रुक जाता है। ऐसे लक्षणों में ट्रिनाइट्रोटोलिन औषधि का प्रयोग करना लाभकारी होता है।
पेट से सम्बंधित लक्षण :- पेट से सम्बंधित विभिन्न लक्षण जैसे- मुंह का स्वाद कड़वा हो जाना, अधिक प्यास लगना, खट्टी पदार्थो का पुनरुदगीरण, खड्गाकार भाग के पीछे तेज जलन होना, जी मिचलाना, उल्टी होना, कब्ज का बनना तथा दस्त के साथ बांयटे पड़ना आदि लक्षणों में ट्रिनाइट्रोटोलिन औषधि का प्रयोग किया जाता है।
त्वचा से सम्बंधित लक्षण :- हाथों का रंग पीला हो जाना। त्वचा पर गांठे पड़ना, लाल रंग के दाने पड़ना, त्वचा पर फफोले पड़ना तथा त्वचा पर खुजली व जलन के साथ त्वचा का फूल जाना आदि लक्षणों में ट्रिनाइट्रोटोलिन औषधि का सेवन करें। त्वचा के नीचे तथा नाक से खून का आना, त्वचा का सूज जाना तथा घुटने के पीछे थकावट व दर्द महसूस होना आदि लक्षणों में ट्रिनाइट्रोटोलिन औषधि का प्रयोग किया जाता है।
वृद्धि :-
शराब पीने से तथा चाय पीने से रोग बढ़ता है।
तुलना :-
ट्रिनाइट्रोटोलिन औषधि की तुलना जिंकम, फास्फो, सीना, आर्से या प्लम्ब औषधि से की जाती है।
मात्रा :-
ट्रिनाइट्रोटोलिन औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग किया जाता है।

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