जेबोरैण्डी (जेबोरै) Jaborandi

परिचय-
जब कोई व्यक्ति अपनी पुरानी बीमारी का इलाज करवाता है तो उसके स्वास्थ्य में सुधार होते समय उसको बहुत ज्यादा मात्रा में पसीना आता है उस समय जेबोरैण्डी औषधि का उपयोग काफी असरकारक होता है। इसके अलावा गर्भावस्था में, मधुमेह रोग में भी रोगी को बहुत ज्यादा पसीना आना, मुंह का सूखना, बार-बार प्यास का लगना आदि में भी इस औषधि का इस्तेमाल किया जाता है।
विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर जेबोरैण्डी औषधि का उपयोग-
आंखों से सम्बंधित लक्षण-
रोगी को मोतियाबिन्द होने के कारण आंखों से न दिखाई देना, आंखों से हर समय आंसू निकलते रहना, आंखों का ऑप्रेशन कराने के बाद आंखों में कई तरह की परेशानियां आ जाना, आंख की पुतलियों का सिकुड़ जाना, पलकों की बंधनी पेशियों में दर्द होना जैसे लक्षणों में जेबोरैण्डी औषधि का उपयोग लाभकारी होता है।
स्त्री रोगों से सम्बंधित लक्षण-
यौवनारंभ काल में लड़की की यौन उत्तेजना तेज होना, हाथ-पैरों का ठण्डा हो जाना, बहुत ज्यादा पसीने का आना जैसे लक्षणों में स्त्री को जेबोरैण्डी औषधि का इस्तेमाल कराने से लाभ मिलता है।
मुंह से सम्बंधित लक्षण-
मुंह और गले का बहुत ज्यादा सूखना, बार-बार तेजी से प्यास का लगना, खून का बहाव बढ़ जाना लेकिन नसों का तनाव और ताप का गिर जाना आदि लक्षणों में जेबोरैण्डी औषधि लेने से लाभ मिलता है।
तुलना-
जेबोरैण्डी औषधि की तुलना एमिल नाई नामक औषधि से की जा सकती है।
मात्रा-
रोगी को उसके रोग के लक्षणों के आधार पर जेबोरैण्डी औषधि की मात्रा देने से लाभ मिलता है।
जानकारी-
जेबोरैण्डी औषधि शरीर के अन्दर लार और पसीना निकालने वाली ग्रन्थियों में क्रिया प्रकट करके उन ग्रन्थियों में काफी समय तक जलन पैदा करती है, जिसमें से हर समय लार बहती रहती है और पसीना आता रहता है। नाक से स्राव और आंखों से काफी मात्रा में पानी गिरता रहता है।

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