जलोदर रोग

जलोदर रोग

➺ जलोदर ( नसों की सूजन), हाथ तथा पैरों में, आँखों के नीचे घेरे, कम प्यास लगना – APIS MELLIFICA Q दिन में दो बार ।

➺ निचले अंगों का जलोदर, गैस्ट्रिक या जुकाम के लक्षणों के साथ ANTIMONIUM TARTARICUM 3 X दिन में तीन बार

➺ मलेरिया आदि गंभीर रोगों, रक्तस्राव के बाद जलोदर – CINA 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।

➺ जलोदर, जीवनी द्रवों या रक्त की कमी अथवा दमित मलेरिया या अधिक कुनैन लेने के कारण FERRUM METALLICUM-6 दिन में तीन बार जलोदर, दमित पसीने, दमित स्राव या ठंड लगने के कारण – DULCAMARA-30 दिन में तीन बार जलोदर के साथ बदल-बदलकर Quercus robur-3X दिन में तीन बार लें |

➺ जलोदर, हृदय संबंधी समस्याओं के कारण-COLLINSONIA CANADENSIS 200 की एक खुराक प्रतिदिन (जब अन्य दवाएँ लाभ न पहुँचाएँ तो इसे आजमाएँ) ।

➺ जलोदर, यकृत तथा गुरदे से संबंधित समस्याओं के कारण, एल्बुमिनेरिया के साथ, लाल बुखार के बाद COLCHICUM AUTUMNALE (COLCHICUM)-30 दिन में दो बार (जब APIS MELLIFICA तथा ARSENICUM ALBUM लाभ न दें ) ।

➺ जलोदर, उन वृद्धों या हृदय रोगियों में, जो श्वास संबंधी समस्या से पीड़ित हैं KALIUM CARBONICUM-200 की एक खुराक । आवश्यक हो तो दुहराएँ।

➺ जलोदर, खराब यकृत वाले शराबियों में-Acid Fluoric-6 दिन में दो बार।

➺ प्यास से शरीर के अंगों के सीरस मेंब्रेन का जलोदर – Apocynum cannabinum Q की दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार

➺ जलोदर, गले का, कम मात्रा में पानी पी सकते हैं, बेचैनी तथा थकान -ARSENICUM ALBUM-30 दिन में दो बार ।

➺ दवा के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए CAMPHORA Q आधे कप पानी में एक बूँद, दिन में तीन बार |

➺ अंडाशय में जलोदर – Aurum Muriaticum Natronatum-3X दिन में तीन बार ।

➺ गुदा संबंधी जलोदर, मांसल महिलाओं और भावुक लोगों में, थोड़ा भी भावुक होने पर जिनका हृदय तेज धड़कने लगता है- Calcarea Arsenica 30 दिन में दो बार ।

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