गला और आवाज
➺ सोते समय गले में साँस अटकने का एहसास VALERIANA Q 5 Drops दिन में तीन बार।
➺ पूरी तरह आवाज चले जाना, गरम वातावरण में ठंडा पानी पीने के कारण – CROTON TIGLIUM 30 हर छह घंटे पर या ARUM TRIPHYLLUM-30 दिन में तीन बार लें।
➺ आवाज का फटना और ध्वनि लोप, ठंड के आघात से .IPECACUANHA-30 दिन में तीन बार ।
➺ गले में रूखापन, लेरिंक्स में जलन और सूजन-अमोनियम CAUSTICUM-30 दिन में तीन बार।
➺ गायकों की आवाज का फटना, गाना शुरू करते उभर जाता है, लंबे समय तक गाना गाने के बाद SELENIUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार।
➺ आवाज का फटना, बात करने, गाने या जोर से पढ़ने पर अधिक कष्ट आर्जेटम मेटलिकम-30 दिन में तीन बार
➺ आवाज का फटना, वायु के विपरीत चलने पर-NUX MOSCHATA-30 की एक खुराक रोजाना।
➺ आवाज का फटना, सुबह सीने में दर्द, खाँसी के दौरान सीना जकड़ जाना -EUPATORIUM PERFOLIATUM-30 दिन में दो बार ।
➺ आवाज का फटना, ठंडे, नम मौसम में आवाज का लोप, खँखारना, निरंतरजमा बलगम को गले से साफ करने का प्रयास करना, गले में दर्द और सख्ती, लेरिजाइटिस-MANGANUM ACETICUM-6 हर चार घंटे पर।
➺ आवाज का फटना, गाना शुरू करने पर जो थोड़े समय के लिए गाने पर समाप्त हो जाता है RHUS TOXICODENDRON-30 दिन में तीन बार।
➺ आवाज चले जाना, निरंतर बात करने के कारण-ARUM TRIPHYLLUM 30 हर छह घंटे पर।
➺ आवाज का हस, कंठ की मांसपेशियाँ निष्क्रिय होने के कारण, जोर से नहीं बोल सकते, सुबह स्थिति अधिक बदतर, अचानक आवाज चले जाना -CAUSTICUM-200 सप्ताह में एक खुराक।
➺ सख्त गरदन और कंधों में दर्द, ठंडे, नम मौसम में बदतर-GUAIACUM-6 हर छह घंटे पर।
➺ सख्त गरदन, सिर एक ओर झुका हुआ, गरदन की ऐंठन-LACHNANTHES TINCTORIA-6 सप्ताह में दो बार ।
➺ गरदन में विशेषतः दाई ओर सख्ती, ग्रंथियों की सूजन के साथ PHYTOLACCA-30 दिन में तीन बार।
➺ धार्मिक वक्ताओं, अभिनेताओं और गायकों के गले में दर्द, लगातार बोलने से बदतर, रूखी आवाज, अनियंत्रणीय और परिवर्तनशील-ARUM TRIPHYLLUM -30 दिन में दो बार
➺ दुखता गला-BELLADONNA-6 या 30 दिन में दो बार ।
➺ दुखता गला-PHYTOLACCA-Q और CIMICIFUGA RACEMOSA-Q को बराबर मात्रा में मिलाएँ और दो घंटे के अंतराल पर पाँच बूँदें दें।
➺ गले में दर्द, प्रवक्ताओं, वकीलों में DROSERA ROTUNDIFOLIA-12 एक खुराक प्रतिदिन
➺ गले में दर्द, फेरिंक्स और टॉन्सिलों का गहरे बैंगनी रंग का होना, निगलने में परेशानी -PHYTOLACCA-30 दिन में तीन बार।
➺ निगलने में कठिनाई, तरल पदार्थ के अलावा कुछ भी निगलने में असमर्थता, गले में अवरोध महसूस होना, थोड़ा सा भी भोजन करने से दम घुटने का एहसास-BARYTA CARBONICA-30 दिन में दो बार ।
➺ ठोस पदार्थ को आसानी से निगल लेना, लेकिन तरल को निगलने में परेशानी – IGNATIA AMARA-30 दिन में तीन बार।
➺ गले की बीमारी, दर्द, खुरचन, रूखापन, गले में किरच का एहसास ARGENTUM NITRICUM-30 की एक खुराक।
➺ गले की बीमारी, कंठ की बाई ओर BROMIUM-3 दिन में दो बार।
➺ गले की बीमारी, पैरों का पसीना दबने के बाद-SILICEA-30 दिन में तीन बार।
➺ गले का रोग, पैरों के नियंत्रित पसीने से विकसित होता है BARYTA CARBONICA-30 दिन में दो बार।
➺ गले में जलन, गरम पेय पदार्थ पीने से स्थिति बदतर-PHYTOLACCA-30 दिन में तीन बार।
➺ गले में चिपचिपा बलगम, इसलिए उसे निकालना कठिन, बार-बार खाँसने की जरूरत SENEGA-30 हर छह घंटे पर। – MERCURIUS SOLUBILIS-30 दिन में तीन बार।
➺ गले का फटापन और ध्वनि-लोप, अधिक गरमी से BROMIUM-30 दिन में दो बार।
➺ आवाज का फट जाना, आवाज पर जोर देने से–फेरम पिकराटा-6X इसे ARNICA-30 के साथ बदलकर लें, हर चार घंटे पर।
➺ आवाज का फट जाना, मिठाई खाना अत्यंत पसंद-ARGENTUM NITRICUM-200 दिन में दो बार, एक सप्ताह तक, आकस्मिक रूखापन और आवाज का लोप, सूखी खाँसी- ACONITUM NAPELLUS-30 तीन घंटे के अंतराल पर।
➺ आवाज का फट जाना, बिना दर्द के Carbo Vegetabilis-30 दिन में दो बार।
➺ आवाज का फट जाना, घंटों तक लगातार बोलने और उसके बाद ठंडे स्थान में जाने या ठंडी चीजें खाने से ARUM TRIPHYLLUM-200 दिन में एक बार।
➺ गले में किरच महसूस होना- ALUMINA 200 की एक खुराक रोजाना या NITRICUM ACIDUM-200 की एक खुराक रोजाना या HEPAR SULPHUR-200 की एक खुराक रोजाना।
➺ गले में दर्द- अमोनिया NATRIUM MURIATICUM-30 दिन में दो बार ।
➺ गले में दर्द, निगलने में परेशानी-VARIOLINUM-200 साप्ताहिक खुराक।
➺ गले में दर्द, सूखी ठंड, अधिक ज्वर और बेचैनी के कारण ACONITUM NAPELLUS-6 दो घंटे के अंतराल पर।
➺ गले में दर्द-PHYTOLACCA 200 की एक खुराक प्रतिदिन लें।
➺ गले में दर्द मीठी चीजें खाने पर-SPONGIA TOSTA-6 दिन में तीन बार।
➺ गले में दर्द, गठिया से संबंधित ACTAEA RACEMOSA-30 दिन में तीन बार ।।
➺ गले में दर्द, चुभन जैसा महसूस होना और गाँठ, जो एक से दूसरी ओर जाती है, स्पर्श से गरदन दुखती है, दर्द कानों तक फैलता है—लैक CONIUM MACULATUM-30 दिन में तीन बार ।
➺ गले में दर्द, केवल तरल पदार्थ निगल सकते हैं, दर्दहीन टॉन्सिल, नरम तालु और पेरोटिड में सूजन-BAPTISIA TINCTORIA-30 दिन में तीन
➺ गले में दर्द, सार्वजनिक वक्ताओं में, अकसर गला साफ करने की – ALUMINA-200 की एक खुराक रोजाना।
➺ गले में दर्द, गरम पेय पदार्थ पीने से दर्द में आराम, सबमैक्सीलरी ग्रंथियों का बढ़ जाना – MERCURIUS IODATUS फ्लेक्स 30 हर तीन घंटे पर।
➺ गले में दर्द, किसी चीज को निगलने में कठिनाई, गले में किरच जैसा एहसास-NITRICUM ACIDUM-30 दिन में दो बार।
➺ गले में दर्द, संकुचन के साथ-APIS MELLIFICA-30 दिन में तीन बार।
➺ गले में दर्द, खासकर गायकों, वक्ताओं, शिक्षकों में, गले में खिचखिच, आवाज का फट जाना- HELONIAS DIOICA-30 दोनों चार घंटे के अंतराल पर लें।
➺ गले में दर्द, गरम चीज निगलने में कठिनाई-PHYTOLACCA 30 तीन घंटे के अंतराल पर।
➺ गले में दर्द, उपर्युक्त दवाओं से लाभ न हो तो ARUM TRIPHYLLUM-6 हर चार घंटे पर आजमाएँ।
➺ गले में सूजन, बाहर से पर भी दर्द- LACHESIS -30 आधे घंटे के अंतराल पर तीन खुराक ।
➺ गले में जलन, गरम चीज खाने या पीने से राहत-ARSENICUM ALBUM-30, दिन में दो बार।
➺ कुछ खाने से गला अवरुद्ध होना-COCCULUS INDICUS-30 की एक खुराक रोजाना लें।
➺ गला दुखना, आवाज का फटना और शुष्कता, शुष्कता के कारण निरंतर खँखारना; लंबे समय के बाद कुछ कफ बाहर निकलता है। गरम भोजन तथा पेय पदार्थ से अस्थायी राहत, गले में किरच होने का एहसास ALUMINA-200 की एक खुराक ।।
➺ गले में लगातार कफ होने के कारण जल्दी-जल्दी साफ करने की जरूरत, कफ के कारण ठीक से गा नहीं सकते-SELENIUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।
➺ सुबह के समय गले में रूखापन, लेकिन दर्द नहीं-CALCAREA CARBONICA- 30 दिन में दो बार ।
➺ गले में बाईं ओर ग्रंथियों की सूजन-MERCURIUS IODATUS रूबर-6 दिन में तीन बार ।
➺ स्पर्श या दबाव के प्रति संवेदनशील गला, ठोस पदार्थ के साथ लार या तरल पदार्थ को निगलना कठिन। गले का दर्द कानों तक जाता है, गरम पेय पदार्थ पीने और सोने के बाद स्थिति बदतर-LACHESIS 200 की एक खुराक ।
➺ गले में दर्द, गहरे बैंगनी रंग का, सूजन, दर्द, लेकिन निगलने के दौरान कोई दर्द नहीं, गले की घंटी का नीचे की ओर लटकना-NATRIUM ARSENICOSUM 30 दिन में तीन बार ।
➺ टॉन्सिलाइटिस, जलन और चुभनयुक्त पीड़ा, अधिक दर्द, गले का संकुचन, टॉन्सिल में सूजन, गहरा लाल-CAPSICUM ANNUUM-30 दिन में तीन बार।
➺ टॉन्सिलाइटिस (गलतुंडिका शोथ), कोई भी गरम चीज निगलने में कठिनाई-PHYTOLACCA 200 हर दो घंटे पर
➺ टॉन्सिलाइटिस, (गलतुंडिका शोथ), गले की ग्रंथियों के सख्त होने के . साथ पुरानी टॉन्सिलाइटिस-BARYTA IODATA-6 दिन में तीन बार और CALCAREA IODATA-200 सप्ताह में एक बार जिस दिन यह दिया जाए उस दिन BARYTA IODATA नहीं दिया जाना चाहिए।
➺ टॉन्सिलाइटिस (गलतुंडिका शोथ), गले की ग्रंथियाँ सुस्पष्ट बाहरी गले पर तंग कपड़े सहन न होना-LACHESIS 30 हर चार घंटे पर।
➺ टॉन्सिलाइटिस (गलतुंडिका शोथ), बार-बार उभरना, परिवार में तपेदिक का इतिहास-TUBERCULINUM 200 सप्ताह में एक खुराक।
➺ टॉन्सिलाइटिस (गलतुंडिका शोथ), पुराना, बड़ा और सख्त टॉन्सिलBARYTA MURIATICA-30 दिन में दो बार, चार दिनों तक, उसके बाद पाँचवें दिन THUJA-200 और अगले चार दिनों तकBARYTA MURIATICA-30, फिर पहले की तरह पाँचवें दिन THUJA-200 की एक खुराक । राहत मिलने तक यह क्रम जारी रखें।
➺ टॉन्सिलाइटिस (गलतुंडिका शोथ), उच्च तापमान के साथ BELLADONNA-30 हर दो घंटे पर।
➺ टॉन्सिलाइटिस, ठंडी हवा में निकलने के कारण-RHUS TOXICODENDRON-30 दिन में तीन बार ।
➺ टॉन्सिलाइटिस, बच्चों मेंBARYTA MURIATICA-200 की एक खुराक रोजाना।
➺ टॉन्सिलाइटिस, मवादयुक्त, ठंडे पदार्थ का सेवन करने से बार-बार टॉन्सिलाइटिस का आक्रमण, लिंफ ग्रंथियों का बढ़ जाना— Baryta Carbonica 200 की एक खुराक रोजाना।
➺ टॉन्सिलाइटिस, ठंडी हवा में जाने से-BELLADONNA-30 दिन में दो बार । टॉन्सिलाइटिस-BARYTA CARBONICA 30 की केवल दो खुराक और BACILLINUM BURNETT 200 पंद्रह दिनों में एक बार।
➺ टॉन्सिलाइटिस, ठंड से, बाई से दाई ओर जाता है, गरम पेय पदार्थ पीने से राहत- SABADILLA 30 दिन में तीन बार।
➺ टॉन्सिलाइटिस, मवाद के साथ-PHYTOLACCA-Q दो से चार बूँदें, दिन . में दो बार।
➺ टॉन्सिलाइटिस, ठंड में निकलने से बार-बार आक्रमण- PSORINUM-1M, सप्ताह में एक खुराक
➺ टॉन्सिलाइटिस, गरम पेय पदार्थ पीने से राहत, गले में तीव्र जलन, बार बार मवाद बनना-GUAIACUM-6 दिन में तीन बार।
➺ बढ़ा हुआ टॉन्सिल-AGRAPHIS NUTANS-Q पानी में दो से पाँच बूँदें, दिन में दो बार।
➺ बढ़ा हुआ टॉन्सिल-CALCAREA IODATA-6X दिन में तीन बार।
➺ सख्त टॉन्सिल-CALCAREA FLUORICA-6 दिन में तीन बार (जब BARYTA CARBONICA विफल हो जाए)।
➺ टॉन्सिल, मुँह में दुर्गंध के साथ- – MERCURIUS SOLUBILIS-30 दिन में दो बार।
➺ लाल सूजा हुआ टॉन्सिल, सफेद धब्बे, जो एकजुट होकर पैच बनाते हैं; दर्द कानों तक पहुँचता है, सिर, पीठ और पैरों में दर्द PHYTOLACCA-20 की एक खुराक प्रतिदिन।
➺ ध्वनि एकांतरण, गायकों और सार्वजनिक वक्ताओं का ARGENTUM METALLICUM-30 दिन में दो बार ।
➺ आवाज की भर्राहट, बोलने, गाने और जोर से पढ़ने से बदतर-ARGENTUM METALLICUM-30 दिन में दो बार।
➺ ध्वनि-लोप, खाँसी और गरम स्थान से ठंडे स्थान पर जाने के कारण PHOSPHORUS-30 की एक खुराक ।
➺ आवाज का लोप, गायकों में ALUMINA-200 की एक खुराक प्रतिदिन लें।
➺ पूर्ण ध्वनि-लोप, गरम वातावरण में ठंडा पानी पीने से क्रोटन टिंग्लियम-30 हर चार घंटे पर।
➺ अचानक आवाज चले जाना-SELENIUM METALLICUM-30 दिन में तीन बार लें।
➺ गले के पक्षाघात से ध्वनि-लोप- CAUSTICUM – 200 की एक खुराक प्रतिदिन ।
➺ ध्वनि-लोप या अनियंत्रणीय, गाने या उच्च सुर में बात करने का प्रयास करने पर आवाज का टूटना, गले में रूखापन-ऑरम ट्राइफिलम-30 की एक खुराक रोजाना। आवाजों को सहन न कर पाना-THERIDION CURASSAVICUM-30 दिन में तीन बार।