क्राइसैरोबिनम Chrysarobinum

परिचय-

        त्वचा पर किसी तरह के दाग-धब्बे होना, पैरों के दाद, मुहांसों आदि चर्म रोगों में क्राइसैरोबिनम औषधि बहुत ज्यादा लाभकारी होती है।

विभिन्न प्रकार के लक्षणों के आधार पर क्राइसैरोबिनम औषधि का उपयोग-

आंखों से सम्बंधित लक्षण – तेज रोशनी में आते ही आंखों का बंद हो जाना, पलकों में सूजन आना, आंखों से गीढ़ आना, नज़र कमजोर हो जाना आदि आंखों के रोगों के लक्षणों में रोगी को क्राइसैरोबिनम औषधि देने से तुरन्त लाभ होता है।

कान से सम्बंधित लक्षण – कान के पीछे के हिस्से में दर्द होना, कान के अंदर मैल जमा होना, कम सुनाई देना आदि कान के रोग के लक्षण पता चलते ही रोगी को क्राइसैरोबिनम औषधि का सेवन करने से लाभ होता है।

तुलना –

       क्राइसैरोबिनम में क्राइसोफैन मिला हुआ होता है, जो बहुत तेजी से ऑक्सीजनीकृत होकर क्राइसोफैनिक एसिड में बदल जाता है। ये रुबार्ब और सेन्ना में भी पाया जाता है।

मात्रा-

       क्राइसैरोबिनम औषधि रोगी को खिलाने के लिए तीसरी शक्ति से छठी शक्ति तक प्रयोग की जाती है।

जानकारी-

     क्राइसैरोबिनम औषधि का प्रयोग बाहरी प्रयोग के लिए लगभग 0.26 से 0.52 ग्राम तक लगभग 28 मिलीलीटर वैसलीन में मिलाकर किया जाता है।

सावधानी-

       क्राइसैरोबिनम औषधि का बाहरीय प्रयोग करते समय सावधानी बरतना जरूरी है क्योंकि ये त्वचा में जलन पैदा करती है।

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