कोनियम मैकुलेटम Conium Maculatum

परिचय-

          होम्योपैथिक चिकित्सकों के अनुसार होम्योपैथिक चिकित्सा किसी भी रोग के लक्षणों पर आधारित होती है। इसलिए इस चिकित्सा के शुरू करने से पहले रोगी और रोग के लक्षणों के बारे में अच्छी तरह से जानना बहुत जरूरी है इसी के बाद चिकित्सक को दवा देने में आसानी होती है जैसे कोनियम औषधि सिर के रोगों के इन लक्षणों के आधार पर दी जाती है-

विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर कोनियम मेकुलेटम औषधि का उपयोग-

चर्म (त्वचा) से सम्बंधित लक्षण- ग्रंथियों में सूजन आना या उनका बढ़ जाना, ग्रंथियों में बहुत तेज दर्द होना, त्वचा पर किसी तरह की खरोंच आ जाने के बाद उसमें सूजन या पपड़ी जम जाने पर आदि चर्मरोगों के लक्षणों में रोगी को कोनियम मेकुलेटम औषधि देने से लाभ मिलता है।

आंखों से सम्बंधित लक्षण- आंखों की रोशनी कम हो जाना, आंखों के आगे धुंधलापन छा जाना आदि आंखों के रोगों के लक्षणों में रोगी को कोनियम मेकुलेटम औषधि का सेवन कराने से लाभ होता है।

खांसी से सम्बंधित लक्षण- बिना बलगम की खांसी आना, रात को सोते समय खांसी का ज्यादा तेज होना, गर्भावस्था में खांसी होना, बलगम का बाहर ना निकलना आदि खांसी के लक्षणों में रोगी को कोनियम मेकुलेटम औषधि नियमित रूप से देने से तुरन्त ही लाभ होता है।

कमजोरी से सम्बंधित लक्षण- सुबह सोने के बाद उठने पर शरीर का टूटा-टूटा सा रहना, उठने का मन न करना आदि लक्षणों में रोगी को कोनियम मेकुलेटम औषधि दी जाए तो लाभकारी होती है।

सिर से सम्बंधित लक्षण-  सिर का घूमना, चक्कर आना, बहुत तेज दर्द होना, लेटने से चक्कर आ जाना आदि सिर के रोगों के लक्षणों के आधार पर अगर रोगी को कोनियम मेकुलेटम औषधि दी जाए तो ये बहुत लाभ करती है।

वृद्धावस्था से सम्बंधित लक्षण – बूढ़े व्यक्तियों के शरीर के किसी अंग का काम करना बंद कर देना, लकवा मार जाना, मिर्गी के दौरे पड़ना आदि लक्षणों में कोनियम मेकुलेटम औषधि देने से लाभ होता है।

मस्तिष्क से सम्बंधित लक्षण- हर समय मन में कामुक विचारों के कारण दिमागी सन्तुलन बिगड़ना, अजीब-अजीब सी बातें करना, किसी की बात न सुनना, हर समय अकेले बैठे रहना, छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा होना, आदि दिमागी रोग के लक्षणों में अगर रोगी को कोनियम मेकुलेटम औषधि नियमित रूप से दी जाए तो ये उसके लिए बहुत लाभकारी होती है।

आमाशय से सम्बंधित लक्षण- हर समय खट्टी-खट्टी डकारें आना, पेट का फूलना, पसीना ज्यादा आना, उल्टी के साथ काला सा पदार्थ निकलना आदि आमाशय रोगों के लक्षणों में रोगी को कोनियम मेकुलेटम औषधि देने से लाभ होता है।

मूत्ररोगों  से सम्बंधित लक्षण- पेशाब करने में परेशानी होना, पेशाब का रुक-रुककर आना, पेशाब का कभी ज्यादा आना कभी अचानक कम हो जाना आदि मूत्ररोगों के लक्षणों में रोगी को कोनियम मेकुलेटम औषधि देने से जल्द ही लाभ होता है।

पुरुष से सम्बंधित लक्षण- मन में कामुक विचारों के आने पर या स्त्री के छूते ही वीर्य निकल जाना, संभोग क्रिया के समय लिंग का उत्तेजित न हो पाना, हस्तमैथुन के कारण लिंग का कमजोर हो जाना, अंडकोषों का बढ़ जाना, संभोग क्रिया में सफल न हो पाना आदि पुरुष रोगों में अगर रोगी को कोनियम मेकुलेटम औषधि दी जाए तो उसको बहुत लाभ मिलता है।

स्त्री से सम्बंधित लक्षण- जनेन्द्रियों में जलन के साथ आने वाला प्रदर स्राव (योनि से पानी आना), मासिकस्राव के लगभग 10 दिन बाद प्रदरस्राव (योनि से पानी आना), डिम्बों का बढ़ जाना या सूजन आना, मासिकस्राव आने के साथ स्त्री के स्तनों में दर्द और सूजन आना, स्तनों का बिल्कुल कठोर हो जाना, सीने में जलन होना, गर्भाशय में सख्त फोड़ा होना आदि स्त्री रोगों के लक्षणों में कोनियम मेकुलेटम औषधि नियमित रूप से देने से बहुत लाभ होता है।

मल से सम्बंधित लक्षण- बार-बार मलत्यागने की इच्छा होना, मल का साफ न आना, पेट में कब्ज आना, ज्यादा दस्त होने के बाद दिल का कमजोर सा लगना आदि लक्षणों में रोगी को कोनियम मेकुलेटम औषधि का सेवन कराना बहुत उपयोगी होता है।

वृद्धि-

       रात को, भोजन करने के समय, रोशनी से, दूध पीने से, सर्दियों के मौसम में ज्यादा ठण्डी हवा लगने से, लेटने पर, ज्यादा संभोग क्रिया करने से, हस्तमैथुन से, बिस्तर पर करवट बदलने से रोग बढ़ता है।

शमन-

      उपवास करने से, अंधेरे में, हाथ-पैरों को नीचे लटकाकर बैठने से, दबाने से, नीचे बैठने से रोग कम होता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *