कैस्टोरियम Castoreum

परिचय-

       किसी व्यक्ति को अगर रात में नहीं दिखाई देता, रोशनी में आते ही उसकी आंखें बंद हो जाती हैं, स्त्रियों में किसी रोग के कारण चिड़चिड़ापन आ जाना, बहुत ज्यादा पसीना आना, हर समय जम्हाइयां आना, नींद में भयानक सपने आना, रोगी का रात को उठकर बार-बार चौंकना आदि लक्षणों में कैस्टोरियम औषधि बहुत अच्छा असर करती है।

विभिन्न रोगों के लक्षणों में कैस्टोरियम औषधि का उपयोग-

जीभ से सम्बंधित लक्षण – जीभ में सूजन आना, जीभ के बीच में गोल से दाने निकलना आदि जीभ के रोगों के लक्षणों में रोगी को कैस्टोरियम औषधि देने से आराम आता है।

स्त्री से सम्बंधित लक्षण – मासिकधर्म में किसी तरह की परेशानी होने के कारण योनि में से खून का आना, मासिकधर्म के दौरान पेशाब बार-बार आना, जांघों के बीच के हिस्सें में दर्द शुरू होना, पेट में गैस बनना आदि स्त्री रोगों के लक्षणों में कैस्टोरियम औषधि का सेवन करने से लाभ होता है।

दस्त से सम्बंधित लक्षण – गर्मी के मौसम में दस्त होना, हरे रंग के दस्त आना, कमजोरी महसूस होना आदि लक्षणों में रोगी को कैस्टोरियम औषधि का सेवन कराने से लाभ होता है।

पेट से सम्बंधित लक्षण – पेट में बहुत तेज दर्द होना जो दबाने से कुछ कम हो जाता है, पेट गैस के कारण फूल जाना, नाभि के आसपास के हिस्से में बहुत तेज दर्द होना जैसे लक्षण उत्पन्न होने पर कैस्टोरियम औषधि लेने से बहुत लाभ होता है।

ज्वर (बुखार) से सम्बंधित लक्षण – ठण्ड के साथ कंपकंपी होना, ठण्डी हवाओं के साथ पीठ बर्फ जैसी ठण्डी होना आदि बुखार के लक्षणों में रोगी को कैस्टोरियम औषधि का सेवन करने से लाभ होता है।

प्रतिक्रिया –

       हीनता।

तुलना –

       कैस्टोरियम औषधि की तुलना अम्बरा, मास्कस, म्यूरि-एसिड, बैलेरियाना से की जा सकती है।

प्रतिविष –

          काल्चिकम औषधि का प्रयोग कैस्टोरियम औषधि के हानिकारक प्रभाव को नष्ट करने के लिए किया जाता है।

वृद्धि-

       मासिकधर्म के दौरान, पीठ के बल और दाईं करवट लेटने से, गर्मी के मौसम में रोग बढ़ जाता है।

शमन –

     बाईं करवट लेटने से, दबाने से, दोहरा होने से, घुटने मोड़कर पेट में लगाने से रोग कम हो जाता है।

मात्रा-

       मूलार्क या निम्न शक्तियां।

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