कैलेण्डुला आफिसिनैलिस Calendula Officinalis

परिचय-

       कैलेण्डुला आफिसिनैलिस औषधि शरीर के किसी भी तरह के जख्म को ठीक करने में बड़ी असरदार साबित होती है। यह औषधि बहते हुए घावों को बन्द करके बहुत जल्दी भर देती है। इसके अलावा कैलेण्डुला आफिसिनैलिस औषधि दांत उखाड़ने के बाद बहते हुए खून को रोकती हैं।

विभिन्न लक्षणों के आधार पर कैलेण्डुला आफिसिनैलिस औषधि का उपयोग-

सिर से संबंधित लक्षण –  सिर में तेज दर्द होना, दिमाग पर ऐसा लगना जैसे कि किसी ने बहुत वजन रखा हुआ है, गर्दन में दाईं ओर दर्द होना, खोपड़ी के ऊपर कटे हुए जैसे जख्म आदि सिर के रोगों के लक्षणों में रोगी को कैलेण्डुला आफिसिनैलिस औषधि का सेवन करने से लाभ मिलता है।    

आंखों से संबंधित लक्षण- आंखों का किसी तरह का आप्रेशन करवाने के बाद आंसुओं की नली में से पीब जैसा स्राव आना, आंखों में चोट लगने जैसा दर्द होना आदि आंखों के लक्षणों के आधार पर रोगी को कैलेण्डुला आफिसिनैलिस औषधि देने से लाभ होता है।

नाक से संबंधित लक्षण –  नाक के एक नथुने में नजला होना जिसमें से हर समय हरे रंग का स्राव बहुत ज्यादा मात्रा में निकलता रहता है जैसे नाक के रोगों के लक्षण नज़र आने पर रोगी को कुछ दिन तक कैलेण्डुला आफिसिनैलिस औषधि का सेवन कराया जाए तो रोगी कुछ ही दिन में ठीक हो जाता है।

आमाशय से संबंधित लक्षण – बच्चे को मां का दूध पीते ही तुरन्त भूख लग जाती है, सीने में बेचैनी होना, उल्टी होना आदि आमाशय के रोगों के लक्षणों में रोगी को कैलेण्डुला आफिसिनैलिस औषधि देने से आराम मिलता है।

सांस से संबंधित लक्षण :- खांसी के साथ बहुत ज्यादा बलगम आना, गले में खराश होना आदि लक्षणों के आधार पर कैलेण्डुला आफिसिनैलिस औषधि का सेवन लाभदायक रहता है।

स्त्री से संबंधित लक्षण :-   स्त्री के योनिद्वार पर मस्से से पैदा होना, मासिकधर्म दब जाने के साथ खांसी होना, गर्भाशय की झिल्ली का बढ़ना, उरुसंधि का फैलना आदि स्त्री के रोगों के लक्षणों में कैलेण्डुला आफिसिनैलिस औषधि का सेवन लाभदायक रहता है। 

चर्म (त्वचा) से संबंधित लक्षण – त्वचा का रंग पीला होना और उस पर झुर्रियां सी पड़ना, केंचुलीदार जख्म होना, मांस तना हुआ, त्वचा के ऊपर भाप के कारण जलन होना आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को अगर कैलेण्डुला आफिसिनैलिस औषधि का उपयोग किया जाए तो यह चर्मरोगों के लिए बहुत लाभकारी रहता है।

ज्वर (बुखार) से संबंधित लक्षण – सर्दी लगना, खुली हवा में जाते ही ठण्ड महसूस होना, छूने पर त्वचा का गर्म सा महसूस होना, पीठ में कंपकंपी लगना, शाम के समय गर्मी लगना आदि बुखार के लक्षणों में रोगी को कैलेण्डुला आफिसिनैलिस औषधि का उपयोग कराया जाए तो ये उसके लिए लाभकारी रहता है।

वृद्धि-

       नम, भारी, बारिश के मौसम में रोग बढ़ सकता है।

प्रतिविष-

          चेलिडो, रियूम

तुलना-

       कैलेण्डुला आफिसिनैलिस औषधि की तुलना हैमामे, हाइपेरिक, सिम्फाइट, आर्नि, फेर-पिक्रि, काली आयोडेट, मैग्नी-कार्बो, ग्रेफा से की जा सकती है।

मात्रा-

       कैलेण्डुला आफिसिनैलिस औषधि का मूलार्क या 3 शक्ति तक देने से लाभ होता है।

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