काफिया क्रूड़ा Coffea Cruda

परिचय-

       काफिया क्रूड़ा औषधि शरीर के सारे अंगों की काम करने की ताकत को बढ़ाती है। ये औषधि उन लोगों के लिए भी बहुत लाभकारी साबित होती है जिनका शरीर दुबला-पतला होता है, जो झुककर चलते हैं, जिनका रंग सांवला होता है, जिन्हें हैजा जैसे रोग बहुत जल्दी घेर लेते हैं और जिनकी त्वचा भी बहुत नाजुक होती है।

विभिन्न प्रकार लक्षणों के आधार पर काफिया क्रूड़ा औषधि का उपयोग-

मन से सम्बंधित लक्षण – मन का हमेशा खुश सा रहना, हर समय उत्तेजित सा रहना, ज्ञानेन्द्रियों की काम करने की ताकत बढ़ जाना, मन में हमेशा कोई न कोई बात चलते हुए रहना, किसी परेशानी के मारे रात भर करवटे सी बदलते हुए रहना आदि मानसिक रोगों के लक्षणो में रोगी को काफिया क्रूड़ा औषधि का उपयोग कराना काफी लाभकारी रहता है।

सिर से सम्बंधित लक्षण – सिर में दर्द होना जो किसी तरह की महक से, ज्यादा शोर-शराबे से, नशीले पदार्थों के सेवन से और तेज हो जाता है, खुली हवा में जाते ही सिर का दर्द बढ़ जाना, जरा सा भी शोर बर्दाश्त नहीं होता आदि लक्षणों के आघार पर रोगी को काफिया क्रूड़ा औषधि खिलाने से लाभ मिलता है।

चेहरे से सम्बंधित लक्षण- सूखी गर्मी के साथ गालों का रंग बिल्कुल लाल होना, चेहरे में स्नायु का दर्द होना जो कान, दाढ़ी, माथे और खोपड़ी के हिस्सों में फैल जाता है आदि लक्षणों में रोगी को काफिया क्रूड़ा औषधि नियमित रूप से खिलाने से आराम मिलता है।

मुंह से सम्बंधित लक्षण- दांत में दर्द होना, मुंह का स्वाद बहुत ज्यादा खराब हो जाना, भोजन करते समय बहुत ज्यादा जल्दबाजी करना आदि मुंह के रोग के लक्षण में रोगी को काफिया क्रूड़ा औषधि का प्रयोग कराना काफी लाभकारी रहता है।

आमाशय से सम्बंधित लक्षण – बहुत तेज भूख का लगना, पहने हुए कपडों का टाईट महसूस होना, शराब पीने से आमाशय में बहुत तेज जलन होना आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को काफिया क्रूड़ा औषधि देने से लाभ मिलता है।

स्त्री से सम्बंधित लक्षण – मासिकधर्म का समय से काफी पहले ही आ जाना और काफी दिनों तक स्राव का जारी रहना, मासिकधर्म दर्द के साथ आना, योनि का बहुत ही नाजुक हो जाना, उत्तेजना बढ़ाने वाली खुजली होना आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को काफिया क्रूड़ा औषधि का सेवन कराना लाभकारी रहता है।

नींद से सम्बंधित लक्षण – रात को सोते समय नींद का न आना, पूरी रात करवटें बदल-बदलकर काट देना, अचानक चौंककर जाग जाना, रात को 3 बजे के बाद नींद आने पर भी कई बार नींद का टूटना, मलद्वार में खुजली होने के कारण रात भर नींद का न आना, मन में किसी तरह के विचारों की उथल-पुथल के कारण सो न पाना आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को काफिया क्रूड़ा औषधि प्रयोग कराने से लाभ मिलता है।

सांस से सम्बंधित लक्षण – खसरे का रोग होने के बाद स्नायुविक प्रकृति और बहुत ही नाजुक मिजाज वाले बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर के बाद उठने वाली खांसी के लक्षणों के आधार पर रोगी को काफिया क्रूड़ा औषधि खिलाने से आराम आता है।

दिल से सम्बंधित लक्षण – किसी तरह की खुशी मिलने पर या कोई शोक लगने पर दिल की धड़कन का बहुत ज्यादा तेज होना, नाड़ी की गति तेज और ज्यादा तनावपूर्ण होने के साथ पेशाब में रूकावट आना आदि लक्षणों में रोगी को काफिया क्रूड़ा औषधि देने से लाभ होता है।

शरीर के बाहरीय अंगों से सम्बंधित लक्षण- टांग में स्नायु का दर्द होना जो किसी तरह की हरकत करने से, दोपहर के बाद और रात के समय तेज हो जाता है और दबाने से कम होता है आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को काफिया क्रूड़ा औषधि का प्रयोग कराने से आराम मिलता है।

प्रतिकूल-

          कैम्फर, काक्कूलस

पूरक-

          ऐकोनाइट

वृद्धि-

       बहुत ज्यादा खुशी मिलने से, खुली और ठण्डी हवा में, नशीली चीजों के सेवन से रोग बढ़ जाता है।

शमन-

गर्मी से, आराम करने से, शाम से आधी रात तक रोग कम हो जाता है।

तुलना-

       काफिया क्रूड़ा औषधि की तुलना ऐकोन, कैमो, इग्ने और सल्फर के साथ की जा सकती है।

मात्रा-

       काफिया क्रूड़ा औषधि की 3x से 200 शक्ति तक रोगी को किसी भी रोग के लक्षण के आधार पर देने से लाभ होता है।

सावधानी-

       काफिया क्रूड़ा औषधि का उपयोग बूढ़े लोगों को बहुत कम करना चाहिए क्योंकि ये औषधि शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ा सकती है, पेशियों और जोड़ों में दर्द लाती है और गुर्दों में सूजन लाती है।

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