ओनिस्कस असेल्लस-मिल्लिपेडेस Oniscus asellus-Millepedes

परिचय-
ओनिस्कस असेल्लस-मिल्लिपेडेस औषधि को जलोदर जैसे रोगों में इस्तेमाल करने से बहुत लाभ होता है। इसके अलावा दमा रोग, सांस की नलियों का नजला में भी ये औषधि बहुत असरकारक साबित होती है।
विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर ओनिस्कस मिल्लिपेडेस औषधि का उपयोग-
सिर से सम्बंधित लक्षण- नाक की ऊपर की जड़ के भाग में दबाव सा महसूस होना, धमनियों में तीव्र कंपन, दाएं कान के पीछे स्थित शंखास्थि-प्रवर्द्ध में छेद किये जाने जैसा दर्द होना आदि लक्षणों में रोगी को ओनिस्कस असेल्लस-मिल्लिपेडेस औषधि देना बहुत उपयोगी साबित होता है।
पेट से सम्बंधित लक्षण- रोगी का पेट का फूल जाना, रोगी के पेट में बहुत तेजी से दर्द का होना आदि लक्षणों में रोगी को ओनिस्कस असेल्लस-मिल्लिपेडेस औषधि देने से लाभ होता है।
मूत्र (पेशाब) से सम्बंधित लक्षण- पेशाब के रास्ते में बहुत तेजी से काटता हुआ दर्द सा होना और जलन होना, पेशाब की नली और मलान्त्र में कूथन और साथ में मल और पेशाब का न आना जैसे लक्षणों मे रोगी को ओनिस्कस असेल्लस-मिल्लिपेडेस औषधि लेने से बहुत लाभ होता है।
तुलना-
ओनिस्कस असेल्लस-मिल्लिपेडेस की तुलना पोथोस-फीट और कैन्थ से की जा सकती है।
मात्रा-
रोगी को ओनिस्कस असेल्लस-मिल्लिपेडेस की 6 शक्ति देनी चाहिए।

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