ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल (Anacardium oriental)

परिचय-

       मानसिक कारणों की वजह से होने वाली मस्तिष्क की कमजोर स्मरण शक्ति को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि का उपयोग लाभकारी है।

       जिन रोगियों की स्मरण शक्ति अधिक कमजोर हो जाती है, मामूली हाल की घटनायें भी याद नहीं रहतीं, जल्दी से कुछ भी समझ में नहीं आता है, रोगी को देखकर हर समय ऐसा लगता है कि वह सपने में खोया हुआ है, स्मरण शक्ति के अधिक कमजोर होने के कारण रोगी को बहुत अधिक मानसिक परेशानी हो जाती है, वह चिड़चिड़ा स्वभाव का हो जाता है, किसी प्रकार का बिजनेस करने के योग्य नहीं होता है, कभी-कभी रोगी को ऐसा महसूस होता है कि मेरा दो दिल है, एक दिल तो एक काम करने के लिए आदेश दे रहा है तथा दूसरा उसे करने से मना कर रहा है। ऐसे रोगी का ख्याल और विचार अद्भुत प्रकृति के होते हैं, उसे ऐसा महसूस होता है कि मेरे पास कोई अनजान मनुष्य खड़ा है, उसे तरह-तरह के चेहरे दिखाई देते हैं, कभी एक दाहिनी तरफ तथा दूसरी बाईं तरफ, इस तरह से वह अपने मन में भ्रम पैदा करता है, वह सबको सन्देह की दृष्टि से देखता है, कई गम्भीर विषयों पर वह हंस देता है और हंसने योग्य विषयों पर गम्भीर भाव धारण कर लेता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

       रोगी ईर्ष्यापूर्ण होता है तथा हानि पहुंचाने के लिए बहुत ही तत्पर होता है, अपने को देव ख्याल करता है, सबको कोसने का मन करता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

       रोगी के सभी ज्ञानेन्द्रियों में अधिक कमजोरी आ जाती है, जैसे दृष्टि दोष उत्पन्न होना, कान से कम सुनाई देना। इस प्रकार के लक्षण यदि किसी विधार्थियों में है तो उस विधार्थियों को परीक्षा देने में भय लगता है। किसी भी कार्य को करने का मन नहीं करता है, रोगी को सिर पर पट्टी बांधने जैसा महसूस होता है। आमाशय के अन्दर खालीपन महसूस होता है। सभी प्रकार के लक्षणों में खाना खाने के बाद कुछ आराम मिलता है। इनमें से किसी भी प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि उपयोग करना चाहिए।

विभिन्न लक्षणों में ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि का उपयोग-

मन से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी की सोचने की शक्ति नष्ट हो जाती है, कभी-कभी रोगी सोचता है कि वह दो या तीन चार व्यक्तियों से घिरा हुआ है चलते समय ऐसा महसूस होता है कि कोई उसका पीछा कर रहा है, गाली-गलौज करने का स्वभाव पैदा हो जाता है और मानसिक तनाव अधिक हो जाता है, रोगी को कान से बहुत कम सुनाई देता है तथा आंखों से भी ठीक प्रकार से दिखाई नहीं देता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि का प्रयोग करना फायदेमंद होता है।

सिर से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी की स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है तथा उसके सिर में चक्कर आने लगते हैं और सिर पर दबाव महसूस होता है। कोई मानसिक कार्य करने पर माथे में, सिर के पिछले भाग में तथा कपालशीर्ष (वरटेक्स) में दर्द बढ़ जाता है, खाना खाने से रोग के लक्षणों से कुछ आराम मिलता है। रोगी की खोपड़ी में छोटे-छोटे फोड़े हो जाते हैं जिनमें खुजली होती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि का उपयोग लाभदायक है।

आंख से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी की स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है तथा इसके साथ ही आंख के ऊपरी कोटर में डाट लग जाने जैसा दबाव होता है और आंखों से धुंधला दिखाई देने लगता है। रोगी को कोई भी चीजें बहुत बुरी दिखाई देती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि उपयोग करे।

कान से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी के स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है जिसके कारण वह सोचने का कार्य सही से नहीं कर पाता है तथा इसके साथ ही रोगी के कानों से आवाज कम सुनाई देती है और कान पर दबाव महसूस होता है। इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि उपयोग लाभदायक है।

नाक से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को लगातार छींके आती है, गंध की पहचान सही से नहीं हो पाती है, सर्दी-जुकाम के साथ दिल की धड़कन नीले छल्ले रूप में दिखाई देती है। ऐसे लक्षण वृद्ध व्यक्तियों में अधिक देखने को मिलता है और इन लक्षणों के साथ-साथ रोगी का मानसिक संतुलन भी ठीक नहीं रह पाता है और उसके सोचने की शक्ति नष्ट हो जाती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि उपयोग लाभदायक है।

चेहरे से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी के आंखों के आगे नीले छल्ले बन जाते हैं तथा चेहरा पीला पड़ जाता है और इसके साथ रोगी का मानसिक संतुलन ठीक नहीं रहता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि उपयोग करना चाहिए।

मुंह से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी के जीभ पर छाले पड़ जाते है, मुंह से बदबू आती है, मुंह सूजी हुई लगती है, जीभ को हिलाने में रुकावट महसूस होती है, जिसके फलस्वरूप रोगी को बोलने में परेशानी होती है तथा इसके साथ-साथ रोगी की सोचने की शक्ति कमजोर हो जाती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि का उपयोग करना उचित होता है।

आमाशय से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है तथा उसे तनाव हो जाता है, रोगी को अपने आमाशय के अन्दर खालीपन महसूस होता है, डकारें आती है, मिचली तथा उल्टी भी आती है, खाना खाने के बाद कुछ आराम मिलता है। खाना खाते समय घुटन महसूस होती है, रोगी खाना निगलता है और जल्दी-जल्दी पानी पीता है। इन लक्षणों के साथ-साथ रोगी का मानसिक संतुलन भी ठीक नहीं रहता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि का उपयोग करना फायदेमंद होता है।

पेट से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी के पेट में दर्द होता है और ऐसा महसूस होता है कि उसके आन्तों के अन्दर कोई हल्का सा पदार्थ फंस गया हैं, पेट में गड़गड़ाहट होती, चुटकी काट दिए जाने जैसी अनुभूति और मरोड़ होता है, सोचने की शक्ति कमजोर हो जाती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

मलाशय से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी की पाचनशक्ति कमजोर हो जाती है, मलत्याग करने की इच्छा तो होती है लेकिन जब वह मलत्याग करता है तो सही से मलत्याग नहीं हो पाता और ऐसा महसूस होता है कि जैसे मलद्वार के अन्दर कोई चीज फंस गई है, गुदा में सिकुड़न तथा ऐंठन होने लगती है, नर्म मल भी बड़ी कठिनाई के साथ बाहर निकलता है। रोगी के मलद्वार में खुजली होती है, मलद्वार से हल्का-हल्का तरल पदार्थ निकलता रहता है, मलत्याग के समय में मलद्वार से खून की कुछ मात्रा भी निकलती है, तथा दर्दनाक बवासीर रोग हो जाता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि उपयोग करे।

पुरुष से सम्बन्धित लक्षण :-

  • रोगी को उत्तेजना के समय में लिंग में खुजली होने लगती है, और उत्तेजना अधिक बढ़ जाती है, जिसके कारण वीर्यपात हो जाता है।
  • स्वप्न में उत्तेजना के साथ ही लिंग में खुजली होती है जिसके कारण वीर्यपात हो जाता है।
  • रोगी को मलत्याग करते समय खून की कुछ मात्रा मलद्वार से निकलती रहता है।
  • इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके इन लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि उपयोग लाभदायक है।

स्त्री से सम्बन्धित लक्षण :- स्त्री को प्रदर रोग होने के साथ ही जननांग में खुजली होना तथा दर्द होना, और मासिकधर्म बहुत कम समय होना तथा कम मात्रा में स्राव होना, इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित स्त्री रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

श्वास संस्थान से सम्बन्धित लक्षण :-

  • रोगी को सांस लेने के साथ ही छाती पर दबाव महसूस होता है तथा ऐसा लगता है कि छाती में कोई चीज अटकी पड़ी है, छाती के भाग में अधिक गर्मी महसूस होती, बातचीत करने में खांसी उत्पन्न हो जाती है।
  • बच्चे को गुस्सा करने से खांसी होती है, खाना खाने के बाद खांसी होने पर खाए हुए खाने की उल्टी हो जाती है और सिर के पिछले भाग में दर्द होता है और स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है।
  • इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि का प्रयोग करना फायदेमंद होता है। 

हृदय से सम्बन्धित लक्षण :-

  • रोगी के हृदय की धड़कन बढ़ जाती है तथा इसके साथ ही स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है तो रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि उपयोग करना उचित होता है। 
  • बूढ़े व्यक्तियों को सर्दी तथा जुकाम हो जाता है, हृदयप्रदेश में सुई जैसी चुभन हो जाती है।
  • इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

पीठ से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी के कंधे में हल्का-हल्का दबाव महसूस होता है और उसे ऐसा महसूस होता है कि कोई बोझ कंधे पर रखा हुआ है तथा गर्दन के पिछले भाग में अकड़न होती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि का उपयोग लाभकारी है।

शरीर के बाहरी अंगों से सम्बन्धित लक्षण :-

हाथ के अंगूठे के स्नायु (नाड़ियों) में दर्द होना, शरीर के कई अंगों में लकवा जैसा प्रभाव हो जाना, घुटने में लकवा का प्रभाव और ऐसा महसूस होना कि जैसे घुटने पर कोई पट्टी बंधी हो, पिण्डलियों में मरोड़ होना, नितम्बपेशियों में दबाव महसूस होना, हथेलियों में मस्से होना, हाथ की उंगलियों में सूजन होना। इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि का प्रयोग करना लाभदायक होता है।

नींद से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को मानसिक कमजोरी अधिक हो जाती है तथा उसकी सोचने की शक्ति बहुत कम हो जाती है जिसके कारण रोगी को कई-कई राते गुजर जाने पर भी नींद नहीं आती तथा डरावने सपने अधिक देखना। इस प्रकार के लक्षण से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि उपयोग करना फायदेमंद होता है।

चर्म रोग से सम्बन्धित लक्षण :- रोग की त्वचा पर तेज खुजली के साथ छाजन रोग (एक्जिमा) हो जाता है, साथ ही चिड़चिड़ापन महसूस होता है, फफोलेदार सूजन हो जाती है, छपकी रोग होना, हाथों पर मस्से होना, बांहों पर घाव होना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

वृद्धि (ऐगग्रेवेशन) :-

       गर्म पानी का उपयोग करने से रोगी के लक्षणों में वृद्धि होती है।

शमन (एमेलिओरेशन. ह्रास):-

       खाने से, एक ही पाश्र्व की ओर लेटने से तथा रगड़ने से रोग के लक्षण नष्ट होने लगते हैं।

सम्बन्ध (रिलेशन) :-

       चेहरे पर फफोले, कुष्ठ रोग के सफेद दाग, मस्से, घट्टे (कोर्नस), तलुवों की चमड़ी फटना आदि को ठीक करने में ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि की तुलना रस, साइप्रिपेडियम, चेलिडोनियम, जिरोफिलम औषधियों से कर सकते हैं।

प्रतिविष :-

          ग्रिण्डेलिया, काफिया, रस, यूकेलिप्टिस, औषधि का प्रयोग ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि के हानिकारक प्रभाव को नष्ट करने के लिए किया जाता है।

मात्रा (डोज) :-

       ऐनाकार्डियम ओरियेनटेल औषधि की 6 से 200 शक्ति का प्रयोग रोगों को ठीक करने के लिए करना चाहिए। स्मरण शक्ति के लिए 200 शक्ति की एक खुराक प्रतिदिन कुछ दिन तक देने से अच्छा लाभ होता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *