इल्लिसियम (सौंफ) ILLICIUM (Anise)

परिचय :-
इल्लिसियम औषधि का प्रयोग मासिकधर्म के समय पेट का दर्द विशेष रूप से ऐसे दर्द जो नियमित समय या नियमित घंटों तक ही रहता है। इस औषधि का प्रयोग पेट में अधिक गड़गड़ाहट होने पर करने से रोग ठीक होता है।
यदि किसी रोगी के उरोस्थ से लगभग 1 या 2 इंच की दूरी पर अधिकतर दाईं ओर और कभी-कभी बाईं ओर तीसरी पसली के आस-पास दर्द होता है जिसके बाद रोगी को तेज खांसी उत्पन्न होती है। ऐसे लक्षणों में रोगी को इल्लिसियम औषधि देने से रोग ठीक होता है।
अधिक समय से शराब पीने की आदत के कारण सांस नली तथा पाकाशय से कफ का निकलना। दमा के पुराने रोग। उल्टी आना, मिर्गी के साथ बेहोशी व जीभ काटने जैसे लक्षणों में रोगी को इल्लिसियम औषधि देने से रोग ठीक होता है।
शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर इल्लिसियम औषधि का उपयोग :-
मुंह से संबन्धित लक्षण :- होंठ के नीचे सुई चुभने जैसा तेज दर्द होता है तथा निचले होठों के आन्तरिक भागों में जलन और सुन्नपन महसूस होता है तो ऐसे लक्षणों में रोगी को इल्लिसियम औषधि देने से रोग ठीक होता है।
सांस से संबन्धित लक्षण :- सांस लेने में परेशानी होना तथा तीसरी अन्त:पर्शुका उपास्थि के पास दर्द होना आदि लक्षणों में रोगी को इल्लिसियम औषधि का सेवन करना चाहिए।
खांसी से संबन्धित लक्षण :- यदि किसी रोगी को खांसी के साथ पीब की तरह बलगम आता है तथा धड़कन बढ़ने के साथ मुंह में छाले हो गये हो तो रोगी को इल्लिसियम औषधि देने से रोग में आराम मिलता है। इस औषधि का प्रयोग शरीर में खून की कमी होने पर भी किया जाता है।
मात्रा :-
इल्लिसियम औषधि की 3 शक्ति का प्रयोग किया जाता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *