मर्क्यूरियस प्रोटियोडाइड Mercurius Protoiodatus

परिचय-
जीभ का अगला भाग या नोक लाल या पीली हो गई हो तथा पिछले भाग पर गहरे पीले रंग की परत जम गई हो और जीभ पर दान्त के निशान पड़ गये हो तथा इसके साथ ही गले में सूजन आ गई हो और यह सूजन दाहिनी गले के तरफ हो और बाईं ओर भी सूजन का असर दिख रहा हो या इस अवस्था में घाव हो गया हो तो रोग को ठीक करने के लिए मर्क्यूरियस प्रोटियोडाइड औषधि 1000 वी शक्ति का उपयोग करना चाहिए। रोगी के इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए काली बाई क्रोम, नेट्रम फास तथा चेलिडोनियम औषधि का भी प्रयोग कर सकते हैं लेकिन इन सभी औषधि की तुलना में मर्क्यूरियस प्रोटियोडाइड औषधि अधिक लाभदायक है।
मर्क्यूरियस प्रोटियोडाइड औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी है-
डिप्थीरिया रोग से सम्बन्धित लक्षण:- डिप्थीरिया रोग हो जाने के साथ यदि रोगी के गले के अन्दर सूजन आ गई हो, गले के दायीं ओर नकली झिल्ली बननी शुरू हो रही हो गई हो और साथ ही सांस से बदबू आ रही हो, जीभ पर दान्त के निशान हो, जीभ आगे की ओर बढ़कर लटकी हुई हो तथा जीभ पर पीले रंग की परत जमी हो तो इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए मर्क्यूरियस प्रोटियोडाइड औषधि का प्रयोग करना चाहिए जिसके फलस्वरूप रोग ठीक हो जाता है। ऐसे रोगी के रोग को ठीक करने के लिए मर्क्यूरियस प्रोटियोडाइड औषधि की उच्च शक्ति का प्रयोग करना चाहिए।
पेट तथा यकृत के रोग से सम्बन्धित लक्षण:- यदि रोगी को पेट या यकृत का कोई रोग हो गया हो तथा इसके साथ ही रोगी के जीभ पर पीली परत जमी हो तो ऐसे रोगी के रोग को ठीक करने के लिए मर्क्यूरियस प्रोटियोडाइड औषधि का उपयोग करना फायदेमंद होता है।
मात्रा :-
मर्क्यूरियस प्रोटियोडाइड औषधि की उच्च शक्ति का प्रयोग करना चाहिए।

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