म्यूरेक्स (म्यूरेक्स पप्र्ययूरिया) (Murex)

परिचय-
म्यूरेक्स औषधि स्त्रियों के जननेन्द्रियों को अधिक प्रभावित करने वाली औषधि है। चिकित्सा के क्षेत्र में यह प्रमाणित हो चुका है कि यह स्नायविक, तत्पर व स्नेहवत्सल स्त्रियों के लिए विशेष उपयोगी है और रोगी के कमजोरी को दूर करके स्वस्थ्य करती है।
म्यूरेक्स औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी है-
मन से सम्बन्धित लक्षण :- यदि तेज भूख लग रही हो तथा इसके साथ ही डर अधिक लग रहा हो और अधीरता हो रही हो तो इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए म्यूरेक्स औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
आमाशय से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को आमाशय के अन्दर खालीपन की अनुभूति हो तथा इसके साथ ही भूख भी तेज हो और खाना खाने को मजबूर हो तो ऐसे रोगी के रोग को ठीक करने के लिए म्यूरेक्स औषधि का उपयोग लाभदायक है।
स्त्री रोग से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी स्त्री को गर्भाशय में कंपन महसूस हो रही हो, और उत्तेजना हो रही हो तथा गोणिका के किसी एक दर्दनाक स्थान पर कोई चीज दबाव डाल रही हो ऐसा महसूस होता है, जब रोगी स्त्री बैठती है तो अधिक दर्द होता है। रोगी स्त्री के जरायु (गर्भाशय के ऊपरी झिल्ली) के दायें भाग से दायें या बायें स्तन तक दर्द हो और उत्तेजना अधिक हो। जननांगों को छूने से अधिक उत्तेजना उत्पन्न हो रही हो तथा इसके साथ ही गर्भाशय में जलन हो। रोगी स्त्री को मासिकधर्म के समय में स्राव अनियमित समय से होता है, अधिक मात्रा में स्राव हो तथा बार-बार स्राव हो और खून का थक्का जैसा स्राव हो रहा हो। गर्भाशय की ऊपरी झिल्ली का फैल जाना। गर्भाशय का अपने स्थान से हट जाना, छाती में दर्द होना तथा दर्द का असर दोनों स्तनों की ओर होना तथा लेटने पर दर्द अधिक होना। मासिकधर्म कष्ट के साथ में आना तथा गर्भाशय के अन्दरुनी भाग में सूजन आना तथा इसके साथ ही गर्भाश्य आपने स्थान से हट जाना। इस प्रकार के लक्षण के बार-बार होने के कारण रोगी स्त्री अपनी टांगों को एक-दूसरे के ऊपर आड़ा-तिरछा रखती है। प्रदर रोग हो जाता है तथा इसके साथ ही स्राव पीब की तरह का होता है तथा उसका रंग हरा या रक्त जैसा होता है और इसके साथ ही रोगी स्त्री को मानसिक परेशानियां अधिक होती है तथा त्रिकास्थि-पीड़ा के साथ प्रकट होती है, स्तनों में घाव हो जाता है। मासिकधर्म के समय में स्राव होने के साथ अधिक तेज दर्द होता है। इस प्रकार स्त्री रोग के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी स्त्री को हो गया है तो उसके रोग को ठीक करने के लिए म्यूरेक्स औषधि का उपयोग करना चाहिए।
मूत्र से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को बार-बार पेशाब आता है तथा पेशाब से बिलाईकन्द की तरह खुश्बू आती है और लगातार पेशाब करने की इच्छा होती है। ऐसे रोगी के रोग को ठीक करने के लिए म्यूरेक्स औषधि उपयोग करे।
वृद्धि (ऐगग्रेवेशन) :- रोग ग्रस्त भागों को छूने से रोग के लक्षणों में वृद्धि होती है।
सम्बन्ध (एमेलिओरेशन) :- प्लैटीना, लिलि, सीपि औषधियों के कुछ गुणों की तुलना म्यूरेक्स औषधि से कर सकते हैं।
मात्रा (डोज) :- म्यूरेक्स औषधि 3 से 30 शक्ति तक का प्रयोग रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए करना चाहिए।

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