परिचय :
ब्रैची ग्लोटिस औषधि शरीर के अंगों में उत्पन्न लक्षणों को दूर कर उससे संबन्धित रोग को ठीक करने में लाभकारी मानी गई है। परन्तु कभी-कभी इस औषधि के सेवन से यह औषधि शरीर में प्रतिक्रिया शरीर में फड़फड़ाहट जैसी विशेष लक्षण पैदा करती है। यह औषधि गुर्दे और मूत्र संबन्धी रोगों को दूर करने में लाभकारी है। इसके अतिरिक्त ब्रैची ग्लोटिस औषधि से कान, नाक, खुजली, छाती में घुटन तथा लिखने पर हाथों में ऐंठन सा दर्द होने पर, अण्डकोष की सूजन तथा गुर्दे का एक विशेष प्रकार का रोग जिसमें अन्नसार उत्पन्न होता है उसे ठीक करता है।
शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों को दूर करने में ब्रैची ग्लोटिस औषधि का उपयोग :-
1. पेट से संबन्धित लक्षण :
रोगी के पेट में ऐसा महसूस होना मानो पेट में कोई चीज चक्कर काट रही हो या डिम्बाशय प्रदेश में फड़फड़ाहट अनुभव होना आदि लक्षणों में ब्रैची ग्लोटिस औषधि का प्रयोग करना चाहिए। इससे पेट की फड़फड़ाहट आदि दूर होती है।
2. मूत्र से संबन्धित लक्षण :
किसी कारण से मूत्राशय में दबाव महसूस होने पर तथा पेशाब करने के बाद भी पेशाब करने की इच्छा बना रहने जैसे मूत्र रोग के लक्षणों में ब्रैची ग्लोटिस औषधि का प्रयोग लाभकारी होता है। यह औषधि मूत्राशय में लहर जैसी अनुभूति होने पर तथा मूत्रनली में दर्द होने पर प्रयोग करने से विशेष लाभकारी होती है। यदि किसी रोगी के पेशाब में श्लेष्मा कण आता हो, उपकला, अन्नसार और निर्मोक रहते हो तो ब्रैची ग्लोटिस औषधि का प्रयोग करें।
3. बाहरी अंगों से संबन्धित लक्षण :
लिखते समय यदि हाथों की अंगुलियों, अंगूठें और कलाई में ऐंठन सा दर्द होने के साथ ही दर्द धीरे-धीरे पूरे हाथ की मांसपेशियों और हड्डियों तक फैल जाता है तो हाथ-पैर या शरीर किसी भी अंग में उत्पन्न होने वाले इस तरह के रोगों को ठीक करने के लिए ब्रैची ग्लोटिस औषधि का सेवन करें। इससे हाथ-पैरों में उत्पन्न दर्द आदि दूर होते हैं और शरीर शक्तिशाली बनता है।
तुलना :
ब्रैची ग्लोटिस औषधि की तुलना एपिस, हेलोनियस, मर्क्यू-कौ और प्लम्बम से की जाती है।
मात्रा :
ब्रैची ग्लोटिस औषधि 1 से 3 शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है।