बोरिकम एसिड BORICUM ACID (BORACIC ACID)

परिचय :

       बोरिकम एसिड औषधि का प्रयोग रोगों को रोकने के लिए विशेष रूप से किया जाता है। यह औषधि खमीरण (फरमेन्टेशन) तथा पूतीभवन (प्युट्रेशन) जैसे रोगों को बढ़ने से रोकती है।

बोरिकम एसिड औषधि का विभिन्न प्रकार के लक्षणों में उपयोग :-

1. त्वचा से संबन्धित लक्षण :

       पूरे शरीर व हाथों की त्वचा पर लाल-लाल दाने निकलने पर बोरिकम एसिड औषधि का प्रयोग करना चाहिए। आंखों के आस-पास सूजन होना। निस्त्वचनीय (एक्सफोलाइटिंग) तथा त्वचा सूज जाने पर इस औषधि का सेवन करने से लाभ मिलता है। आंखों के आस-पास के ऊतकों में पानी भर जाने पर बोरिकम एसिड औषधि का प्रयोग करें। इससे आंखों व त्वचा आदि का रोग ठीक होता है।

2. मूत्र से संबन्धित लक्षण :

       यदि किसी रोगी के मूत्रनली में दर्द होता है तथा पेशाब बार-बार आता है तो ऐसे मूत्र रोग के लक्षणों में बोरिकम एसिड औषधि का सेवन करना चाहिए। रोगी को अधिक ठण्ड महसूस होना तथा मधुमेह के रोगों में बोरिकम एसिड औषधि का प्रयोग किया जाता है। यह औषधि जीभ सूखने, जीभ लाल और कटी-फटी होने तथा मुंह से ठण्डा लार गिरने पर भी किया जाता है। इसके सेवन से सभी रोग ठीक होते हैं।

3. स्त्री रोग से संबन्धित लक्षण :

       मासिक धर्म के समय स्वभाव में चिड़चिड़ापन आने पर बोरिकम एसिड औषधि का प्रयोग करें। योनि का अधिक ठण्डा होना। पेशाब के बार-बार आने के साथ पेशाब में जलन और कूथने आदि रोग में बोरिकम एसिड औषधि का प्रयोग करना लाभकारी होता है। इसके सेवन से सभी स्त्री रोग ठीक होते हैं तथा पेशाब की जलन आदि भी दूर होती है।

मात्रा :

       बोरिकम एसिड 3 शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है।

रोग के विशेष परिस्थिति में औषधि की मात्रा :

1. यदि आहार नली या सांस नली में सूजन हो और थूक में युग्म जीवाणु मौजूद हो साथ ही निमोनिया में चिपचिपा थूक आता हो और दर्द के साथ बार-बार खांसी आ रही हो तो रोगी को बोरिकम एसिड औषधि 0.30 ग्राम की मात्रा में दिन में 6 बार सेवन कराया जा सकता है।

2. मूत्राशय में सूजन के साथ चिरने जैसा दर्द होने पर बोरिकम एसिड औषधि के घोल को इंजेक्शन के रूप में या 1 गिलास गर्म दूध में 1 चम्मच चूर्ण मिलाकर सेवन कराया जा सकता है।

3. गुहेरिया रोग में बोरिकम एसिड औषधि की 1 ग्राम की मात्रा में 28 मिलीलीटर पानी मिलाकर सेकने से रोग ठीक होता है।

4. घावों पर बोरिकम एसिड औषधि के पांउडर के रूप में छिड़कने से घाव ठीक होता है।

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